Side Effects of Alcohol Drinking - शराब पीने के नुकसान
शराब पिने की प्रचलन आजकल बढ़ती ही जा रही है. पिने वाले इसे पिने का बहाना ढूंढते रहते हैं. ख़ुशी हो गई तो भी पिएंगे और गम का तो साथी है ही. शराब में अल्कोहल की मात्रा ज्यादा होने से इसके कई नुकसान भी हैं. लेकिन पिने वालों को इसका चस्का लग जाता है इसलिए वो जल्दी छोड़ नहीं पाते हैं. आइए शराब पिने के कुछ नुकसान को जानें.
1. दिमाग के लिए जहर है शराब
मुंह में जाते ही शराब को कफ झिल्ली सोख लेती है. अल्कोहल को मस्तिष्क तक पहुंचने में छह मिनट लगते हैं. एथेनॉल अल्कोहल का बहुत ही छोटा अणु है. यह खून और पानी में घुल जाता है. इंसान के शरीर में 70 से 80 फीसदी पानी होता है. इसमें घुलकर अल्कोहल पूरे शरीर में फैल जाता है और मस्तिष्क तक पहुंच जाता है. सिर में पहुंचने के बाद अल्कोहल दिमाग के न्यूरोट्रांसमीटरों पर असर डालता है. इसकी वजह से तंत्रिका तंत्र का केंद्र प्रभावित होता है. अल्कोहल की वजह से न्यूरोट्रांसमीटर अजीब से संदेश भेजने लगते हैं और तंत्रिका तंत्र भ्रमित होने लगता है.
2. लीवर के लिए नुकसानदायक है
पहली घूंट के साथ शराब छोटी आंत में जाती है. छोटी आंत इसे सोखती है, फिर यह रक्त संचार तंत्र के जरिए लीवर तक पहुंचती है. इसमें ऐसे एन्जाइम होते हैं जो अल्कोहल को तोड़ सकते हैं. यकृत यानी लीवर हमारे शरीर से हानिकारक तत्वों को बाहर करता है. अल्कोहल भी हानिकारक तत्वों में आता है. लेकिन यकृत में पहली बार पहुंचा अल्कोहल पूरी तरह टूटता नहीं है.
3. कई अंगों पर डालता है बुरा असर
लीवर में जाने के अलावा कुछ अल्कोहल अन्य अंगों तक पहुंच ही जाता है. लीवर में अल्कोहल के पचते ही लोग सोचते हैं कि जहर खत्म हो गया लेकिन ये आनुवांशिक बीमारियां भी पैदा कर सकता है. यह पित्त, कफ और हड्डियां तक पहुंच जाता है, यहां पहुंचने वाला अल्कोहल कई बदलाव लाता है. अल्कोहल कई अंगों पर बुरा असर डाल सकता है या फिर 200 से ज्यादा बीमारियां पैदा कर सकता है.
4. शर्मीलापन कमजोर पड़ने लगता है
बहुत ज्यादा अल्कोहल आपके मस्तिष्क पर असर डालता है. आस पास के माहौल को भांपने में शरीर गड़बड़ाने लगता है, फैसला करने की और एकाग्र होने की क्षमता कमजोर होने लगती है. शर्मीलापन कमजोर पड़ने लगता है और इंसान खुद को झंझट मुक्त सा समझने लगता है.
5. बढ़ने लगता है गुस्सा
ज्यादा मात्रा में शराब पीने से इंसान बेसुध होने लगता है. उसमें निराशा का भाव और गुस्सा बढ़ने लगता है. 2012 में दुनिया भर में शराब पीने के बाद हुई हिंसा या दुर्घटना में 33 लाख लोगों की मौत हुई, यानी हर 10 सेकेंड में एक मौत.
6. गड़बड़ा जाता है जरुरी तत्वों का अनुपात
यदि आप सालों तक लगातार इसका सेवन करते रहें तो आपके शरीर में जानलेवा परिस्थितियां बनने लगती हैं, ऐसा होने पर विटामिन और जरूरी तत्वों की आपूर्ति गड़बड़ाने लगती है, इनका केंद्रीय तंत्रिका तंत्र में अहम योगदान होता है. जैसे दिमाग को विटामिन बी1 की जरूरत होती है. लंबे समय तक बहुत ज्यादा शराब पीने से विटामिन बी1 नहीं मिलता और वेर्निके-कोर्साकॉफ सिंड्रोम पनपने लगता है. इसके अलावा दिमाग में अल्कोहल के असर से डिमेंशिया की बीमारी पैदा होने का खतरा बढ़ने लगता है.
7. भोजन नलिका पर भी डालता है असर
मुंह एवं गले में अल्कोहल कफ झिल्ली को प्रभावित करता है और भोजन नलिका पर असर डालता है. लंबे वक्त तक ऐसा होता रहे तो शरीर हानिकारक तत्वों से खुद को नहीं बचा पाता है और इसके दूरगामी असर होते हैं.
8. कैंसर का भी है खतरा
शराब के सेवन से पित्त संक्रमण का शिकार हो सकता है. ब्रेस्ट कैंसर और आंत के कैंसर के लिए अल्कोहल भी जिम्मेदार है. लीवर में अल्कोहल के पचते ही हानिकारक तत्व बनते हैं, जो लीवर की कोशिकाओं को नुकसान पहुंचाते हैं. जर्मनी में हर साल करीब 20 से 30 हजार लोग लीवर सिर्होसिस से मरते हैं.
9. उल्टी, सरदर्द और चक्कर आना
चीन, जापान और कोरिया के 40 फीसदी लोगों में एसेटअल्डिहाइट नाम का एन्जाइम नहीं पाया जाता. यह शरीर में अल्कोहल के असर को कम करने में मदद करता है. अल्कोहल एसेटअल्डिहाइट में बदलता है और एसेटअल्डिहाइट एसेटिक एसिड में. लेकिन अगर एसेटअल्डिहाइट एसेटिक एसिड में न बदले तो एसेटअल्डिहेड बनता है. आनुवांशिक कारणों के चलते कई एशियाई लोग अल्कोहल नहीं पचा पाते, उसके पीछे यही वजह है. अगर ऐसे लोग अल्कोहल पीते हैं तो उन्हें सिरदर्द, उल्टी और चक्कर जैसी शिकायतें होने लगती है. कइयों का चेहरा लाल हो जाता है.