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Last Updated: Jul 13, 2023
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साइटिका दर्द से निपटने के तरीकें

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Dr. Sidharth VermaPain Management Specialist • 17 Years Exp.MBBS, MD - Anaesthesiology, DNB Anaesthesiology, PDCC - Pain Management
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साइटिका तंत्रिका रीढ़ की हड्डी से लेकर पैरों तक फैलता है. इस तंत्रिका में दर्द होने पर चलने के दौरान पैरों में स्पार्क्स की तरह महसूस होता है और कमर में दर्द का कारण बनता है. कोई भी चीज जो तंत्रिका पर भार डालता है, वह दर्द का कारण बन सकता है जो आपके नितम्ब के एक हिस्से या जांघ तक बढ़ता है. दर्द की तीव्रता धीरे-धीरे बढ़ सकती है. साइटिका में कोमल दर्द, तेज सनसनी या अत्यधिक बेचैनी की तरह अनुभव होता हैं. साइटिका कंपकंपाहट, सुन्नता और कमजोरी की भावनाओं को भी एहसास होता है.

सिटींग, स्टैंडअप, कफिंग, छींकना, लिफ्टिंग या बहुत लंबे समय तक तनाव में रहना दर्द को बढ़ा सकता है. इसके अलावा पैरों में सुन्नता और कंपकंपाहट का अनुभव होता हैं.

साइटिका दर्द के कुछ सबसे नियमित लक्षणों में शामिल हैं:

  1. कमर का दर्द
  2. बैठे समय पीठ या पैर में दर्द
  3. कूल्हे का दर्द
  4. पैर में जलन
  5. पैर को घुमाने में परेशानी
  6. पीठ के एक हिस्से में दर्द
  7. शूटिंग दर्द के कारण खड़ा होने में परेशानी होता है

साइटिका दर्द के सबसे आम कारणों में शामिल हैं:

  1. लम्बर स्पाइनल स्टेनोसिस (निचले हिस्से में रीढ़ की हड्डी के चैनल को संकुचित करना)
  2. डीजेनेरेटिव डिस्क बीमारी (डिस्क का टूटना, जो कशेरुक के बीच पैड के रूप में जाना जाता है)
  3. स्पोंडिलोलिस्थेसिस (एक कशेरुका दूसरे पर फिसल जाती है)
  4. गर्भावस्था
  5. मांसपेशियों की ऐंठन

साइटिका दर्द राहत के लिए कुछ सबसे प्रभावी अभ्यास निम्नानुसार हैं:

  1. पिजन पोज़ एक प्रतीकात्मक योग मुद्रा है. यह कूल्हों को खोलने का प्रयास करता है. इस स्ट्रेच के विभिन्न प्रकार हैं. सबसे पहला लीनिंग बैक पिजन पोज है. यदि आप अपना इलाज शुरू कर रहे हैं, तो आपको पहले लीनिंग बैक पोस्चर करने का प्रयास करना होगा.
  2. पीठ पर, अपने दाहिने पैर को सही बिंदु तक बढ़ाएं और जांघ के पीछे दोनों हाथों से पकड़ें और अपनी अंगुलियों को बंद कर दें. अपने बाएं पैर को पकड़े और घुटने के पीछे अपने निचले पैर को छूएं. इस पोजीशन को एक मिनट तक बनाये रखें.
  3. अपने पैरों को सामने की तरफ फैला कर फर्श पर बैठ जायें. एक निश्चित बिंदु पर दाएं पैर को मोड़े, अपने दाएं पेअर के निचले हिस्से को बाएं घुटने पर रखें. इसके बाद, आगे की तरफ झुकें और अपने पेट को जांघ की तरफ घुमाएं. इस पोजीशन को 15 से 30 सेकंड तक के बाद स्विच करें.
  4. फर्श पर चौकड़ी मार कर बैठ जायें. अपने दाएं पैर को आगे लाएं, ताकि आपका निचला पैर जमीन पर हो. आपका दाहिना पैर आपके दाहिने घुटने से आगे बढ़ना है जबकि आपका दाहिना घुटने एक तरफ रहता है. बाएं पैर को फर्श पर पीछे की दूरी से बाहर खींचें, पैर का ऊपरी हिस्सा जमीन पर टिका हो और पैर की उंगली पीछे की तरफ रखें.
  5. अपने पैरों को आगे की तरफ रख कर पीठ के बल लेट जायें और आपके पैर ऊपर की तरफ फ्लेक्स हो जाएं.

अपने घुटनों के चारों ओर हाथ को लपेटें और अपने बाएं कंधे की ओर अपने शरीर पर अपने दाहिने पैर को खींचें. इसे 30 सेकंड तक बनाये रखें और बाद में अपने घुटने को दबाएं ताकि आपका पैर अपनी शुरुआती स्थिति में वापस आ जाए. यदि आप किसी विशिष्ट समस्या के बारे में चर्चा करना चाहते हैं, तो आप ऑर्थोपेडिस्ट से परामर्श ले सकते हैं.

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