Last Updated: Jan 10, 2023
होम्योपैथी का मौलिक सिद्धांत लॅा आॅफ सिमिलर्स या 'विषस्य विषमौषधम्' है. होम्योपैथी व्यक्ति की सामान्य स्वास्थ्य स्थिति को देखती है और उसके बाद उन उपायों को निर्धारित करती है जो शरीर को अपनी अधितम क्षमता में काम करने के लिए उत्तेजित करती हैं. यह शरीर से रोगग्रस्त कोशिकाओं और ऊतकों को स्वाभाविक रूप से खत्म करती है. होम्योपैथी उपचार रोग को खत्म के लिए केमिकल को उपयोग किए बिना शरीर की प्राकृतिक चिकित्सा प्रक्रियाओं को उत्तेजित करता है.
यहां होम्योपैथिक दवा पर स्विच करने के 5 कारण दिए गए हैं:
- यह एक व्यक्तिगत उपचार है: एक होम्योपैथिक डॅाक्टर रोगी के समग्र स्वास्थ्य का मूल्यांकन करता है और इलाज शुरू करने से पहले समस्याओं और अपेक्षाओं पर चर्चा करता है. यह सभी होम्योपैथिक उपचार व्यक्ति की विशिष्ट जलवायु स्थितियों, एलर्जी, तनाव कारक, खाद्य आदतों और जीवनशैली को ध्यान में रखते हैं. होम्योपैथी प्रतिरक्षा प्रणाली को अनुकूलित करता है. यह शारीरिक और मनोवैज्ञानिक विकारों के लिए भी उतना ही प्रभावी है.
- कोई साइड इफेक्ट्स नहीं हैं: होम्योपैथिक दवाएं प्राकृतिक पदार्थों से बनाई जाती हैं. इसलिए यह नॅान-टॅाक्सिक और साइड इफेक्ट्स से मुक्त होते हैं. इसे रोगी को छोटी खुराक में दिया जाता है. इसलिए, उपचार दृष्टिकोण सौम्य और धीरे-धीरे होता है. इसका उपयोग सभी उम्र के लोगों और गर्भावस्था, पुरानी बीमारियों जैसी नाजुक स्थितियों में भी किया जाता है. यदि रोगी को गलत दवा भी निर्धारित की जाती है, तो इससे शरीर को ज्यादा नुकसान नहीं होता है.
- होम्योपैथिक दवाएं आसानी से सुलभ होती हैं: होम्योपैथिक उपचार सभी जगह उपलब्ध होते हैं, क्योंकि वे सीधे प्रचुर मात्रा में प्राकृतिक संसाधनों से बने होते हैं. एक विशेष क्षेत्र में पाए जाने वाले पौधों और खनिजों के प्रकार के आधार पर दवा के कई विकल्प भी हैं. इसके अलावा, दवाओं की समाप्ति तिथि नहीं होती है और यदि उन्हें ठीक से रखा जाता है तो लंबे समय तक संग्रहीत किया जा सकता है.
- उपचार गैर-आक्रामक हैं: कोई होम्योपैथिक उपचार में शल्य चिकित्सा प्रक्रिया या आक्रामक तकनीक शामिल नहीं है. इसमें संक्रमण या आगे की जटिलता का बिल्कुल कोई मौका नहीं है. दवाओं और उपचारों का उद्देश्य केवल लक्षणों से अस्थायी राहत प्रदान करने के बजाय विकार के मूल कारण को खत्म करना है.
होम्योपैथिक दवाएं नशे की लत नहीं हैं: एक बार बीमारी ठीक होने के बाद, व्यक्ति आसानी से दवाओं का उपयोग बंद कर सकता है क्योंकि उनके पास कोई लत का गुण नहीं होता है. ऐसा इसलिए है क्योंकि सक्रिय घटक का उपयोग होम्योपैथिक दवा में मिनट मात्रा में किया जाता है. इसलिए, ये उपचार शिशुओं, बच्चों, गर्भवती और स्तनपान कराने वाली महिलाओं, वृद्ध लोगों और व्यसन समस्याओं वाले लोगों के लिए भी सुरक्षित हैं.