भारत में आईओएल (इंट्राओकुलर लेंस) की लागत
भारत में आईओएल (इंट्राओकुलर लेंस) के बेस्ट डॉक्टर
भारत में इंट्राऑक्युलर सर्जरी की लागत कितनी है?
मोतियाबिंद में आमतौर पर सर्जरी ही एक मात्र इलाज होता है। मोतियाबिंद सर्जरी के बाद इंट्राऑक्युलर लेंस या आईओएल को प्राकृतिक लेंस की जगह लगाया जाता है। आईओएल आंख में लगने वाला छोटा, कृत्रिम लेंस है।
आईओएल अलग-अलग पावर (फोकल पावर) में आते हैं जैसे कि आपका चश्मा या फिर कॉन्टैक्ट लेंस। भारत में इस सर्जरी की कीमत ₹15 हजार से लेकर ₹90 हजार तक हो सकती है।
यह इस पर निर्भर करता है कि आप कहां और किससे इलाज करा रहे हैं। वहीं भारत में इस सर्जरी की औसत कीमत ₹45 हजार है।
भारत के प्रमुख शहरों में आईओएल (इंट्राओकुलर लेंस) की लागत
ट्रीटमेंट की जगह | औसत कीमत | न्यूनतम कीमत | अधिकतम कीमत |
---|---|---|---|
बैंगलोर | ₹45,000 | ₹15,000 | ₹90,000 |
चेन्नई | ₹45,000 | ₹15,000 | ₹90,000 |
कोयंबटूर | ₹45,000 | ₹15,000 | ₹90,000 |
दिल्ली | ₹45,000 | ₹15,000 | ₹90,000 |
हैदराबाद | ₹45,000 | ₹15,000 | ₹90,000 |
कोच्चि | ₹45,000 | ₹15,000 | ₹90,000 |
कोलकाता | ₹45,000 | ₹15,000 | ₹90,000 |
लखनऊ | ₹45,000 | ₹15,000 | ₹90,000 |
मुंबई | ₹45,000 | ₹15,000 | ₹90,000 |
पुणे | ₹45,000 | ₹15,000 | ₹90,000 |
भारत में विभिन्न प्रकार की आईओएल (इंट्राओकुलर लेंस) सर्जरी की लागत
ट्रीटमेंट के प्रकार | औसत कीमत | न्यूनतम कीमत | अधिकतम कीमत |
---|---|---|---|
मोनोफोकल आईओएल | ₹10,000 | ₹5,000 | ₹20,000 |
टोरिक आईओएल | ₹45,000 | ₹25,000 | ₹50,000 |
मल्टीफोकल आईओएल | ₹45,000 | ₹15,000 | ₹90,000 |
अकोमोडेटिव आईओएल | ₹100,000 | ₹70,000 | ₹150,000 |
फेकिक आईओएल | ₹100,000 | ₹90,000 | ₹250,000 |
अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न
भारत में इंट्राऑक्युलर के ऑपरेशन से पहले होने वाली जांच की लागत
मोतियाबिंद सर्जरी जिसमें इंट्राऑक्युलर लेंस लगाया जाता है उससे पहले कुछ जांचें जरुरी हैं। इनमें इलेक्ट्रोकार्डियोग्राम (ईसीजी), कंप्लीट ब्लड काउंट (सीबीसी) जैसे टेस्ट शामिल हो सकते हैं।
इसके अलावा अगर आपको डायबटीज है तो उसकी जांच जरुरी है। यह भी संभव है कि इन जांचों के बाद आपको अल्ट्रासाउंड, सीटी स्कैन या बायोप्सी जैसी कुछ जांचें करानी पड़े। इन जांचों का खर्च ₹5 हजार तक हो सकता है।
मरीज के हिसाब से इंट्राऑक्युलर सर्जरी की लागत में अंतर क्यों होता है?
मरीज कहां, किस अस्पताल या किस विशेषज्ञ से इलाज करा रहा है इस पर लागत का असर होता है। इसके अलावा मरीज की दूसरी चिकित्सकीय स्थितियां भी लागत पर प्रभाव ड़ालती हैं।
इसके साथ ही इंट्राऑक्युलर लेंस की लागत निश्चित नहीं है। विभिन्न प्रकार के लेंस, उनकी विशेषताएं, सामग्री और कार्य के हिसाब से लागत में काफी उतार-चढ़ाव होता है। इन कारकों मे शामिल हैं-
- आईओएल की सामग्री: इंट्रोक्युलर लेंस सामान्यत; अलग-अलग सामग्री सिलिकॉन, पॉलीमेथाइलमेथैक्रिलेट (पीएमएमए),हाइड्रोफोबिक ऐक्रेलिक आदि से बने होते हैं। इनका स्थायित्व और लचीलापन लागत को प्रभावित करता है।
- लेंस डिजाइन: आईओएल फोल्डेबल या फिक्स (कठोर) हो सकते हैं। इनकी कीमत सर्जरी की कुल लागत पर असर डालती है। कठोर लेंसों को इंप्लांट करने के लिए सर्जरी में बड़े कट लगते हैं वहीं फोल्डेबल लेंस छोटे कट से ही इंप्लांट हो जाते हैं।
- लेंस का पावर: आईओएल का मुख्य कारण नज़र में सुधार होता है। जितनी ज्यादा पावर का लेंस लगता है उतनी ही ज्यादा लागत होती है।
- लेंस के प्रकार: इनमें मोनोफोकल, मल्टीफोकल, टॉरिक और मोनोविजन लेंस शामिल हो सकते हैं। इनकी लागत भी काफी भिन्न होती है।
भारत में इंट्राऑक्युलर सर्जरी की लागत पर कौन सी चीजें प्रभाव डालती हैं?
इंट्राऑक्युलर सर्जरी की लागत पर सबसे पहले इस बात का प्रभाव पड़ता है कि आप कहां और किससे अपना इलाज करा रहे हैं।
हमारे यहां आपको सर्जरी कराने के साथ साथ नो कॉस्ट ईएमआई, पिक और ड्रॉप सर्विस, और फ्री फॉलो अप जैसी सुविधाएं भी मिलेंगी जो आपकी सर्जरी प्रक्रिया को और आसान बना देती है।इसके अलावा किस तरह का लेंस आपको लगवाना है इस पर भी सर्जरी की लागत निर्भर करती है।
भारत में इंट्राऑक्युलर के ऑपरेशन के विभिन्न घटकों की लागत कितनी है?
इंट्राऑक्युलर लेंस के आपरेशन के घटकों में सबसे प्रमुख लेंस का प्रकार है जिसकी वजह से आपरेशन की लागत पर प्रभाव पड़ता है। लेंस के प्रकार में शामिल हैं;
- मल्टीफोकल: मल्टीफोकल यानी ऐसे इंट्राऑक्युलर लेंस जिनमें एक से ज्यादा फोकल प्वाइंट होते हैं। इनकी विशेषता है कि दूर और निकट दोनों ही दृष्टि दोष को दूर कर सकता है। इसकी लागत ₹35 हजार से लेकर ₹90 हजार तक हो सकती है।
- ट्राइफोकल लेंस: यह मल्टीफोकल लेंस का उन्नत रूप है जो इंटरमीडिएट विजन को भी सुधारता है। इसकी लागत भी ₹35 हजार से लेकर ₹90 हजार हो सकती है।
- टॉरिक: इस प्रकार के लेंस का प्रयोग आँख की सिलेंड्रिकल रिफ्रैक्टिव पावर को ठीक करने के लिए किया जाता है। ये लेंस अन्य की तुलना में महंगे हैं। मानक टोरिक लेंस मोनोफोकल होते हैं। ये मल्टीफोकल वैरिएंट में भी आते हैं जो लागत को और बढ़ा सकते हैं। टोरिक लेंस की सामान्य लागत सीमा ₹30,000 से ₹70,000 तक हो सकती है।
क्या भारत में इंट्राऑक्युलर सर्जरी के लिए बीमा कवर मिलता है?
स्वास्थ्य बीमा पॉलिसी केवल मोतियाबिंद ट्रीटमेंट के दौरान उपयोग किए जाने वाले मानक इंट्रोक्युलर लेंस (मोनोफोकल) की लागत को कवर करती हैं। अगर प्रीमियम आईओएल का इस्तेमाल किया जा रहा है, तो बीमा पॉलिसी इन आईओएल के खर्च को कवर नहीं करेगी।
बीमा योजना की शर्तें भी बीमा राशि को भी प्रभावित कर सकती हैं। इसलिए, शर्तों के बारे में बीमा कराते वक्त एजेंट से बात कर अपने हर संदेह को समाप्त कर लें।
सारांश
इंट्राऑक्युलर लेंस मोतियाबिंद के आपरेशन के बाद लगाए जाते हैं। इस सर्जरी की लागत ₹15 हजार से लेकर ₹90 हजार तक हो सकती है। इसकी लागत को कई कारक प्रभावित करते हैं। जैसे आप कहां आपरेशन करा रहे हैं, किस विशेषज्ञ से आपरेशन करा रहे हैं। किस तरह का इंट्राऑक्युलर लेंस इस्तेमाल कर रहे हैं। इसके कुछ हिस्सों को बीमा का कवर मिलता है पर इस पर बीमा एजेंट से खुलकर बात करनी चाहिए।