ब्रेस्ट में गांठ से परेशानी - Breast Mein Gaanth Se Pareshani!
ब्रेस्ट में गांठ से परेशानी हो भी सकती है व नहीं भी हो सकती है. कभी-कभी परेशानी न करने वाली गांठ भी आगे चलकर खतरनाक रूप ले लेता है. अतः यह जानना जरूरी होता है कि ब्रेस्ट में गांठ का वजह क्या होता है व किस प्रकार का गांठ कितना खतरनाक है. तो आगे हम इसी संदर्भ में चर्चा करते हैं.
ब्रेस्ट में गांठ के कारण-
जब स्तन या ब्रेस्ट के नली में इन्सट्रैडैक्टल पेपिलोमा की वृद्धि होती है तब ब्रेस्ट में गांठ के समस्या होती है, जिसे निप्पल के नीचे गांठ के रूप में देखा जाता है. कभी-कभी यह ब्लडी डिस्चार्ज के रूप में भी सामने आता है. पर ब्रेस्ट या स्तन में गांठ कई कारणों से हो सकते हैं. यह पुरुष व महिला दोनों को हो सकती है. लेकिन महिलाओं में यह अधिक पाया जाता है. कभी-कभी ब्रेस्ट में होने वाला गांठ कैंसर का संकेत होता है. पर यह जरूरी नहीं है कि हरेक ब्रेस्ट का गांठ, कैंसर का ही गांठ हो. हालांकि अधिकतर गांठ, कैंसर का गांठ न होकर अन्य कारणों से होते हैं. ब्रेस्ट में कई गांठ संक्रमण, घाव, सिस्ट, फाइब्रोएडीनोमा, वसा परिगलन या फाइब्रोसिस्टिक स्तन के कारण होते हैं. ब्रेस्ट में कुछ गांठ से कोई परेशानी होती है तो कुछ गांठ से कोई परेशानी नहीं होती है. कई गांठ का दीर्घकालिक असर न होकर वह खुद भी ठीक हो जाता है. पर ब्रेस्ट में गांठ स्तन कैंसर की ओर संकेत करते हैं इसलिए ब्रेस्ट में किसी भी प्रकार का गांठ पाया जाता है तो उसे अपने डॉक्टर से जाँच करा लेना चाहिए कि यह किस प्रकार का गांठ है. कई बार ब्रेस्ट में वसा जमने के कारण भी गांठ हो जाती है तो कई बार शरीर में आयोडिन के कारण गांठ बन जाती है. यदि गांठ होने पर ज्यादा दर्द या खिंचाव महसूस हो रहा हो तो इसे नजरअंदाज नहीं करना चाहिए बल्कि तुरत अपने चिकित्सक से दिखा कर जाँच करानी चाहिए क्योंकि कई बार इस प्रकार के गांठ गंभीर रूप ले लेते हैं.
ब्रेस्ट में गांठ से परेशानी-
ब्रेस्ट का आकार, रंग व बनावट में परिवर्तन: - ब्रेस्ट में गांठ के कारण कैंसर भी हो सकती है. ऐसी स्थिति में ब्रेस्ट के आकार में परिवर्तन हो सकता है. ऐसी स्थिति में ब्रेस्ट के आकार, रंग या बनावट में बदलाव का नजर आ सकता है. अतः इस प्रकार के परिवर्तन दिखाई पड़ने पर तुरंत डॉक्टर से दिखाकर जाँच करानी चाहिए क्योंकि इस प्रकार का परिवर्तन कैंसर के शुरुआती के लक्षणों में एक माना जाता है.
ब्रेस्ट में सूजन के साथ रंग बदलना व बुखार आना: - ब्रेस्ट (स्तन) में गांठ के कारण बुखार के साथ-साथ स्तन में लाल या बैगनी रंग दिखायी दे सकती है जो कि कैंसर का लक्षण है. इस स्थिति में तुरत डॉक्टर से दिखाना चाहिए व जाँच कराना चाहिए.
निप्पल के रंग आदि में बदलाव: - ब्रेस्ट में गांठ के वजह से निप्पल के रंग में बदलाव भी आ सकता है. या कभी-कभी इसपर दाने भी आ सकते हैं या इसमें खुजली भी हो सकते हैं. ये भी कैंसर के लक्षण हो सकते हैं. अतः ऐसी स्थिति में चिकित्सक से सलाह लेकर जाँच करानी चाहिए.
स्तन में दर्द: - ब्रेस्ट में गांठ के वजह से स्तन में दर्द भी हो सकती है. स्तन में दर्द ब्रेस्ट कैंसर का भी लक्षण है. अतः इसे नजरअंदाज न करके डॉक्टर से मिलकर जाँच करानी चाहिए.
ब्रेस्ट में गांठ के कुछ घरेलू उपचार-
ब्रेस्ट में गांठ दर्द सहित या दर्द रहित किसी भी तरह के हो सकते हैं. कुछ गांठ तो कुछ समय में ठीक हो जाते हैं पर कुछ गांठ बाद में भयानक रूप ले सकते हैं. इसीलिए सावधानी जरूरी है. पर यदि गांठ ठीक नहीं हो तो इसे नजरअंदाज न करके अपने चिकित्सक से जाँच कराकर उचित इलाज कराना चाहिए. यहाँ हम ब्रेस्ट के गांठ से बचाव के लिए व गांठ हो जाने पर ध्यान देने योग्य कुछ जरूरी बातों पर चर्चा करेंगे.
आयोडिन युक्त नमक का सेवन करें: - शरीर में हरेक प्रकार का मिनरल का होना बहुत ही जरूरी है. कई बार आयोडिन के कमी के कारण ब्रेस्ट में गांठ बनने लगते है. यदि इसे समय पर ठीक न किया जाये तो ये खतरनाक रूप ले सकते हैं. अतः शरीर में आयोडिन के कमी नहीं हो इसके लिए आयोडिन युक्त नमक का ही सेवन करना चाहिए.
मसाज करें: - यदि स्तन में गांठ हो तो स्तन को ऑलिव ऑयल या किसी भी तेल से मसाज किया जा सकता है. मसाज करने से रक्त का संचार बढ़ता है और गांठ ठीक हो जाता है. तेल को गरम करके मसाज करने से ज्यादा असर होता है. इस प्रकार नियमित मसाज करने से कुछ ही दिन में गांठ ठीक हो सकता है.
स्पोर्ट्स ब्रा पहनें: - यदि स्तन में गांठ हो और इस कारणसे स्तन में दर्द या खिंचाव हो तो इस स्थिति में ज्यादा टाइट कपड़ा नहीं पहनना चाहिए. ऐसी स्थिति में स्पोर्ट्स ब्रा पहनना फायदेमंद रहता है क्योंकि सपोर्ट ब्रा से स्तन पर दबाव नहीं पड़ता है जिससे यह पहनने में आरामदायक रहता है.
कैफीन युक्त पदार्थ का सेवन न करें: - कैफीन के प्रयोग से ब्रेस्ट का गांठ बढ़ सकता है. अतः ब्रेस्ट के गांठ हो तो वैसा कोई भी पेय पदार्थ नहीं पीना चाहिए जिसमें कैफीन की मात्रा हो. चाय, कॉफी आदि का सेवन भी बंद कर देना चाहिए.
हरी सब्जियों का सेवन ज्यादा-से-ज्यादा करें: - हरी सब्जी में एस्ट्रोजन पाया जाता है जो किसी भी तरह के दर्द व खिंचाव से आराम दिलाता है. इसलिए ब्रेस्ट के गांठ में हरी सब्जियों का सेवन अधिक मात्रा में करना चाहिए.
डॉक्टर से उचित इलाज करानी चाहिए: - यदि ब्रेस्ट के गांठ ज्यादा बड़ा हो या ज्यादा दिनों से हो व घरेलू नुस्खे से भी ठीक न हुआ हो या गांठ के कारण अन्य कोई ज्यादा परेशानी हो तो इसे नजरअंदाज नहीं करना चाहिए व अपने डॉक्टर से जाँच कराकर उचित इलाज करानी चाहिए. डॉक्टर से जाँच कराकर यह भी तसल्ली कर लेना चाहिए कि यह गांठ कैंसर का गांठ तो नहीं है.