गर्भधारण की प्रक्रिया - Garbhdharan Ki Prakriya!
गर्भ धारण करना किसी भी महिला के लिए सबसे सुखद अनुभव में से एक होता है। यह हर महिला का सपना होता है कि वह एक सुंदर और स्वस्थ बच्चे को जन्म दें। गर्भ धारण करना एक जटिल प्रक्रिया तो है लेकिन ज्यादा मुश्किल भी नहीं है। गर्भ धारण करने की प्रक्रिया कई चरणों में बंटा हुआ है। इस प्रक्रिया के दौरान अंडे और शुक्राणु का मिलन होना जरुरी होता है।
मासिक चक्र का योगदान-
जब अंडाशय से अंडा निकलता है तब ओवुलेशन की प्रक्रिया होती है. यह प्रक्रिया हर महीने होती है. कभी कभी इस दौरान एक से अधिक अंडे भी निकलते हैं. इस समय गर्भाशय की दीवार मोती होने लगती है और गर्भाशय ग्रीवा में मौजूद पदार्थ पतला हो जाता है जिससे इसमें से शुक्राणु आसानी से गुज़र सके. अंडा फैलोपियन ट्यूब में नीचे की और धीरे धीरे यात्रा करता है. अगर इस समय पुरुष और महिला ने संभोग किया है तो यह पर अंडा शुक्राणु से निषेचित हो सकता है. अब गर्भाशय की दीवार और भी ज्यादा मोटी हो जाती है क्योंकि अंडा निषेचन के बाद आरोपित होता है. लेकिन अगर अंडा निषेचित नहीं हुआ है तो यह मासिक धर्म के दौरान शरीर से बहार निकल जाता है. साथ ही दीवार भी पतली हो जाती है. आप अंडे को नहीं देख सकती क्योंकि यह बहुत ही सूक्ष्म होता है.
गर्भाधान के लिए उत्तम समय-
महिलाओं में ओवुलेशन प्रक्रिया उनके मासिक चक्र पर निर्भर करती है. अगर आपका मासिक चक्र 28 दिनों का है तो ओवुलेशन का समय पीरियड्स के 14वें दिन होगा. अगर मासिक चक्र का समय 21 दिनों का है तो ओवुलेशन 7वें दिन हो सकता है. और यदि मासिक चक्र का समय 35 दिनों का है तो आप अपने चक्र के 21वें दिन अंडोत्सर्ग करेंगी. हालांकि ओवुलेशन का सटीक समय जानना थोड़ा कठिन है. आप ओवुलेशन के दिन की पुष्टि ओवुलेशन पूर्व-सूचना या मूत्र-आधारित एलएच किट्स का उपयोग करके कर सकती हैं जो आसानी से बाजार में उपलब्ध होती हैं. किसी भी मासिक चक्र के दौरान केवल छह दिन होते हैं जब महिला गर्भवती हो सकती है - ओवुलेशन के पहले 5 दिन और ओवुलेशन के बाद 24 घंटे. ऐसा इसलिए क्योंकि पुरुष के शुक्राणु महिला के शरीर में 5 दिनों तक रह सकते हैं, और महिला का अंडा 12-24 घंटों के लिए ही रहता है.
प्रजनन अवधि-
संभोग के दौरान, जब पुरुष का शुक्राणु महिला के प्रजनन क्षेत्र में पहुंच जाता है तो यह तीन से पांच दिनों से अधिक सक्रिय नहीं रहता इसलिए इन्हीं 5 दिनों में यह महिला के अंडे से संयोग करता है. अगर संयोजन के समय शुक्राणु महिला के अंडे के भीतर जाने में सफल हो जाता है तो निषेचन की क्रिया पूर्ण हो जाती है. इस क्रिया में लगभग 10 घंटे का समय लगता है. इसलिए ओवुलेशन के पहले के पांच दिन गर्भधारण में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं. ओवुलेशन के एक दिन पहले संभोग करना गर्भधारण के लिए बहुत ही बेहतर समय होता है क्योंकि इस समय शुक्राणु के पास अंडे तक पहुंचने और निषेचन करने का पर्याप्त समय होता है. ओवुलेशन के दो दिन पहले संभोग करने से भी गर्भधारण की संभावना अधिक होती है. ओवुलेशन वाले दिन संभोग करने की तुलना में ओवुलेशन के तीसरे या चौथे दिन पहले संभोग करने से गर्भ अधिक तीव्रता से धारण होता है. ओवुलेशन वाले दिन भी आप गर्भवती हो सकती हैं लेकिन पहले के चार दिन गर्भधारण की संभावनाएं अधिक होती हैं. उपर्युक्त कारणों की वजह से किसी भी स्त्री का प्रभावी प्रजनन समय ओवुलेशन के 2-4 दिन पहले का होता है.