कब्ज के लक्षण - Kabz Ke Lakshan!
जब व्यक्ति का पाचन तंत्र खराब हो जाता है तब कब्ज के लक्षण दिखाई पड़ते हैं. पाचन तंत्र खराब होने से व्यक्ति जो भी खाता है उसे सही ढंग से पचा नहीं पाता है. इसकी वजह से मल भी कड़ा हो जाता है और मल त्याग करने में अतिरिक्त बल लगाना पड़ता है. इसी अवस्था को कब्ज कहते हैं. इस आलेख में हम कब्ज के लक्षण, कारण व कब्ज से बचाव के बारे में जानेंगे.
कब्ज के लक्षण-
कब्ज के मुख्य लक्षण मल का कड़ा होना, मल त्याग करते समय अतिरिक्त बल लगाना या मल त्याग के समय दर्द होना है. कब्ज वाले व्यक्ति प्रतिदिन मल त्याग करने नहीं जाते हैं जिससे इनके मल की गाँठे बनने लगती है जिससे इनको और भी परेशानी बढ़ जाती है. कब्ज वाले व्यक्ति के पेट में गैस बनने लगती है जो दिमाग तक चढ़ जाती है. कब्ज पीड़ित व्यक्ति का जीभ सफेद या मटमैला हो जाता है व उसका मुँह का स्वाद खराब हो जाता है तथा मुँह से बदबू भी आने लगता है. कब्ज वाले रोगी को मुँहासे निकलना, मुँह में छाले पड़ना या आँखों में मोतीयाबिंद जैसी समस्या होना भी संभव है. ऐसे लोगों के शारीरिक व मानसिक शक्ति भी कम हो सकती है व उन्हें आलस्य व चिड़चिड़ापन भी हो सकता है, जिस कारण उनका शरीर का रंग भी फीका पड़ सकता है. कब्ज के रोगी को भूख नहीं लगती है, जी मचलता है व इनके आँखों के नीचे काले धब्बे पड़ जाते हैं.
कब्ज के कारण-
कब्ज पीड़ित व्यक्ति के शरीर में पानी की कमी हो जाती है. आंत या यकृत में किसी तरह का घाव भी कब्ज का कारण होता है. समय पर नहीं खाने से व खाने का समय निश्चित नहीं होने से कब्ज रोग होने की संभावना बढ़ती है. अत्यधिक मात्रा में चाय, कॉफी या गर्म पेय पीने से भी कब्ज रोग हो सकता है. मधुमेह (डायबिटीज) के रोगी को कब्ज रोग हो सकता है क्योंकि उनको पाचन तंत्र से संबंधित समस्या रहती है. भोजन में फाइबर न होने या भोजन में कैल्शियम या पोटैशियम के कमी से भी कब्ज हो सकता है. गर्म दवा, धूम्रपान, शराब, गाँजा व अन्य ड्रग्स के सेवन से भी कब्ज रोग हो सकता है. मसालेदार व वसायुक्त भोजन का अधिक सेवन भी कब्ज के कारण हैं. कभी-कभी चिकित्सक द्वारा किसी अन्य बीमारी के लिए कोई दवा दिया जाता है तो उस दवा से भी कब्ज हो जाता है.
कब्ज से बचाव या उपचार-
कब्ज से बचने के लिए अपने खान-पान व जीवनशैली में सुधार ही सबसे अच्छा उपाय है. सुपाच्य भोजन करना चाहिए व गरिष्ठ भोजन से बचना चाहिए. मसालेदार या वसायुक्त भोजन कम करना चाहिए. चाय, कॉफी, गर्म पेय का सेवन कम करना चाहिए. शराब, गाँजा व अन्य नशा के सेवन से बचना चाहिए. भोजन अच्छी तरह चबाकर खाना चाहिए. भोजन में फाइबर यानि रेशायुक्त पदार्थ लेना चाहिए. भोजन के बाद तुरत सोना नहीं चाहिए बल्कि कुछ टहलना चाहिए. शरीर में पानी की कमी नहीं होने देना चाहिए. सुबह खाली पेट एक गिलास पानी जरूर पीना चाहिए. पर्याप्त नींद लेना चाहिए व देर रात तक नहीं जगना चाहिए.
कब्ज हो जाने पर उन सारे खान-पान व जीवनशैली से बचना चाहिए जिससे कब्ज बढ़ने के संभावना हो. कब्ज होने पर भोजन में फल व सब्जी का अधिक प्रयोग करना चाहिए. साथ ही अधिक फाइबर वाला भोजन करना चाहिए. कब्ज से छुटकारा पाने के लिए व्यायाम भी करना चाहिए. कब्ज के ज्यादा बढ़ जाने पर या न ठीक होने पर इसे यों ही छोड़ना नहीं चाहिए क्योंकि कब्ज के कारण शरीर में अन्य कई बीमारी पैदा हो सकते हैं. अतः कब्ज का उचित इलाज जरूर करानी चाहिए. इसके लिए अपने चिकित्सक के सलाह पर उचित इलाज करानी चाहिए.