किडनी की पथरी
पथरी के लक्षण
लक्षण मुख्यतया इस बात पर निर्भर करते हैं कि पथरी का आकार क्या है और कहां स्थित है।
1. छोटे-छोटे टुकड़े गुर्दे में पड़े रहें तो इनका पता नहीं चलता, न कोई कष्ट ही होता है, लेकिन जैसे ही यह टुकड़ा ‘यूरेटर’ में प्रवेश करता है, वैसे ही अचानक भयंकर दर्द होता है जिसे ‘रेनलकॉलिक’ कहते हैं।
2. कमर में तीव्र अथवा हलका दर्द पीछे की तरफ बना रहना एवं चलने-फिरने पर दर्द बढ़ जाना।
3. ‘रेनलकॉलिक’ अचानक शुरू होता है, दर्द की तीव्रता बढ़ती जाती है और यह जांघों, अण्डकोषों, वृषण, स्त्रियों में योनिद्वार तक पहुंच जाता है।
4. कभी-कभी मूत्र मार्ग में पथरी फंसने के कारण पेशाब बंद हो जाता है।
5. कभी-कभी मूत्र-मार्ग से छोटी पथरी के गुजरकर बाहर निकलने के बाद घाव हो जाने के कारण मूत्र-मार्ग से रक्त भी आ सकता है।
पथरी की जांच
1. पेशाब में लाल रक्त कोशिकाएं पाई जाती हैं।
2. एक्स-रे जांच (गुर्दो एवं मूत्राशय तथा मूत्र-मार्ग की) कराने पर पथरी स्पष्ट दिखाई पड़ती है |
3. यूरेटर (मूत्र नलियों) को रंगने वाले पदार्थ (डाई) की रक्त वाहिकाओं के द्वारा वहां तक पहंचाकर एक्स-रे करने पर और स्पष्ट पता चल जाता है।
4. अल्ट्रासाउंड (तरंगों की आवृति के द्वारा) जांच द्वारा भी सही-सही स्थिति का पता लगाया जा सकता है।