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Last Updated: Oct 13, 2021
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Joint Pain Treatment in hindi - जोड़ो के दर्द का इलाज

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Dr. Sanjeev Kumar SinghAyurvedic Doctor • 15 Years Exp.BAMS
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शरीर में वैसे तो हर हिस्सा महत्वपूर्ण होता है इसलिए किसी भी अंग के प्रति लापरवाही करना ठीक नहीं पर कुछ ऐसे अंग हैं जिनमें अगर कमी आई तो न केवल उतने हिस्से में बल्कि पूरे बदन और आपकी सुबह शाम बिगाड़ने पर उतारू हो जाते हैं जैसे जॉइंट पेन की ही बात कर लीजिए। शरीर के ऐसे हिस्से जहां हड्डियां मिलती हों, उसे जोड़ कहते हैं, जैसे घुटने कंधे,कोहनी आदि। इन्हीं जोड़ों में कठोरता सूजन किसी तरह की तकलीफ जो दर्द का कारण बने, जॉइंट पेन या जोड़ों में दर्द कहलाती है। जोड़ शरीर का अहम हिस्सा होते हैं जिनके कारण उठना- बैठना, चलना, शरीर को मोड़ना आदि मुमकिन होता है। ऐसे मे जोड़ों में दर्द होने पर पूरे शरीर का स्वास्थ्य प्रभावित होता है, और दर्द के साथ ही मानसिक रूप से थका हुआ महसूस करवाता है । अब जानते हैं कि जॉइंट पेन के लक्षण, कारण और इलाज क्या हैं । 

    जोड़ों में दर्द के लक्षण

  • जोड़ों को मोड़ने में परेशानी होना
  • जोड़ों का लाल होना
  • जोड़ों में खिंचाव महसूस होना
  • जोड़ों पर कठोरता होना
  • चलने- फिरने में दिक्कत होना
  • जोड़ों में अकड़न आना
  • जोड़ों में सूजन और दर्द
  • जोड़ों में कमजोरी होना

जॉइंट पेन की अहम वजह

  • बढ़ती उम्र के साथ ही होने वाली कुछ तकलीफें जोड़ों में दर्द के मुख्य कारण होते हैं जैसे कि-
  • हड्डियों में रक्त की आपूर्ति में रूकावट आना
  • रक्त का कैंसर होना
  • हड्डियों में मिनरल यानि की खनिज की कमी होना
  • जोड़ों पर बहुत ज्यादा दबाव पड़ना
  • जोड़ों में इंफेक्शन होना
  • हड्डियों का टूटना
  • मोच आना या चोट लगना
  • हड्डियों में ट्यूमर आदि की शिकायत होना
  • अर्थराइटिस
  • बर्साइटिस
  • ऑस्टियोकोंड्राइटि
  • कार्टिलेज का फटना
  • कार्टिलेज का घिस जाना

दोस्तों हमने जॉइंट पेन होने के कारण और लक्षण जान लिया अब बारी है इससे राहत पाने के उपाय जानने की पर इसके पहले हम आपको बता दें कि जॉइंट पेन की समस्या काफी तादाद में लोगों में पाई जाती है और इसके लिए डॉक्टर और अस्पताल के पास चक्कर लगाने से ज्यादा फायदेमंद होगा अगर हम अपनी कुछ गलत आदतों में लाएं बदलाव, बरतें कुछ सावधानियां और आजमाएं कुछ आसान घरेलू नुस्खें तो हम पा जाएंगे राहत जोड़ों के दर्द से वह भी बिना किसी साइड इफ़ेक्ट के ।
जोड़ों के दर्द से राहत के उपाय

1. लहसुन 
लहसुन की दो कली हर सुबह खाली पेट पानी के साथ खाएं। खाना बनाने वाले किसी भी तेल में लहसुन की कुछ कलियां डाल कर भून लें। इस तेल को गुनगुना होने तक ठंडा करें और प्रभावित हिस्से की मालिश करें। इस विधि को दिन में दो बार किया जा सकता है। लहसुन के औषधीय गुण गर्दन के दर्द, सूजन और जलन को ठीक करते हैं। 

2. हल्दी 
हल्दी रक्त संचार तेज करके जोड़ों के दर्द से आराम देती है और गर्दन की अकड़न को भी कम करती है। इसलिए ज्यादा से ज्यादा हल्दी का इस्तेमाल करें।

3. दूध पीएं
दूध से हड्डियों को कैल्श्यिम और विटामिन डी मिलता है जिससे हड्डियां मजबूत बनती हैं। यदि दूध पसंद न हो तो दूध से बने अन्य खाद्य पदार्थ जैसे पनीर, दही आदि भी खाए जा सकते हैं।

4. अदरक 
अदरक औषधीय गुणों से भरपूर है जो कि रक्त संचार को तेज करती है जिससे गर्दन के दर्द से राहत मिलती है। पानी में अदरक उबालें और ठंडा करके इसमें शहद मिलाएं। और दिन में 3 बार इस चाय को पिएं। प्रभावित हिस्से की अदरक के तेल से मसाज भी आराम मिलेगा।

5. सेब साइडर सिरका
किसी कपड़े को सेब के सिरके में भिगोकर दर्द वाले हिस्से पर लपेंटें और कुछ घंटों के लिए छोड़ दें। दिन में दो बार इस विधि को करें। दो कप सेब साइडर सिरका को गुनगुने पानी में डालकर नहाया भी जा सकता है। एक गिलास पानी में कच्चा सेब साइडर सिरका और शहद मिलाकर पीने से भी दर्द में आराम होगा।

6. लाल मिर्च पाउडर 
एक कप नारियल के तेल को गरम करके, उसमें दो बड़े चम्मच लाल मिर्च पाउडर मिलाएं। इस मिश्रण से प्रभावित हिस्से पर लगाकर तकरीबन 20 मिनट के लिए छोड़ दें। ज्यादा आराम के लिए इस मिश्रण को प्रतिदिन दर्द वाले हिस्से पर लगाएं।

7. बी एक्टिव
जोड़ों के दर्द से राहत के लिए हमेशा एक्टिव रहें, यानि जोड़ों की मूवमेंट होती रहनी चाहिए। लंबे समय तक एक ही स्थिति में रहने से भी जोड़ों में कठोरता महसूस होती है।

8. गर्म और ठंडी सिकाई 
गर्म सिकाई के लिए गर्म पानी की बोतल को तौलिया में लपेट कर गर्दन की सिकाई करें। जबकि, ठंडी सिकाई करने के लिए बर्फ के टुकड़ों को तौलिया में लपेटकर, उस तौलिया से सिकाई करें। सिकाई करते वक्त कम से कम दो से तीन मिनट तक गर्दन की लगातार सिकाई होनी चाहिए। यह पूरी प्रक्रिया 15 से 20 मिनट में दोहराएं। इस विधि को आराम होने तक दिन में दो बार करें।
जोड़ों के दर्द से निजात के लिए गर्म और ठंडी सिकाई करने से आराम मिलता है और गर्म सिकाई करने से ब्लड सर्कुलेशन बेहतर होता है वहीं ठंडी सिकाई से सूजन और चुभन कम होती है।

9. जोड़ों को चोट से बचाएं 
जोड़ों पर लगी चोट, हड्डी को तोड़ भी सकती है, इसलिए जोड़ों को चोट से बचाकर रखें। जब भी कोई ऐसा खेल खेलें जिसमें जोड़ों पर चोट लगने का डर हो, तो ज्वाइंट सेफ्टी पेड्स पहनें। टेनिस और गोल्फ खेलते समय भी ब्रेसेस  पहनें।

10. वेट कंट्रोल
शरीर का ज्यादा वजन घुटनों और कमर पर अधिक दबाव डालता है, जिससे कार्टिलेज  के टूटने का डर रहता है। ऐसे में वजन को कंट्रोल में रखना बेहद जरूरी है।

11. स्ट्रेचिंग ज्यादा न करे
व्यायाम में स्ट्रेचिंग केवल हफ्ते में तीन बार करें। स्ट्रेचिंग को एकदम शुरू करने की जगह, इससे पहले वार्म अप व्यायाम करें।

12. सही पोश्चर बनाए रखें 
जोड़ों के दर्द से राहत के लिए सही पोश्चर में उठना, बैठना और चलना बेहद जरूरी है। सही पोश्चर गर्दन से लेकर घुटनों तक के जोड़ों की रक्षा करता है।

13. एक्सरसाइज
जोड़ों के स्वास्थ्य के लिए व्यायाम को दैनिक दिनचर्या का हिस्सा बनाएं। तैराकी भी जोड़ों के दर्द से राहत के लिए अच्छा व्यायाम होती है।

14. मालिश 
मालिश से शरीर के दर्द में बेहद आराम मिलता है, यही प्रक्रिया जोड़ों के दर्द में भी लागू होती है। नारियल, जैतून, सरसों या लहसुन के तेल से प्रभावित हिस्से की मालिश करें। हल्के हाथों से दबाव देते हुए दर्द वाले हिस्से को मलें। ऐसा करने से दर्द से राहत मिलेगी।

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