बवासीर का उपचार
बवासीर से पाएं छुटकारा, आज ही Lybrate से कराएं बवासीर का सबसे सही इलाज
भारत में बवासीर का इलाज के लिए 7756+ बेस्ट डॉक्टर
Pristyn Care Clinic, Malad, Mumbai
Pristyn Care Clinic, Dilshukhnagar, Hyderabad
Pristyn Care Clinic, Viman Nagar, Pune
Pristyn Care Clinic, Navi Mumbai, Mumbai
Pristyn Care Clinic
Pristyn Care Clinic, Bhubaneswar, Bhubaneswar
Pristyn Care Clinic
Pristyn Care Clinic, Lucknow, Lucknow
Pristyn Care Clinic, Hitech City, Hyderabad
Pristyn Care Clinic, Mysore, Mysore
Pristyn Care Clinic, Indira Nagar, Bangalore
Pristyn Care Clinic, Kothrud, Pune
Pristyn Care Clinic, Malleshwaram, Bangalore
Pristyn Care Clinic, Chennai, Chennai
Pristyn Care Clinic
Dr. S.K. Tandon
Dr. Sucharitra Picasso
बवासीर क्या है?
बवासीर एक दर्दनाक विकार है। ये गुदा और मलाशय के निचले हिस्से में सूजी हुई नसें होती हैं। जब इन वाहिकाओं की दीवारों पर खिंचाव पड़ता है, तो उसमें जलन हो सकती है। इससे मरीज को दर्द और असुविधा हो सकती है। इसके अलावा मलाशय से रक्तस्राव भी हो सकता है। बवासीर कई कारणों से विकसित हो सकते हैं, जिनमें बढ़ती उम्र, गर्भावस्था और कब्ज शामिल है।
बवासीर किसी को भी हो सकता है। ऐसे लोग जिनका वजन अधिक है या मोटापा से ग्रस्त हैं उन्हें बवासीर होने की संभावना अधिक होती है। इसके अलावा गर्भवती महिलाओं को भी बवासीर हो सकता है। कम फाइबर वाला आहार करने से, पुरानी कब्ज या दस्त के कारण, नियमित रूप से भारी वस्तुएं उठाने से, शौचालय में बैठकर काफी समय व्यतीत करने से और मल त्याग करते समय अधिक जोर लगाने से बवासीर की संभावना बढ़ जाती है।
आमतौर पर बवासीर का इलाज इसके लक्षणों की गंभीरता पर निर्भर करता है। यह कभी-कभी दर्दनाक हो सकता है, लेकिन अक्सर ये अपने आप ही ठीक हो जाती है। जीवनशैली में बदलाव, जैसे अधिक फाइबर खाना और व्यायाम करना, लक्षणों से राहत देने और भविष्य में बवासीर के खतरे को कम करने में मदद कर सकते हैं। हालांकि बवासीर के गंभीर मामलों में सर्जरी ही एकमात्र विकल्प होती है।
लेजर पाइल्स सर्जरी के बारे में
बवासीर का लेजर उपचार एक बाह्य रोगी और कम आक्रामक प्रक्रिया है। इस प्रक्रिया के दौरान ऊतक को हटाने के लिए एक बेहद बारीक लेजर किरण का उपयोग किया जाता है, जो आसपास के स्वस्थ ऊतकों को प्रभावित नहीं करती है। बवासीर के लेजर ट्रीटमेंट के कई लाभ होने के कारण यह बवासीर के मरीजों की पहली पसंद बनी हुई है। इसके अलावा गंभीर लक्षणों के लिए लेजर पाइल्स सर्जरी एक पसंदीदा उपचार विकल्प है। पारंपरिक सर्जरी की तुलना में लेजर प्रक्रिया के गुजरने वाले मरीजों को कम दर्द का सामना करना पड़ता हैऔरमरीज को ठीक होने में कम समय लगता है।
ऑपरेशन के बाद रिकवरी के लिए सही देखभाल करना बहुत आवश्यक है। इसमें डॉक्टर के द्वारा बताए गए दवाओं का सेवन, पर्याप्त पानी पीना, और डॉक्टर के आदेशों का पालन करना शामिल है। बवासीर के ऑपरेशन के बाद फॉलोअप एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है।
अंत में, स्वस्थ जीवनशैली में कुछ सकारात्मक बदलाव करने की आवश्यकता होगी। आहार में फाइबर और तरल पदार्थ की मात्रा को बढ़ाएं। रोगी को प्रयास करना होगा कि ज्यादा समय तक एक ही स्थान पर न बैठें।
योग और व्यायाम को अपने दैनिक जीवन में जरूर अपनाएं। बवासीर के ऑपरेशन में यह सारे कदम लाभदायक सिद्ध हो सकते हैं।
पारंपरिक सर्जरी की तुलना में लेजर सर्जरी की आवश्यकता क्यों है?
बवासीर की लेजर सर्जरी के बाद मरीज को दोबारा बवासीर होने की संभावना बहुत कम रहती है। यह सर्जरी लोकल एनेस्थीसिया देकर की जा सकती है। बवासीर की लेजर सर्जरी एक आधुनिक प्रक्रिया है जिसमें उच्च बीम वाली लेजर तरंगों की मदद से बवासीर के मस्सों को काटा या जलाया जाता है। एक लेजर डिवाइस की मदद से नियंत्रित लेजर किरणों को बवासीर के मस्सों पर छोड़ा जाता है। लेजर इन मस्सों को तुरंत जला देती है। सर्जरी के बाद त्वचा में दाग का धब्बा नहीं रहता है। सर्जरी के 3 दिन बाद से सामान्य जीवन जी सकते हैं। सर्जरी के दौरान खून का रिसाव बहुत कम होता है, इन्फेक्शन का खतरा कम रहता है,औरसक्सेस रेट बहुत ज्यादा है। सर्जरी के तुरंत बाद बवासीर के लक्षणों से छुटकारा मिल जाता है। आध घंट के भीतर सर्जरी हो जाती है और कुछ ही समय बाद हॉस्पिटल से छुट्टी मिल जाती है। रोगी आसानी से कम समयमेंरिकवरी हो पाता है।
बवासीर के इलाज के विकल्प क्या हैं?
इसे बवासीर की शुरुआती अवस्था कहा जा सकता है। ग्रेड-1 की बवासीर सामान्य होती है, इसके कारण मरीज को कोई गंभीर लक्षणों का सामना नहीं करना पड़ता है। ग्रेड-1 पाइल्स को सामान्य जीवनशैली में और आहार प्रणाली में बदलाव करके ठीक किया जा सकता है। ग्रेड-1 बवासीर के लक्षणों की बात करें तो मरीज को मल त्याग के समय असहजता महसूस हो सकती है, ऐसा लगता है कि गुदा क्षेत्र की नसें सूजी हुई है और मल त्याग के समय सामान्य खुजली हो सकती है।
ग्रेड-2 बवासीर
ग्रेड-2 बवासीर, ग्रेड-1 की तुलना अधिक प्रभावशाली होती है और यह दर्द व सूजन का कारण बन सकती है। इसके कारण शौच के दौरान बवासीर के मस्से बाहर आते हैं और शौच के बाद अपने आप अंदर चले जाते हैं। इस स्थिति को ठीक करने के लिए जीवनशैली में बदलाव के साथ दवाओं और गैर सर्जिकल ट्रीटमेंट की आवश्यकता हो सकती है। इसके लक्षण ग्रेड 1 की बवासीर से थोड़ी अधिक होते हैं। ग्रेड-2 बवासीर के लक्षण में मरीज को चलने और बैठने में हल्का दर्द होना, मल त्याग के दौरान हल्की ब्लीडिंग और दर्द होना और गुदा क्षेत्र के आसपास खुजली होना शामिल है।
ग्रेड-3 बवासीर
ग्रेड-3 बवासीर में मरीज को अधिक दर्द और पीड़ा का सामना करना पड़ता है। ग्रेड-3 बवासीर के ग्रसित मरीज को शौच के दौरान बवासीर के मस्से बाहर निकल आते हैं और अपने आप अंदर नहीं जाते है, उन्हें हाथ से अंदर की तरफ धकेलना पड़ता है। बवासीर की इस स्थिति का उपचार करने के लिए डॉक्टर लेजर सर्जरी का उपयोग करते हैं। ग्रेड-3 बवासीर के लक्षणों गुदा क्षेत्र से पस या हल्के रंग का रक्त डिस्चार्ज होना, चलतेहुएया बैठने में तेज दर्द होना और मलत्याग के समय असहनीय दर्द होना शामिल है।
ग्रेड 4 की बवासीर
ग्रेड-4 बवासीर, बवासीर की सबसे खतरनाक और गंभीर स्थिति है। इस ग्रेड में बवासीर के मस्से हमेशा गुदा के बाहर लटके रहते हैं और तीव्रदर्द का कारण बनते हैं। ग्रेड 4 की बवासीर का उपचार करने के लिए ज्यादातर डॉक्टर ओपन सर्जरी कराने की सलाह देते हैं। ग्रेड 4 की बवासीर के लक्षणों में गुदा क्षेत्र में दर्द होना, मल त्याग में तेज ब्लीडिंग होना और बहुत अधिक दर्द होना, उठते या बैठते हुए दर्द होना और मस्सों का आकार बहुत बढ़ जाना शामिल है।
बवासीर कितने प्रकार के होते हैं?
- बाहरी बवासीर: इस प्रकार के बवासीर के कारण गुदा के आसपास की त्वचा के नीचे सूजी हुई नसें बन जाती हैं। बाहरी बवासीर में खुजली और दर्द हो सकता है। कभी-कभी उनमें खून भी निकल सकता है। इनमें खून भर सकता है जो जमकर गंभीर स्थितियों का कारण बन सकता है। हालांकि यह खतरनाक नहीं है, लेकिन इसके परिणामस्वरूप दर्द और सूजन हो सकती है।
- आंतरिक बवासीर: आंतरिक बवासीर की स्थिति में मलाशय के अंदर सूजी हुई नसें बन जाती हैं। मलाशय, पाचन तंत्र का हिस्सा है जो कोलन (बड़ी आंत) को गुदा से जोड़ता है। आंतरिक बवासीर से रक्तस्राव हो सकता है, लेकिन वे आमतौर पर दर्दनाक नहीं होते हैं।
- प्रोलैप्स बवासीर: जब अंदरूनी बवासीर सूजन के कारण गुदा के बाहर की तरफ निकलने लगता है तो इस स्थिति को प्रोलेप्सड बवासीर कहा जाता है। इसमें एक गांठ, जिसमें सूजन होती है वह बाहर निकली हुई दिखाई देती है। यह बवासीर की बेहद गंभीर स्थिति है। इसके कारण मरीज को काफी अधिक दर्द होता है।
- थ्रोम्बोस्ड बवासीर: बवासीर आमतौर पर तब विकसित होता है जब गुदा को सहारा देने वाले ऊतक खराब हो जाते हैं या विघटित हो जाते हैं, जिससे उस क्षेत्र में रक्त वाहिकाएं बढ़ जाती हैं या सूज जाती हैं। उनके स्थान के आधार पर, बवासीर आंतरिक, बाहरी या मिश्रित प्रकार का हो सकता है। कभी-कभी, बवासीर के अंदर रक्त का थक्का बन सकता है, जिसे थ्रोम्बोस्ड बवासीर कहा जाता है। इस प्रकार के बवासीर के कारण अधिक ब्लीडिंग हो सकती है। थ्रोम्बोस्ड बवासीर को कभी भी नजरअंदाज नहीं करना चाहिए क्योंकि ये बेहद दर्दनाक हो सकते हैं।
बवासीर का निदान कैसे किया जाता है?
बवासीर के इलाज से पहले मरीज को निम्न प्रकार की जांच प्रक्रिया से गुजरना पड़ता है:
- शारीरिक परीक्षण: बवासीर का इलाज करने से पहले डॉक्टर मरीज के शरीर की अच्छी तरह से जांच करता है।
- ब्लड व यूरिन टेस्ट: किसी भी सर्जरी से पहले डॉक्टर मरीज को ब्लड व यूरिन टेस्ट कराने की सलाह देते हैं। इसके माध्यम से डॉक्टर आंतरिक विकार कीजांचपड़ताल करते हैं।
- डिजिटल रेक्टल परीक्षा: इस जांच प्रक्रिया के दौरान डॉक्टर सूजन वाली नसों को महसूस करने के लिए मलाशय की जांच करने के लिए सबसे पहले हाथ में दस्ताने पहनते हैं उसके बाद उंगली को मलाशय के अंदर डालकर बवासीर के मस्सों की जांच करते है।
- एनोस्कोपी: इस प्रक्रिया के दौरान डॉक्टर गुदा और मलाशय की परत को देखने के लिए एक एनोस्कोप (रोशनी वाली ट्यूब) का उपयोग करता है।
- सिग्मोइडोस्कोपी: इस प्रक्रिया के दौरान डॉक्टर बृहदान्त्र और मलाशय के निचले (सिग्मॉइड) भाग के अंदर देखने के लिए एक सिग्मोइडोस्कोप (कैमरे के साथ रोशन ट्यूब) का उपयोग करता है। प्रक्रिया के प्रकारों में लचीली सिग्मायोडोस्कोपी और कठोर सिग्मायोडोस्कोपी (प्रोक्टोस्कोपी) शामिल है। ये परीक्षण असुविधाजनक हो सकते हैं। इसके अलावा डॉक्टर अन्य परीक्षणों के निष्कर्षों की पुष्टि करने या कोलन कैंसर के लक्षणों की जांच करने के लिए कोलोनोस्कोपी कर सकता है। इस बाह्य प्रक्रिया के लिए एनेस्थीसिया की आवश्यकता हो सकती है।
पाइल्स लेजर सर्जरी कैसे की जाती है?
बवासीर के लिए लेजर-सहायक सर्जरी सबसे कुशल उपचार विधियों में से एक है। प्रक्रिया के दौरान, आसपास के ऊतकों को प्रभावित किए बिना इसे छोटा करने या सिकोड़ने के लिए बवासीर पर प्रकाश की एक केंद्रित संकीर्ण किरण का उपयोग किया जाता है। यह एक उन्नत, न्यूनतम इनवेसिव प्रक्रिया है जो मरीज को तेजी से ठीक होने में सहायता करती है।
रोगी को इस प्रकार लेटाया जाता है, जिससे ऑपरेशन करने में कोई समस्या न हो। इसके बाद मरीज को जनरल/लोकल एनेस्थीसिया दिया जाएगा। एनेस्थीसिया के देने के बाद निम्नलिखित चरण किए जाते हैं –
- गुदा क्षेत्र को एंटीसेप्टिक सलूशन से साफ किया जाता है, जिससे संक्रमण का खतरा नहीं होता है।
- गुदा के मस्सों की गंभीरता के अनुसार लेजर किरण की फ्रीक्वेंसी तय की जाती है।
- अब लेजर किरणों को बवासीर पर लक्षित किया जाता है।
- लेजर की तरंगे बवासीर को जड़ से ख़तम कर देती है।
- अंततः बवासीर सूख जाता है।
लेजर ऑपरेशन बवासीर के लिए एक प्रभावी उपचार है। इस ऑपरेशन में 30 मिनट का समय लगता है और इसमें कोई भी ब्लीडिंग या रक्त हानि नहीं होती है। ऑपरेशन के बाद रिकवर होने में बहुत कम समय लगता है और रिकवरी के समय के दौरान कोई दर्द भी नहीं होता है। संक्रमण होने की संभावना भी बहुत कम होती है, क्योंकि गुदा क्षेत्र में कोई कट या चीरा नहीं लगता है।
प्रक्रिया का खर्च
बवासीर के लेजर ऑपरेशन का खर्च कई कारकों पर निर्भर करता है जैसे – नैदानिक परीक्षण का खर्च, सर्जन की फीस, अस्पताल और शहर का चुनाव, दवाओं का खर्च इत्यादि। बवासीर के ऑपरेशन कराने का अनुमानित खर्च लगभग 45,000 रुपये से लेकर 55,000 रुपये तक हो सकता है।
रिकवरी का समय
सामान्यतः बवासीर के लेजर ऑपरेशन के बाद रोगी को रिकवरी में कोई दर्द नहीं होता है, क्योंकि 48 घंटे में रोगी की पार्शियल रिकवरी हो जाती है, जिसमें वह अपने सभी सामान्य काम कर सकता है। यदि इस अंतराल में कोई दर्द होता भी है तो सामान्य पेनकिलर को खाकर इसे कम किया जा सकता है। बवासीर के ऑपरेशन के बाद से जल्द स्वस्थ होने के लिए डॉक्टर के द्वारा दिए गए सभी दिशा-निर्देशों का पालन करें। ऑपरेशन के बाद फॉलो-अप लेना आपके लिए लाभकारी साबित हो सकता है।
पाइल्स लेजर सर्जरी से पहले की तैयारी
- गर्भावस्था की स्थिति के बारे में डॉक्टर को सूचित करें।
- अपने द्वारा ली जा रही दवा, सप्लीमेंट, हर्बल दवाएं, विटामिन, ड्रग्स आदि की सूचना डॉक्टर को दें।
- ऑपरेशन से एक सप्ताह पहले शराब का सेवन और धूम्रपान बंद कर दें।
- अन्य किसी भी रोग की जानकारी अपने डॉक्टर को जरूर दें।
- डॉक्टर आइबूप्रोफेन, एस्पिरिन, नेप्रोक्सेन, वार्फरिन, क्लोपिडोग्रेल जैसी दवाओं को खाने से रोक सकते हैं, जो ऑपरेशन में उत्पन्न होने वाली जटिलताओं का कारण बन सकते हैं।
- ऑपरेशन से 6-8 घंटे पहले खाने पीने ।
पाइल्स सर्जरी के बाद क्या उम्मीद करें?
सर्जरी के बाद, गुदा क्षेत्र बहुत संवेदनशील होगा। पहले कुछ हफ्तों के दौरान, जितना संभव हो उतना आराम करने की सलाह दी जाती है।
साथ ही, अपने स्वास्थ्य सेवा प्रदाता के पोस्ट-ऑपरेटिव देखभाल निर्देशों का पालन करना भी महत्वपूर्ण है। यहां कुछ सामान्य सुझाव दिए गए हैं जो पुनर्प्राप्ति अवधि के दौरान मदद कर सकते हैं:
- गुदा क्षेत्र को सूखा और साफ रखें: हर बार जब आप मल त्याग करें तो शॉवर या सिट्ज़ बाथ लें। सिट्ज़ बाथ एक गर्म पानी का स्नान है जहां आप अपने गुदा क्षेत्र में असुविधा को कम करने के लिए बैठते हैं। इस क्षेत्र को गर्म पानी में भिगोने से आपके गुदा दबानेवाला यंत्र (anal sphincter) को आराम मिलता है, जो गुदा ऊतकों के माध्यम से रक्त के प्रवाह को बढ़ाने में मदद करता है। यह उपचार को सक्षम बनाता है और दर्द, खुजली और जलन को कम करता है। आप उस क्षेत्र को गीले टिश्यू से भी साफ कर सकते हैं लेकिन अत्यधिक पोंछने से बचें।
- शारीरिक गतिविधियों को सीमित करें: सर्जरी के बाद जब तक आप पूरी तरह से ठीक महसूस न करें तब तक कुछ दिनों के लिए अपनी शारीरिक गतिविधियों को कम करें। कम से कम दो से तीन सप्ताह तक वजन उठाने या खींचने या ज़ोरदार शारीरिक गतिविधियों से बचें। इसके अलावा, बैठे मत रहो और चलते रहो। हालांकि, शरीर पर बहुत अधिक दबाव न डालें।
- निर्धारित दवाएं लें: अपने चिकित्सक द्वारा बताई गई सभी दवाएं लें, जिनमें दर्द निवारक, एंटीबायोटिक्स (यदि निर्धारित हो), और कब्ज को रोकने के लिए मल नरम करने वालीदवाएँशामिल हैं।
- ठंडी पट्टी लगाएं: गुदा क्षेत्र पर एक बार में कुछ मिनटों के लिए ठंडी पट्टी लगाने से सूजन कम करने और दर्द कम करने में मदद मिल सकती है। आइस पैक को कपड़े में लपेटें या जमी हुई सब्जियों के बैग को तौलिये में लपेटें और इसे गुदा क्षेत्र पर लगाएं।
- बैठने की सही तकनीक का पालन करें: बैठते समय, सर्जिकल क्षेत्र पर दबाव कम करने के लिए कुशन या डोनट के आकारकेतकिया का उपयोग करें।
- आप क्या खाते हैं इसकी जांच करते रहें: पाइल्स सर्जरी के बाद कुछ दिनों तक जंक, मसालेदार और तैलीय भोजन में कटौती करना महत्वपूर्ण है। इनमें से किसी का भी सेवन करने से आपके मल त्याग में बदलाव आ सकता है, आपको कब्ज हो सकता है, जिससे आपकी स्थिति बिगड़ सकती है, या दस्त हो सकता है, जो आपके ढेर की पुनर्प्राप्ति प्रक्रिया के लिए अस्वास्थ्यकर है।
लेजर पाइल्स सर्जरी के लाभ
लेजर उपचार एक दर्द रहित और आसान उपचार प्रक्रिया है। इसे लेजर बीम के माध्यम से पूरा किया जाता है जबकि ओपन सर्जरी में स्केलपेल का उपयोग किया जाता है जो चीरा लगाता है। पारंपरिक सर्जरी की तुलना में लेजर सर्जरी में दर्द बहुत कम होता है। लेजर पाइल्स सर्जरी के दौरान अधिकांश रोगियों को किसी दर्द का अनुभव नहीं होता है। इसे योग्य एवं अनुभवी डॉक्टरों से कराने की सलाह दी जाती है।
लेजर पाइल्स सर्जरी के निम्न फायदे हैं:
- सुरक्षित विकल्प: पारंपरिक सर्जरीप्रक्रियाअक्सर जटिल होती हैं। ऐसे में बवासीर को हटाने के लिए लेजर पाइल्स सर्जरी सबसे सुरक्षित, त्वरित और प्रभावी सर्जिकल विकल्प है। इस प्रक्रिया में मरीज को किसी प्रकार का कोई कट नहीं लगाया जाता है।
- न्यूनतम रक्तस्राव: ओपन सर्जरी की तुलना मेंलेजरसर्जरी में रक्त की हानि बहुत कम होती है। इसलिए, उपचार के दौरान संक्रमण या रक्त हानि का डरनहींहोता है। लेजर किरणें बवासीर को काटती हैं और टिश्यू को आंशिक रूप से सील कर देती हैं। इससे न्यूनतम रक्त हानि होती है। सीलिंग से संक्रमण की संभावना कम हो जाती है और आसपास के टिश्यू को कोई नुकसान नहीं होता है।
- त्वरित उपचार: लेजर पाइल्स सर्जरी शीघ्रता से की जाती है। यही कारण है कि यह एक वांछनीय उपचार विकल्प है। इसके उपचार में बेहद कमसमयलगता है। आमतौर पर लेजर सर्जरी में 30 मिनट का समय लग सकता है। यदि बवासीर के मस्सों की संख्या अधिक है तो इसमें 1-2 घंटे भी लग सकते हैं। लेकिन पारंपरिक सर्जरी की तुलना में लेजर सर्जरी का समय बहुत कम है।
- त्वरित डिस्चार्ज: लेजर पाइल्स सर्जरी गैर-आक्रामक है। ऐसे में मरीज को हॉस्पिटल में रुकने की जरूरत नहीं होती है। मरीज़ सर्जरी के बाद उसी दिन घर जा सकता है। इसके बाद कोई भी सामान्य गतिविधियां फिर से शुरू कर सकता है।
- सरल प्रक्रिया: लेजर पाइल्स सर्जरी करना आसान है। ओपन सर्जरी की तुलना में इसे एक ही सर्जन की मदद से पूरा किया जाता है। इस प्रक्रिया को पूरी तरह सेलेजरतकनीक के माध्यम से किया जाता है। दूसरी ओर, ओपन सर्जरी अत्यधिक मैन्युअल होती है, जिससे जोखिम बढ़ जाता है। लेजर पाइल्स सर्जरी की सफलता की दर बहुत अधिक है।
- सर्जरी के बाद जटिलताएं होने की संभावना कम: लेजर सर्जरी के बाद मरीज को पोस्ट सर्जरी जटिलताएं होने की संभावना बेहद कम होती है। लेजर सर्जरी में कोई कट या घाव नहीं लगता है न ही ब्लीडिंग होती है। यह पूरी तरह से सुरक्षित प्रक्रिया है।
- पुनरावृत्ति: लेजर सर्जरी के बाद बवासीर का दोबारा होना दुर्लभ है। इस प्रक्रिया के बाद कोई बाहरी कट या संक्रमण नहीं होता है। ऐसे में बवासीर दोबारा होने का खतरा कम होता है।
- सर्जरी के बाद संक्रमण: सर्जरी के बाद संक्रमण न्यूनतम होते हैं। कोई कट, बाहरी या आंतरिक घाव नहीं हैं। चीरा लेजर बीम के माध्यम से लगाया जाता हैजो रक्त ऊतक आंशिक रूप से सील कर देती हैं। इस प्रकार, शल्य चिकित्सा के बाद कोई संक्रमण नहीं होता है।
भारत में बवासीर का इलाज के लिए बेस्ट डॉक्टर
डॉक्टर का नाम | अस्पताल की फीस | लायब्रेट रेटिंग |
---|---|---|
S.K. Tandon | ₹ 200 | 93 |
Sucharitra Picasso | ₹ 250 | 92 |
बवासीर का उपचार
एवरेज रेटिंग
(66356 रेटिंग और रिव्यू)
बवासीर का उपचार पर रोगियों की प्रतिक्रिया
अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न
क्या लेजर उपचार बवासीर के लिए अच्छा है?
पाइल्स का ट्रीटमेंट इसके लक्षणों की गंभीरता पर निर्भर करता है। इसे दवाओं, घरेलू उपचार और जीवनशैली में बदलाव करके ठीक किया जा सकता है। लेकिन गंभीर मामलों में इसे सर्जिकल उपचार की आवश्यकता होती है। पाइल्स ट्रीटमेंट के कई सर्जिकल उपचार प्रक्रिया उपलब्ध हैं लेकिन लेजर सर्जरी पाइल्स के इलाज के लिए सबसे फायदेमंद व सुरक्षित है।
क्या ग्रेड 4 बवासीर को लेजर सर्जरी से ठीक किया जा सकता है?
हां, ग्रेड 4 बवासीर को लेजर सर्जरी की मदद से ठीक किया जा सकता है। यह पूरी तरह से सुरक्षित है। लेजर सर्जरी के बाद मरीज को बेहद कम या न के बराबर दुष्प्रभावों का सामना करना पड़ता है। ग्रेड-4 पाइल्स के इलाज में ये सभी प्रक्रियाएं काफी बेहतर रिजल्ट देती हैं।
बवासीर के लिए कौन सा इलाज सबसे अच्छा है?
बवासीर का इलाज इसके लक्षणों की गंभीरता पर निर्भर करता है। बवासीर के सामान्य लक्षणों को दवाओं और जीवनशैली में बदलाव करके ठीक किया जा सकता है लेकिन इसकी गंभीर स्थिति में मरीज को पाइल्स की सर्जिकल प्रक्रियाओं से गुजरना पड़ता है। पाइल्स के सबसे सुरक्षित और सफल इलाज के लिए डॉक्टर लेजर सर्जरी कराने की सलाह देते हैं।
लेजर पाइल्स के इलाज के बाद कितने दिन आराम करें?
पाइल्स के लेजर ट्रीटमेंट के तीन दिन बाद मरीज अपनी दैनिक कामकाज के लिए लौट सकता है। बवासीर के पारंपरिक ऑपरेशन के बाद रिकवरी में 5 से 15 दिनों तक का वक्त लग सकता है। एनेस्थीसिया के प्रभाव में होने के कारण सर्जरी के दौरान रोगी को कोई भी दर्द नहीं होता है, लेकिन रिकवरी के दौरान रोगी को दर्द का सामना करना पड़ सकता है।
लेजर सर्जरी के मामले में रिकवरी का समय कम हो जाता है। आमतौर पर 1 से 3 दिन में रोगी अपनी सामान्य गतिविधियों को शुरू कर सकता है।