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Last Updated: Nov 29, 2022
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Vaginal Infection Treatment in hindi - योनि में संक्रमण का इलाज

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Dt. RadhikaDietitian/Nutritionist • 15 Years Exp.MBBS, M.Sc - Dietitics / Nutrition
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राह चलते कोई महिला अपने गुप्तांगो की तरफ अगर हाथ फिराए तो इस सिचुएशन पर उसे खुद और देखने वालों दोनों को ही ऑकवर्ड फील होने लगता है। और अगर ऐसा ना भी महसूस हो तो भी जरा सोचिए कि आप कहीं किसी काम में लगे हैं मॉर्केट, मीटिंग, ऑफिस, परिवार के साथ, डेट पर कहीं भी और बीच-बीच में आपके गुप्तांगो में भयानक इचिंग हो रही है। आप कहीं भी चैंन से बैठ नही पाते। इचिंग की वजह से जलन और झुंझलाहट दोनों अपनी हद्द पार कर चुके होते हैं। और समय के साथ कोई उपचार न करने पर ये तकलीफ बढ़ती ही जाएगी। इसी तकलीफ को हम वजाइनल इंफेक्शन यानि योनि संक्रमण के नाम से जानते हैं। और यह संक्रमण कभी भी किसी को भी हो सकता है। 

योनि संक्रमण कोई गंभीर बीमारी नहीं है लेकिन यह महिलाओं को काफी परेशान अवश्य करता है। यीस्ट औऱ फंगस हमारे वेजिना में स्वाभाविक रूप से मौजूद होता हैं, लेकिन जब इनकी असामान्य रूप से संख्या में वृद्धि होने लगती है तो यह वेजिना में संक्रमण के कारण बनते हैंइस फंगस का नाम कैन्डिडा अल्बाईकंस होता है जो योनि में संक्रमण उत्पन्न कर सकता है। एक स्वस्थ योनि में बैक्टीरिया ज़्यादा होते हैं और खमीर की कोशिकाएं कम और यह बैक्टीरिया जिसे लैक्टोबैसिलस एसिडोफिलस कहते हैं खमीर की मात्रा को कम करता है। कभी कभी एंटीबायोटिक्स लेने से भी इन जीवाणुओं में वृद्धि होती है और संक्रमण की प्रक्रिया शुरू हो जाती है। अन्य कारण जिनसे ये संक्रमण फैलता है वे हैं गर्भावस्था के दौरान एस्ट्रोजन का स्तर, हॉर्मोन बदलने की पद्दति, डायबिटीज या एड्स

योनि संक्रमण के लक्षण 

  • योनि में खुजली या सूजन
  • पेशाब या सेक्स केरने के दौरान दर्द और जलन होना 

एक सर्वे के मुताबिक लगभग 90% महिलाएं योनि संक्रमण की समस्या से जूझती हैं। जिसके लिए हमारी लाइफस्टाइल, खाना-पान, पहनावा और लापरवाही जिम्मेदार हैं। ऐसा नहीं की ये तकलीफ जानलेवा है या पर जिसे हो जाए उसका पूरा समय हर्रास्मेंट वाली फीलिंग से गुजरना पड़ता है। अब समस्या है तो जरूरी है इससे राहत पाने के या इससे बचने के नुस्खे अपनाए जाए तो चलिए आज हम जानते हैं योनि संक्रमण से बचने के कुछ अचूक नुस्खे। 

1. रेगुलर पेड चेंज करें
सैनिटरी नैपकिन या टैम्पोन को ज्यादा देर तक लगाए रखने से आपकी वेजाइना में नमी होने लगती हैं। जिसके कारण आपको संक्रमण की समस्या हो सकती हैं। इसलिए पीरियड्स के दौरान हर 4-5 घण्टे के भीतर ही सैनिटरी नैपकिन या टैम्पोन को बदलती रहें।

2. सुगंधित वजाइनल प्रोडक्ट्स यूज़ करने से बचें
सुगंधित सैनिटरी नैपकिन और टैम्पोन का इस्तेमाल करना तुरन्त बंद कर दें। क्योकि इनकी खुशबू से वजाइना में जीवाणुओं का एक असंतुलन बन सकता है और इसी से वेजिना में संक्रमण का खतरा बनने लगता है। और इसी कारण डॉक्टर भी खुशबूदार सैनिटरी नैपकिन या टैम्पोन का यूज करने से रोकते हैं।

3. रोजना खाएं दही
दही एक ऐसा आहार है जो स्वस्थ बैक्टीरिया से भरा हुआ होता है और इस कारण यह आपके वजाइना को संक्रमण से भी सुरक्षित रखता है। अच्छे बैक्टीरिया वेजिना मे होने वाले संक्रमण को रोकने में मदद करते है तो अच्छा होगा की आप प्रतिदिन एक कप दही का जरुर खाएं इससे स्वास्थ भी अच्छा बना रहेगा और योनि में भी किसी भी तरह की समस्या नही होगी।

4. गर्म पानी से ना नहाएं
वजाइना में इन्फेक्शन की समस्या ज्यादा नम और गर्म स्थिति में भी होती हैं। अगर आपकी वेजिना के क्षेत्र में गर्मी बनी रहेगी तो आपको संक्रमण की समस्या हो सकती है। अगर आप चाहती है कि आपको इस तरह की समस्या ना हो तो ठंडे पानी से ही स्नान करें, तथा अगर आप गर्म पानी का इस्तेमाल करती भी है तो उसके बाद हमेशा ढीले कपड़े ही पहने।

5. तनाव मुक्त रहें
किसी भी बीमारी या संक्रमण के बढने की सबसे अहम वजह है तनाव में रहना। इसलिए तनाव से बचने की कोशिश करें। शरीर को पूरा आराम नहीं मिलता है, तो शरीर की प्रतिरक्षा प्रणाली कमजोर हो जाती है, जिसके कारण आपका स्वास्थ खराब हो जाता हैं। इसलिए अपने शरीर को आराम दें रोजाना कम से कम 7-8 घंटे की नींद जरूर लें।

6. जरूरत से ज्यादा न करें वजाइना की सफाई
वैसे तो संक्रमण को रोकने के लिए वजाइना को क्लीन और हेल्दी रखना बहुत जरुरी होता है। पर वजाइना को रफ़ साबुन से न साफ करें। क्योकि वजाइना काफी सेंसिटिव होता है इसलिए अपने वजाइना ले सॉफ्टनेस क्व अनुसार ही सॉफ्ट साबुन या इसके लिए स्पेसिफिक एंटी बैक्टीरिया लिक्विड वाश का इस्तेमाल करें। 

7. एंटीबायोटिक दवाओं से परहेज करें
अक्सर लोग बैक्टीरिया को खत्म करन के लिए एंटीबायोटिक्स का यूज़ करते हैं। पर एंटीबायोटिक्स का ज्यादा इस्तेमाल शरीर में मौजूद अच्छे बैक्टीरिया खत्म को खत्म कर देता हैं। इसलिए जितना हो सके उतना एंटीबायोटिक दवाओं के सेवन से कम इस्तेमाल करें। हमेशा डॉक्टर की सलाह लेकर ही यूज़ करें।

8. कॉटन पैंटी ही पहनें 
सूती पैंटी की यह खासियत होती हैं कि यह वजाइना में होने वाली नमी को ऑब्जर्व कर लेता है इतना ही नहीं इससे वजाइनल एरिया तक पर्याप्त मात्रा में हवा भी पहुंचती हैं। जबकि लाइक्रा या नायलॉन की अंडरवियर को पहनने से पसीना आता है और किण्व का प्रजनन होने लगता है जिससे वजाइना में संक्रमण होने की संभावना ज्यादा होती है। इसलिए हमेशा सूती पैंटी ही पहनें। और हो सके तो अपने सभी कपड़े कॉटन ही रखें इससे आप तो कंफेर्टबले रहेंगे ही साथ ही वजाइनल इंफेक्शन से भी बचे रहेंगे।

9. हेल्दी डाइट लें

  • जब हमारे शरीर में जरूरी पोषक तत्वों की कमी होती है तो हमारा शरीर कीटाणुओं और एंटीबॉडी से हमारी रक्षा करने में सक्षम नहीं हो पाता हैं। इसलिए डाइट में पोषक तत्वों को शामिल करें। 
  • इंस्टेंट आराम पाने के लिए कपूर और नारियल तेल लगाए आराम मिलेगा।
  • पर ध्यान रहे की अगर इन नुस्खों को अपनाने के बाद भी आराम नहीं मिले तो डॉक्टर से सम्पर्क करें।
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