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ओमेगा 3 फैटी एसिड्स: लाभ, उपयोग और हानि | Omega 3 Fatty Acids: Labh, upyog aur haani

आखिरी अपडेट: Feb 15, 2023

ओमेगा 3 फैटी एसिड्स क्या हैं? | Omega 3 Fatty Acids kya hain?

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ओमेगा -3 फैटी एसिड 'स्वस्थ वसा' हैं जो आपके हृदय के स्वास्थ्य को बेहतर बनाए रखने में मदद करते हैं। ये ट्राइग्लिसराइड्स को कम करने में मदद करता है । विशिष्ट प्रकार के ओमेगा -3 में डीएचए, ईपीए और एएलए होते हैं।ओमेगा-3 फैटी एसिड खाद्य पदार्थों और पूरक आहार में मौजूद होते हैं। वे शरीर की सभी कोशिकाओं को अच्छी तरह से काम करने वाली झिल्लियों को बनाए रखने में मदद करते हैं।

ओमेगा -3 फैटी एसिड पॉलीअनसेचुरेटेड वसा हैं जो आपके शरीर में महत्वपूर्ण कार्य करते हैं। आपका शरीर जीवित रहने के लिए आवश्यक ओमेगा -3 की मात्रा का उत्पादन नहीं कर सकता है। ओमेगा -3 फैटी एसिड आवश्यक पोषक तत्व हैं, इसलिए आपको उन्हें खाद्य पदार्थों से प्राप्त करने की आवश्यकता होती है।

ओमेगा 3 फैटी एसिड्स क्या करते हैं? | Omega 3 Fatty Acids kya karte hain?

ओमेगा -3 फैटी एसिड हमारे शरीर की सभी कोशिकाओं को ठीक से काम करने में मदद करते हैं। वे शरीर की कोशिका झिल्लियों का एक महत्वपूर्ण हिस्सा हैं, जो कोशिकाओं के बीच संरचना और सहायक तालमेल प्रदान करने में मदद करती हैं। हालांकि ये आपकी सभी कोशिकाओं के लिए महत्वपूर्ण हैं, पर ओमेगा -3 एस विशेष रूप से आपकी आंखों और मस्तिष्क की कोशिकाओं में बहुत अधिक मात्रा में मौजूद होते हैं।

इसके अलावा, ओमेगा-3 आपके शरीर को ऊर्जा (कैलोरी) प्रदान करता है और कई शरीर प्रणालियों को ठीक रखने में मदद करता है। इनमें आपका कार्डियो वैस्कुलर और एंडोक्राइन सिस्टम शामिल हैं।

ओमेगा 3 फैटी एसिड्स के उदाहरण क्या हैं? | Omega 3 Fatty Acids ke Udaharan kya hain?

ओमेगा-3 फैटी एसिड के तीन मुख्य प्रकार हैं:

  • ईपीए (ईकोसैपेंटेनोइक एसिड)
  • ईपीए एक 'मरीन ओमेगा -3' है क्योंकि यह मछली में पाया जाता है।
  • डीएचए (डोकोसाहेक्साएनोइक एसिड)
  • डीएचए भी मछली में पाया जाने वाला एक मरीन ओमेगा-3 है।
  • एएलए (अल्फा-लिनोलेनिक एसिड)
  • एएलए पौधों में पाया जाने वाला ओमेगा-3 का रूप है।

एएलए ज्यादातर वनस्पति तेलों में मौजूद होता है, जैसे कि चिया के बीज, अलसी के बीज और अखरोट। डीएचए और ईपीए ज्यादातर ठंडे पानी की वसायुक्त मछली, जैसे मैकेरल, सैल्मन, हेरिंग और सार्डिन में मौजूद होते हैं।

ओमेगा 3 फैटी एसिड्स किन चीज़ों से प्राप्त होते हैं? | Omega 3 Fatty Acids kin cheezon se prapt hote hain?

ओमेगा-3 स्वाभाविक रूप से कुछ खाद्य पदार्थों में पाए जाते हैं । ये शाकाहारी और मांसाहारी दोनों प्रकार के स्रोतों से प्राप्त किए जा सकते हैं। आप निम्न सहित विभिन्न प्रकार के खाद्य पदार्थ खाकर पर्याप्त मात्रा में ओमेगा -3 प्राप्त कर सकते हैं:

  • मछली और अन्य समुद्री भोजन (विशेष रूप से ठंडे पानी की वसायुक्त मछली, जैसे सैल्मन, मैकेरल, टूना, हेरिंग और सार्डिन)
  • मेवे और बीज (जैसे अलसी, चिया बीज और अखरोट)
  • वनस्पति तेल (जैसे अलसी का तेल, सोयाबीन का तेल और कैनोला का तेल)
  • गरिष्ठ खाद्य पदार्थ (जैसे अंडे, दही, जूस, दूध, सोया पेय के कुछ ब्रांड)

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ओमेगा 3 फैटी एसिड्स वाले प्रमुख खाद्य पदार्थ कौन से हैं? | Omega 3 Fatty Acids wale pramukh Khadya padarth kaun se hain?

ओमेगा 3 फैटी एसिड्स प्रमुख रूप से मछली और समुद्री भोजन में भरपूर मात्रा में होते हैं। विशेष रूप से वसायुक्त, तैलीय मछली डीएचए और ईपीए का उत्कृष्ट स्रोत हैं।

मैकेरल
मैकेरल एक छोटी, वसायुक्त मछली है। ओमेगा -3 एस के साथ, मैकेरल सेलेनियम और विटामिन बी 12 से भरपूर होती है।

सैल्मन
सैल्मन एक लोकप्रिय और पौष्टिक मछली है। प्राकृतिक और फार्म्ड सैल्मन के बीच की पैष्टिकता में अंतर होता है और उनमें मौजूद डीएचए और ईपीए की मात्रा अलग-अलग हो सकती है। इनमें उच्च स्तर के प्रोटीन, मैग्नीशियम, पोटेशियम, सेलेनियम और विटामिन बी भी होते हैं।

सीबेस
सीबेस एक हल्की सफेद मछली है जो विशेष रूप से जापान में लोकप्रिय है। यह ओमेगा 3 का उत्कृष्ट स्त्रोत है। यह प्रोटीन, सेलेनियम, कैल्शियम और फास्फोरस भी प्रदान करती है।

ऑयस्टर
ऑयस्टर शेलफिश का एक प्रकार है जिसे आमतौर पर ऐपेटाइज़र या स्नैक के रूप में परोसा जाता है। कई अन्य समुद्री खाद्य स्रोतों के विपरीत, ऑयस्टर में ओमेगा-3 फैटी एसिड्स के सभी तीन प्रमुख वर्ग होते हैं। ये जिंक और विटामिन बी 12 से भी भरपूर होते हैं।

सार्डिन
सार्डिन छोटी, तैलीय मछलियाँ हैं जो विशेष रूप से मांसयुक्त होती हैं। ये आमतौर पर कैन कर के डिब्बों में बेची जाती हैं। वे सेलेनियम और विटामिन बी12 और डी का भी एक अच्छा स्रोत हैं।

झींगा
दुनिया भर के लोग झींगा को ऐपेटाइज़र और भोजन के रूप में खाते हैं। ये ओमेगा 3 के अलावा प्रोटीन और पोटैशियम से भी भरपूर होता है। ओमेगा 3 फैटी एसिड्स के शाकाहारी स्रोत

सी वीड और एल्गी
सी वीड, नोरी, स्पिरुलिना और क्लोरेला एल्गी के विभिन्न रूप हैं जिन्हें बहुत से लोग अपने स्वास्थ्य लाभ के लिए खाते हैं। शाकाहारी लोगों के लिए ये ओमेगा -3 के महत्वपूर्ण स्रोत हैं क्योंकि इनमें डीएचए और ईपीए दोनों मौजूद होते हैं।सी वीड प्रोटीन से भरपूर होते हैं और इनमें एंटीडायबिटिक, एंटीऑक्सिडेंट और एंटीहाइपरटेंसिव गुण हो सकते हैं।

चिया सीड्स
चिया के बीज एएलए ओमेगा-3 फैटी एसिड का एक उत्कृष्ट स्रोत हैं। इनमें फाइबर और प्रोटीन भी उच्च मात्रा में होते हैं। इन बीजों का उपयोग ग्रेनोला, सलाद, या स्मूदी में में किया जाता है। इसके अलावा चिया पुडिंग बनाने के लिए इन्हें दूध या दही के साथ मिला सकते हैं।

हेम्प सीड्स
हेम्प सीड्स ओमेगा 3 फैटी एसिड्स के अलावा कई पोषक तत्वों से भी भरपूर हैं। इनमें प्रोटीन, मैग्नीशियम, आयरन, जिंक भरपूर मात्रा में होता है।

अलसी
अलसी के बीज ओमेगा 3 फैटी एसिड्स का प्रमुख स्रोत हैं। इसके अलावा अलसी के बीज कई अन्य पोषक तत्वों से भरपूर होते हैं, जिनमें फाइबर, प्रोटीन, मैग्नीशियम, मैंगनीज इत्यादि शामिल हैं। चिया सीड्स की तरह, लोग वीगन एग रिप्लेसमेंट बनाने के लिए फ्लैक्ससीड्स को पानी के साथ मिला सकते हैं। उन्हें दलिया, अनाज या सलाद में शामिल करके आहार में शामिल करना भी आसान है।

अखरोट
अखरोट एएलए ओमेगा-3 फैटी एसिड सहित स्वस्थ वसा का एक उत्कृष्ट स्रोत हैं। इनका उपयोग ग्रेनोला में, स्नैक बार, दही, सलाद, या पके हुए व्यंजनों में किया जा सकता है ।

एडामामे
एडामामे बीन्स अपरिपक्व सोयाबीन हैं । ये ओमेगा-3 और प्रोटीन दोनों से भरपूर होते हैं। उबले हुए एडामेम बीन्स सलाद में या साइड डिश के रूप में अच्छी तरह से काम करते हैं।

राजमा
राजमा या किडनी बीन्स भोजन ओमेगा 3 का अच्छा स्रोत हैं और इन्हें भारत में काफी चाव से खाया जाता है। इन्हें करी या सलाद में इस्तेमाल किया जाता है।

सोयाबीन का तेल
सोयाबीन बहुत लोकप्रिय फलियां हैं। इनका उपयोग खाना पकाने के लिए सोयाबीन के तेल के रूप में होता है। ये विटामिन बी2, मैग्नीशियम, पोटैशियम, फोलेट,विटामिन के में भी भरपूर होता है।

वीट जर्म
वीट जर्म गेहूँ के दाने का आंतरिक भाग होता है। इसमें हल्का, पौष्टिक स्वाद होता है, जो इसे सलाद, अनाज या दही के लिए टॉपिंग के रूप में उपयुक्त बनाता है। वीट जर्म ओमेगा 3 फैटी एसिड्स में भरपूर होते हैं। इसके अलावा वीट जर्म में विटामिन बी1, विटामिन बी6 और फोलेट भी उच्च मात्रा में होता है।कुछ खाद्य पदार्थ और पेय पदार्थ ओमेगा -3 में स्वाभाविक रूप से उच्च नहीं होते हैं, इसलिए निर्माता उत्पाद में पोषक तत्व जोड़ सकते हैं। जैसे फलों के रस, ब्रेड, अंडे, दूध, दही, मक्खन, मार्जरीन और स्प्रेड, तेल इत्यादि।

ओमेगा -3 सप्लीमेंट्स
जो लोग अपनी ओमेगा -3 आहार संबंधी आवश्यकताओं को पूरा नहीं कर सकते हैं और जो उच्च स्तर की सूजन का अनुभव करते हैं, वे ओमेगा -3 सप्लिमेंट्स लेने से लाभान्वित हो सकते हैं। ओमेगा 3 सप्लिमेंट्स में शामिल हैं:

  • मछली का तेल: मछली का तेल सबसे आम ओमेगा 3 पूरक है, और यह उच्चतम खुराक प्रदान करता है। मछली के तेल की खुराक में डीएचए और ईपीए दोनों शामिल हैं।
  • कॉड लिवर ऑयल: कॉड लिवर ऑयल डीएचए और ईपीए ओमेगा-3 से भरपूर होता है।
  • क्रिल ऑयल: क्रिल ऑयल एक अन्य समुद्री भोजन का तेल है जो डीएचए और ईपीए से भरपूर है।
  • एल्गी ऑयल: शाकाहारी आहार का पालन करने वाले लोगों के लिए एल्गी ऑयल ओमेगा-3 का एक उत्कृष्ट स्रोत है।

ओमेगा 3 फैटी एसिड्स के 20 वैज्ञानिक स्वास्थ्य लाभ | Omega 3 Fatty acids ke 20 vaigyanik swasthya labh

अवसाद और चिंता से बचाव
डिप्रेशन आजकल एक आम समस्या है।इसके लक्षणों में उदासी, सुस्ती और जीवन की सामान्य गतिविधियों में रुचि ना होना शामिल है। इसके अलावा हमेशा चिंता और घबराहट भी इसकी विशेषता है। अध्ययनों से पता चलता है कि जो लोग नियमित रूप से ओमेगा -3 का सेवन करते हैं, उनके उदास होने की संभावना कम होती है । यही नहीं जब अवसाद या चिंता से ग्रस्त लोग ओमेगा-3 की खुराक लेना शुरू करते हैं, तो उनके लक्षणों में सुधार होता है ।

नेत्र स्वास्थ्य में सुधार
डीएचए, एक प्रकार का ओमेगा-3, आपकी आंख के रेटिना का एक प्रमुख संरचनात्मक हिस्सा है । जब आपको पर्याप्त डीएचए नहीं मिलता है, तो दृष्टि संबंधी समस्याएं उत्पन्न हो सकती हैं । दिलचस्प बात यह है कि पर्याप्त ओमेगा -3 लेने से मैक्युलर डीजनरेशन की समस्या कम होती है जिसके कारण आंखों की स्थायी क्षति और अंधेपन को रोका जा सकता है।

गर्भावस्था और प्रारंभिक जीवन में मस्तिष्क स्वास्थ्य को बढ़ावा
शिशुओं में मस्तिष्क के विकास के लिए ओमेगा -3 महत्वपूर्ण हैं। डीएचए आपके मस्तिष्क में 40% पॉलीअनसेचुरेटेड फैटी एसिड और 60% आपकी आंख के रेटिना में होता है । इसलिए, यह कोई आश्चर्य की बात नहीं है कि जिन शिशुओं को डीएचए-फोर्टिफाइड फॉर्मूला दिया जाता है, उनकी दृष्टि बाकी शिशुओं की तुलना में बेहतर होती है। गर्भावस्था के दौरान पर्याप्त ओमेगा -3 प्राप्त करना आपके बच्चे के लिए कई लाभों से जुड़ा है, जिनमें शामिल हैं

  • तेज़ दिमाग
  • बेहतर संचार और सामाजिक कौशल
  • व्यवहार संबंधी समस्याओं में कमी
  • अच्छा विकास होना
  • एडीएचडी, ऑटिज़्म और सेरेब्रल पाल्सी के जोखिम में कमी
  • हृदय रोग के जोखिम को कम करे

ओमेगा -3 की खुराक लेने से व्यक्ति को दिल का दौरा पड़ने का खतरा कम हो सकता है। शोध में पता चला है कि ट्राइग्लिसराइड के स्तर को कम करने में ओमेगा -3 काफी कारगर है। ट्राइग्लिसराइड्स वसा होते हैं, और यदि किसी व्यक्ति में इनकी अधिकता होती है, तो उन्हें हृदय रोगों का खतरा अधिक होता है।

रक्तचाप पर नियंत्रण और अच्छे एचडीएल कोलेस्ट्रॉल को बढ़ावा:
ओमेगा-3 उच्च रक्तचाप वाले लोगों में रक्तचाप के स्तर को कम कर सकता है । साथ ही ओमेगा-3 'अच्छे' एचडीएल कोलेस्ट्रॉल के स्तर को बढ़ा सकता है ।

रक्त के थक्केओमेगा-3 खून को रोके रख सकता है। ये प्लेटलेट्स को आपस में चिपकने से रोकता है। इस तरह यह हानिकारक रक्त के थक्कों के गठन को रोकने में मदद करता है

प्लाक से बचाव
यह आपकी धमनियों को स्थिर रखता है। ओमेगा 3 धमनियों को चिकनाई और क्षति से बचाता है और उनमें प्लाक बनने से रोकता है और धमनियों को सख्त होने से भी रोकता है।

बच्चों में एडीएचडी के लक्षणों में कमी
अटेंशन डेफिसिट हाइपरएक्टिविटी डिसऑर्डर (एडीएचडी) एक व्यवहारिक विकार है जिसकी विशेषता असावधानी, अतिसक्रियता और बहुत अधिक आवेग है। शोध बताते हैं कि एडीएचडी वाले बच्चों में उनके स्वस्थ साथियों की तुलना में ओमेगा -3 फैटी एसिड का रक्त स्तर कम होता है । हालांकि ओमेगा -3 की खुराक एडीएचडी के लक्षणों को कम कर सकती है। ओमेगा -3 बच्चों में असावधानी और कार्य पूर्णता में सुधार करने में मदद करता है। ये सक्रियता, आवेग, बेचैनी और आक्रामकता को भी कम करता है ।

मेटाबोलिक सिंड्रोम के लक्षणों में कमी
मेटाबोलिक सिंड्रोम कई स्वास्थ्य संबंधी स्थितियों का एक संग्रह है। इसमें मुख्य समस्या मोटापा है।इसे पेट की चर्बी के रूप में भी जाना जाता है। साथ ही उच्च रक्तचाप, इंसुलिन प्रतिरोध, उच्च ट्राइग्लिसराइड्स इत्यादि शामिल हैं।यह हृदय रोग और मधुमेह सहित कई अन्य बीमारियों के आपके जोखिम को बढ़ाता है । ओमेगा -3 फैटी एसिड मेटाबोलिक सिंड्रोम वाले लोगों में इंसुलिन प्रतिरोध, सूजन और हृदय रोग के जोखिम वाले कारकों में सुधार कर सकते हैं ।

सूजन से लड़े
सूजन आपके शरीर में संक्रमण और क्षति के लिए एक स्वाभाविक प्रतिक्रिया है। इसलिए यह आपकी सेहत के लिए बेहद जरूरी है। हालांकि, कभी-कभी सूजन बिना किसी संक्रमण या चोट के भी लंबे समय तक बनी रहती है। इसे क्रॉनिक या दीर्घकालिक सूजन कहा जाता है। लंबे समय तक सूजन हृदय रोग और कैंसर सहित लगभग हर पुरानी बीमारी को बढ़ा सकती है। विशेष रूप से, ओमेगा -3 फैटी एसिड सूजन से जुड़े अणुओं और पदार्थों के उत्पादन को कम कर सकता है, जैसे कि इंफ्लेमेटरी ईकोसैनोइड्स और साइटोकिन्स।

ऑटोइम्यून बीमारियों से लड़े
ऑटोइम्यून बीमारियों में हमारी प्रतिरक्षा प्रणाली स्वस्थ कोशिकाओं को बाहरी समझ बैठती है और उन पर हमला करना शुरू कर देती है। टाइप 1 मधुमेह इसका एक प्रमुख उदाहरण है, जिसमें आपकी प्रतिरक्षा प्रणाली आपके अग्न्याशय में इंसुलिन-उत्पादक कोशिकाओं पर हमला करती है। ओमेगा-3 इनमें से कुछ बीमारियों से लड़ सकता है और प्रारंभिक जीवन के दौरान विशेष रूप से महत्वपूर्ण हो सकता है। जीवन के पहले वर्ष के दौरान पर्याप्त ओमेगा -3 प्राप्त करने से कई ऑटोइम्यून बीमारियों के जोखिम को कम किया जा सकता है। इनमें टाइप 1 मधुमेह, ऑटोइम्यून मधुमेह और मल्टीपल स्केलेरोसिस शामिल हैं। ओमेगा -3 ल्यूपस, रुमेटीइड गठिया, अल्सरेटिव कोलाइटिस, क्रोहन रोग और सोरायसिस के इलाज में भी मदद करता है ।

मानसिक विकारों में सुधार
कई शोधों के अनुसार मानसिक विकारों वाले लोगों में ओमेगा-3 का स्तर कम पाया जाता है। अध्ययनों से पता चलता है कि ओमेगा -3 की खुराक मूड स्विंग्स को कम कर सकती है और सिज़ोफ्रेनिया और बाइपोलर डिसऑर्डर के लक्षणों को कम करने में मदद करती है ।

उम्र से संबंधित मानसिक गिरावट और अल्जाइमर रोग से लड़े
उम्र के साथ मस्तिष्क भी कमज़ोर पड़ने लगता है और हमांरे काम करने की क्षमता पर असर पड़ने लगता है। ओमेगा -3 के सेवन से उम्र से संबंधित मानसिक गिरावट और अल्जाइमर रोग के जोखिम को कम किया जा सकता है।

कैंसर को रोकने में मदद करे
ओमेगा-3 फैटी एसिड लंबे समय से कई प्रकार के कैंसर के जोखिम को कम कर सकता है। ओमेगा -3 के सेवन से कोलन कैंसर का जोखिम काफी हद तक कम होता है। इसके अतिरिक्त, ओमेगा -3 का सेवन पुरुषों में प्रोस्टेट कैंसर और महिलाओं में स्तन कैंसर का जोखिम कम कर सकता है।

बच्चों में अस्थमा को कम करे
अस्थमा एक पुरानी फेफड़ों की बीमारी है जिसमें खांसी, सांस की तकलीफ और घरघराहट जैसे लक्षण होते हैं।गंभीर अस्थमा के दौरे बहुत खतरनाक हो सकते हैं। वे आपके फेफड़ों के वायुमार्ग में सूजन के कारण होते हैं। ओमेगा -3 के सेवन से बच्चों और युवाओं में अस्थमा का जोखिम कम हो सकता है।

लिवर में फैट कम करे
ओमेगा -3 फैटी एसिड के साथ पूरक प्रभावी रूप से एनएएफएलडी वाले लोगों में फैटी लीवर और सूजन को कम करता है। यानी ओमेगा-3 फैटी एसिड लोगों में लिवर की चर्बी कम करता है।

हड्डियों और जोड़ों के स्वास्थ्य में सुधार करे
ऑस्टियोपोरोसिस और गठिया दो सामान्य विकार हैं जो आपकी हड्डियों को प्रभावित करते हैं। ओमेगा -3 आपकी हड्डियों में कैल्शियम की मात्रा को बढ़ाकर हड्डियों की ताकत में सुधार कर सकता है, जिससे ऑस्टियोपोरोसिस का खतरा कम हो सकता है। ओमेगा-3 गठिया के इलाज में भी मददगार हो सकता है।

मासिक धर्म के दर्द को कम करे
मासिक धर्म का दर्द आपके निचले पेट और पेल्विक में होता है और अक्सर आपकी पीठ के निचले हिस्से और जांघों तक फैलता है। जो महिलाएं सबसे अधिक ओमेगा -3 का सेवन करती हैं, उन्हें मासिक धर्म में हल्का दर्द होता है।

नींद में सुधार करे
अच्छी नींद हमारे समग्र स्वास्थ्य के लिए आवश्यक है। मोटापा, मधुमेह और अवसाद सहित कई बीमारियां नींद की कमी के कारण होती हैं। ओमेगा -3 फैटी एसिड के निम्न स्तर बच्चों में नींद की समस्या और वयस्कों में ऑब्सट्रक्टिव स्लीप एपनिया से जुड़े हैं । ओमेगा -3 के के सेवन से भरपूर नींद और उसकी गुणवत्ता में वृद्धि होती है ।

त्वचा के लिए लाभदायक
डीएचए आपकी त्वचा का एक संरचनात्मक घटक है। यह कोशिका झिल्लियों के स्वास्थ्य के लिए ज़िम्मेदार है, जो आपकी त्वचा का एक बड़ा हिस्सा बनाती हैं। एक स्वस्थ कोशिका झिल्ली के परिणामस्वरूप आपको एक कोमल, नम और झुर्रियों से मुक्त त्वचा मिल सकती है ।

ओमेगा 3 फैटी एसिड्स के उपयोग | Omega 3 Fatty Acids ke upyog

ओमेगा 3 फैटी एसिड्स पूरे शरीर में कोशिका झिल्लियों का एक अभिन्न अंग हैं और इन झिल्लियों में कोशिका रिसेप्टर्स के कार्य को प्रभावित करते हैं। वे हार्मोन बनाने के लिए शुरुआती बिंदु प्रदान करते हैं जो रक्त के थक्के, संकुचन और धमनी की दीवारों की शिथिलता और सूजन को नियंत्रित करते हैं। वे कोशिकाओं में रिसेप्टर्स को भी बाँधते हैं जो आनुवंशिक कार्य को नियंत्रित करते हैं। संभवतः इन प्रभावों के कारण, ओमेगा-3 हृदय रोग और स्ट्रोक को रोकने में मदद करता है। साथ ही ल्यूपस, एक्जिमा, और रूमेटोइड गठिया को नियंत्रित करने में मदद कर सकता है, और कैंसर और अन्य स्थितियों में सुरक्षात्मक भूमिका निभा सकता है।

ओमेगा 3 फैटी एसिड्स से होने वाले नुक्सान | Omega-3 Fatty acids se hone wale nuksan

ओमेगा -3 की खुराक लेने से कुछ दुष्प्रभाव भी हो सकते हैं हालांकि ये आमतौर पर हल्के होते हैं और इसमें शामिल हो सकते हैं:

निष्कर्ष | Nishkarsh

ओमेगा -3 फैटी एसिड एक व्यक्ति के पोषण का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है और शरीर में सभी कोशिकाओं के बुनियादी स्वास्थ्य में योगदान देता है। अधिकांश लोग इसे प्राप्त करने के लिए अपने आहार में पर्याप्त ओमेगा-3 फैटी एसिड प्राप्त करते हैं।

ओमेगा-3 फैटी एसिड का एक प्रमुख स्रोत मछली है। इस बात के स्पष्ट प्रमाण हैं कि अधिक मछली खाने से व्यक्ति में हृदय संबंधी बीमारियों के विकास की संभावना कम हो सकती है। इसके अलावा कई ओमेगा 3 के कई शाकाहारी स्रोत भी मौजूद हैं।

कंटेंट टेबल

कंटेट विवरण
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लेखकDrx Hina FirdousPhD (Pharmacology) Pursuing, M.Pharma (Pharmacology), B.Pharma - Certificate in Nutrition and Child CarePharmacology
Reviewed By
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Reviewed ByDr. Bhupindera Jaswant SinghMD - Consultant PhysicianGeneral Physician

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