कोलकाता में टिम्पेनोप्लास्टी की लागत
कोलकाता में टिम्पेनोप्लास्टी के बेस्ट डॉक्टर
कोलकाता में कान के पर्दे की सर्जरी (टिम्पेनोप्लास्टी) की लागत कितनी है?
कान के पर्दे को ठीक करने के लिए की जाने वाली प्रक्रिया को टिम्पेनोप्लास्टी कहते हैं। हमारे कान में एक टायम्पेनिक झिल्ली होती है जिसे ईयर ड्रम यानी कान का पर्दा कहा जाता है। हैं। इसमें चोट लगने या अन्य किस वजह से छेद हो जाने पर इसकी मरम्मत की जाती है। यह काम सिर्फ सर्जरी के जरिए ही किया जा सकता है। कोलकाता में टिम्पेनोप्लास्टी की न्यूनतम लागत ₹35000 है वहीं अधिकतम लागत ₹60000 तक होती है। इस सर्जरी की औसत लागत ₹48000 तक होती है।
ईयर ड्रम में में छेद कई वजहों से हो सकता है। यह कान में किसी तरह के इंफेक्शन होने, कान को साफ करने के दौरान क्यू टिप या किसी अन्य चीज से चोट लगने या फिर किसी सर्जरी में होने वाली विफलता के कारण हो सकता है। हमारे ईयर ड्रम यानी टायम्पेनिक झिल्ली हमारे ईयर कैनाल के काफी अंदर होती है। जब ध्वनि तरंगें कान के इस पर्दे से टकराती हैं तो यह पतली झिल्ली वाइब्रेट करती है। यह ध्वनि तरंगों की उर्जा को आंतरिक कान में स्थानांतरित करने में मदद करती है। इस ध्वनि उर्जा से बने ऑडियो सिग्नल्स के जरिए ही हमारा दिमाम किसी भी आवाज को सुनने की अनुमति देता हैं।
कोलकाता में विभिन्न प्रकार के टिम्पेनोप्लास्टी की लागत
ट्रीटमेंट के प्रकार | औसत कीमत | न्यूनतम कीमत | अधिकतम कीमत |
---|---|---|---|
मास्टॉयडेक्टॉमी | ₹45,000 | ₹35,000 | ₹55,000 |
मास्टॉयडेक्टॉमी | ₹45,000 | ₹35,000 | ₹55,000 |
मायरिंगोप्लास्टी | ₹48,000 | ₹35,000 | ₹60,000 |
मायरिंगोप्लास्टी | ₹48,000 | ₹35,000 | ₹60,000 |
मायरिंगोप्लास्टी | ₹48,000 | ₹35,000 | ₹60,000 |
अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न
कोलकाता में कान के पर्दे की सर्जरी से पहले होने वाली जांच की लागत कितनी है?
कान के पर्दे के आपरेशन यानी टिम्पेनोप्लास्टी सर्जरी से पहले रोगी की कई तरह की जांच कराई जाती है। इससे स्थिति की गंभीरता का पता लगता है। कोलकाता में होने वाले जांच और उसकी लागत निम्नलिखित हैं :
- टाइम्पेनोमेट्री : इस जांच की लागत ₹300 से ₹800 तक होती है।
- ऑडियोलॉजी परीक्षा :इस परीक्षण का खर्च ₹500 से ₹1000 तक हो सकता है।
- ईयर डिस्चार्ज कल्चर और अन्य लैब टेस्ट :कान से निकलने वाले किसी भी तरह के द्रव्य का कल्चर टेस्ट बहुत आवश्यक होता है। इनके अलावा अन्य लैब टेस्ट भी कराए जाते हैं जिनके परीक्षणों का खर्च ₹600 से ₹800 तक हो सकता है।
- ट्यूनिंग फोर्क मूल्यांकन :इस जांच में ₹300 से ₹700 तक की लागत आती है।
मरीज के हिसाब से कान के पर्दे की सर्जरी की लागत में अंतर क्यों होता है?
कान के पर्दे के इलाज और विशेष कर टिम्पेनोप्लास्टी सर्जरी लगात हर रोगी के हिसाब से बदलती रहती है। इसको प्रभावित करने वाले कई कारक होते हैं। आइए इन कारकों पर नजर डालते हैं।
कोलकाता में कान के पर्दे की सर्जरी की लागत पर कौन सी चीजें प्रभाव डालती हैं?
कान के पर्दे की सर्जरी की लागत पर कई कारक प्रभाव डाल सकते हैं जैसे:
कोलकाता में कान के पर्दे की सर्जरी के विभिन्न घटकों की लागत कितनी है?
कान के पर्दे की मरम्मत यानी टिम्पेनोप्लास्टी आपरेशन का खर्च सर्जरी की विधि और उसके घटकों पर निर्भर करता है। किस रोगी के लिए कौन सी विधि उपयुक्त होगी इसका फैसला सर्जन रोगी की जरुरत, उनकी समस्या के हिसाब से करते हैं। विभि्न्न विधियों और घटनों की विवारण निम्न है :
- सामान्य टिम्पेनोप्लास्टी : इस सर्जरी में कान के पीछे एक कट लगाकर सूक्ष्म हुक या लेजर की मदद से चिन्हित टिश्यू को हटाया जाता है। इसके अलावा अतिरिक्त फोल्ड को भी हटा दिय जाता है। इसके बाद एक ग्राफ्ट को कान के्े पीछे या इयर लोब से लेकर शेष ईयरड्रम के नीचे डाला जाता है। कुछ मामलों में ओसिकुलोप्लास्टी की प्रक्रिया भी इस प्रक्रिया के साथ की जाती है। इसकी लागत ₹45000 तक हो सकती है।
- लेज़र:असिस्टेड टिम्पेनोप्लास्टी : इस प्रक्रिया में ईयर ड्रम में मौजूद छेद के पास के ऊतकों को काट दिया जाता है। इसके लिए कार्बन डाई आक्साइड यानी CO2 जैसी लेज़र का इस्तेमाल किया जाता है। इस तकनीक में अत्याधुनिक उपकरणों का इस्तेमाल किया जाता है। यह सामान्य के अपेक्षा एक एडवांस तकनीक है।इसमें लगभग ₹50000 से ₹55000 तक का खर्च आ सकता है
क्या कोलकाता में कान के पर्दे की सर्जरी के लिए बीमा कवर मिलता है?
जी हां, कान के पर्दे का उपचार को स्वास्थ्य बीमा कवर मिलता है। इस क्लेम के लिए आपको अपने बीमा एजेंट से बात करनी चाहिए। इस सर्जरी को हमारेे यहां से करवाने पर आपको नो कॉस्ट ईएमआई की सुविधा मिलती है।
सारांश
कान के पर्दे यानी ईयर ड्रम में छेद की जाने वाली सर्जरी को टिम्पेनोप्लास्टी कहते हैं। यह कई कारणों से हो सकता है। इसकी लगात को कई कारक प्रभावित करे हैं। इसकी विधि से लेकर मरीज की स्थिति तक इसकी लागत को प्रभावित करते हैं। इसे बीमा कवर मिलता है।