दिल्ली में गॉल स्टोन सर्जरी की लागत
दिल्ली में गॉल स्टोन सर्जरी के बेस्ट डॉक्टर
दिल्ली में पित्ताशय की थैली की सर्जरी (गॉलस्टोन सर्जरी) का खर्च कितना है?
पित्ताशय की थैली की सर्जरी को कोलेसिस्टेक्टोमी भी कहा जाता है। पित्ताशय की थैली को हटाने के लिए की जाने वाली सर्जरी तब जरुरी हो जाती है जब पित्त पथरी दर्द या कोई अनुआ लक्षण पैदा करती है। पित्ताशय नाशपाती के आकार का अंग है जो पित्त को संग्रहीत करता है जो भोजन को पचाने में मदद करता है। दिल्ली में पित्ताशय की थैली की सर्जरी की कुल लागत 40,000 रुपये से लेकर 55,000 रुपये तक आ सकती है। हालांकि यह लागत कई कारणों की वजह से ज्यादा या कम भी हो सकती है।
दिल्ली में पित्ताशय की थैली की सर्जरी कराने की औसत लागत लगभग करीब 52,500 रुपये तक हो है। आप इस ऑपरेशन को कराने के लिए हॉस्पिटल का चयन करके वहां के मेडिकल कॉडिनेटर से कुल लागत की जानकारी प्राप्त कर सकते हैं। आपको बता दें कि पित्त पथरी के लगभग 80 प्रतिशत रोगियों को पित्ताशय की थैली की सर्जरी की आवश्यकता होती है।
आप हमारे माध्यम से भी सर्जरी करा सकते हैं। हम आपको कई सुविधाएं उपलब्ध कराएंगे जिससे आपकी सर्जरी की लागत तो कम होगी। ये सुविधाएं निम्नलिखित हैं-
- सर्जरी के बाद किसी भी तरह का बीमारी सम्बन्धी परामर्श लेने पर भी कोई शुल्क नहीं देना पड़ेगा।
- हम आपको अस्पताल तक पहुंचाने के लिए बिल्कुल मुफ्त में तकनीकी सुविधाओं से लेस एम्बुलेंस उपलब्ध कराते हैं।
- हमारे चिकित्सीय समन्यवक 24 घंटे सहायता के लिए तैयार रहते हैं।
- हम आपको अनुभवी और विशेषज्ञ सर्जन तक पहुंचने में मदद करेंगे।
- सर्जरी की कुल लागत को बिना किसी अतिरिक्त भार के आसान किश्तों में अदा करने की सुविधा भी उपलब्ध है।
दिल्ली में विभिन्न प्रकार की गॉलस्टोन सर्जरी की लागत
ट्रीटमेंट के प्रकार | औसत कीमत | न्यूनतम कीमत | अधिकतम कीमत |
---|---|---|---|
लेप्रोस्पोपिक पित्ताशय उच्छेदन | ₹175,000 | ₹90,000 | ₹260,000 |
गॉलब्लैडर रिमूवल सर्जरी | ₹52,500 | ₹40,000 | ₹55,000 |
ओपन कोलेसीस्टेक्टॉमी | ₹180,000 | ₹100,000 | ₹300,000 |
एंडोस्कोपिक रेट्रोग्रेड कोलेजनोपचारोग्राफी (ERCP) | ₹50,000 | ₹30,000 | ₹100,000 |
अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न
दिल्ली में पित्ताशय की थैली की सर्जरी से पहले होने वाली जांच की लागत
पित्ताशय की थैली की सर्जरी करने से पहले सर्जन कुछ विशेष तरह की जांच कराने की सलाह देता है। इन जांचों के माध्यम से वह पित्ताशय में मौजूद पथरी के आकार और संख्या जैसी जानकारी तो इकट्ठा करता ही है। साथ ही दिखाई दे रहे शारीरिक लक्षणों के कारणों का पता लगाने की कोशिश भी करता है। इसके लिए सर्जन ब्लड टेस्ट, अल्ट्रासाउंड, एंडोस्कोपी आदि जांचें कराने की सलाह दे सकता है।
कुछ डायग्नोस्टिक टेस्ट की लागत-
- ब्लड टेस्ट- 700 रुपये से 1200 रुपये
- अल्ट्रासाउंड- 1,200 रुपये से अधिक
- एंडोस्कोपिक अल्ट्रासाउंड: 1,000 रुपये से अधिक
मरीज के हिसाब से पित्ताशय की थैली की सर्जरी की लागत में अंतर क्यों होता है?
मरीज के हिसाब से पित्ताशय की थैली की सर्जरी की लागत में आने वाले अंतर के लिए कई जिम्मेदार कारक निम्नलिखित हैं-
- उम्र: मानव शरीर में किसी भी बीमारी से लड़ने या वापसी करने की क्षमता का उम्र से ख़ास सम्बन्ध होता है। इसी वजह से उम्र का पित्ताशय की थैली की सर्जरी की लागत पर भी असर पड़ता है। इसलिए उम्र इस सर्जरी की लागत में अंतर पैदा कर सकता है।
- बीमारी की स्थिति: पित्ताशय में मौजूद स्टोन या अन्य समस्या की स्थिति भी पित्ताशय की थैली की सर्जरी की लागत पर प्रभाव डाल सकता है। यह समस्या जितनी जटिल होगी, लागत उतना ही ज्यादा हो सकती है।
- अन्य बीमारियां: पित्ताशय की थैली की सर्जरी कराते समय मरीज के शरीर में अन्य ऐसी बीमारी भी हो सकती है, जिससे उसे सर्जरी के बाद किसी जोखिम का सामना करना पड़े। ऐसे में सर्जन उस अन्य बीमारी का भी उपचार कर सकता है, जिससे सर्जरी की लागत बढ़ सकती है।
दिल्ली में पित्ताशय की थैली की सर्जरी की लागत पर कौन सी चीजें प्रभाव डालती हैं
ऐसे कई कारक हैं, जो पित्ताशय की थैली की सर्जरी की लागत पर असर डाल सकते हैं। ये कारक निम्नलिखित हैं-
- हॉस्पिटल का चयन: सभी हॉस्पिटल का अपना प्रशासन मूल्य, प्रवेश शुल्क और कमरे का किराया होता है। हॉस्पिटल्स में दस्ताने, सीरिंज, पट्टियाँ, ट्यूब और अन्य चिकित्सीय उपयोग में लाई जाने वाली वस्तुओं की अलग-अलग लागत भी होती है। इसलिए हॉस्पिटल के ये कारक पित्ताशय की थैली की सर्जरी की कुल लागत पर असर डाल सकते हैं। इसी वजह से हॉस्पिटल का चयन इस सर्जरी की लागत को प्रभावित कर सकता है।
- सर्जरी के पहले की जाने वाली जांच: सर्जरी के पहले सर्जन कई तरह की जांच कराने की सलाह भी देता है, जिसके माध्यम से वह बीमारी की गंभीरता और प्रकार का चयन करता है। इस जांच को करवाने में लगने वाली लागत भी सर्जरी की लागत को प्रभावित कर सकती है। कुछ परिस्थितियों में सर्जन सामान्य जांचों किए साथ-साथ कुछ अतिरिक्त जांचे करवाने का आदेश भी दे सकता है।
- सर्जन का अनुभव: सर्जन की फीस भी सर्जरी की लागत को प्रभावित कर सकती है। दरअसल, सर्जन के पास जितना ज्यादा अनुभव होगा उसकी फीस उतनी ही ज्यादा हो सकती है। अगर आप ज्यादा अनुभवी सर्जन का चयन करते हैं तो उसकी फीस आपकी सर्जरी की लागत को बढ़ा सकती है।
- पित्ताशय की थैली में मौजूद स्टोन का आकार और संख्या: जांच में यह स्पष्ट हो जाता है कि पित्ताशय की थैली में मौजूद स्टोन का आकार कैसा है और उनकी संख्या क्या है। यह आकार और संख्या भी सर्जरी की लागत पर असर डाल सकती हैं।
दिल्ली में पित्ताशय की थैली की सर्जरी के विभिन्न घटकों की लागत कितनी है?
पित्ताशय की थैली मानव जीवन के लिए एक आवश्यक अंग नहीं है। एक सर्जन पित्ताशय की थैली को कोलेसिस्टेक्टोमी नामक शल्य प्रक्रिया से सुरक्षित रूप से निकाल सकता है। पित्ताशय की थैली की सर्जरी दो प्रकार से की जाती है। इन दोनों प्रकार की लागत भी अलग अलग निर्धारित की गई है।
हालांकि सभी हॉस्पिटल्स में यह कीमत एक-दूसरे से अलग हो सकती है। इसलिए जिस हॉस्पिटल में आप सर्जरी करवाना चाहते हैं, वहां पहले सर्जरी की कीमत जरूर जान लें। इस सर्जरी के प्रकार और उनकी कीमत निम्नलिखित हैं-
- ओपन (पारंपरिक) विधि: इस विधि में, आपके पेट के ऊपरी दाहिने हिस्से में लगभग 4 से 6 इंच लंबा 1 कट (चीरा) लगाया जाता है। सर्जन पित्ताशय की थैली का पता लगाता है और इसे चीरे के माध्यम से बाहर निकालता है। इस प्रकार की सर्जरी में 40,000 रुपये से लेकर 50,000 रुपये तक की लागत आ सकती है।
- लैप्रोस्कोपिक विधि: यह विधि 3 से 4 बहुत छोटे चीरों का उपयोग करती है। यह लैप्रोस्कोप नामक एक लंबी, पतली ट्यूब का उपयोग करता है। ट्यूब में एक छोटा वीडियो कैमरा और सर्जिकल उपकरण हैं। चीरों के माध्यम से ट्यूब, कैमरा और उपकरण डाले जाते हैं। सर्जन टीवी मॉनीटर को देखते हुए सर्जरी करता है। 1 चीरे के माध्यम से पित्ताशय की थैली को हटा दिया जाता है।
- एक लेप्रोस्कोपिक कोलेसिस्टेक्टोमी कम आक्रामक है। इसका मतलब है कि यह आपके पेट में बहुत छोटे चीरों का उपयोग करता है। कम ब्लीडिंग होती है। रिकवरी का समय आमतौर पर ओपन सर्जरी से कम होता है। इस प्रकार की सर्जरी में 50,000 रुपये से लेकर 55,000 रुपये तक की लागत आ सकती है।
- कुछ मामलों में लैप्रोस्कोप दिखा सकता है कि आपका पित्ताशय बहुत बीमार है। या यह अन्य समस्याएं दिखा सकता है। तब सर्जन को आपके पित्ताशय की थैली को सुरक्षित रूप से निकालने के लिए एक ओपन सर्जरी पद्धति का उपयोग करना पड़ सकता है।
क्या दिल्ली में पित्ताशय की थैली की सर्जरी के लिए बीमा कवर मिलता है?
अधिकांश बीमा कंपनियां पित्ताशय की थैली की सर्जरी के लिए लागत कवरेज प्रदान करती हैं। जब गॉलस्टोन की स्थिति बिगड़ती है, तो यह रोगियों को गंभीर खतरे में डाल सकता है, इसलिए इसकी सर्जरी कराना जरुरी हो जाता है। स्वास्थ्य बीमा की मदद से आप इस सर्जरी में लगने वाले खर्च से बच सकते हैं। इस कवरेज में दवाइयों का खर्च और हॉस्पिटल्स का अन्य खर्च का वहन भी किया जाता है।
सारांश
दिल्ली में ऐसे कई हॉस्पिटल्स हैं जहां आप पित्ताशय की थैली की सर्जरी करवा सकते हैं। हालांकि सभी हॉस्पिटल्स की फीस अलग-अलग हो सकती हैं। इस सर्जरी के लिए आप जिस तरह का हॉस्पिटल का चयन करेंगे, आपके सर्जरी की लागत उसी प्रकार से आएगी। हां, अगर आपने स्वास्थ्य बीमा लिया है तो आप इस लागत से बच सकते हैं।
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मरीजों की प्रतिक्रिया
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