डायबिटीज एक ऐसी स्थिति है, जहां खराब मेटाबोलिक स्थिति के कारण शरीर में ऊर्जा की कमी होता है. इसे कई मरीजों में डिप्रेशन के रूप में माना जाता है क्योंकि वे पहले से ही सुस्त और कमजोर होते हैं. डायबिटीज की स्थिति में शरीर की थकावट को व्यायाम द्वारा कम किया जाता है, जो एंडोर्फिन को बढ़ाता है. एंडोर्फिन शरीर में विशेष रूप से व्यायाम द्वारा रिलीज़ होता हैं. यह शरीर में ऊर्जा बनाए रखने के लिए आवश्यक होता है.
डायबिटीज का प्रबंधन करने से व्यक्ति अकेला महसूस कर सकता है, क्योंकि उनके द्वारा अनुसरण किए जाने वाले आहार प्रतिबंधों की संख्या के कारण अपने मित्रों और परिवार से अलग होना पङता है. इसके अतिरिक्त, अगर व्यक्ति को ब्लड शुगर के स्तर को नियंत्रित करने में परेशानी होती है, तो इससे व्यक्ति निराश हो सकता है. समय के साथ यह नकारात्मक भावनाएं डिप्रेशन में बदल सकती हैं.
डिप्रेशन के कारण व्यक्ति अपने उद्देश्य की भावना खो देता है और नियमित कार्यों को संभालने के लिए बहुत अधिक बोझ महसूस करता है. इस प्रकार व्यक्ति खुद का ख्याल रखना बंद कर देता है. ऊर्जा की कमी से भूख या अस्वास्थ्यकर जंकफूड का नुकसान भी होता है. यह ब्लड शूगर के स्तर में उतार चढ़ाव को ट्रिगर करता है, जो मधूमेह की स्थिती को और बढाती है.
इस प्रकार डिप्रेशन और डायबिटीज में चक्रीय संबंध होता है. इन दोनों बीमारियों का एक साथ इलाज किया जा सकता है और इन बीमारियों में से एक का प्रबंधन दूसरे पर भी सकारात्मक प्रभाव डालता है.
डायबिटीज और डिप्रेशन का इलाज करने के कुछ तरीके यहां दिए गए हैं:
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