Symptoms of Lung Cancer In Hindi - फेफड़ों के कैंसर के लक्षण
फेफड़ों में होने वाले कैंसर का मुख्य कारण इसके कोशिकाओं का अबाध गति वृद्धि करना है. आपको बता दें की यही कोशिकायें धीरे धीरे अपनी संख्या बढ़ाकर ट्यूमर में बदल जाती हैं. कैंसर से होने वाले मौत के अधिकतर खतरनाक मामलों में इसका कारण फेफड़े का कैंसर ही रहा है. फेफड़ों में होने वाले कैंसर आमतौर पर दो हिस्सों में बांटते हैं –
स्मॉल सेल लंग कैंसर (एससीएलसी)
नॉन-स्माल सेल लंग कैंसर (एनएससीएलसी)
स्मॉल सेल लंग कैंसर, नॉन-स्माल सेल लंग कैंसर की तुलना में अधिक खतरनाक है. ये भी कह सकते हैं कि एनएससीएलसी, फेफड़ों में होने वाले कैंसर का बेहद सामान्य प्रकार है. ये भी बता दें कि 80-85% फेफड़े का कैंसर एनएससीएलसी होते हैं.
फेफड़े के कैंसर के लक्षणों की शुरुवात
जब फेफड़ों में कैंसर की शुरुवात होती है तो इसका आम लक्षण खांसी होता है. फिर धीरे-धीरे ये खाँसी गंभीर होती चली जाती है. कई बार इसके ठीक होने में ज्यादा समय भी लग सकता है. फेफड़े में उत्पन्न कैंसर का एक अन्य लक्षण निमोनिया भी है जो पीड़ित को अक्सर होता रहता है. वज़न में कमी, भूख का केएम लगना, थकान महसूस करना, श्वसन में कष्ट का अनुभव, आवाज़ में बदलाव इत्यादि इसके कुछ अन्य लक्षणों में शामिल हैं. आइए इस लेख के माध्यम से हा फेफड़ों के कैंसर की गंभीरता को देखते हुए इसके लक्षणों को एक-एक करके समझने की कोशिश करें.
1. पेरानियोप्लास्टिक लक्षण
जाहिर है प्रत्येक बीमारी अपने साथ कुछ लक्षणों को भी लाती है जिसके आधार पर हम उसकी पहचान करते हैं. फेफड़े के कैंसर अक्सर लक्षणों के साथ होते हैं, जो ट्यूमर कोशिकाओं द्वारा हार्मोन जैसे पदार्थों के उत्पन्न होने से विकसित होते हैं. ये पेरानियोप्लास्टिक लक्षण सबसे ज़्यादा एससीएलसी में पाए जाते हैं, लेकिन किसी ट्यूमर के प्रकार के साथ भी देखे जा सकते हैं.
2. कैंसर से संबंधित लक्षण
फेफड़े के अगल-बगल के ऊतकों में उत्पन्न कैंसर के हमले से सांस लेने में अत्यधिक कष्ट का सामना करना पड़ सकता है. इस दौरान आपको खाँसने, श्वसन में परेशानी, सीने में दर्द और खाँसने के दौरान सिने में दर्द जैसे कई लक्षण नजर आ सकते हैं. यदि ये कैंसर हमारे शरीर के तंत्रिकाओं पर आक्रमण करेगा तो आपके कंधे में अत्यधिक कष्ट का अनुभव हो सकता है. बताते चलें कि यह दर्द कंधे के जरिये बांह को भी प्रभावित कर सकता है. ये भी हो सकता है कि इस वजह से स्वरतंत्री लकवा ग्रस्त हो जाए.
3. गैरविशिष्ट लक्षण
फेफड़ों के कैंसर के कुछ लक्षण ऐसे भी होते हैं जो गैरविशिष्ट लक्षणों के अन्तर्गत आते हैं. इन्हें कई प्रकार के कैंसरों के रूप में देखा जाता है, जिनमें लंग कैंसर भी शामिल है. इन लक्षणों में हमें वजन घटना, कमजोरी और थकान आदि दिखाई पड़ सकते हैं. इसके अलावा कुछ मनोवैज्ञानिक लक्षण, जैसे – अवसाद और मनोदशा में होने वाले परिवर्तन भी आम हैं.
4. मेटास्टेसिस से सम्बन्धित लक्षण
मेटास्टेसिस का मतलब है कि कैंसर अपने शुरुवाती अंग से बढ़कर अन्य अंगों तक अपना विस्तार कर चुका है. कई बार तो फेफड़ों में होने वाला कैंसर हमारे हड्डियों से फैलते हुये जोड़ों में भयंकर दर्द उटोन्न करता है. दिमाग में कैंसर का प्रसार होने की वजह से अलग-अलग न्यूरोलॉजिक लक्षण उत्पन्न हो सकते हैं. इन लक्षणों में धुंधला दिखाई पड़ना, सर दर्द, दौरे या स्ट्रोक के लक्षण जैसे कि हमारे शरीर के कुछ भागों में होने वाली सनसनी का कम या खत्म हो जाना शामिल हैं.
5. कोई लक्षण न होना
कई बार ऐसा भी हो सकता है कि इसके लक्षण हमें प्रत्यक्ष रूप से नजर न आएं. या बेहद कमजोर नजर आएं. ऐसे में लक्षणों का सामने न आना खतरनाक हो सकता है. इसलिए आपको समय-समय पर जांच कराते रहना होगा. फेफड़ों के कैंसर से पीड़ित को नियमित रूप से छाती के एक्स-रे या सीटी स्कैन द्वारा एक छोटे घाव से कराते रहना चाहिए. द्विआयामी एक्स- रे या सीटी स्कैन द्वारा परीक्षण करने पर ये गोल ट्यूमर एक सिक्के की तरह लगता है. जिन रोगियों में पहली बार लंग काकनेर का निदान कॉइन लेशन से किया जाता है, उनमें लंग कैंसर पाए जाने के समय अक्सर कोई लक्षण दिखाई नहीं देते.