भारत में वैरिकोसेल सर्जरी की लागत
भारत में वैरिकोसेल सर्जरी के बेस्ट डॉक्टर
भारत में वैरिकोसेले सर्जरी की लागत कितनी है?
वैरिकोसेले ऐसी समस्या है जिसमें अंडकोष के चारों तरफ की ढीली त्वचा के भीतर नसों का आकार बढ़ जाता है। ये नसें अंडकोष से ऑक्सीजन-रहित रक्त का परिवहन करती हैं। एक वैरिकोसेले तब होता है जब अंडकोष से बाहर प्रभावी ढंग से घूमने के बजाय नसों में रक्त जमा हो जाता है।
वैरिकोसेले आमतौर पर युवावस्था के दौरान होता है और समय के साथ विकसित होता है। यह असुविधा या दर्द का कारण बन सकता है हालांकि इस रोग में कोई लक्षण या जटिलता पैदा नहीं होती है।
वैरिकोसेले एक अंडकोष के खराब विकास, कम शुक्राणु उत्पादन या अन्य समस्याओं का कारण बन सकता है जिससे बांझपन हो सकता है। इन जटिलताओं को दूर करने के लिए वैरिकोसेले के इलाज के लिए सर्जरी की सिफारिश की जा सकती है।
भारत में वैरिकोसेले सर्जरी की लागत ₹40,000 से लेकर ₹80000 तक हो सकती है। वहीं इसकी औसत लागत ₹60000 होती है।
भारत के प्रमुख शहरों में वैरिकोसेले सर्जरी की लागत
ट्रीटमेंट की जगह | औसत कीमत | न्यूनतम कीमत | अधिकतम कीमत |
---|---|---|---|
बैंगलोर | ₹60,000 | ₹40,000 | ₹80,000 |
चेन्नई | ₹60,000 | ₹40,000 | ₹80,000 |
कोयंबटूर | ₹60,000 | ₹40,000 | ₹80,000 |
दिल्ली | ₹60,000 | ₹40,000 | ₹80,000 |
हैदराबाद | ₹60,000 | ₹40,000 | ₹80,000 |
कोच्चि | ₹60,000 | ₹40,000 | ₹80,000 |
कोलकाता | ₹60,000 | ₹40,000 | ₹80,000 |
लखनऊ | ₹60,000 | ₹40,000 | ₹80,000 |
मुंबई | ₹60,000 | ₹40,000 | ₹80,000 |
पुणे | ₹60,000 | ₹40,000 | ₹80,000 |
अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न
भारत में वैरिकोसेले के ऑपरेशन से पहले होने वाली जांच की लागत कितनी है?
शारीरिक परीक्षण: आपका स्वास्थ्य देखभाल प्रदाता अंडकोष के निरीक्षण और स्पर्श द्वारा एक वैरिकोसेले का निदान कर सकता है। लेटने और खड़े होने के दौरान आपकी जांच की जाएगी।
जब आप खड़े होते हैं, तो आपके डॉक्टर आपको मल त्याग के दौरान दबाव के समान गहरी सांस लेने, उसे रोके रखने और सहन करने के लिए कह सकते हैं। यह तकनीक एक वैरिकोसेले की जांच करना आसान बना सकती है। गोपनीय परीक्षण: आपका डॉक्टर आपका अल्ट्रासाउंड करवाने की सिफारिश कर सकता है। अल्ट्रासाउंड आपके शरीर के अंदर संरचनाओं की छवियां बनाने के लिए हाई फ्रीक्वेंसी ध्वनि तरंगों का उपयोग करता है। इन छवियों का उपयोग निम्न के लिए किया जा सकता है:
- निदान की पुष्टि करने या वैरिकोसेले की विशेषता जानने के लिए
- संकेतों या लक्षणों के संभावित कारण के रूप में अन्य स्थिति को समाप्त करने के लिए
- रक्त के प्रवाह में बाधा डालने वाले घाव या अन्य कारक का पता लगाने के लिए
सर्जरी करने से पहले, सर्जन को वैरिकोसेले के प्रकार और ग्रेड का आकलन करने के लिए कुछ प्रयोगशाला परीक्षणों की आवश्यकता होगी, जिनमें निम्न शामिल हैं: स्क्रोटल/डॉपलर अल्ट्रासाउंड: इसकी लागत करीब 800 से 1,600 तक हो सकती है।
मरीज के हिसाब से वैरिकोसेले सर्जरी की लागत में अंतर क्यों होता है?
- उम्र: रोगी की उम्र किसी भी रोग की लागत पर विशेष प्रभाव डालती है। ऐसा इसलिए क्योंकि कम उम्र के लोगों पर उपचार का असर अधिक और तेज़ी से होता है। उनकी रिकवरी की दर भी तेज़ होती है । ऐसे में कई प्रकार के खर्च से रोगी बच सकता है।
- चिकित्सकीय स्थिति: रोगी के स्वास्थ्य की स्थिति इलाज की लागत को सीधे प्रभावित करती है। यदि समस्या अधिक गंभीर है तो इलाज में खर्च अधिक होता है। वहीं रोगी को कोई और बीमारी भी है तो उसका खर्च भी लागत में जोड़कर देखा जाता है।
भारत में वैरिकोसेले सर्जरी की लागत पर कौन सी चीजें प्रभाव डालती हैं
वैरिकोसेले सर्जरी की लागत आपकी पसंद के शहर और कुछ अन्य कारकों के आधार पर भिन्न हो सकती है, जिनमें शामिल हैं;
- वैस्कुलर सर्जन का परामर्श शुल्क
- उपचार के लिए अस्पताल का विकल्प (सरकारी/निजी)
- अस्पताल के कमरे का विकल्प (जनरल या प्राइवेट)
- ऑपरेशन पूर्व नैदानिक परीक्षणों की लागत
- रोगी की स्थिति के अनुसार वैरिकोसेले सर्जरी का प्रकार
- एनेस्थीसिया और अन्य सर्जिकल उपकरणों की लागत
- सर्जरी के बाद फॉलोअप का परामर्श शुल्क
- पोस्ट-ऑपरेटिव दवाओं और देखभाल की लागत
हमारे यहां सर्जरी कराने पर ना सिर्फ सर्जरी से पहले की जांचे बल्कि सर्जरी के बाद के फॉलोअप अपाइंटमेंट्स भी पैकेज का हिस्सा होते हैं। इसके अलावा आपको सर्जरी के दिन फ्री ट्रांसपोर्टेशन के साथ ही नो कॉस्ट ईएमआई का विकल्प भी मिलता है।
भारत में वैरिकोसेले के ऑपरेशन के विभिन्न घटकों की लागत कितनी है?
वैरिकोसेले के उपचार के लिए रोगी के लक्षणों के आधार पर सर्जरी का प्रकार चुना जाता है। ऐसे में निम्नलिखित प्रक्रियाओं का चुनाव किया जा सकता है।
- ओपन वैरिकोसेलेक्टोमी: यह वैरिकोसेले के उपचार की सामान्य प्रक्रिया है जिसमें सर्जन कमर या पेट में चीरा लगाकर करते हैं। इस सर्जरी के दौरान खराब नस को बांध दिया जाता है और रक्त प्रवाह को दूसरी स्वस्थ नसों में भेज दिया जाता है। माना जाता है कि यह वैरिकोसेले उपचार का कम सुरक्षित तरीका है। इसकी लागत लगभग ₹30,000 से लेकर ₹40,000 तक है।
- लैप्रोस्कोपिक वैरिकोसेलेक्टोमी: इस प्रकार की सर्जरी को लैप्रोस्कोप की मदद से पूरा किया जाता है। इसमें डॉक्टर के रोगी की रक्त वाहिकाओं और दूसरे अंदरूनी अंगों की स्पष्ट तस्वीर देखने को मिलती है। इस प्रक्रिया को लैप्रोस्कोपिक वैरिकोसेले लिगेशन के नाम से भी जाना जाता है।
इस सर्जरी के दौरान रोगी के पेट के निचले हिस्से में कई चीरे लगाए जाते हैं जिसके माध्यम से लैप्रोस्कोप और सर्जिकल उपकरण अंदर डाले जाते हैं। बेहतर परिणामों के लिए नस को सीधे पेट से जोड़ा जाता है।
यह प्रक्रिया ओपेन वैरिकोसेलेक्टोमी की तुलना में ज़्यादा सुरक्षित है। इस प्रकार की सर्जरी में थोड़ा अधिक खर्च होता है, यानी लगभग ₹35,000 से लेकर ₹65,000 ।
- माइक्रोस्कोपिक वैरिकोसेलेक्टोमी: माइक्रोस्कोपिक वैरिकोसेलेक्टोमी एक न्यूनतम इनवेसिव सर्जिकल प्रक्रिया है। इस प्रकार की सर्जरी में डॉक्टर रोगी के शरीर में कीहोल के आकर के छोटे चीरे लगाते हैं। यह चीरे पेट या अंडकोष के चारों ओर बनाये जाते हैं।
इसके बाद प्रभावित सूजी हुई, बढ़ी हुई नसों की पहचान करने के लिए एक माइक्रोस्कोप का इस्तेमाल किया जाता है। इसके बाद दूसरी रक्त वाहिकाओं को नुकसान पहुंचाए बिना प्रभावित नस को ठीक से जोड़ा जाता है। यह वैरिकोसेले उपचार के लिए सबसे सुरक्षित तकनीकों में से एक है। माइक्रोस्कोपिक वैरिकोसेले सर्जरी की औसत लागत लगभग ₹40,000 से लेकर ₹70,000 तक होती है।
- वैरिकोसेले एम्बोलिज़ेशन: इस रोग में एम्बोलिज़ेशन को एक गैर-आक्रामक उपचार माना जाता है। इसमें वेरिकोसेले का कारण बनने वाली नसों को ब्लॉक करने के लिए छोटे कॉइल को उपयोग में लाया जाता है। यह कॉइल ग्रोइन क्षेत्र के माध्यम से नस में डाले जाते हैं।
इस प्रकार की सर्जरी कैथेटर और इमेजिंग की मदद से, बिना कोई चीरा लगाए की जा सकती है। यह वैरिकोसेले के लिए एक गैर-आक्रामक उपचार है, इसकी लागत लगभग ₹90,000 से ₹1,60,000 होती है।
क्या भारत में वैरिकोसेले सर्जरी के लिए बीमा कवर मिलता है?
जी हां भारत में कई बीमा कंपनियां वैरिकोसेले उपचार के सभी खर्चों को कवर करती हैं। इनमें वे खर्च भी शामिल हैं जो बांझपन के इलाज के लिए किये गये हों।
हालांकि, हर बीमा कंपनियों की अपनी शर्तें होती हैं ऐसे में दावा दायर करने से पहले बीमा कंपनी से इस बारे में ठीक से परामर्श करना अच्छा होता है।
सारांश
वैरिकोसेले ऐसी समस्या है जिसमें अंडकोष के चारों तरफ की ढीली त्वचा के भीतर नसों का आकार बढ़ जाता है। ये नसें अंडकोष से ऑक्सीजन-रहित रक्त का परिवहन करती हैं। इस रोग के कारण बांझपन जैसी समस्या हो सकती है। इसके उपचार के कई सर्जिकल तरीके मौजूद हैं जो पूरी तरह सफल होते हैं। इस रोग के उपचार को बीमा कम्पनियों द्वारा कवर किया जाता है।