बैंगलोर में घुटने की आर्थ्रोस्कोपी
आर्थ्रोस्कोपी घुटने की समस्याओं के निदान के लिए उपयोगी है। इसमें एक छोटी आर्थ्रोस्कोपिक कैमरा के माध्यम से चिकित्सक घुटने की जोड़ को देखता है और समस्या के मूल कारण का पता...read more
बैंगलोर में नी आर्थ्रोस्कोपी के लिए 915+ बेस्ट डॉक्टर
Dr. Sunil V Nukapur
Dr. George Raj
Dr. Venkatdeep Mohan
Dr. V G Rajan
Dr. Rahul Puri
Dr. Kiran Chouka
Dr. Deepak. C. E
Dr. Dharampal G K
Dr. Payal Khandelwal
Dr. Nagendra Babu Pogula
बैंगलोर में नी आर्थ्रोस्कोपी के लिए बेस्ट डॉक्टर
डॉक्टर का नाम | अस्पताल की फीस | लायब्रेट रेटिंग |
---|---|---|
Sunil V Nukapur | ₹ 300 | NA |
George Raj | ₹ 600 | 85 |
Venkatdeep Mohan | ₹ 500 | NA |
V G Rajan | ₹ 700 | 87 |
Rahul Puri | ₹ 400 | NA |
Kiran Chouka | ₹ 600 | NA |
Deepak. C. E | ₹ 300 | 89 |
Dharampal G K | ₹ 600 | NA |
Payal Khandelwal | ₹ 600 | 90 |
Nagendra Babu Pogula | ₹ 200 | 91 |
बैंगलोर में घुटने की आर्थ्रोस्कोपी पर रोगियों की प्रतिक्रिया
अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न
घुटने की आर्थोस्कोपी सर्जरी के लिए किस प्रकार का डॉक्टर सबसे अच्छा है?
आर्थोपेडिक सर्जन ही घुटने की आर्थोस्कोपी सर्जरी में माहिर होते हैं। आर्थोपेडिक सर्जन को मस्कुलोस्केलेटल सिस्टम से संबंधित स्थितियों और चोटों के निदान, उपचार और उसकी रोकथाम करने में विशेषज्ञता हासिल होती है। इसलिए जब भी आपको घुटनों से सम्बंधित कोई भी समस्या हो तो आपको एक अच्छे आर्थोपेडिक सर्जन का चुनाव करना चाहिए।
बैंगलोरे में घुटने की आर्थ्रोस्कोपी सर्जरी के लिए सबसे अच्छे डॉक्टर की तलाश कैसे करें?
बैंगलोर में घुटने की आर्थोस्कोपी सर्जरी के लिए एक अच्छे आर्थोपेडिक सर्जन का चुनाव करने मे आपकी मदद www.lybrate.com कर सकता है। इस वेबसाइट पर जाकर सिर्फ अपना अपॉइंटमेंट बुक करना होता है। यहीं से आपको चिकित्सक का अनुभव, शुल्क आदि की सारी जानकारी मिल सकती है। इसके अलावा आप ऑनलाइन किसी भी सर्जन का रिव्यू देखकर या अपने जान-पहचान के लोगों से भी किसी अच्छे सर्जन की जानकारी ले सकते हैं।
घुटने की आर्थोस्कोपी सर्जरी का मुख्य कारण क्या है?
अगर आपके घुटने में दर्द और सूजन रहती है और वह समय के साथ बढ़ती जा रही तो आपको आर्थोस्कोपी सर्जरी की आवश्यकता हो सकती है। सबसे पहले सर्जन घुटनों में हो रहे दर्द के कारण का पता लगाता है फिर उसके निदान की बात करता है। पहले नॉन सर्जिकल तरीके से सर्जरी की जाती है फिर सर्जिकल प्रक्रिया अपनाई जाती है।
घुटनों की निम्न समस्याओं में आर्थोस्कोपी की जा सकती है:
- मेनिस्कस टियर - यह घुटने में हड्डियों के बीच की जगह को लचीला बनाता है। कभी कभी यह चोट लगने से फट जाता या घिस जाता है इसको रिपेयर करने की आवश्यकता होती है।
- टूटे या एंटीरियर क्रूसिएट लिगामेंट या पोस्टेरियर क्रूसिएट लिगामेंट को ठीक करने के लिए
- टूटे या खराब हुए कोलेटरल लिगामेंट को रिपेयर के लिए
- सूजन या जोड़ों की परत खराब होने पर इसकी मरम्मत की जरुरत पड़ती है।
- बेकार सिस्ट को हटाने के लिए आर्थोस्कोपी का उपयोग किया जाता है जो गठिया की वजह से सूजन या दर्द का कारण बन रहा हो।
- इसके अलावा घुटनों की हड्डियों में फ्रैक्चर ठीक करनेके लिए।
मुझे कैसे पता चलेगा कि मुझे घुटने की आर्थ्रोस्कोपी की आवश्यकता है?
यदि आपके घुटने का दर्द असहनीय हो रहा और नॉनसर्जिकल उपचार से कोई लाभ नहीं मिल रहा तो तो डॉक्टर घुटने की आर्थ्रोस्कोपी की सिफारिश कर सकता है। यह सर्जरी घुटने में विभिन्न प्रकार की समस्याओं से होने वाले दर्द से छुटकारा दिलाती है। घुटने की विभिन्न समस्यायों के निदान और उपचार के लिए आर्थ्रोस्कोपिक सर्जरी का उपयोग किया जा सकता है:
- जब घुटने के दर्द बढ़ता जा रहा हो
- जकड़न
- घुटने को फैलाते समय कठिनाई
- दैनिक गतिविधियों में परेशानी
- पूर्वकाल स्वास्तिक स्नायु चोटों (एसीएल)
- पोस्टीरियर क्रूसिएट लिगामेंट्स (PCL)
- फटे हुए मेनिस्कस
- उपास्थि चोट और मरम्मत
- सूजा हुआ सिनोवियम
- हड्डी या उपास्थि के टुकड़े को हटाने में
क्या घुटने की आर्थोस्कोपी सर्जरी गंभीर है?
घुटने की आर्थोस्कोपी सर्जरी एक सुरक्षित और प्रभावी प्रक्रिया है। इस प्रक्रिया में जटिलताएं बहुत कम देखी जाती हैं। लेकिन इस सर्जरी में कुछ दुर्लभ परिस्थियों में जटिलताएं हो सकती हैं। ये जोखिम निम्नलिखित हो सकते हैं:
- संक्रमण
- रक्तस्राव
- रक्त के थक्के
- तंत्रिका क्षति
- एनेस्थीसिया की प्रतिक्रिया
- लक्षणों से छुटकारा पाने में विफलता
बैंगलोर में घुटने की आर्थ्रोस्कोपी का सबसे तेज़ तरीका क्या है?
घुटने मेंदर्द, सूजन, अकड़न और दैनिक कार्यों में परेशानी बढ़ती जाती है। तब सर्जन पहले दवाएं, फिजियोथेरेपी और व्यायाम के द्वारा मरीज का उपचार करने की कोशिश करता है। जब घुटने के दर्द को कम करने भौतिक चिकित्सा नाकाम रहती है तो सर्जिकल प्रक्रिया अपनाई जाती है। घुटने के उपचार के लिए सर्जिकल प्रक्रिया ही सबसे तेज तरीका है।
बैंगलोर में घुटने की आर्थोस्कोपी सर्जरी के लिए डॉक्टर से कब सलाह लें
- यदि आपके घुटने में निम्लिखित लक्षण नजर आए तब आपको सर्जन से तुरंत सपर्क करना चाहिए
- घुटने का दर्द जो लागातार बढ़ता ही जा रहा है
- घुटने की सूजन
- घुटने की अस्थिरता
- घुटने को लॉक होना या पकड़ना
- गति की सीमित सीमा
- दैनिक गतिविधियों में समस्या, जैसे चलने-फिरने, उठने में परेशानी आदि
सर्जन सबसे पहले कुछ परीक्षणों द्वारा आपके दर्द का करना समझेगा फिर उसके उपचार और निदान करने की कोशिश करेगा।
क्या घुटने की आर्थ्रोस्कोपी सर्जरी दर्दनाक है?
घुटने की आर्थोस्कोपी सर्जरी आधुनिक तकनीकों द्वारा की जाती है इसलिए यह सुरक्षित और प्रभावी प्रक्रिया मानी जाती है। इस सर्जरी को एनेस्थीसिया के तहत किया जाता है।इसलिए प्रक्रिया के दौरान दर्द का अनुभव नहीं होता लेकिन बाद में घुटने में दर्द और सूजन की समस्या बनी रहती है। कुछ लोगों में यह दर्द कम होता है और कुछ में असहनीय हो जाता है। इस दर्द को कम करने के लिए सर्जन दर्दनाशक दवाएं देते हैं।
क्या घुटने की आर्थोस्कोपी सर्जरी सुरक्षित है?
अगर यह आर्थोस्कोपी सर्जरी एक कुशल और योग्य आर्थोपेडिक सर्जन द्वारा किया जाता है तो यह एक सुरक्षित सर्जरी प्रक्रिया है। इस सर्जरी में मरीज को छोटे चीरे लगते हैं जिसकी वजह से रिकवरी में भी कम समय लगता है। हालांकि हर सर्जरी की तरह इसमें भी कुछ जोखिम शामिल हैं जो दुर्लभ होते हैं।
क्या घुटने की आर्थोस्कोपी सर्जरी स्थायी है?
घुटने की आर्थोस्कोपी सर्जरी घुटने की हर तरह की समस्या से छुटकारा दिलाती है। यह सर्जरी मरीज को लम्बे समय तक राहत प्रदान करती है।हालांकि, प्रक्रिया के परिणाम हमेशा स्थायी नहीं होते हैं। प्रक्रिया के बाद कभी कभी कृत्रिम जोड़ में समस्या उत्पन्न हो सकती है इसके अलवा नई चोटें घुटने को प्रभावित कर सकती हैं।
बैंगलोर में घुटने की आर्थोस्कोपी सर्जरी की लागत कितनी है?
बैंगलोर में घुटने की आर्थोस्कोपी सर्जरी की औसत लागत लगभग 1,00,000 रुपये तक हो सकती है। सर्जरी की यह लागत हालांकि कई कारणों की वजह से भिन्न हो सकती है। जैसे मरीज की आवश्यकता, बीमारी की गंभीरता, सर्जरी प्रक्रिया, सर्जन का चुनाव, अस्पताल का स्थान आदि।
घुटने की आर्थ्रोस्कोपी रिकवरी का समय क्या है?
आमतौर पर घुटने की आर्थोस्कोपी सर्जरी के बाद मरीज को रिकवर होने में 6 से 8 हफ्ते का समय लग सकता है। मरीज को अपनी पूरी गतिविधियों में वापस आने में लगभग तीन महीने के समय लग सकता है।