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यूरिनरी ट्रैक्ट इन्फेक्शन (मूत्र मार्ग संक्रमण): लक्षण, उपचार और कारण | UTI In Hindi

आखिरी अपडेट: Jun 24, 2023

यूरिनरी ट्रैक्ट इंफेक्शन या मूत्र मार्ग संक्रमण क्या होता है? । What is Urinary Tract Infection (UTI) in Hindi

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यूटीआई (UTI) या यूरिनरी ट्रैक्ट इन्फेक्शन, मूत्रमार्ग संक्रमण की बेहद सामान्य स्थिति है। यह तब होता है जब मूत्राशय और उसकी नली बैक्टीरिया से संक्रमित हो जाती है। बैक्टीरिया, मूत्रमार्ग के माध्यम से मूत्र पथ में प्रवेश करते हैं और मूत्राशय के अंदर फैलने व गुणा करने लगते हैं। इस स्थिति में बैक्टीरिया शरीर पर कब्जा कर लेते हैं और मूत्र पथ (UTI) के अंदर एक पूर्ण विकसित संक्रमण हो जाता है। यूटीआई (UTI), पुरुषों की तुलना में महिलाओं को अधिक होता है।

मूत्र मार्ग संक्रमण (यूटीआई) के प्रकार क्या हैं? - Types of Urinary Tract Infection (UTI) in Hindi

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  • सिस्टिटिस और ब्लैडर का इंफेक्शन:

    सिस्टिटिस आमतौर पर ई कोलाई (एस्चेरिचिया कोली) बैक्टीरिया के कारण होता है जो आमतौर पर जीआई (गैस्ट्रो-आंत्र) पथ में पाए जाते हैं। कई बार सेक्स के दौरान भी यह संक्रमण हो सकता है। महिलाओं की शारीरिक रचना के कारण इस प्रकार के संक्रमण का खतरा उन्हें अधिक बढ़ जाता है। दरअसल महिलाओं की यौन संरचना की बात करें तो उनके मूत्रमार्ग से गुदा तक की दूरी काफी कम होती है।

  • मूत्रमार्ग या मूत्रमार्ग का इंफेक्शन:

    मूत्रमार्गशोथ तब होता है जब जीआई बैक्टीरिया गुदा से मूत्रमार्ग में फैलता है। गोनोरिया, दाद, क्लैमाइडिया और मायकोप्लाज्मा जैसे यौन संचारित रोग भी इस बीमारी की संभावना को बढ़ाते हैं।

मूत्र मार्ग संक्रमण (यूटीआई) के लक्षण क्या हैं? - Urinary Tract Infection (UTI) Symptoms in Hindi

मूत्र मार्ग संक्रमण के शुरुआती लक्षण:

  • कम मात्रा में पेशाब का बार-बार आना
  • पेशाब करने की तीव्र इच्छा होना
  • पेशाब करते समय जलन महसूस होना
  • पेशाब से बदबू आना
  • मांसपेशियों में दर्द
  • पेट दर्द
  • महिलाओं में श्रोणि केंद्र और जघन क्षेत्र के आसपास दर्द

एक्यूट पाइलोनफ्राइटिस के लक्षण:

  • जी मचलना
  • उल्टी
  • पेट दर्द
  • तेज बुखार और ठंड लगना

मूत्रमार्गशोथ के लक्षण

  • वैजाइना से डिस्चार्ज
  • पेशाब करते समय जलन
  • पेट में परेशानी
  • पेल्विक दबाव
  • मूत्र में रक्त आना
  • पेशाब करने में दर्द होना

मूत्र मार्ग संक्रमण (यूटीआई) के कारण क्या हैं? । Urinary Tract Infection (UTI) Causes in Hindi

ई कोलाई बैक्टीरिया मूत्र पथ के संक्रमण का मुख्य कारण हैं। UTI इंफेक्शन के अन्य कारण नीचे दिए जा रहे हैं:

  • अधिक बार, तीव्र और कई लोगों के साथ सेक्स करने पर UTI हो सकता है।
  • डायबिटीज रोगियों को यू.टी.आई का खतरा अधिक होता है।
  • गंदगी से रहने की आदत के कारण UTI हो सकता है।
  • पेशाब के देर तक रोककर रखने या मूत्राशय को पूरी तरह से खाली न करने से UTI हो सकता है।
  • दस्त के कारण UTI हो सकता है।
  • पेशाब करने में बाधा उत्पन्न होने पर UTI हो सकता है।
  • पथरी होने के कारण UTI हो सकता है।
  • गर्भनिरोधक दवाओं का अत्यधिक उपयोग करने से UTI की संभावना बढ़ जाती है।
  • रजोनिवृत्ति काल में UTI होना सामान्य बात है।
  • कमजोर इम्यून सिस्टम होने पर UTI हो सकता है।
  • एंटीबायोटिक दवाओं का अधिक उपयोग करने से UTI हो सकता है।

क्या यूटीआई अपने आप दूर हो सकता है?

यूटीआई या यूरिनरी ट्रैक्ट इन्फेक्शन बिना एंटीबायोटिक दवाओं के अपने आप दूर हो सकता है। शरीर एक सप्ताह के भीतर एक मामूली यूटीआई को ठीक कर सकता है। लगभग 25% से 50% महिलाओं को दवा की आवश्यकता नहीं होती है। हालांकि, कुछ गंभीर मामलों में, यूटीआई के इलाज के लिए एंटीबायोटिक्स आवश्यक हैं।

यूटीआई कितने समय तक रहता है?

यूटीआई काफी आम संक्रमण है। यह संक्रमण वायरस, बैक्टीरिया और फंगस के कारण हो सकता है। एंटीबायोटिक्स की मदद से यूटीआई 24 घंटे से 48 घंटे के भीतर दूर हो सकता है। हालांकि, अगर संक्रमण किडनी तक पहुंच गया है, तो यूटीआई को दूर होने में एक सप्ताह या उससे अधिक समय लग सकता है।

क्या कोई पुरुष किसी महिला को यूटीआई दे सकता है?

नहीं, पुरुष किसी महिला को यूटीआई नहीं दे सकता, यह सेक्स के दौरान एक साथी से दूसरे में संचारित नहीं होता है। यूटीआई, यूरिनरी ट्रैक्ट में बैक्टीरिया के बढ़ने या उनके विकास करने के कारण होता है। पुरुषों और महिलाओं दोनों को यूटीआई होता है, लेकिन यह महिलाओं में अधिक आम है।

यूटीआई के लिए डॉक्टर को कब दिखाना चाहिए?

यह सलाह दी जाती है कि यदि आप यूटीआई के लक्षण देखते हैं, बार-बार यूटीआई प्राप्त करते हैं, लक्षणों में दिनों में सुधार नहीं होता है और यदि संक्रमण किडनी तक पहुंच गया है और निम्नलिखित लक्षण हैं तो डॉक्टर को दिखाने की सलाह दी जाती है:

  • कांपना
  • भ्रम की स्थिति
  • बुखार
  • प्रभावित साइड पर दर्द
  • घबराहट
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यूटीआई संक्रमण कैसे होता है?

यूटीआई (UTI) मुख्य रूप से ई-कोलाई बैक्टीरिया के कारण होता है। संक्रमण के दौरान यह बैक्टीरिया मूत्रमार्ग से होते हुए ब्लैडर तक पहुंच जाता है। यह मूत्र संबंधी रोगों का कारण बनता है। UTI संक्रमण पुरुषों की तुलना में महिलाओं में अधिक होता है।

क्या डायबिटीज के मरीज को UTI का खतरा अधिक होता है?

डायबिटीज के मरीजों में यूटीआई का खतरा अधिक होता है। दरअसल डायबिटीज मरीजों का इम्यून सिस्टम कमजोर होता है और हाई ब्लड शुगर लेवल, यूरिन में फैलकर बैक्टीरिया को बढ़ाने का काम करता है। इसके अलावा एक वजह यह भी है की डायबिटीज के मरीजों का ब्लैडर पूरी तरह खाली नहीं होता है जिससे यूटीआई की संभावना बनी रहती है। ऐसे में डायबिटीज के मरीजों को UTI के शुरुआती लक्षण दिखते ही डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए।

क्या अधिक सेक्स करने से UTI का खतरा अधिक होता है?

हां, सेक्सुअली एक्टिव महिलाओं में UTI इंफेक्शन होने की संभावना अधिक होती है। इसके अलावा कम पानी पीने वाले, एक दिन में कई बार नहाने वाले, बहुत देर तक पेशाब को रोक कर रखने वाले और किडनी स्टोन के मरीजों को भी UTI इंफेक्शन जल्दी हो सकता है।

मूत्र पथ के संक्रमण का निदान कैसे किया जाता है?

मूत्र पथ के संक्रमण का निदान निम्नलिखित चरणों में किया जाता है:

  • लैब टेस्ट और यूरिन सैंपल का संग्रह: यह बैक्टीरिया की उपस्थिति का पता लगाने के साथ-साथ सफेद रक्त और लाल रक्त कोशिका की काउंटिंग प्राप्त करने के लिए किया जाता है।
  • यूरिन कल्चर: यह संक्रमण के लिए जिम्मेदार बैक्टीरिया की पहचान करता है।
  • मूत्र पथ की रेडियोग्राफिक इमेजिंग: इसमें मूत्र पथ में किसी भी प्रकार की असामान्यता का पता लगाने के लिए अल्ट्रासाउंड, सीटी स्कैन और एमआरआई की जाती है।
  • सिस्टोस्कोपी: यह मूत्र पथ या मूत्राशय में किसी भी असामान्यता का पता लगाने के लिए किया जाता है।

मूत्र मार्ग संक्रमण (यूटीआई) के जोखिम कारक क्या हैं?

  • ऐसे बच्चे जिनमें जन्म के साथ ही मूत्र पथ की असामान्यताएं होती हैं और मूत्र को सामान्य तरीके से शरीर से बाहर नहीं छोड़ पाते हैं। ऐसे बच्चों में UTI होने का खतरा बढ़ जाता है।
  • बढ़े हुए प्रोस्टेट या किडनी में स्टोन, मूत्राशय में मूत्र को फंसा सकती है, जिससे इस बीमारी का खतरा बढ़ सकता है।
  • इम्यून सिस्टम को प्रभावित करने वाले रोग जैसे डायबिटीज, एड्स, कैंसर और अन्य रोग UTI के जोखिम को बढ़ा सकते हैं।
  • मूत्र पथ की जांच इस्तेमाल किए गए उपकरणों या हाल ही में हुई किसी सर्जरी प्रक्रिया के कारण UTI होने की संभावना बढ़ सकती है।

मूत्र मार्ग संक्रमण (यूटीआई) का इलाज कैसे करें?

बच्चे के लिए यूटीआई उपचार:

बच्चों में मूत्र मार्ग संक्रमण के कारण किडनी को होने वाले नुकसान से बचाने के लिए तत्काल चिकित्सा की आवश्यकता होती है। यदि संक्रमण सरल है, तो मौखिक दवाओं की सलाह दी जा सकती है। आमतौर पर, बच्चों को एमोक्सिसिलिन और क्लैवुलैनिक एसिड, सेफलोस्पोरिन, सल्फामेथोक्साज़ोल-ट्रिमेथोप्रीम, डॉक्सीसाइक्लिन (8 वर्ष से अधिक), और नाइट्रोफ्यूरेंटाइन दवाएं दी जाती हैं। यदि UTI गंभीर है, तो अस्पताल में भर्ती या IV तरल पदार्थ प्रशासित किए जा सकते हैं।

पुरुष के लिए यूटीआई उपचार:

आमतौर पर, पुरुषों का मूत्र मार्ग संक्रमण जटिल होता है। इसके उपचार के जरिए गुर्दे और ऊपरी मूत्र पथ में फैलने वाले संक्रमण को रोका जा सकता है। आमतौर पर बैक्टीरिया को मारने और मूत्राशय के दर्द व अन्य लक्षणों को कम करने के लिए दर्द निवारक दवाओं के साथ एंटीबायोटिक दवाओं का इस्तेमाल किया जा सकता है। इसके लिए न्यूनतम एंटीबायोटिक उपचार योजना 7 दिनों की होती है। यदि आवश्यक हो तो एंटीबायोटिक कोर्स को आगे बढ़ाया जा सकता है।

महिलाओं के लिए यूटीआई उपचार:

महिलाओं के जननांग की जटिल संरचना होने के कारण उन्हें बार-बार UTI संक्रमित होने की संभावना अधिक होती है। ऐसे में एंटीबायोटिक दवाओं की मदद से महिलाओं में होने वाले UTI को दूर किया जा सकता है।

उपचार के लिए कौन पात्र है?

यूरिनरी ट्रैक्ट इन्फेक्शन केवल हल्के मामलों में ही अपने आप ठीक हो सकता है। हालांकि, ज्यादातर स्थितियों में, उचित उपचार और देखभाल के लिए किसी विशेषज्ञ से परामर्श करने की आवश्यकता होती है। यूटीआई के ऐसे मामले निम्नलिखित लक्षणों के साथ होते हैं:

  • पेशाब के दौरान जलन महसूस होना।
  • पॉल्यूरिया (अधिक मात्रा में पेशाब करना)।
  • पेशाब करने की तीव्र इच्छा का बने रहना।
  • झागदार पेशाब करना।
  • मूत्र में रक्त आना।
  • मूत्र में तेज बदबू आना।
  • महिलाओं में गंभीर पैल्विक दर्द होना।

उपचार के लिए कौन पात्र नहीं है?

मूत्र पथ के संक्रमण के हल्के मामलों में आमतौर पर उपचार की आवश्यकता नहीं होती है। ऐसे मामलों में, संक्रमण के लिए कुछ दिनों के भीतर, स्व-देखभाल या घरेलू उपचारों के उपयोग और बिना एंटीबायोटिक दवाओं के अपने आप ठीक हो जाता है। ऐसे मामलों में एंटीबायोटिक दवाओं को लेने से बचना चाहिए। इससे शरीर में एंटीबायोटिक दवाओं के प्रतिरोध के विकास की संभावना बढ़ जाती है।

उपचार के बाद दिशानिर्देश क्या हैं?

मूत्र पथ के संक्रमण के मामले में उपचार के बाद के दिशानिर्देशों में आम तौर पर शामिल हैं:

  • अधिक मात्रा में पानी का सेवन करें। इससे संक्रमण पैदा करने वाले बैक्टीरिया को शरीर से बाहर निकालने में मदद मिल सकती है
  • पेशाब करने या शौच के बाद मूत्रमार्ग या गुदा के आसपास अच्छे से सफाई करें।
  • सेक्स करने के तुरंत बाद पेशाब जरूर करें।
  • दही के साथ-साथ सौकरकूट और अचार जैसे प्रोबायोटिक्स का सेवन करें। यह किण्वित खाद्य पदार्थों के उदाहरण हैं।
  • ब्लूबेरी जैसे फलों का सेवन करें।
  • शुगर फ्री जैसे क्रैनबेरी का जूस पिएं।

मूत्र मार्ग संक्रमण (यूटीआई) के लिए सबसे अच्छी दवा क्या है?

एंटीबायोटिक्स दवाएं इंफेक्शन पैदा करने वाले बैक्टीरिया को मारकर यूटीआई इंफेक्शन का इलाज करने में मदद करती हैं। मरीज को इन दवाओं का सेवन केवल डॉक्टर के प्रिस्क्रिप्शन के अनुसार ही करने की सलाह दी जाती है। यदि समय पर इलाज न किया जाए, तो UTI किडनी को गंभीर रूप से नुकसान पहुंचा सकता है।

यूटीआई के बेहतर इलाज के लिए सबसे अच्छे एंटीबायोटिक्स नीचे दी गई हैं:

  • सिप्रोफ्लोक्सासिन
  • अमोक्सिसिलिन
  • लेवोफ्लॉक्सासिन
  • नाइट्रोफ्यूरेन्टोइन
  • ट्राइमेथोप्रिम
  • सल्फामेथोक्साज़ोल

फ़्लोरोक्विनोलोन, एंटीबायोटिक दवाओं के समूह की दवाएं जैसे लेवोफ़्लॉक्सासिन, सिप्रोफ्लोक्सासिन और अन्य आमतौर पर सरल यूटीआई के इलाज के लिए अनुशंसित नहीं हैं। इन दवाइयों के साइड इफेक्ट्स के कारण UIT संक्रमण के इलाज में इस्तेमाल नहीं किया जाता है। हालांकि किडनी इंफेक्शन जैसे जटिल यूटीआई के मामले में, मरीज को फ़्लोरोक्विनोलोन दवा दी जा सकती है।

मूत्र मार्ग संक्रमण (यूटीआई) से जुड़ी जटिलताएं क्या हैं?

पायलोनेफ्राइटिस यानी की क्रोनिक किडनी इंफेक्शन से स्थायी किडनी डैमेज का कारण बन सकता है। यह एक अनुपचारित यूटीआई का कारण होता है। यूटीआई संक्रमित गर्भवती महिलाएं कम वजन के शिशुओं को जन्म दे सकती हैं। बार-बार UTI से संक्रमित होने वाले पुरुषों में मूत्रमार्ग सख्ती या संकीर्णता हो सकती है। विशेषज्ञों के अनुसार, जिन महिलाओं ने तीन या तीन से अधिक बार यूटीआई का अनुभव किया है, वे बार-बार होने वाले यूटीआई संक्रमण के लिए अतिसंवेदनशील हो सकती हैं। हालांकि इससे सेप्सिस तभी हो सकता है जब इस संक्रमण अनुपचारित छोड़ दिया जाता है। ऐसी परिस्थितियों में यह जीवन के लिए खतरा पैदा कर सकता है।

यदि यूटीआई का इलाज न किया जाए तो क्या होगा?

यदि यूटीआई (UTI) का समय पर इलाज न किया गया तो यह किडनी में संक्रमण को बढ़ा सकता है। इससे कई अन्य बीमारियों का खतरा बढ़ सकता है। गंभीर मामलों में यूटीआई (UTI), सेप्सिस का कारण बन सकता है जो संक्रमण की घातक प्रतिक्रिया है। यदि UTI के लक्षणों में सुधार नहीं होता है तो यह बुखार को बढ़ा सकता है, ब्रेन फॉग, कमजोर नाड़ी, अत्यधिक पसीना और अतालता का कारण बन सकता है।

रात में यूटीआई खराब क्यों होता है?

यूटीआई से पीड़ित कई महिलाएं मूत्र उत्पादन में कमी के कारण रात में UTI के सबसे खराब लक्षणों का अनुभव करती हैं। यही वजह है की मूत्राशय में दर्द और परेशानी बढ़ जाती है।

यूरिनरी ट्रैक्ट इन्फेक्शन से ठीक होने में कितना समय लगता है?

मूत्र पथ संक्रमण (UTI) को पूरी तरह से ठीक होने की समय अवधि, संक्रमण की गंभीरता पर निर्भर करती है। सामान्य व हल्के मामले या ऐसे मामले जिनमें एंटीबायोटिक दवाओं की आवश्यकता नहीं होती है, UTI के उन मामलों को ठीक होने में कुछ ही दिन का समय लगता है।

हालांकि, जिन मामलों में एंटीबायोटिक दवाओं की मदद से इलाज किया जाता है, उन्हें पूरी तरह से ठीक होने में एंटीबायोटिक दवाओं का पूरा कोर्स करना होता है। एंटीबायोटिक के प्रकार के आधार पर इसका इलाज कुछ दिन या उससे अधिक तक हो सकता है।

भारत में मूत्र पथ के संक्रमण के उपचार की कीमत क्या है?

भारत में मूत्र पथ के संक्रमण के उपचार की कीमत में मुख्य रूप से उपचार के लिए अनुशंसित एंटीबायोटिक दवाओं के पूरे कोर्स से संबंधित खर्च शामिल है। यह 222रु से 22,255 रु के बीच हो सकता है। इसमें लैब टेस्ट और डॉक्टर की फीस शामिल है।

यूरिनरी ट्रैक्ट इन्फेक्शन में क्या खाएं?

मूत्र पथ संक्रमण (UTI) से निपटने के लिए दवाओं के साथ स्वस्थ भोजन खाना बेहद जरूरी होता है। इसलिए हमारे लिए उन खाद्य पदार्थों के बारे में जानना महत्वपूर्ण है जो यूटीआई की स्थिति को सकारात्मक असर करते हैं और तेजी व आसान रिकवरी करने में मदद करते हैं। UTI के इलाज में मदद करने वाले कुछ खाद्य पदार्थ नीचे दिए जा रहे हैं:

  • दही के साथ-साथ सौकरकूट और अचार सहित प्रोबायोटिक्स का सेवन करें।
  • ब्लूबेरी जैसे फलों का सेवन करें।
  • क्रैनबेरी (शुगर फ्री) का जूस पिएं।
  • ज्यादा से ज्यादा पानी पिएं।

यूरिनरी ट्रैक्ट इन्फेक्शन में क्या नहीं खाना चाहिए?

UTI संक्रमण से तेज से रिकवरी करने के लिए निम्न खाद्य व पेय पदार्थों का सेवन नहीं करना चाहिए:

  • कैफीन का अत्यधिक सेवन न करें।
  • शराब का सेवन सीमित करें।
  • मसालेदार भोजन के सेवन से परहेज करें।
  • अम्लीय फलों का सेवन न करें।
  • कृत्रिम मिठास या अतिरिक्त चीनी के उपयोग से बचें।

यूरिनरी ट्रैक्ट इन्फेक्शन उपचार के क्या दुष्प्रभाव हैं?

मूत्र पथ संक्रमण (UTI) के लिए उपचार योजना में आमतौर पर हमलावर बैक्टीरिया के प्रकार और स्थिति की गंभीरता के आधार पर एंटीबायोटिक दवाओं का उपयोग शामिल है। आमतौर पर पसंद किए जाने वाले एंटीबायोटिक्स में सेफ्ट्रिएक्सोन, सेफैलेक्सिन, फॉस्फोमाइसिन, ट्राइमेथोप्रिम और मैक्रोडेंटिन शामिल हैं। हालांकि, यूटीआई के उपचार के दौरान एंटीबायोटिक दवाओं के कारण कुछ दुष्प्रभाव हो सकते हैं जो इस प्रकार हैं:

  • डायरिया
  • त्वचा पर चकत्ते
  • मतली और उल्टी की भावना
  • मध्यम या गंभीर सिरदर्द
  • तंत्रिका या कण्डरा (टेन्डन) को नुकसान

क्या उपचार के परिणाम स्थायी हैं?

UTI इलाज के ज्यादातर परिणाम स्थायी होते हैं। बार-बार होने वाले मूत्र पथ संक्रमण को एंटीबायोटिक दवाओं के जरिए प्रबंधित किया जा सकता है। बुजुर्गों में बार-बार होने वाले मूत्र पथ संक्रमण के लिए कभी-कभी सौम्य प्रोस्टेटिक हाइपरप्लासिया के सुधार औरमधुमेह मेलिटस जैसी बीमारियों के उपचार की आवश्यकता होती है।

मूत्र मार्ग संक्रमण (यूटीआई) को कैसे रोकें?

  • यूटीआई, को मूत्रमार्ग से बैक्टीरिया को बाहर निकालकर रोका जा सकता है। इसके लिए भरपूर पानी पिएं इससे बैक्टीरिया के विकास को खत्म करने में मदद मिलती है।
  • सुगंधित पाउडर, स्प्रे, डचे, डियोडरेंट, और अन्य उत्पादों को यूटीआई से दूर रखने से बचना चाहिए।
  • हमेशा सेक्स से पहले या बाद में जननांगों की सफाई करना आपको बैक्टीरिया से दूर रखने में मदद करता है।
  • शुक्राणुनाशक और चिकनाई वाले कंडोम के उपयोग से यूटीआई हो सकता है। ये बैक्टीरिया के विकास में योगदान करते हैं।

यूटीआई के साथ आप कैसे सोते हैं?

यूटीआई से पीड़ित मरीजों को असंयम पैंट या पैड के साथ सोने की सलाह दी जाती है। यह रात में और सोते समय पेशाब को कम करने में मदद करते हैं। इसके अतिरिक्त, दर्द को कम करने के लिए, पेट को गर्म करने और बेचैनी को कम करने के लिए गर्म पानी की बोतल का उपयोग किया जा सकता है। इसके अलावा, सोने से पहले मूत्राशय को पूरी तरह से खाली कर दें।

मूत्र मार्ग संक्रमण (यूटीआई) के लिए घरेलू उपचार क्या हैं?

यूटीआई के इलाज के लिए घरेलू उपचार हैं:

  • पेशाब रोकने से मूत्राशय में बैक्टीरिया विकसित हो सकते हैं और स्थिति और खराब हो सकती है। इसलिए जितनी जल्दी हो सके पेशाब करने की कोशिश करें।
  • क्रैनबेरी जूस पीने से यूटीआई को रोकने में मदद मिलती है क्योंकि इस जूस में प्रोएंथोसायनिडिन की मौजूदगी बैक्टीरिया को यूरिनरी ट्रैक्ट की लाइनिंग से चिपके रहने से रोकती है।
  • यदि मूत्र अधिक एसिडिक है, तो बैक्टीरिया के बढ़ने की संभावना कम होती है। ऐसे में विटामिन सी जिसमें एस्कॉर्बिक एसिड होता है, का इस्तेमाल कर UTI को दूर कर सकते हैं।
  • कैफीन, मसालेदार भोजन, शराब, निकोटीन, कृत्रिम मिठास और कार्बोनेटेड पेय से दूर रहें। ये मूत्राशय में जलन पैदा कर सकते हैं।
  • प्रोबायोटिक्स लेने से योनि में स्वस्थ बैक्टीरिया के विकास में मदद मिल सकती है।
  • पेट या पेल्विक एरिया पर गर्म पैड लगाने से दर्द से राहत मिल सकती है।

उपचार के विकल्प क्या हैं?

मूत्र पथ संक्रमण (UTI) के मामलों में मुख्य उपचार पद्धति में एक विशेषज्ञ की देखरेख में एंटीबायोटिक दवाओं का पूरा कोर्स शामिल है। उपचार के लिए कुछ वैकल्पिक तरीके हैं जिनमें क्रैनबेरी जूस का सेवन शामिल है। यह यूटीआई के जोखिम को रोकता है। हालांकि इसके बारे में कोई प्रमाण नहीं है।

मूत्र पथ के संक्रमण से पीड़ित लोगों के लिए शारीरिक व्यायाम:

UTI से बचने के लिए शारीरिक व्यायाम नियमित रूप से किया जाना चाहिए। व्यायम करने से आंत्र और मूत्राशय के कार्य को विनियमित करने में सहायता मिलती है। इसके अलावा पेल्विक फ्लोर एक्सरसाइज मांसपेशियों को मजबूत करने में मदद करती है, जो छींकने, हंसने, खांसने या अचानक पेशाब करने की इच्छा होने पर रिसाव को रोकती है।

सारांश: मूत्र पथ संक्रमण, ई कोलाई जैसे बैक्टीरिया के कारण होता है। इसे डॉक्टर की सलाह पर सही एंटीबायोटिक दवाओं का उपयोग करके ठीक किया जा सकता है। इन दवाओं में सेफ्ट्रिएक्सोन, सेफलेक्सिन, फोस्फोमाइसिन, ट्राइमेथोप्रिम और मैक्रोडेंटिन शामिल हैं। UTI संक्रमण की प्रारंभिक स्थितियों के नियंत्रण और प्रबंधन में स्व-देखभाल और घरेलू उपचार भी अच्छी तरह से काम करते हैं। यह संक्रमण पुरुषों की तुलना में महिलाओं को अधिक संक्रमित करता है।

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लेखकDr. Goma Bali Bajaj Diploma in geriatric,MBBS,MEM,Diploma In GeriatricGeneral Physician
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