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रक्त विकार (Blood Disorders) : उपचार, प्रक्रिया, लागत और साइड इफेक्ट्स (Procedure, Cost And ‎Side Effects)‎

आखिरी अपडेट: Jul 24, 2019

रक्त विकार (Blood Disorders) का उपचार क्या है?

रक्त विकार (Blood Disorders) लाल रक्त कोशिकाओं(red blood cells), सफेद रक्त कोशिकाओं(white blood ‎cells) और रक्त में प्लेटों की एक ही स्थिति है। हर प्रकार की कोशिकाएं संचार प्रणाली में कार्य करने के लिए ‎विभिन्न कार्यों के लिए जिम्मेदार होती हैं। ये रक्त कोशिकाएं हड्डी के अंदर पाए जाने वाली नरम चीज़ो से बनती हैं ‎जिसे अस्थि मज्जा के रूप में जाना जाता है। लाल रक्त कोशिकाओं (आरबीसी) का कार्य कोशिकाओं में ‎हीमोग्लोबिन (haemoglobin) प्रोटीन की मदद से ऑक्सीजन ले के जाना होता है। तो, ऑक्सीजन को शरीर में ‎कई ऊतकों और अंगों तक पहुंचाया जाता है। रक्त कोशिकाएं शरीर में संक्रमण से लड़ने के लिए जिम्मेदार होती ‎हैं, जिससे इसकी प्रतिरक्षा बनी रहती है। रक्त में प्लेटलेट्स(platelets) रक्त के थक्के के लिए जिम्मेदार छोटी ‎डिस्क के आकार की कोशिकाएं होती हैं। रक्त कोशिकाओं की गड़बड़ी उनके कार्य और गठन दोनों को ‎प्रभावित करती है रक्त कोशिका विकार के लक्षण विकार के अंतर्निहित कारण के आधार पर अलग-अलग होंगे। ‎लाल रक्त कोशिकाओं के कुछ विकार जो किसी भी उम्र के लोगों को प्रभावित करते हैं वे एनीमिया (anemia), ‎थैलेसीमिया (thalassemia) और पॉलीसिथेमिया (polycythemia) हैं। एनीमिय(anemia) एक ऐसी स्थिति है ‎जिसमें आरबीसी में या तो एक विशेष खनिज की कमी होती है या इसमें उत्पादन नहीं होता है या नष्ट हो जाता है ‎या विकृति हो जाती है। थैलेसीमिया आनुवंशिक हीमोग्लोबिन (haemoglobin) उत्पादन को प्रभावित करने के ‎कारण भी होता है। थैलेसीमिया (thalassemia) के कारण तिल्ली का बढ़ना, हड्डियों की विकृति, बच्चों में हृदय ‎संबंधी समस्याएं और विकास समस्याएं हो जाती हैं। पॉलीसिथेमिया (polycythemia) वेरा जीन के उत्परिवर्तन के ‎कारण होने वाला रक्त कैंसर है जिसमें आरबीसी की अधिक संख्या अस्थि मज्जा में बनती है जिससे रक्त अधिक ‎चिपचिपा हो जाता है और परिणामस्वरूप स्ट्रोक या कार्डियक अरेस्ट होता है। श्वेत रक्त कोशिकाओं (डब्लूबीसी) ‎के विकार से लिम्फोमा(Lymphoma), ल्यूकेमिया(leukemia) और मायलोइड्सप्लास्टिक(myelodysplastic) ‎सिंड्रोम (एमडीएस) जैसी जानलेवा बीमारियां हो सकती हैं। रक्त में डब्लूबीसी के अनियंत्रित गुणन के कारण ‎लिम्फोमा(Lymphoma), और ल्यूकेमिया(leukemia) दोनों ही रक्त कैंसर के प्रकार हैं। प्रगति पर एमडीएस ‎अंततः ल्यूकेमिया(leukemia) का कारण होता है । प्लेटलेट विकार मुख्य रूप से आनुवंशिक और विरासत में ‎मिले हैं। प्लेटलेट विकारों में से कुछ में रक्त के थक्के होते हैं , प्राथमिक थ्रोम्बोसाइटेमिया(thrombocythemia) ‎की कमी के कारण अत्यधिक और लंबे समय तक रक्तस्राव की विशेषता हैमोफिलिया है जो रक्त के अत्यधिक ‎थक्के का कारण बनता है और जिससे हृदय की गिरफ्तारी और स्ट्रोक का खतरा बढ़ जाता है। रक्त प्लाज्मा में ‎प्लाज्मा कोशिकाएं एंटीबॉडी बनाने में महत्वपूर्ण होती हैं जो शरीर की प्रतिरक्षा को बनाए रखती हैं। प्लाज्मा सेल ‎मायलोमा एक रक्त कैंसर है जो अस्थि मज्जा में कैंसर वाले प्लाज्मा कोशिकाओं के ट्यूमर के संचय के कारण ‎होता है। विकार के अंतर्निहित कारण के आधार पर रक्त विकारों के लिए उपचार दवा या सर्जरी के माध्यम से ‎होता है। दवा में सामान्य रूप से आहार की खुराक और हार्मोन इंजेक्शन शामिल होते हैं। अस्थि मज्जा को बदलने ‎या मरम्मत करने और सिस्टम में रक्त को स्थानांतरित करने के लिए सर्जरी की भी आवश्यकता हो सकती है।

रक्त विकार (Blood Disorders) का इलाज कैसे किया जाता है ?

रक्त विकार उपचार में दवा या सर्जरी शामिल होती है। विटामिन बी (vitamin B) 12 इंजेक्शन (12 injections), ‎ओरल आयरन (oral iron) और फोलिक एसिड सप्लीमेंट (folic acid supplements) या टैबलेट (tablets) की ‎मदद से एनीमिया (anemia) का इलाज किया जाता है। प्रेडनिसोन (Prednisone) दवा ऑटोइम्यून हेमोलिटिक ‎एनीमिया (autoimmune hemolytic anemia) के इलाज के लिए उपयोगी है, जिससे रक्त में हीमोग्लोबिन ‎‎(haemoglobin) बढ़ता है। कुछ रोगियों में IV इम्युनोग्लोबुलिन (immunoglobulin), साइक्लोस्पोरिन ‎‎(cyclosporine) और साइक्लोफॉस्फेमाईड (cyclophosphamide) का उपयोग जब तबियत गिरी होती है तब ‎किया जाता है। सिकल सेल एनीमिया के मामले में दर्द को नशीले पदार्थों के साथ जोड़ दिया जाता है अगर दिल ‎और फेफड़ों के सामान्य रूप से काम नहीं कर रहे हो। सिकल सेल रोग का इलाज एक अन्य दवा से भी किया ‎जाता है जिसे हाइड्रॉक्सीयूरिया (hydtroxyurea) कहा जाता है। थ्रोम्बोसाइटोपेनिया (Thrombocytopenia) या ‎कम प्लेटलेट काउंट का इलाज स्टेरॉयड(steroids), एंटी-आरएच एंटीबॉडी (anti-Rh antibody), रीटक्सिमैब ‎‎(रिटक्सान) rituximab (Rituxan) और IV इम्युनोग्लोबुलिन (immunoglobulin) के साथ भी किया जाता ‎है।टीटीपी (TTP) या थ्रोम्बोसाइटोपेनिक ( thrombocytopenic) पुरपुरा को नए प्लाज्मा (plasma) के साथ शरीर ‎में प्लाज्मा का आदान-प्रदान करके इलाज किया जाता है क्योंकि पहले से मौजूद प्लेटलेट्स (platelets) जमा हो ‎जाते हैं और खून का दौरान रुक जाता हैं। पॉलीसिथेमिया (polycythemia) जैसी मायोप्रोलिफेरेटिव ‎‎(Myoproliferative ) बीमारियों का इलाज संचार प्रणाली में आरबीसी काउंट को बनाए रखने के लिए कुछ ‎अंतराल पर शरीर से रक्त को हटाकर किया जा सकता है। हीमोफिलिया के उपचार में रक्त के थक्के कारक का ‎प्रतिस्थापन शामिल है। यदि रक्त का थक्का पहले ही बन चुका है, तो इसका इलाज थक्कारोधी इंजेक्शन से किया ‎जाता है।

रक्त विकार (Blood Disorders) के इलाज के लिए कौन पात्र है ? (इलाज कब किया जाता है ? )

रक्त विकार वाले व्यक्तियों में पैल्पिटेशन(palpitations) के लक्षण होते हैं, सांस की तकलीफ, थकान, पुराने ‎संक्रमण, अस्वस्थता, त्वचा की आसान चोट, मसूड़ों से रक्तस्राव और नाक से आदि कि दिक्कत होती है उन्हें जांच ‎करने जाने की सलाह दी जाती है। यदि सकारात्मक परीक्षण किया जाता है, तो व्यक्ति उपचार के लिए पात्र होता ‎है।

उपचार के लिए कौन पात्र (eligible) नहीं है?

जिस व्यक्ति का सकारात्मक परीक्षण नहीं किया जाता है, तो वह उपचार के लिए पात्र नहीं होगा।

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क्या कोई भी दुष्प्रभाव (side-effects) हैं?‎

हां, कई रक्त विकार के उपचार के बाद साइड इफेक्ट हो सकते हैं जैसे रक्त संक्रमण, IV इम्युनोग्लोबुलिन ‎‎(immunoglobulin) और रीटक्सन के कारण हो सकते हैं मरीज़ को चक्कर आने लगते हैं , ठंड लगना, गहरे रंग ‎का मूत्र आना , त्वचा का फूलना, बुखार, मतली, हाइपोटेंशन(hypotension), माइग्रेन, र्तिकरिअल , एंजियोएडेमा ‎‎(angioedema) आदि जैसी दिक्कते हो सकती हैं।उपचार के बाद के दिशानिर्देश क्या हैं?‎ उपचार दिए जाने के बाद स्थितियों की निगरानी के लिए नियमित जांच की सिफारिश की जाती है। उपचार के बाद ‎ब्लड प्रेशर, प्लेटलेट्स और आरबीसी और डब्ल्यूबीसी काउंट की नियमित निगरानी होनी चाहिए।

उपचार के बाद दिशानिर्देश (guidelines) क्या हैं?

सबसे महत्वपूर्ण दिशानिर्देशों में से एक जिसे उपचार के दौरान पालन करना चाहिए, वो सूर्ये ‎से बचाव है। इस उपचार के बाद आपको धुप से बचना चाहिए क्यूंकि धुप चेहरे पर पड़ने से ‎दुबारा इसी बीमारी में घिर सकते हैं । संक्रमित क्षेत्र को साफ रखने की कोशिश करनी चाहिए। उसे डॉक्टर से सिफारिश के अनुसार ‎क्लीनर / फेस वाश का उपयोग करना चाहिए।

व्यक्ति को एक स्वस्थ आहार बनाए रखने के लिए मसालेदार भोजन का सेवन करने से बचना ‎चाहिए। मसालेदार भोजन से आप दुबारा मुहासो से पीड़ित हो सकते हैं । चिकित्सा प्रक्रियाओं ‎के मामले में, यह उपचार के एक या दो दिन बाद डॉक्टर से मिलने की सिफारिश करता ‎है। यह डॉक्टर को स्थिति का विश्लेषण करने और आगे के दिशानिर्देशों के साथ उसे प्रदान ‎करने में सक्षम करेगा।

ठीक होने में कितना समय लगता है?

बीमारी के ऊपर या रक्त विकार के ऊपर निर्भर करता है कि कितना समय लगेगा। आयरन या विटामिन बी 12 ‎सप्लीमेंट लेने के बाद एनीमिया से उबरने में एक या दो महीने लग सकते हैं, ब्लड कैंसर से रिकवरी में छह महीने ‎से अधिक समय लग सकता है या इससे अधिक समय भी लग सकता है।

भारत में इलाज की कीमत क्या है?

भारत में उपचार की कीमत 1500 रुपये से अधिक सकती है।और विदेश में इसकी कीमत 20 लाख रूपए से ‎अधिक हो सकती है।

उपचार के परिणाम स्थायी (permanent) हैं?

हां, परिणाम स्थायी हैं या जीवन भर के लिए आवश्यक हो सकते हैं।

उपचार के विकल्प (alternatives) क्या हैं?

उपचार के लिए कोई विकल्प नहीं हैं।

सुरक्षा: मध्यम

प्रभावशीलता: मध्यम

टाइमलीनेस: कम

सम्बंधित जोखिम: मध्यम

दुष्प्रभाव: मध्यम

ठीक होने में समय: अधिक

प्राइस रेंज: Rs. 1,500 to Rs. 20 lakh

Read in English: What is blood disorder and its causes?

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लेखकDr. Gaurav AroraCASMHomeopathy

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