दिल्ली में मोतियाबिंद ऑपरेशन की लागत
दिल्ली में मोतियाबिंद ऑपरेशन के बेस्ट डॉक्टर
दिल्ली में मोतियाबिंद की सर्जरी की लागत कितनी है?
मोतियाबिंद एक ऐसी बीमारी है, जो कई सालों में धीरे-धीरे विकसित होता है और इस बीमारी की वजह से दृष्टि में धुंधलापन या अस्पष्टता की समस्या उत्पन्न हो जाती है। दिल्ली के कई अस्पतालों में मोतियाबिंद की सर्जरी करवाई जा सकती है।
अगर आप दिल्ली में मोतियाबिंद की सर्जरी की लागत जानना चाहते हैं, तो यह लेख आपकी काफी मदद करेगा। साथ ही इस लेख के माध्यम से आपको यह भी पता चलेगा कि इस लागत को कौन-कौन से कारक प्रभावित कर सकते हैं और कैसे।
दरअसल, दिल्ली में मोतियाबिंद के सर्जरी की न्यूनतम लागत 25,000 हजार रुपये जबकि अधिकतम लागत 1,40,000 रुपये तक हो सकती है। वहीं इस सर्जरी की औसत लागत लगभग 60,000 रुपये हो सकती है। हालांकि, अस्पताल के बिल और सर्जन का शुल्क जैसे कुछ कारक इस बिल को प्रभावित कर सकते हैं।
मरीज जिस अस्पताल में यह सर्जरी करवाना चाहता है, वहां के मेडिकल कॉर्डिनेटर से संपर्क कर एनल फिशर सर्जरी की कुल लागत की जानकारी हासिल कर सकता है।
आप हमारे माध्यम से भी सर्जरी करा सकते हैं। हम आपको निम्नलिखित सुविधाएं उपलब्ध कराएंगे
- हम आपको अनुभवी और विशेषज्ञ सर्जन तक पहुंचने में मदद करेंगे।
- तकनीकी सुविधाओं से लेस एम्बुलेंस सेवा उपलब्ध है, वह भी बिलकुल मुफ्त।
- सर्जरी की कुल लागत को इएमआई पर अदा करने की सुविधा उपलब्ध है।
- सर्जरी के बाद निशुल्क परामर्श सुविधा उपलब्ध है।
दिल्ली में विभिन्न प्रकार के मोतियाबिंद की सर्जरी की लागत
ट्रीटमेंट के प्रकार | औसत कीमत | न्यूनतम कीमत | अधिकतम कीमत |
---|---|---|---|
फेकॉइम्यूलिस्फिकेशन सर्जरी | ₹52,000 | ₹40,000 | ₹64,000 |
फेको इमल्सीफिकेशन मोतियाबिंद सर्जरी | ₹30,000 | ₹25,000 | ₹60,000 |
फेम्टोसेकंड लेजर असिस्टेड मोतियाबिंद सर्जरी | ₹60,000 | ₹50,000 | ₹70,000 |
मैनुअल स्मॉल-इंसीजन मोतियाबिंद सर्जरी (MSICS) | ₹30,000 | ₹20,000 | ₹60,000 |
माइक्रो इंसीजन मोतियाबिंद सर्जरी | ₹65,000 | ₹60,000 | ₹70,000 |
इंट्राकैप्सुलर मोतियाबिंद सर्जरी | ₹60,000 | ₹50,000 | ₹70,000 |
एक्स्ट्राकैप्सुलर मोतियाबिंद सर्जरी | ₹60,000 | ₹50,000 | ₹70,000 |
अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न
दिल्ली में मोतियाबिंद की सर्जरी से पहले होने वाली जांच की लागत
मोतियाबिंद की सर्जरी से पहले सर्जन कई तरह की जांच कराने की सलाह दे सकता है। इन जांचों के परिणाम से वे मोतियाबिंद होने की वजह और बीमारी की गंभीरता जैसी महत्वपूर्ण जानकारियों को प्राप्त करते हैं।
- फिर उसी के अनुसार, मोतियाबिंद के उपचार की विधि और सर्जरी की तकनीक का चयन करते हैं। साथ ही सर्जन यह भी पता करते हैं कि मरीज के शरीर में कोई ऎसी बीमारी मौजूद तो नहीं जिसकी वजह से सर्जरी के बाद मरीज को जोखिम का सामना करना पड़े।
- सर्जन द्वारा सूझी गए इन जांचों की लागत भी विभिन्न जांच केंद्रों में अलग-अलग हो सकती है। तो चलिए जानते हैं की मोतियाबिंद की सर्जरी से पहले सर्जन मुख्य रूप से कौन-कौन सी जांच करवा सकते हैं और उनकी लागत लगभग कितनी हो सकती है-
- दृश्य तीक्ष्णता परीक्षण: 500 रुपये से 1000 रुपये तक
- ए-स्कैन: 800 रुपये से 1200 रुपये तक
- बायोमेट्री टेस्ट: 700 रुपये से 1000 रुपये तक
- प्यूपिल डाइलेशन: 500 रुपये से 1000 रुपये तक
- स्लिट-लैंप परीक्षा: 300 रुपये से 800 रुपये तक
- रेटिनल परीक्षा: 500 से 1000 रुपये तक
- अप्लीकेशन टोनोमेट्री: 800 से 1200 रुपये
- कंट्रास्ट सेंसिटिविटी: 500 रुपये से 1000 रुपये
मरीज के हिसाब से मोतियाबिंद की सर्जरी की लागत में अंतर क्यों होता है?
मरीज के हिसाब से मोतियाबिंद की सर्जरी की लागत में अंतर आने के लिए निम्नलिखित कारक जिम्मेदार हो सकते हैं -
- उम्र: अप्रत्यक्ष रूप से मरीज की उम्र मोतियाबिंद की सर्जरी की लागत में अंतर होने के लिए जिम्मेदार हो सकती है। दरअसल, एक उम्र के बाद महिला या पुरुष दोनों को मोतियाबिंद की समस्या होना आम बात है। इसके साथ ही बढ़ती उम्र के साथ प्रतिरोधक क्षमता के कमजोर होने के कारण अन्य बीमारियां भी शरीर में घर करने लगती है।
- इनमें कुछ ऎसी बीमारी भी हो सकती है, जो मोतियाबिंद की वजह हो या इसकी सर्जरी को प्रभावित करे। ऐसे में सर्जन मोतियाबिंद की सर्जरी के साथ-साथ उस अन्य बीमारी का भी इलाज कर सकता है, जिसकी वजह से सर्जरी की लागत में बढ़ोत्तरी देखने को मिल सकती है।
- बीमारी की गंभीरता: जांच में यह स्पष्ट होता है कि मोतियाबंद से पीड़ित व्यक्ति में बीमारी की स्थिति क्या है। इसी स्थिति यानी कि गंभीरता के आधार पर सर्जन बीमारी का इलाज करता है सर्जरी की तकनीक का चयन कर सकता है। चूंकि, मोतियाबिंद के लिए प्रयोग की जाने वाली विभिन्न प्रकार की सर्जरी की लागत में अंतर हो सकता है। इस वजह से बीमारी की गंभीरता के आधार पर भी सर्जरी की लागत प्रभावित हो सकती है।
दिल्ली में मोतियाबिंद की सर्जरी की लागत पर कौन सी चीजें प्रभाव डालती हैं?
ऐसे कई कारक हैं जो मोतियाबिंद की सर्जरी की लागत को प्रभावित कर सकते हैं। कुछ महत्वपूर्ण कारक निम्नलिखित हैं-
- सर्जरी की तकनीक: मोतियाबिंद की सर्जरी के लिए कई तरह की तकनीक का इस्तेमाल किया जाता है। और सभी तकनीकों की लागत अलग अलग हो सकती है। ऐसे में सर्जन जिस तकनीक का इस्तेमाल करता है, उसी हिसाब से सर्जरी की लगत प्रभावित हो सकते हैं:
- अस्पताल का चयन: सभी अस्पतालों का शुल्क होता है और यह शुल्क अस्पताल में मिलने वाली आधुनिक सुविधाओं, उपकरणों और सुख-साधनों से अनुसार तय होती है।
- इस वजह से आप मोतियाबिंद की सर्जरी के लिए जिस तरह के अस्पताल का चयन करते हैं, उसी के अनुसार आपके सर्जरी की लागत बढ़ती या घटती है। उदाहरण के लिए एक निजी अस्पताल में सरकारी अस्पताल की तुलना में सर्जरी की लागत ज्यादा हो सकती है।
- सर्जन की फीस: मोतियाबिंद की सर्जरी के लिए आपके द्वारा चयनित सर्जन का शुल्क भी मोतियाबिंद की सर्जरी की लागत को प्रभावित कर सकते हैं। दरअसल , ज्यादा अनुभवी और पेशेवर सर्जन की फीस कम अनुभवी सर्जन की फीस की तुलना में ज्यादा हो सकती है।
- इंट्राओकुलर लेंस का प्रकार: मोतियाबिंद की सर्जरी आँखों में लगाए जाने वाले इंट्राओकुलर लेंस भी सर्जरी की लागत पर असर डाल सकते हैं। दरअसल यह लेंस कई प्रकार के होते हैं और इनकी लागत भी अलग अलग हो सकती है।
- इस वजह से सर्जरी के दौरान दौरान जिस प्रकार का इंट्राओकुलर लेंस इस्तेमाल करता है, उसी के अनुसार सर्जरी की लागत प्रभावित होती है। प्रीमियम लेंसों की कीमत आम तौर पर मानक लेंसों से अधिक होती है।
- अतिरिक्त परीक्षण और प्रक्रियाएं: कई बार मरीजों को मोतियाबिंद की सर्जरी के पहले देखभाल की आवश्यकता होती है और कई बार बाद में। कुछ मामलों में तो दोनों ही सूरत में मरीजों को ज्यादा देखभाल की आवश्यकता हो सकती है। इस देखभाल की वजह से भी सर्जरी की लागत प्रभावित हो सकती है।
दिल्ली में मोतियाबिंद सर्जरी के विभिन्न घटकों की लागत कितनी है?
मोतियाबिंद की सर्जरी के लिए कई प्रकार की तकनीकों का इस्तेमाल किया जाता है और सभी तकनीकों की लागत भी अलग-अलग हो सकती है। तो चलिए जानते हैं कि ये तकनीक कौन-कौन से हैं और इसकी लागत कितनी है।
- फेकोमल्सीफिकेशन (फेको) मोतियाबिंद सर्जरी: मोतियाबिंद सर्जरी का यह प्रकार एक आधुनिक सर्जिकल तकनीक है। फेकोइमल्सीफिकेशन सर्जरी के दौरान, कॉर्निया में एक छोटा सा चीरा लगाया जाता है, जो आंख के सामने का साफ हिस्सा होता है।
- फिर, चीरे के माध्यम से एक छोटी प्रोब डाली जाती है जो उच्च आवृत्ति वाली अल्ट्रासाउंड तरंगों के माध्यम से क्लाउड लेंस को छोटे टुकड़ों में तोड़ देती हैं, जिन्हें बाद में सक्शन के माध्यम से हटा दिया जाता है। धुंधले लेंस को हटाने के बाद, प्राकृतिक लेंस को बदलने के लिए एक कृत्रिम लेंस को आँख में डाला जाता है। दिल्ली में इस सर्जरी की लागत 40,000 रुपये से लेकर 80,000 रुपये तक हो सकती है।
- एक्स्ट्राकैप्सुलर मोतियाबिंद सर्जरी: एक्स्ट्राकैप्सुलर मोतियाबिंद सर्जरी (ईसीसीई) एक पुरानी सर्जिकल तकनीक है जिसका उपयोग आंख से मोतियाबिंद को हटाने के लिए किया जाता है। इस तकनीक के दौरान, कॉर्निया में एक बड़ा चीरा लगाया जाता है ताकि क्लाउड लेंस को एक टुकड़े में हटा दिया जाए, जिससे लेंस कैप्सूल का पिछला हिस्सा जगह पर रह जाए। फिर प्राकृतिक लेंस को बदलने के लिए कृत्रिम लेंस को कैप्सूल में डाला जाता है।
- यह अब अधिक उन्नत फेकोइमल्सीफिकेशन (फेको) मोतियाबिंद सर्जरी की तुलना में कम उपयोग किया जाता है, लेकिन अभी भी कभी-कभी ऐसे मामलों में किया जाता है जहां फेकैमेसिफिकेशन उपयुक्त नहीं है, जैसे कि बहुत उन्नत मोतियाबिंद के साथ।
- ईसीसीई के लिए रिकवरी का समय फेकोइमल्सीफिकेशन सर्जरी की तुलना में लंबा है और बड़े चीरे के कारण रक्तस्राव और संक्रमण जैसी जटिलताओं का खतरा अधिक होता है।
- लेजर-असिस्टेड मोतियाबिंद सर्जरी: लेजर-असिस्टेड मोतियाबिंद सर्जरी (LACS) एक प्रकार की आधुनिक मोतियाबिंद सर्जरी है जो प्रक्रिया के कुछ चरणों में सहायता के लिए लेजर का उपयोग करती है।
- एलएसीएस के दौरान, कॉर्निया में सटीक चीरों को बनाने और मोतियाबिंद को नरम करने और तोड़ने के लिए एक फेमटोसेकंड लेजर का उपयोग किया जाता है, जिसे बाद में सक्शन का उपयोग करके हटा दिया जाता है। इसके बाद अन्य मोतियाबिंद सर्जरी की तरह कृत्रिम लेंस को आंख में डाला जाता है।
क्या दिल्ली में मोतियाबिंद की सर्जरी के लिए बीमा कवर मिलता है?
सभी बीमा कंपनियों में मोतियाबिंद की सर्जरी को कवर करने की उपलब्धता अलग-अलग होती है। वैसे तो ज्यादातर कंपनियां मोतियाबिंद सर्जरी को कवर करती हैं, लेकिन कुछ बीमा कंपनियां केवल अपने नेटवर्क अस्पतालों में ही इस सर्जरी के लिए कवर प्रदान करती हैं। ऐसे में सर्जरी से पहले आपको अपने स्वास्थ्य बीमा प्रदाता से संपर्क जरूर करना चाहिए।
सारांश
दिल्ली में कई अस्पताल हैं जहाँ आप मोतियाबिंद की सरहरी करा सकते हैं। हालांकि किसी भी अस्पताल में सर्जरी कराने से पहले वहां इसकी लागत जानना बेहद जरूरी है। यह जानकारी आपको अस्पताल में कार्यरत मेडिकल कॉर्डिनेटर के माध्यम से प्राप्त हो सकती है। इसके अलावा सर्जरी से पहले आप को अपने स्वास्थ्य बीमा प्रदाता से भी सम्पर्क करना चाहिए।