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Anterior Cruciate Ligament Sprain is one of the most common knee injury and is a major problem faced by athletes. Surgery may be required to regain full function of knee in case this is diagnosed.
Obstructive Sleep Apnea is a disease which interrupts sleep by stopping and starting one's breathing. It actually causes snoring and choking or gasping during sleep.
विटामिन सी हमारे शरीर की मूलभूत रासायनिक क्रियाओं में यौगिकों का निर्माण और उनके कार्य करने में मदद करता है. हमारे शरीर में विटामिन सी कई तरह की रासायनिक क्रियाओं में मददगार होता है जैसे कि तंत्रिकाओं तक संदेश पहुंचाना या कोशिकाओं तक ऊर्जा प्रवाहित करना. इसके अलावा, हड्डियों को जोड़ने वाला कोलाजेन नामक पदार्थ, रक्त वाहिकाएं, लिगामेंट्स, कार्टिलेज आदि अंगों के भी अपने निर्माण के लिए विटामिन सी जरूरी होता है. विटामिन सी हमारे शरीर के कोलेस्ट्रॉल को भी नियंत्रित करता है. यह एंटी-ऑक्सीडेंट के रूप में कार्य करता है. ये शरीर की कोशिकाओं को एकजुट कर के रखता है. इसके एंटीहिस्टामीन गुण के कारण, यह सामान्य सर्दी-जुकाम में दवा के रूप में काम करता है. विटामिन सी के नियमित उपयोग से सर्दी, खांसी व अन्य तरह के इन्फेक्शन होने का खतरा नहीं होता है. इतना ही नहीं विटामिन सी अनेक प्रकार के कैंसर से भी बचाता है और हमें स्वस्थ बनाए रखता है.
विटामिन सी के स्रोत
विटामिन सी के अच्छे स्रोत हैं खट्टे रसदार फल जैसे आंवला, संतरा, अंगूर, टमाटर, नारंगी, नींबू आदि और केला, बेर, अमरूद, सेब, बिल्व, कटहल, शलगम, पुदीना, मूली के पत्ते, मुनक्का, दूध, चुकंदर, चौलाई, बंदगोभी, हरा धनिया और पालक ये सब हमारे शरीर में विटामिन सी की पूर्ति करते हैं. इसके अलावा दालों में भी विटामिन सी पाया जाता है. सूखी दालों में विटामिन सी नहीं पाया जाता है. लेकिन दालों को भीगने के बाद अच्छी मात्रा में दालों से विटामिन सी मिलता है.
विटामिन सी के फायदे
विटामिन सी का उपयोग हमारे शरीर के लिए बहुत ही लाभदायक है. विटामिन सी के रोजाना सेवन से हमारे शरीर को रोगों से लड़ने में मदद मिलता है. विटामिन सी झुर्रियों को ठीक करने में काफी लाभदायक होता है. विटामिन सी हमारे शरीर के सबसे छोटे सेल को एकजुट करके रखता है. यह शरीर के रक्त वाहिकाओं को मजबूत बनाने में मदद करता है. साथ में हड्डियों को जोड़ने वाला कोलाजेन नामक पदार्थ, रक्त वाहिकाएं, लाइगामेंट्स, कार्टिलेज आदि को भी निर्माण के लिए विटामिन सी की आवशकता होती है. विटामिन सी के नियमित उपयोग से कोलेस्ट्रॉल के स्तर को भी नियंत्रण में रखा जा सकता है.
अधिक मात्रा में विटामिन सी लेने से नुकसान
विटामिन सी शरीर के लिए बहुत ही लाभदायक होता है. विटामिन सी के उपयोग से हमारा शरीर स्वस्थ रहता है. पर विटामिन सी की अत्याधिक मात्रा लेना हानिकारक हो सकता है जैसे पेट खराब, डायरिया, गुर्दे, हृदय और अन्य जगह में पथरी ये सारी समस्या हो सकती है.
विटामिन सी की कमी के लक्षण और नुकसान
विटामिन सी में रोग प्रतिरोधक क्षमता होता है जिसके कारण हमारे शरीर में अनेकों बीमारियों से बचाव होता है. पर विटामिन सी की कमी से आंखों में मोतियाबिंद, आंख, कान व नाक के रोग, हड्डियों का कमजोर होना, खून का बहना, मुंह से बदबू आना, जोड़ो में दर्द, जुकाम, श्वेत प्रदर, सांस लेने में कठिनाई, फ़ेफ़डे में कमजोरी, मसूड़ों से खून व मवाद निकलना, चर्म रोग, एलर्जी, अल्सर, पाचन क्रिया में दोष, भूख न लगना, गर्भपात आदि जैसे रोग होते हैं.
विटामिन सी कितना खाना चाहिए
अनुशंसित आहार भत्ता के अनुसार जन्म से 6 महीने के उम्र के शिशु को 40 मिलीग्राम के करीब लेना चाहिए. 9 से 13 साल के बच्चे को 45 मिलीग्राम के करीब लेना चाहिए. 14 से 18 साल के पुरुष को 75 मिलीग्राम के करीब लेना चाहिए. 14 से 18 साल की महिला को 65 मिलीग्राम के करीब लेना चाहिए. 19 से 50 साल के पुरुष को 90 मिलीग्राम के करीब लेना चाहिए. 19 से 50 साल की महिला को 75 मिलीग्राम के करीब लेना चाहिए. गर्भवती महिला को 85 मिलीग्राम के करीब लेना चाहिए और स्तनपान कराने वाली महिला को 120 मिलीग्राम के करीब लेना चाहिए.
हमें अपने शरीर को स्वस्थ और जवान बनाए रखने के लिए कुछ विटामिन तथा जरूरी पोषक तत्वों की ज़रूरत होती है. उनमें से एक पोषक तत्व विटामिन बी है. विटामिन बी अपने आप में के समहू है. जिसे हम विटामिन बी कॉम्पलेक्स के नाम से जानते है. इस समूह में विटामिन बी1, विटामिन बी2, विटामिन बी3, विटामिन बी5, विटामिन बी6 , विटामिन बी7, विटामिन बी9, विटामिन बी12 सम्लित हैं. विटामिन बी समहू जल में घुलनशील होता है. यह हमारे शरीर के लिए बहुत ही जरूरी विटामिनों में से एक है.
विटामिन बी के फायदे
विटामिन बी हमारे शरीर को स्वस्थ बनाये रखने में बहुत ही मदद करता है. विटामिन बी का उपयोग हमारे मुंह, जीभ और नेत्रों के लिए बहुत ही जरुरी है. साथ-साथ विटामिन बी के उपयोग से स्नायु और पाचन प्रणाली भी स्वस्थ रहती है. विटामिन बी हमारे शरीर को जीवाणुओं से संघर्ष करने की शक्ति प्रदान करता है. विटामिन बी हमारे शरीर के मेटॉबालिज्म को बढ़ाने में सहायता करता है. और हमारे त्वचा, तंत्रिका, उत्तक, हड्डियों और मांसपेशियों को स्वस्थ रखने में मदद करता है. विटामिन बी हमारे शरीर के पोषक तत्वो को ऊर्जा में बदलने में मदद करता है.
इस विटामिन के उपयोग से हमारे शरीर की कोशिकाओं में पाए जाने वाले जीन डीएनए का निर्माण तथा मरम्मत करने में मदद करता है. साथ-साथ यह विटामिन बी हमारे शरीर के मस्तिष्क और तंत्रिका तंत्र को सुचारु रूप से काम करने में मदद करता है. हमारे शरीर में हमारी लाल रक्त कोशिशओं का निर्माण करने में भी विटामिन बी योगदान देता है. यह हमारे शरीर के सभी हिस्सों के लिए अलग-अलग तरह के प्रोटीन बनाने का काम करता है. विटामिन बी हमारे शरीर की त्वचा को चमकदार बनाने तथा उन्हें स्वस्थ रखने में मदद करता है. विटामिन बी हमारे स्मरणशक्ति को बढ़ने में भी सहायता प्रदान करता है.
विटामिन बी के स्रोत
विटामिन बी समहू के अलग-अलग स्रोत है. विटामिन बी1 का अच्छा स्रोत गेहूँ, संतरे, हरे मटर, खमीर, अंडे, चावल, मूँगफली, हरी सब्जियाँ, अंकुर वाले बीज होते हैं. विटामिन बी2 का अच्छा स्रोत मछ्ली, चावल, मटर, दाल, खमीर, अंडे की ज़र्दी होते हैं. विटामिन बी3 का अच्छा स्रोत दूध, मेवा, अखरोट, अंडे की ज़र्दी होते हैं. विटामिन बी5 का अच्छा स्रोत दूध, दाल, पिस्ता, मक्खन, खमीर होते हैं. विटामिन बी6 का अच्छा स्रोत खमीर, चावल, मटर, गेहूँ, मछ्ली, अंडे की ज़र्दी होते हैं. विटामिन बी7 का अच्छा स्रोत गेहूं, बाजरा, मैदा, सोयाबीन, चावल, ज्वार होते हैं. विटामिन बी9 का अच्छा स्रोत दलिया, मटर, मुगफली, अंकुरित अनाज होते हैं. विटामिन बी 12 का अच्छा स्रोत अंडे, मांस, मछ्ली होते हैं.
अधिक मात्रा में विटामिन बी लेने से नुकसान
विटामिन बी 1 का अधिक मात्रा में उपयोग करना हमारे शरीर के लिए हानिकारक होता है. इसकी अधिक मात्रा से त्वचा में एलर्जी, नींद नहीं आना, होंठो का नीला पड़ना, सीने में दर्द और सांस सम्बन्धित बीमारी हो सकती हैं. और गर्भवती महिला तथा उस के गर्भ में पल रहे शिशु के दिमाग पर भी बुरा प्रभाव पड़ता है.
विटामिन बी 3 का भी अधिक मात्रा में उपयोग करना हमारे शरीर के लिए हानिकारक होता है. इसके अधिक मात्रा में उपयोग से लिवर को नुकसान पहुंचने, पेप्टिक अल्सर तथा त्वचा पर रैशेज जैसी बहुत सारी समस्याएं होने लगती हैं.
विटामिन बी 6 का भी अधिक मात्रा में उपयोग करना हमारे शरीर के लिए हानिकारक होता है. इसके अधिक मात्रा में उपयोग से पेट में अकड़न जैसी समस्या होती है. साथ में नवजात शिशु को इसका अधिक मात्रा में उपयोग करना नवजात शिशु के लिए भी नुकसानदायक है. विटामिन बी 12 का अधिक मात्रा में उपयोग गर्भवती महिला के लिए अच्छा नहीं होता है.
विटामिन बी 12 का अधिक मात्रा में उपयोग करने से हमारे पर बुरा प्रभाव पड़ता है साथ-साथ त्वचा पर खुजली, चक़्कर आना, सिर में दर्द जैसी समस्याएं हो सकती हैं.
विटामिन बी की कमी के लक्षण और नुकसान
विटामिन बी हमारे शरीर के लिए बहुत ही आवश्यक होता है. विटामिन बी पानी मे घुलनशील होता है. विटामिन बी का प्रमुख कार्य स्नायु को स्वस्थ रखना तथा भोजन के पाचन मे मदद करना है. पर जब हमारे शरीर में विटामिन बी की कमी हो जाती है तो बहुत से रोग होने की सम्भावना बढ़ जाती है.