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Last Updated: Apr 17, 2024
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टाइफाइड का बुखार क्या होता है - Typhoid in Hindi | जानें टाइफाइड के लक्षण, जाँच, इलाज और घरेलू उपचार क्या है ?

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Dt. RadhikaDietitian/Nutritionist • 15 Years Exp.MBBS, M.Sc - Dietitics / Nutrition
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टाइफाइड साल्मोनेला बैक्टीरिया से फैलने वाली खतरनाक बीमारी है। इसे मियादी बुखार भी कहते हैं। टाइफाइड फीवर पाचन तंत्र और ब्लटस्ट्रीम में बैक्टीरिया के इंफेक्शन की वजह से होता है। गंदे पानी,संक्रमित जूस या पेय के साथ साल्मोनेला बैक्टीरिया हमारे शरीर के अंदर प्रवेश कर जाता है। टायफायड की संभावना किसी संक्रमित व्यक्ति के जूठे खाद्य-पदार्थ के खाने-पीने से भी हो सकती है। वहीं दूषित खाद्य पदार्थ के सेवन से भी ये संक्रमण हो जाता है। पाचन तंत्र में पहुंचकर इन बैक्टीरिया की संख्या बढ़ जाती है। शरीर के अंदर ही ये बैक्टीर‌िया एक अंग से दूसरे अंग में पहुंचते हैं। टाइफाइड के इलाज में जरा भी लापरवाही नहीं बरतनी चाह‌िए। दवाओं का कोर्स पूरा न किया जाए तो इसके वापस आने की भी संभावना रहती है।

क्या है टाइफाइड बुख़ार - Typhoid in Hindi

टाइफाइड के बैक्टीरिया इंसानों के शरीर में ही पाया जाता है। इससे संक्रमित लोगों के मल से सप्लाई का पानी दूषित हो जाता है। ये पानी खाद्य पदार्थों में भी पहुंच सकता है। बैक्टीरिया पानी और सूखे मल में हफ्तों तक ‌जिंदा रहता है। इस तरह ये दूषित पानी और खाद्य पदार्थों के जरिए शरीर में पहुंचकर संक्रमण पहुंचाता है। संक्रमण बहुत अधिक हो जाने पर 3 से 5 फीसदी लोग इस बीमारी के कैरियर हो जाते हैं। जहां कुछ लोगों को हल्की से परेशानी होती है, जिसके लक्षण पहचान में भी नहीं आते वहीं कैरियर लंबे समय के लिए इस बीमारी से ग्रसित रहते हैं। उनमें भी ये लक्षण दिखाई नहीं देते लेकिन कई सालों तक इनसे टाइफाइड का संक्रमण हो सकता है।

टाइफाइड बुखार के लक्षण क्या है - Symptoms of Typhoid Fever in Hindi

संक्रमित पानी या खाना खाने के बाद साल्मोनेला छोटी आंत के जरिए ब्लड स्ट्रीम में मिल जाता है। लिवर, स्प्लीन और बोनमैरो की श्वेत रुधिर क‌णिकाओं के जरिए इनकी संख्या बढ़ती रहती है और ये रक्त धारा में फिर से पहुंच जाते हैं। बुखार टाइफाइड का प्रमुख लक्षण है। इसके बाद संक्रमण बढ़ने के साथ भूख कम होना, सिरदर्द, शरीर में दर्द होना, तेज बुखार, ठंड लगना, दस्त लगना, सुस्ती, कमजोरी और उल्टी जैसे लक्षण दिखाई देते हैं। आंतों के संक्रमण के कारण शरीर के हर भाग में संक्रमण हो सकता है, जिससे कई अन्य संक्रमित बीमारियां होने का खतरा भी बढ़ जाता है।

सामान्यता टाइफाइड 1 महीने तक चलता है, लेकिन कमजोरी ज्यादा होने पर ज्यादा समय ले सकता है। इस दौरान शरीर में बहुत कमजोरी आ जाती है और जिससे रोगी को सामान्य होने में लंबा समय लग सकता है

टाइफाइड की जांच कैसे होती है - Typhoid Test in Hindi

शुरुआती स्टेज में रोगी के ब्लड सैंपल की जांच करके उसका इलाज शुरू किया जाता है। इसके अलावा रोगी का स्टूल टेस्ट करके उसके शरीर में टाइफाइड के बैक्टीरिया की मौजूदगी का पता लगाया जाता है। विडाल टेस्ट भी टाइफाइड के टेस्ट का प्रचलित तरीका है लेकि‌न कई बार टाइफाइड ठीक होने के बाद भी सालों-साल मरीज के ब्लड में विडाल टेस्ट पॉजिटिव आता रहता है। इसके लिए स्टूल और टा‌इफायड टेस्ट कराना बेहतर विकल्प है। कभी-कभी संक्रमण ज्यादा होने पर अगर मरीज को ज्यादा पेट दर्द या उल्टी हो तो सोनोग्राफी भी करनी पड़ सकती है।

टाइफाइड का इलाज कैसे किया जाता है - Treatment of Typhoid in Hindi

टाइफाइड का इलाज एंटी बायोटिक दवाओं के जरिये किया जाता है। शुरुआती अवस्था का टाइफाइड एंटीबायोटिक गोलियों और इंजेक्शन की मदद से दो हफ्ते के अंदर ठीक हो जाता है। इसके साथ परहेज रखना बेहद जरूरी है।

ऐसे करें टाइफाइड के मरीज की देख-रेख - Tips to Take Care of Typhoid Patient in Hindi

टाइफाइड के दौरान तेज बुखार आता है। ऐसे में किसी कपड़े को ठंडे पानी में भिगोकर शरीर को पोंछे। इसके अलावा ठंडे पानी की पट्टियां सिर पर रखने से भी शरीर का तापमान कम होता है। कपड़े को समय समय पर बदलते रहना चाहिए। ये ध्यान रखना बेहद जरूरी है कि पानी बर्फ का ना हो। पट्टी रखने के ल‌िए साधारण पानी का इस्तेमाल करें।

टाइफाइड बीमारी के घरेलू उपचार - Home Remedies for Typhoid in Hindi

  1. तुलसी और सूरजमुखी के पत्तों का रस निकालकर पीने से टाइफाइड में राहत मिलती है।
  2. लहसुन की तासीर गर्म होती है और यह प्राकृतिक एंटीबायोटिक है। घी में 5 से 7 लहसुन की कलियां पीसकर तलें और सेंधा नमक मिलाकर खाएं। 
  3. सेब का जूस निकालकर इसमें अदरक का रस मिलाकर प‌िएं, इससे हर तरह के बुखार में राहत मिलती है।
  4. पके हुए केले को पीसकर इसमें एक चम्मच शहद मिलाकर दिन में दो बार खाएं।
  5. लौंग में टाइफाइड ठीक करने के गुण होते हैं। लौंग के तेल में एंटीबैक्टीरियल गुण होते हैं। आठ कप पानी में 5 से 7 लौंग डालकर उबाल लें। जब पानी आधा रह जाए इसे छान लें। इस पानी को पूरा दिन पीएं। इस उपचार को एक हफ्ते लगातार करें।
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