वसाका (अडुआ) के फायदे और साइड इफेक्ट्स | Vasaka Malabar Nut ke fayde aur iske side effects
आखिरी अपडेट: Feb 17, 2023
प्राचीनकाल से हमारे देश में बीमारियों को ठीक करने के लिए और स्वास्थ्य सही रखने के लिए औषधीय गुणों से युक्त पौधों, फूलों या फलों का सेवन किया जाता रहा है. ऐसी ही एक आयुर्वेदिक जड़ी-बूटी है वसाका. वसाका को अडूसा नाम से भी जाना जाता है. वसाका कई प्रकार के पौष्टिक गुणों से परिपूर्ण है जो हमारे स्वास्थ्य के काफी हितकारी है. तो चलिए जानते हैं वसाका के लाभ. साथ ही हम आपको इनके कुछ दुष्प्रभाव से भी परिचय कराएंगे।
क्या है वसाका
दरअसल, वसाका की गिनती एक प्राकृतिक जड़ी-बूटी के रूप में की जाती है, जो उप-हिमालयी क्षेत्र में पाई जाती है. वसाका या अडूसा एक द्विबीजपत्री झाड़ीदार पौधा है. इसकी पत्तियाँ लम्बी होती हैं और तनों की पर्वसन्धियों पर सम्मुख क्रम में सजी रहती हैं। इसके फूल सफ़ेद रंग के गुच्छेदार होते हैं. वसाका का वैज्ञानिक नाम एढैटोडा जेलनिका है और यह एकेन्थेसिया परिवार का पौधा है। वसाका भारत के अलावा पाकिस्तान व श्रीलंका में भी पाया जाता है। वसाका कई पौष्टिक गुणों से भरा हुआ है, इसलिए कई आयुर्वेदिक और होम्योपैथिक दवाइयों में भी इसका इस्तेमाल किया जाता है. ये औषधियां इसकी पत्तियों एवं जड़ों से तैयार की जाती हैं।
वसाका के प्रकार
वसाका मुख्यतः निम्न प्रकार के होते हैं
- श्वेत वसाका: यह झाड़ीदार पौधा होता है और इसके फूल सफेद रंग के होते हैं। इसकी मंजरियाँ फरवरी से मार्च में आती हैं। इसकी फली 18-22 मिमी लम्बी, 8 मिमी चौड़ी, रोम वाली होती है तथा प्रत्येक फली में चार बीज होते हैं।
- रक्त वसाका: रक्त वसाका का पौधा भी झाड़ीदार ही होता है, लेकिन इसके फूल के रंग सफ़ेद होते हैं. इसकी पत्तियाँ मृदुकारी तथा सूजन कम करने में मदद करता है।
- कृष्णा वसाका: इस पौधे का पूरा भाग बैंगनी रंग का होता है। कई स्थानों पर इसका प्रयोग कटसरैया में मिलावट के लिए किया जाता है।
- क्षुद्र वसाका: यह लगभग 3-4 मी ऊँची झाड़ी होता है जिसकी डालें चारों तरफ फैली होती हैं। इसके फूल सफेद रंग के होते हैं। इसके पत्ते, जड़ तथा फूल का प्रयोग चिकित्सा के लिए किया जाता है।
वसाका के पौषणिक लाभ
वसाका कई पौष्टिक तत्वों से परिपूर्ण है, जो कई प्रकार से हमारे स्वास्थ्य के लिए लाभकारी होते हैं. इसकी सबसे बड़ी खासियत यह है कि इस पौधे के सभी भागों का औषधीय कार्यों के लिए किया जा सकता है. इसकी पत्तियाँ अल्कलॉइड्स, टैनिन, सैपोनिन, फ्लेवोनोइड्स और फेनोलिक्स जैसे फाइटो-केमिकल्स से भरपूर होती हैं। इस पौधे की पत्तियों में वैसीसिन, क्विनाज़ोलिन अल्कलॉइड और आवश्यक तेल भी मौजूद होते हैं। इनके अलावा रसायनों की एक लंबी सूची भी मौजूद है जो वासका को औषधीय रूप से उपयोगी बनाने के लिए जिम्मेदार हैं। वसाका वात, पित्त और कफ को कम करने में बहुत काम आता ही है। इसके साथ ही यह सिरदर्द, आँखों की बीमारी, पाइल्स, मूत्र रोग जैसे अनेक बीमारियों में बहुत फायदेमंद साबित होता है.
वसाका के स्वास्थ्य लाभ
नीचे उल्लेखित मक्के के सबसे अच्छे स्वास्थ्य लाभ हैं
खांसी को रोकता है
खांसी के इलाज और रोकथाम के लिए वसाका आयुर्वेदिक दवा का एक अत्यंत महत्वपूर्ण घटक है। खाँसी बहुत परेशानी का कारण बनती है और रात में अच्छी नींद लेने में एक वास्तविक बाधा हो सकती है। हालांकि, इस समस्या के समाधान के लिए वसाका रामबाण इलाज है. इसका उपयोग खाँसी को दबाने के लिए किया जाता है और विशेष रूप से जब किसी व्यक्ति की खांसी में पीला बलगम आता है या वह थूक को बाहर निकालने में असमर्थ होता है या घरघराहट होती है। यह सांस लेने में भी मदद करता है।
अस्थमा की समस्या के लिए
वसाका में सूजन-रोधी गुण भी पाए जाते हैं। यह वायु मार्ग और फेफड़ों में सूजन को कम करने में मदद करता है और अस्थमा की प्रतिकूलताओं को रोकने के लिए स्वस्थ और आसान सांस लेने को बढ़ावा देता है। साथ ही, इस पौधे में पाया जाने वाला वैसीसिन ब्रोंकोडायलेटर के रूप में काम करता है जो वायु मार्ग को चौड़ा करता है और सांस लेने में आसानी करता है।
एंटीवायरल गुण के परिपूर्ण
संक्रमण उष्णकटिबंधीय देशों की एक बड़ी समस्या है जो विभिन्न रोगाणुओं और उनके वाहकों के विकास के लिए एक अत्यंत उपयुक्त आवास है। वायरल फीवर इसका एक बड़ा उदाहरण है। ऐसी समस्यायों के इलाज में वसाका बेहद उपयोगी किरदार निभाता है। यह तापमान को कम करने में मदद करता है और पीले और मोटे नाक के स्राव को बाहर निकालने में भी मदद करता है जो जमा हो सकते हैं और सांस लेने में परेशानी पैदा कर सकते हैं।
साइनसाइटिस की समस्या से निजात
साइनसाइटिस एक बार-बार होने वाली दर्दनाक और परेशान करने वाली स्थिति हो सकती है, जहां साइनस नाक के स्राव के साथ अवरुद्ध हो जाते हैं और यह संक्रमण और सूजन के कारण बन जाते हैं। वसाका के एंटी-इंफ्लेमेटरी और एंटीमाइक्रोबियल गुण ऐसी स्थितियों के इलाज के लिए एक साथ काम करते हैं। साइनस में जमा मवाद या तरल पदार्थ बाहर निकल जाता है जिससे रुकावट कम हो जाती है और संक्रमण भी समाप्त हो जाता है।
ब्रोंकाइटिस के इलाज में प्रभावी
वसाका अपने विविध गुणों के कारण ब्रोंकाइटिस के इलाज में मदद करता है। ब्रोंकाइटिस में ब्रोन्कियल नलिकाएं इसकी सूजन के साथ-साथ इसकी दीवारों पर बलगम के जमाव के कारण वायु मार्ग को कम कर देती हैं। वसाका इन बंद मार्गों को साफ करता है, इस स्थिति के कारण होने वाली खांसी, सीने में तकलीफ और सांस की तकलीफ को कम करता है।
गले की खराश में राहत प्रदान करता है
हमारे शरीर में कई बार गले में खराश, गले में दर्द और टॉन्सिलिटिस जैसी कई आम समस्याएं हो जाती हैं और बदलते मौसम के दौरान ऐसे मामले बढ़ जाते हैं। वसाका में मौजूद जीवाणुरोधी, एंटीवायरल और एंटी-इंफ्लेमेटरी गुण प्रमुख कारक हैं जो राहत प्रदान करने में मदद करते हैं। इसके अलावा वसाका नरम तालू की लाली, दर्द और सूजन का भी ख़ास ध्यान रखता है।
आंत स्वास्थ्य के लिए अच्छा है
वसाका से बने पाउडर हमारे पेट के लिए कभी लाभकारी होते हैं. यह पेट में एसिड बनने को कम करने में मदद करता है। यह इसे अपच, जठरशोथ और अम्लता के लिए एक अद्भुत इलाज बनाता है। एसिडिटी को कम करने के लिए इसका सेवन किया जा सकता है जो हमारे शरीर पर कई हानिकारक प्रभाव डाल सकता है।
जोड़ों के दर्द को कम करने में मददगार
कई लोगों को जोड़ों का दर्द जैसी समस्याओं का सामना करना पड़ता है जिसका उनके जीवन शैली पर भी बुरा प्रभाव पड़ता हैं। यूरिक एसिड का बढ़ा हुआ स्तर इस तरह के दर्द के प्रमुख कारणों में से एक है। वसाका से बना पाउडर यूरिक एसिड के स्तर को कम करने में मदद करता है। वसाका गाउट के कारण होने वाले दर्द और कोमलता को कम करने में भी काफी मददगार होता है। इसका एंटी-इंफ्लेमेटरी गुण जोड़ों की सूजन को भी कम करने में मदद करता है।
वसाका पाउडर यूरेमिया पर प्रभावी
जब किडनी रक्त को ठीक से फिल्टर करने और विषाक्त पदार्थों और अपशिष्टों से छुटकारा पाने में विफल हो जाती है, तो यह रक्त में जमा हो जाता है। इन जहरीले कचरे का एक बड़ा हिस्सा नाइट्रोजन और यूरिया के यौगिक हैं। वसाका पाउडर इन हानिकारक पदार्थों को पेशाब के जरिए बाहर निकालने में मदद करता है। किडनी की इस तरह की खराबी ज्यादातर किडनी या उसके संबंधित भागों में गंभीर चोट लगने या किडनी फेल होने के दौरान होती है।
वसाका के उपयोग
वसाका औषधीय प्रयोजनों के लिए तो उपयोग किया ही जाता है. इसके अलावा, वासाका का उपयोग खाद और बाड़ लगाने में भी किया जाता है। कई बीमारियों के इलाज के लिए आयुर्वेदिक डॉक्टर्स वसाका के सेवन की सलाह देते हैं। हालांकि, इसका सेवन बीमारी में लिखी हुई मात्रा के अनुसार ही करना चाहिए। यह एक सदाबहार झाड़ी है और अक्सर इसे घरों में सजावटी पौधों के रूप में उगाया जाता है।
वसाका के दुष्प्रभाव और एलर्जी
वसाका जड़ी बूटी के पाउडर की सबसे बड़ी कमी यह है कि यह कैंसर का कारक हो सकता है। इस कारण से वसाका को एफडीए द्वारा प्रतिबंधित उत्पाद घोषित किया गया है। इसके अलावा, चूंकि वसाका ब्लड शुगर लेवल को कम करने में मदद करता है, इसलिए इसका सेवन सोच-समझकर करना चाहिए। यदि अधिक मात्रा में लिया जाए तो व्यक्ति हाइपोग्लाइकेमिया में जा सकता है। अगर आप किसी विशेष प्रकार की दवाई का सेवन कर रहे हैं तो आपको वसाका के सेवन से पहले डॉक्टर्स की सलाह जरूर लेनी चाहिए। इसके अलावा गर्भवती महिला और स्तनपान करने वाली महिला को भी वसाका का उपयोग करने से पहले चिकिस्तक से सलाह लेना चाहिए।
वसाका की खेती और उत्पत्ति
अडूसे के स्वयंजात पौधे सम्पूर्ण भारतवर्ष में लगभग 400 से 1400 फूट की ऊंचाई तक कंकरीली भूमि में झाड़ियों के समूह में उगते हैं।
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