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Last Updated: Dec 29, 2022
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ओमिक्रॉन BF.7: पूरे विश्व में आतंक का पर्याय बनता जा रहा ओमिक्रॉन का सबवैरिएंट

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ओमिक्रॉन BF.7

ओमिक्रॉन BF.7

दुनिया में कई लोगों की मौत की वजह बन चुके कोरोना वायरस का एक नया वैरिएंट एक बार फिर विश्व में अपने पैर फैलाता नजर आ रहा है। इस नए वैरिएंट की वजह से चीन सहित दुनिया के कई देशों में हाहाकार मचा हुआ है।

अब भारत भी इस नए वैरिएंट से अछूता नहीं रह गया है। हम बात कर रहे हैं ओमिक्रॉन सबवैरिएंट BF.7 (Omicron BF.7) की, जिसको लेकर भारत सहित कई देश काफी चिंतित नजर आ रहे हैं।चलिए आज इस सबवैरिएंट BF.7 वैरिएंट पर विस्तार से चर्चा करते हैं। सबसे पहले बात करते हैं यह सब वैरिएंट है क्या और इसके लक्षण क्या है।

क्या है ओमिक्रॉन BF.7?

दरअसल, BF.7 कोरोना वायरस का ही एक सबवैरिएंट है, जिसका निर्माण म्यूटेशन की वजह से हुआ है। यह ओमिक्रॉन BA.5 के सब-वेरिएंट BA.5.2.1.7 के समान ही है। इसी वर्ष जनवरी माह में भारत में पहले ओमिक्रॉन के BA.1 और BA.2 सब-वेरिएंट के कई केस सामने आए थे और फिर BA.4 और BA.5 की लहर देखने को मिली। अक्टूबर माह में BF.7 के भी कुछ मामले देखे गए लेकिन, इसकी संख्या बहुत कम थी।

क्या है ओमिक्रॉन BF.7 के लक्षण

कई रिपोर्ट्स के अनुसार, ओमिक्रॉन का सबवैरिएंट BF.7 सबसे ज्यादा श्वसन पथ यानी रेस्पिरेटरी सिस्टम पर असर डालता है। इसके साथ ही बुखार, खांसी, गला खराब होना और बहती नाक के रूप में भी यह प्रभावित कर सकता है। ओमिक्रॉन के इस वैरिएंट को लेकर यह भी बताया जा रहा है कि हर किसी के शरीर में इस वैरिएंट के अलग-अलग लक्षण देखने को मिल रहे हैं।

ओमिक्रॉन BF.7 से कितना है ख़तरा

ओमिक्रॉन को सबवैरिएंट BF.7 को अभी तक फैले वैरिएंट से खतरनाक बताया जा रहा है। इस वैरिएंट की प्रजनन संख्या 10 से 18.6 तक माना जाता है। इसका अर्थ यह है कि इस वैरिएंट से संक्रमित एक व्यक्ति से औसतन 10 से 18.6 अन्य लोग प्रभावित हो सकते हैं। आसान शब्दों में समझे तो यह कम समय में ज्यादा लोगों को प्रभावित करने का दम रखता है। इस वैरिएंट को इतना खतरनाक बताया जा रहा है कि यह कोरोना की वैक्सीन लगवा चुके लोगों को भी प्रभावित कर रहा है।

ओमिक्रॉन BF.7 से बचाव के तरीके

कोरोना के नियमों का पालन ही इस वैरिएंट से बचने का सही उपाय है। जैसे मास्क लगाए, लोगों से कम से कम दो गज की दूरी बनाकर रखें, ग्लब्स और सैनेटाइजर का प्रयोग करें, अगर आपके शरीर में भी इस वैरिएंट के लक्षण नजर आ रहे हैं तो खुद को आइसोलेशन में रखें और डॉक्टर्स से सलाह करें। इसके अलावा अगर आप कोरोना वैक्सीन के बूस्टर डोज के काबिल हो चुके हैं तो तुरंत ही इसे लगवा लें।

ओमिक्रॉन BF.7 का आतंक

चीन सहित दुनिया के कई देशों में इस वैरिएंट का आतंक देखने को मिल रहा है। भारत भी इससे अछूता नहीं रह गया है। अगर बात केवल चीन की करें तो इस समय वहां इस वैरिएंट के मामले तेजी से फैलते नजर आ रहे हैं। वहां के हालात बिगड़ते ही जा रहे हैं। इस वैरिएंट की वजह से वहां कई मौते भी हो चुकी है। भारत में भी इस वैरिएंट के कुछ मामले सामने आ चुके हैं। इसी वजह से भारत सरकार इसको लेकर सचेत नजर आ रही है। सबसे बड़ी बात यह है कि यह वायरस उन लोगों को भी अपनी चपेट में ले ले रहा है जो कोरोना वायरस की सभी डोज लगवा चुके हैं।

वहीं जापान में भी BF.7 तेजी से फैलता नजर आ रहा है। वहां रोजाना 2 लाख के आसपास नए केस देखने को मिल रहे हैं। ताजा आंकड़ों के मुताबिक, जापान में 20 दिसंबर को कोरोना वायरस के 1,87,070 नए मामले देखने को मिले हैं।

चीन और जापान के अलावा अमेरिका, ब्रिटेन और बेल्जियम, जर्मनी, फ्रांस और डेनमार्क जैसे यूरोपीय देशों सहित कई अन्य देशों में भी इस वैरिएंट के मामले पाए जा चुके हैं।

भारत भी इस वैरिएंट से अछूता नहीं रह गया है। यहां अभी तक चार मामले प्रकाश में आएं हैं। इन चार मामलों में से तीन गुजरात से और एक भुवनेश्वर, ओडिशा में मामला सामने आया है। सब-वैरिएंट का कोई और मामला रिपोर्ट नहीं किया गया और यह संक्रामक भी नहीं था।

कोरोना वायरस की शुरुआत

इसके पहले कोरोना वायरस के विषय में जान लेते हैं। दरअसल, इस वायरस की शुरुआत वर्ष 2019 के दिसंबर माह में एक नए किस्म के संक्रमण के रूप में हुई थी, जो चीन के मध्य स्थित वुहान शहर में तेजी से फैलता नजर आ रहा था। इस वायरस की 30 जनवरी 2020 को भारत में फैलने की पुष्टि हुई थी। अभी तक कोरोना वायरस से भारत में लाखों लोगों की मौत हो चुकी है। हालांकि पिछले कुछ समय में यहां संक्रमित लोगों की संख्या में कमी आई है।

Frequently Asked Questions (FAQs)

  • ओमिक्रॉन सबवैरिएंट BF.7 को अभी तक के सभी वैरिएंट से ज्यादा खतरनाक बताया जा रहा है। दरअसल, यह वैरिएंट अन्य वैरिएंट्स के मुकालबे ज्यादा तेजी से फैलता है. माना जा रहा है कि वेरिएंट बीएफ.7 की प्रजनन संख्या, या आर वैल्यू करीब 10 से 18.6 तक ही है। इसका मतलब है कि BF.7 से संक्रमित एक व्यक्ति करीब 10 और 18.6 अन्य लोगों को संक्रमित कर सकता है।
  • घर में ओमिक्रॉन के इस नए वैरिएंट की जांच घर में की जा सकती है, इसको लेकर कोई ताजा जानकारी प्राप्त तो नहीं हुई है। हालांकि सरकार ने इस वैरिएंट से बचने के लिए लोगों को कोविड वैक्सीन और बूस्टर डोज लगवाने पर जोर जरूर दिया है। हालांकि, यह भी बताया जा रहा है कि कोरोना वैक्सीन को संजीवनी न समझा जाए. इसे लगवाने के बाद भी यह वैरिएंट आपको प्रभावित कर सकता है। अगर आप में कोरोना के ये नए लक्षण नजर आ रहे हैं तो खुद को तुरंत आइसोलेट करना समझदारी होगी। इसके तुरंत बाद किसी एक्सपर्ट से आप खुद की कोरोना जांच करवाए।
  • भारत में अभी ओमिक्रॉन BF.7 वैरिएंट के बहुत कम मामले सामने आए हैं। इसलिए ये कहना तो मुश्किल है कि इस संक्रमण से कितना खतरा है लेकिन यह जरूर बताया गया है कि BF.7 सबसे ज्यादा श्वसन पथ यानी रेस्पिरेटरी सिस्टम पर असर डालता है। इसके साथ ही बुखार, खांसी, गला खराब होना और बहती नाक के रूप में भी यह प्रभावित कर सकता है।
  • सभी हेल्थ एक्सपर्ट ओमिक्रॉन BF.7 के लक्षण मिलते ही खुद को आइसोलेट करने की सलाह देते हैं। उनका कहना है कि इस नए वैरिएंट से संक्रमित लोगों को तब तक आइलेट रखना चाहिए, जबतक हेल्थ एक्सपर्ट या डॉक्टर आपको पूर्ण रूप से स्वस्थ न बताए।
  • चूंकि अभी भारत में BF.7 वैरिएंट के ज्यादा मामले सामने नहीं आए है, इसलिए यह कहना तो मुश्किल है कि यह BA2 वैरिएंट से ज्यादा खतरनाक है या नहीं लेकिन जिस तरह से इस वैरिएंट के फैलने की और लोगों को प्रभावित करने की क्षमता आंकी जा रही है, उसे देखकर इसे BA2 वैरिएंट से ज्यादा खतरनाक माना जा रहा है।
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Written By
PhD (Pharmacology) Pursuing, M.Pharma (Pharmacology), B.Pharma - Certificate in Nutrition and Child Care
Pharmacology
English Version is Reviewed by
MD - Consultant Physician
General Physician
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