भारत में रीढ़ की हड्डी का ऑपरेशन की लागत
भारत में रीढ़ की हड्डी का ऑपरेशन के बेस्ट डॉक्टर
भारत में स्पाइन सर्जरी की लागत कितनी है?
किसी व्यक्ति को रीढ़ की हड्डी की समस्याओं के कारण होने वाले दर्द से राहत दिलाने के लिए रीढ़ की हड्डी का ऑरेशन यानी कि स्पाइन सर्जरी एक उत्तम विकल्प है। भारत में कई ऐसे अस्पताल हैं, जहां स्पाइन सर्जरी करवाई जा सकती है।
अगर आप भी रीढ़ की हड्डी की समस्या से परेशान हैं और रीढ़ की हड्डी का ऑपरेशन करवाना चाह रहे हैं। तो सबसे पहले आपको इसकी लागत के बारे में जान लेना चाहिए। वैसे तो भारत में स्पाइन सर्जरी की न्यूनता लागत ₹1,40,000 है। जबकि इसकी अधिकतम लागत ₹3,70,000 है। अगर इस सर्जरी की औसतन लागत की बात करें तो वह ₹2,50,000 है।
हालांकि, किसी भी अस्पताल में रीढ़ की हड्डी का ऑपरेशन कराने से पहले वहां इस सर्जरी की सटीक लागत के बारे में जानना बेहद जरूरी है। दरअसल, सभी अस्पतालों में स्पाइन सर्जरी की लागत में बदलाव देखने को मिल सकता है। इस बदलाव के लिए कई तरह के कारक जिम्मेदार हैं, जिसमें अस्पताल में मिलने वाली सुविधाओं से लेकर सर्जन की फीस तक शामिल है।
- अगर आप हमारे माध्यम से स्पाइन सर्जरी कराते हैं तो आपको कई अतिरिक्त लाभ प्राप्त हो सकते हैं। इनमें सें कुछ लाभ निम्नलिखित हैं-
- हमारे साथ शहर के कई ऐसे सर्जन जुड़े हैं जिनके पास अच्छा अनुभव है।
- मरीज को अस्पताल तक पहुंचाने जो एम्बुलेंस सुविधा भी उपलब्ध है, जो बिल्कुल मुफ्त है।
- सर्जरी की कुल लागत को बिना किसी अतिरिक्त भार के आसान किश्तों में अदा करने की सुविधा भी उपलब्ध है।
- सर्जरी के बाद बीमारी संबंधी किसी भी परामर्श के लिए कोई भी शुल्क देना नहीं पड़ेगा।
- हमारे चिकित्सीय समन्यवक 24 घंटे सहायता के लिए तैयार रहते हैं।
भारत के प्रमुख शहरों में स्पाइनल लैमिनेक्टॉमी की लागत
ट्रीटमेंट की जगह | औसत कीमत | न्यूनतम कीमत | अधिकतम कीमत |
---|---|---|---|
बैंगलोर | ₹250,000 | ₹140,000 | ₹370,000 |
चेन्नई | ₹250,000 | ₹140,000 | ₹370,000 |
कोयंबटूर | ₹250,000 | ₹140,000 | ₹370,000 |
दिल्ली | ₹250,000 | ₹140,000 | ₹370,000 |
हैदराबाद | ₹250,000 | ₹140,000 | ₹370,000 |
कोच्चि | ₹250,000 | ₹140,000 | ₹370,000 |
कोलकाता | ₹250,000 | ₹140,000 | ₹370,000 |
लखनऊ | ₹250,000 | ₹140,000 | ₹370,000 |
मुंबई | ₹250,000 | ₹140,000 | ₹370,000 |
पुणे | ₹250,000 | ₹140,000 | ₹370,000 |
भारत में विभिन्न प्रकार के स्पाइनल लैमिनेक्टॉमी की लागत
ट्रीटमेंट के प्रकार | औसत कीमत | न्यूनतम कीमत | अधिकतम कीमत |
---|---|---|---|
स्पाइनल फ्यूज़न | ₹375,000 | ₹250,000 | ₹500,000 |
वेर्टेब्रोप्लास्टी | ₹265,000 | ₹230,000 | ₹300,000 |
काइफ्लोप्लास्टी | ₹265,000 | ₹230,000 | ₹300,000 |
स्पाइनल लैमिनेक्टॉमी | ₹160,000 | ₹140,000 | ₹180,000 |
फोरैमिनोटॉमी | ₹215,000 | ₹180,000 | ₹250,000 |
आर्टिफिशियल डिस्क रिप्लेसमेंट | ₹375,000 | ₹250,000 | ₹500,000 |
डिस्केक्टॉमी (या माइक्रोडिसेक्टोमी) | ₹160,000 | ₹140,000 | ₹180,000 |
अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न
स्पाइन सर्जरी से पहले होने वाली जांचों की लागत
स्पाइन सर्जरी से पहले डॉक्टर तरह की जांच कराने की सलाह दे सकते हैं। इन जांचों के माध्यम से वह रीढ़ की हड्डी में हो रहे दर्द का कारण और बीमारी की गंभीरता का आकलन करता है। इसके साथ ही वह यह भी पता करता है कि कहीं रीढ़ की हड्डी में हुई समस्या के लिए कोई अन्य बीमारी तो जिम्मेदार नहीं है।
बीमारी की इसी गंभीरता और अन्य जानकारियों डॉक्टर सर्जरी की तकनीक और उपचार की विधि का आकलन करते हैं।
डॉक्टर द्वारा सुझाए गए जांचों की लागत विभिन्न डायग्नोस्टिक केंद्रों में अलग-अलग हो सकती है। आइये जानते हैं कि डॉक्टर कौन-सी जांच कराने की सलाह दे सकता है और उसकी लागत कितनी होगी।
- ब्लड टेस्ट: 200 रुपये - 500 रुपये
- टॉमोग्राफी (CT) स्कैन: 1000 रुपये - 2500 रुपये
- रीढ़ की हड्डी का एक्सरे: 800 रुपये - 2000 रुपये
- एमआरआई- 1000 रुपये: 3500 रुपये
मरीज के हिसाब से स्पाइन सर्जरी की लागत में अंतर क्यों होता है।
मरीज के हिसाब से रीढ़ की हड्डी की सर्जरी की लागत में अंतर आने के लिए कई तरह के कारक जिम्मेदार हैं। जिनमें से कुछ कारक निम्नलिखित है
- मरीज की उम्र: उम्र एक कारक हो सकती है जो स्पाइन सर्जरी के खर्च को प्रभावित करती है। वृद्ध रोगियों को सर्जरी से पहले या बाद में अतिरिक्त चिकित्सा परीक्षण या प्रक्रियाओं की आवश्यकता हो सकती है, जिससे सर्जरी की कुल लागत बढ़ सकती है। इसके अतिरिक्त, वृद्ध रोगियों को लंबे समय तक अस्पताल में रहने और अधिक विशिष्ट देखभाल की आवश्यकता हो सकती है, जो सर्जरी की कुल लागत को भी बढ़ा सकती है।
- मरीज की स्वास्थ्य स्थिति: मरीज की स्वास्थ्य स्थिति की रीढ़ की हड्डी की सर्जरी की लागत को प्रभावित कर सकता है। दरअसल, अतिरिक्त, खराब स्वास्थ्य वाले रोगियों को लंबे समय तक अस्पताल में रहने, अधिक विशिष्ट देखभाल या पुनर्वास सेवाओं की आवश्यकता हो सकती है, जो सर्जरी की कुल लागत में बढ़ोत्तरी की वजह हो सकती है।
- बीमारी की गंभीरता: बीमारी की गंभीरता भी एक कारक है जो दिल्ली में स्पाइन सर्जरी के खर्च को प्रभावित कर सकता है। अधिक गंभीर रीढ़ की स्थिति या चोटों वाले मरीजों को अधिक व्यापक सर्जरी और अनुवर्ती देखभाल की आवश्यकता हो सकती है, जिससे सर्जरी की कुल लागत बढ़ सकती है।
- इसके अतिरिक्त, अधिक गंभीर स्थितियों वाले रोगियों को लंबे समय तक अस्पताल में रहने, अधिक विशिष्ट देखभाल, और अतिरिक्त चिकित्सा परीक्षण या इमेजिंग अध्ययन की आवश्यकता हो सकती है, जो सभी सर्जरी की कुल लागत में जोड़ सकते हैं।
भारत में स्पाइन सर्जरी की लागत पर कौन सी चीजें प्रभाव डालती हैं?
ऐसे कई कारक हैं जो रीढ़ की हड्डी की सर्जरी की लागत को प्रभावित कर सकते हैं। ये कारक निम्नलिखित हो सकते हैं-
- सर्जरी का प्रकार: स्पाइन सर्जरी के लिए कई प्रकार के तकनीकों का इस्तेमाल किया जाता है। जो रीढ़ की हड्डी की स्थिति और समस्या की गंभीरता के आधार पर निश्चित की जारी है। आवश्यक सर्जरी के प्रकार के आधार पर स्पाइन सर्जरी की लागत अलग-अलग हो सकती है। उदाहरण के लिए, एक साधारण डिस्केक्टॉमी की लागत एक जटिल स्पाइनल फ्यूजन से कम हो सकती है।
- अस्पताल: स्पाइन सर्जरी की लागत भी अस्पताल के आधार पर भिन्न हो सकती है। अस्पतालों में मिलने वाली सुविधाओं और प्रयोग में लागे जाने वाले उपकरणों के आधार पर शुल्क अलग अलग हो सकता है। इन शुल्कों में प्रवेश, कमरा बिस्तर और देखभाल शामिल हैं। यही वजह है कि सरकारी अस्पतालों में शुल्क निजी अस्पतालों के तुलना में कम होता है।
- सर्जरी से पहले होने वाली जांचों की लागत: सर्जरी के पहले डॉक्टर द्वारा सुझाए गए जांचों को कराने में लगने वाली लागत भी रीढ़ की हड्डी की सर्जरी की कुल लागत को प्रभावित कर सकते हैं। कई मौकों पर डॉक्टर या सर्जन कुछ अतिरिक्त जांच कराने की भी सलाह दे सकता है। इसके अलावा कोई जांच दोबारा कराने के लिए भी कह सकता है।
- सर्जन या डॉक्टर का चयन: आप अपनी रीढ़ की परेशानी से निजात पाने के लिए जिस तरह के सर्जन या डॉक्टर का चयन करते हैं। उसके द्वारा ली जाने वाली फीस भी आपकी सर्जरी की लागत को प्रभावित कर सकते हैं। दरअसल, ज्यादा अनुभवी सर्जन या डॉक्टर की फीस कम अनुभवी डॉक्टर के अपेक्षाकृत कम होती है।
- अस्पताल में रहने की अवधि: स्पाइन सर्जरी की लागत ठीक होने के लिए आवश्यक अस्पताल में रहने की अवधि पर भी निर्भर हो सकती है। लंबे समय तक अस्पताल में रहने से सर्जरी की कुल लागत बढ़ सकती है।
- भौगोलिक स्थिति: स्पाइन सर्जरी की लागत अस्पताल और सर्जन की भौगोलिक स्थिति के आधार पर भिन्न हो सकती है। अधिक संपन्न या शहरी क्षेत्रों में स्थित अस्पताल और सर्जन अपनी सेवाओं के लिए अधिक शुल्क ले सकते हैं।
भारत में स्पाइन सर्जरी के विभिन्न घटकों की लागत कितनी है?
स्थिति की गंभीरता और सर्जरी के उद्देश्य के आधार पर विभिन्न प्रकार की स्पाइन सर्जरी का प्रयोग किया जाता है और सभी प्रकारों की लागत भी अलग अलग हो सकती है।ये तकनीकें और इनकी लगभग लागत निम्नलिखित हैं-
- स्पाइनल लैमिनेक्टॉमी / स्पाइनल डीकंप्रेसन: लैमिनेक्टॉमी आमतौर पर स्पाइनल स्टेनोसिस रोगियों के लिए किया जाता है। सर्जन तंत्रिका दबाव को दूर करने के लिए स्पाइनल कॉलम को संकुचित करने वाली बोनी स्पर्स या दीवारों को हटा देता है। भारत में स्पाइनल लैमिनेक्टॉमी या स्पाइनल डीकंप्रेसन की लागत 1,40,000 रुपये से 1,80,000 रुपये तक हो सकती है। ।
- वर्टेब्रोप्लास्टी/काइफोप्लास्टी: ऑस्टियोपोरोसिस के कारण कम्प्रेशन फ्रैक्चर को ठीक करने के लिए वर्टेब्रोप्लास्टी और काइफोप्लास्टी की जाती है। सर्जन एक गोंद जैसी हड्डी के सीमेंट को इंजेक्ट करता है जो कशेरुक को कठोर और मजबूत करता है। वर्टेब्रॉप्लास्टी की लागत 2,30,000 रुपये से लेकर 3,00,000 रुपये तक हो सकती है। ।
- फोरैमिनोटॉमी: यह स्पाइनल कॉलम को चौड़ा करने के लिए किया जाता है जहां उम्र बढ़ने के कारण तंत्रिका जड़ स्पाइनल कैनाल से बाहर निकलती है। भारत में फोरैमिनोटोमी की औसत लागत 1,80,000 रुपये से 2,50,000 रुपये तक हो सकती है।
- न्यूक्लियोप्लास्टी: न्यूक्लियोप्लास्टी, जिसे प्लाज्मा डिस्क डीकंप्रेसन भी कहा जाता है, एक न्यूनतम इनवेसिव लेजर सर्जरी है जिसमें सर्जन डिस्क के आकार को कम करने और हल्के डिस्क हर्निया का इलाज करने के लिए प्लाज्मा लेजर डिवाइस का उपयोग करता है।भारत में न्यूक्लियोप्लास्टी की औसत लागत डॉक्टर के परामर्श शुल्क, चयनित अस्पताल शुल्क आदि के आधार पर अंतिम लागत से भिन्न हो सकती है।
- रीढ़ की हड्डी में विलय: स्पाइनल फ्यूजन के दौरान, आर्थोपेडिक सर्जन स्पाइनल डिस्क को हटा देता है और हड्डी के ग्राफ्ट या मेटल इम्प्लांट का उपयोग करके आसन्न कशेरुक को एक साथ जोड़ देता है, जिससे हड्डी के ग्राफ्ट के माध्यम से कशेरुक के संलयन की अनुमति मिलती है।
- उदाहरण के लिए, एसीडीएफ सर्जरी (पूर्वकाल ग्रीवा डिस्केक्टॉमी और फ्यूजन), टीएलआईएफ सर्जरी (ट्रांसफोरमिनल लम्बर इंटरबॉडी फ्यूजन)। स्पाइनल फ्यूजन स्पाइन सर्जरी की औसत लागत 2,50,000 रुपये से रु 3,50,000 रुपये तक हो सकती है।
- कृत्रिम डिस्क प्रतिस्थापन: गंभीर रूप से क्षतिग्रस्त वर्टेब्रल डिस्क वाले लोगों के लिए, सर्जन डिस्क को हटा देता है और वर्टिब्रल ऊंचाई और गति को बहाल करने में मदद करने के लिए इसे सिंथेटिक इम्प्लांट के साथ बदल देता है। भारत में कृत्रिम डिस्क बदलने की औसत लागत लगभग रु 3,00,000 से रु 3,70,000 तक हो सकती है।
- डिस्केक्टॉमी (या माइक्रोडिसेक्टोमी): स्लिप्ड डिस्क सर्जरी तंत्रिका जड़ और रीढ़ की हड्डी को संकुचित करने वाली हर्नियेटेड डिस्क को हटाने के लिए की जाती है। यह अक्सर लैमिनेक्टॉमी के संयोजन में किया जाता है। इनिडा में विच्छेदन की औसत लागत रुपये 1,40,000 से रु1,80,000 हो सकती है।
क्या भारत में स्पाइन सर्जरी के लिए बीमा कवर मिलता है?
हां, भारत में स्पाइन सर्जरी के लिए बीमा विकल्प उपलब्ध हैं। भारत में कई स्वास्थ्य बीमा पॉलिसी पॉलिसी के नियमों और शर्तों के आधार पर रीढ़ की सर्जरी की लागत को आंशिक या पूर्ण रूप से कवर करती हैं। कुछ नीतियों के लिए कवरेज शुरू होने से पहले पूर्व प्राधिकरण या प्रतीक्षा अवधि की आवश्यकता हो सकती है।
सारांश
स्पाइन सर्जरी की लागत कई कारकों के आधार पर व्यापक रूप से भिन्न हो सकती है, जिसमें सर्जरी का प्रकार और जटिलता, रोगी की आयु और स्वास्थ्य की स्थिति, स्थिति की गंभीरता, भौगोलिक स्थिति आदि शामिल हैं। इसके अलावा इस सर्जरी की तकनीकों के प्रकार के आधार पर भी सर्जरी की लागत प्रभावित हो सकती है।
रोगियों के लिए अपने स्वास्थ्य सेवा प्रदाता और बीमा प्रदाता के साथ स्पाइन सर्जरी से जुड़ी संभावित लागतों पर चर्चा करना और उनके कवरेज की सीमा को समझने के लिए उनकी बीमा पॉलिसी की सावधानीपूर्वक समीक्षा करना महत्वपूर्ण है।