कैंसर के प्रकार - Cancer Ke Prakar!
हमारी बॉडी कई प्रकार के सेल्स से निर्मित होता है. कोशिकाएं बॉडी के जरुरत के अनुसार नियंत्रित रूप से विभाजित और वृद्धि करती हैं. हालाँकि, कई बार ऐसा होता है कि बॉडी को इन कोशिकाओं की कोई जरूरत नहीं होती है, फिर भी इनमे वृद्धि होना जारी रहता है. कोशिकाओं का यह असमान्य विकास कैंसर का कारन बनता है. यह आमतौर पर असामान्य कोशिकाओं से उत्पन्न होती है, जिसमें कोशिकाएं सामान्य नियंत्रण खो देती हैं. इस प्रकार कोशिकाओं का एक समूह निरंतर अनियंत्रित वृद्धि करता है, जो आसपास के एडजेसन्ट टिश्यू पर अटैक करता है, जो शरीर के दूर के हिस्सों में पहुंचता है और लसिका या ब्लड के माध्यम से बॉडी के अन्य हिस्सों में फ़ैल जाता है. कैंसर सेल्स शरीर के किसी भी टिश्यू में विकसित हो सकती है. जैसे-जैसे कैंसर सेल्स बढ़ती हैं और कई डिवीज़न होती हैं तो वे कैंसर सेल्स के एक ग्रुप का रूप ले लेती हैं जो ट्यूमर कहलाता है. यह ट्यूमर आस पास के टिश्यू पर अटैक करता है और उन्हें डैमेज करता है. ट्यूमर कैंसरस या नॉन कैंसरस हो सकते हैं. कैंसरस कोशिका एक जगह से शुरू होकर पूरे शरीर (मेटास्टाज़ेज़) में फैल सकती है.
कैंसर की शुरूआत-
सेल के जेनेटिक पदार्थ में परिवर्तन होने की शुरूआत कैंसर होती है. सेल के जेनेटिक पदार्थ में होने वाले बदलाव अपने आप हो सकते हैं या कुछ एजेंट या एलिमेंट के द्वारा उत्पन्न हो सकते हैं. ये एजेंट्स केमिकल, टोबैको, वायरस, रेडिएशन और सनलाइट इत्यादि होते हैं. लेकिन यह ज़रूरी नहीं है कि सभी कोशिकाएं इन एजेंट से समान रूप से प्रभावित होती हैं. कोशिकाओं में एक जेनेटिक इन एजेंट्स को शरीर के प्रति अतिसंवेदनशील बना देता है. यहां तक कि लंबे समय से हो रही शारीरिक जलन भी इन एजेंट्स को एक सेल के प्रति हाइपर सेंसिटिविटी बना सकती है.
कैंसर के प्रकार
1.ब्रेस्ट कैंसर (स्तन कैंसर): - ये कैंसर महिलाओं में ही अधिकतर पाया जाता है. हालांकि इसे लेकर भ्रम ये भी है कि ये सिर्फ महिलाओं को ही होता है लेकिन ये पुरुषों को भी हो सकता है.
2.सर्वाइकल कैंसर (गर्भाशय ग्रीवा का कैंसर): - ये पूरी तरह महिलाओं को होने वाला कैंसर है.
3.मुँह का कैंसर (ओरल कैंसर): - मुंह या जीभ में होने वाले कैंसर को मुंह का कैंसर कहा जाता है.
4.प्रोस्टेट कैंसर (पौरुष ग्रंथि का कैंसर): - ये कैंसर पुरुषों के पौरुष ग्रंथि में होने वाला कैंसर है.
5.गर्भाशय कैंसर (बच्चेदानी के कैंसर): - महिलाओं के बच्चेदानी में वाले कैंसर को गर्भाशय कैंसर कहते हैं.
6.ओवेरियन कैंसर (अंडाशय कैंसर): - जब अंडाशय में कैंसर होता है तो उसे अंडाशय कैंसर कहते हैं.
7.लंग कैंसर (फेफड़ों का कैंसर): - विभिन्न कारणों से फेफड़े में उत्पन्न कैंसर को लंग कैंसर कहा जाता है.
8.पेट का कैंसर ब्लड कैंसर (ल्यूकेमिया): - पेट में होने वाला कैंसर पेट कैंसर कहलाता है.
9.बोन कैंसर (हड्डियों का कैंसर): - जैसा कि नाम से ही स्पष्ट है कि ये कैंसर हड्डियों में उत्पन्न होता है.
10.कोलोरेक्टल कैंसर (कोलन कैंसर): - इसे बृहदांत्र या बड़ी आंत में होने वाला कैंसर भी कहते हैं.
11.गले का कैंसर: - गले का कैंसर आपके गले में होता है.
12.लिवर कैंसर: - लीवर में उत्पन्न कैंसर को लीवर का कैंसर कहा जाता है.
13.योनि का कैंसर: - महिलाओं के योनि भाग में होने वाला कैंसर योनि कैंसर कहलाता है.
14.स्किन कैंसर: - हमारी शरीर के त्वचा के अन्य हिस्सों में होने वाला कैंसर त्वचा कैंसर कहलाता है.
15.ब्लैडर कैंसर: - पेशाब की थैली में होने वाले कैंसर को ही ब्लैडर कैंसर कहते हैं.
16.अग्नाशय कैंसर: - नाम के अनुसार इसे भी अगनाशय में होने वाला कैंसर है.
17.ब्रेन कैंसर (मस्तिष्क कैंसर): - जब हमारा मस्तिष्क कैंसर से ग्रस्त होता है तो ब्रेन कैंसर कहा जाता है.
18.लिम्फोमा गुर्दे का कैंसर (किडनी कैंसर): - गुर्दा या किडनी में होने वाला कैंसर ही गुर्दा कैंसर कहलाता है.
19.वृषण कैंसर (अंडकोष कैंसर): - अंडकोश में उत्पन्न कैंसर अंडकोष कैंसर कहलाता है.
कैंसर का बढ़ना
कैंसर के विकास में बढ़ावा देने के लिए कुछ एजेंट या एलिमेंट (प्रमोटर) कारण बनते हैं. ये एजेंट पर्यावरण में मौजूद कुछ पदार्थ या दवाएं भी हो सकती है जैसे सेक्स हार्मोन टेस्टोस्टेरोन जिसका उपयोग वृद्ध पुरुषों में यौन इच्छा और एनर्जी में सुधार करने के लिए लिया जाता है. कार्सिनोजेन्स के विपरीत, ये प्रमोटर स्वतः कैंसर का कारण नहीं बनते हैं. इसकी बजाए, ये प्रमोटर कैंसर से प्रभावित हो रही कोशिकाओं के विकास को बढ़ावा देते हैं. इन प्रमोटर का उन कोशिकाओं पर कोई असर नहीं होता है, जिनमें कैंसर की शुरुआत ही नहीं हुई हैं. कुछ कैंसर को उत्पन्न करने वाले तत्व, प्रमोटर्स की आवश्यकता के बिना कैंसर का कारण बनते हैं. उदाहरण के लिए, ओयोनाइज़िंग रेडिएशन (जो ज्यादातर एक्स-रे में प्रयोग होती है) विभिन्न कैंसर, विशेषकर सारकोमा, ल्यूकेमिया, थायरॉयड कैंसर और ब्रैस्ट कैंसर का कारण बन सकती है.
कैंसर कैसे फैलता है?
कैंसर सीधे आसपास के टिश्यू में बढ़ सकता है या ऑर्गन में फैल सकता है, चाहें वे दूर हो या पास. कैंसर लिम्फेटिक सिस्टम के माध्यम से फैल सकता है. इस प्रकार का फैलाव कार्सिनोमा में भी होता है. उदाहरण के लिए, ब्रैस्ट कैंसर आमतौर पर बगल में निकटतम लिम्फ नोड्स में फैलता है और बाद में यह बॉडी के दूसरे हिस्सों में फैल जाता है. कैंसर ब्लड फ्लो के माध्यम से भी फैल सकता है. इस प्रकार का प्रसार सारकोमा कैंसर में भी होता है.