पीलिया रोग से बचने के उपाय
जांडिस को कैसे रोकें
मानसून के दौरान, बहुत से लोग जांडिस का शिकार हो जाते हैं. इसे हल्के से नहीं लिया जाना चाहिए,अगर उचित देखभाल नहीं की जाती है, तो पीलिया घातक साबित हो सकती है. हालांकि इस बीमारी से बचने के कई तरीके और उपचार बताये गए है. चार मुख्य तरीकों में यह फैलता है.
- लिवर का विस्तार
- रक्त की कमी
- संक्रमण
- पिछली बीमारी जिसने शरीर में जीवाणु छोड़ा है
लक्षण: यह बीमारी साल के किसी भी समय हो सकता है, हालांकि मानसून के महीनों के दौरान ज्यादा सावधान रहना पड़ता है. पीलिया के लक्षण हैं:
- नाखून और आंखें पीले रंग की हो जाती हैं
- त्वचा और मूत्र रंग पीले रंग में बदल जाते हैं
- भूख और चिड़चिड़ाहट
- स्वाद में कमी
- मतली और उल्टी
- थकान और कमजोरी
- कंपकंपी के साथ उच्च तापमान
- स्वाद / जीभ कड़वा हो जाता है
- दृष्टि भी पीला हो जाता है
- मल पीले या काले रंग में रंग बदल जाती है
- हैवी पल्स और सिरदर्द
क्या करे और क्या नहीं करे
एक बार उपचार होने के बाद, रोगियों को नियमित दवा और आहार के साथ बेड रेस्ट की सलाह दी जाती है. उन्हें इसके साथ यह भी सलाह दी जाती है वह गन्ना का रस, मूली का रस, ग्लूकोज पानी पीएं, पर्याप्त आराम करें और कुछ भी कठिन काम न करें.
फ्राइड और तेल के खाद्य पदार्थ से दूर रहे. घी, तेल, मक्खन या क्रीम का सेवन से परहेज करे. इसके अलावा, ओकरा अरबी, बैंगन और फूलगोभी जैसी सब्ज़ियां नहीं खाई जानी चाहिए. शराब, तंबाकू, चाय, कॉफी और गर्म और मसालेदार भोजन से भी दूरी बनाए रखे.
पीलिया रोगियों को हल्के और स्वस्थ खाद्य पदार्थ खाना चाहिए ,जो पचाने में आसान होते हैं. गन्ना का रस, टमाटर का रस, नींबू का पानी, गाजर का रस, नारंगी का रस, और मधुर नींबू का रस रोगी को दिया जाना चाहिए. रोगी को केवल उबला हुआ पानी पीना चाहिए , क्योंकि संक्रमण के प्रतिरोध इसमें बहुत कम है.
मूंग और मसूर दाल के साथ आप मखन को अपने नियमित आहार में सेवन करे. यह ध्यान रखे की मशालेदार आहार का सेवन न करे. डॉक्टर द्वारा दिए गए आहार योजना का पालन करना बहुत महत्वपूर्ण है.