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योनि में संक्रमण (वैजाइनल इंफेक्शन) लक्षण, उपचार और कारण | Vaginal Infection In Hindi

आखिरी अपडेट: Jun 23, 2023

योनि में संक्रमण (वैजाइनल इंफेक्शन) क्या है? Vaginal infection in Hindi

योनि संक्रमण (Vaginal infection) योनि में यीस्ट की अधिक वृद्धि के कारण होता है। योनि में यह संक्रमण कैंडिडा एल्बिकांस नामक फंगस की वजह से होता है। यह एक प्रकार का यीस्ट है। योनि में पाया जाने वाला ये फंगस तेजी से वृद्धि करता है और योनि के टिश्यू को नुकसान पहुंचाता है।|

योनि संक्रमण (Vaginal infection) के कारण महिलाओं को खुजली, जलन और योनि में दर्द महसूस होने लगता है। यह महिलाओं के लिए बेहद परेशानी वाला अनुभव होता है। इसकी वजह से कई बार उन्हें अपने दैनिक कार्यों में परेशानियों का सामना करना पड़ता है। इस संक्रमण के कारण योनि पर सफेद रंग के निशान पड़ जाते हैं और योनि से होने वाले डिस्‍चार्ज से बदबू आने लगती है।

योनि में होने वाले इस संक्रमण को मेडिकल व घरेलू उपायों के जरिए ठीक किया जा सकता है। इस संक्रमण से बचने के लिए महिलाओं को अपने निजी अंगों को अच्छी तरह से साफ रखने की सलाह दी जाती है।

योनि इंफेक्शन के प्रकार क्या हैं? Types of Vaginal Infection in Hindi

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योनिशोथ (वेजाइनाइटिस) योनिशोथ (वेजाइनाइटिस) दुनिया भर में महिलाओं द्वारा सामना किए जाने वाले संक्रमणों में से सबसे आम है। इसके कारण महिलाओं कोवैजाइनल डिस्चार्ज, और वजाइना में खुजली व दर्द होता है।

योनि संक्रमण (Vaginal infection) को मुख्य रूप से पांच भागो में बांटा गया है:

  • बैक्टीरियल वैजाइनोसिस: यह संक्रमण योनि में पाए जाने वाले सामान्य बैक्टीरिया, लैक्टोबैसिली और एनारोबेस के असंतुलन के कारण होता है।
  • यीस्ट संक्रमण: यह संक्रमण योनि में प्राकृतिक रूप से पाए जाने वाले फंगस की संख्या बढ़ने के कारण होता है। इसे कैंडिडा एल्बीकैंस के नाम से भी जाना जाता है।
  • ट्राइकोमोनिएसिस: इस प्रकार का संक्रमण ट्राइकोमोनास नामक पैरासाइट के कारण होता है। यह सेक्स के माध्यम से एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति में फैल सकता है।
  • गैनॉन-इंफेक्शस वैजाइनिटिस: वजाइना को साफ करने के लिए इस्तेमाल किए जाने वाले बाहरी उत्पादों के कारण यह संक्रमण होता है। बाहरी उत्पाद वजाइना के पीएच असंतुलन पैदा करते हैं जिससे योनिशोथ (वैजाइनिटिस) हो जाता है।
  • रजोनिवृत्ति के जेनिटोरिनरी सिंड्रोम (वैजाइनल एट्रॉफी): इस स्थिति में एस्ट्रोजन नामक महिला हार्मोन की कमी के कारण यह इंफेक्शन होता है। दरअसल रजोनिवृत्ति के बाद योनि की परत पतली हो सकती है जिससे त्वचा में जलन हो सकती है।
सारांश: योनिशोथ (वैजाइनिटिस) को आम तौर पर असुविधाजनक सूजन के रूप में परिभाषित किया जाता है। इससे पीड़ित महिला को योनि से अधिक डिस्चार्ज, योनि में खुजली और दर्द जैसे लक्षणों का सामना करना पड़ता है।

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क्या योनि संक्रमण (वैजाइनल इंफेक्शन) अपने आप दूर हो सकता है?

वैजाइनल इंफेक्शन एक तरह का फंगल इंफेक्शन है। इस संक्रमण से जुड़े योनि में खुजली और जलन व योनि से गाढ़ा सफेद स्राव जैसे हल्के लक्षण सामान्य तौर पर कुछ ही दिनों या महीनों में अपने आप ठीक हो सकते हैं। ऐसे मामलों में आमतौर पर चिकित्सा देखभाल और उपचार की आवश्यकता नहीं होती है। इन्हें घरेलू उपचार और ओवर-द-काउंटर दवाओं के इस्तेमाल से नियंत्रित व ठीक किया जा सकता है।

यीस्ट इंफेक्शन किन कारणों से होता है? Causes of Vaginal infection in Hindi

सामान्य शब्दों में समझें तो महिलाओं के शरीर में मौजूद कैंडिडा और बैक्टीरिया असंतुलन के कारण यीस्ट इन्फेक्शन होता है। इन दोनों तत्वों का एक मिश्रण महिलाओं में मौजूद होता है। लैक्टोबैसिलस के संक्रमण जैसी चीजें योनि में असंतुलन पैदा कर सकती हैं, जिसके परिणामस्वरूप यीस्ट संक्रमण हो सकता है।

वैजाइनल इंफेक्शन के कारण नीचे दिए जा रहे हैं:

  • हार्मोनल परिवर्तन: प्रेग्नेंसी, स्तनपान या मेनोपॉज के दौरान हार्मोन के स्तर में बदलाव और गर्भनिरोधक गोलियों के कारण असंतुलन से वेजाइना में यीस्ट और बैक्टीरिया का संतुलन बिगड़ सकता है। इससे यीस्ट इंफेक्शन हो जाता है।
  • एंटीबायोटिक्स: तेज एंटीबायोटिक दवाएं शरीर में अच्छे बैक्टीरिया को खत्म कर सकती हैं, जिससे यीस्ट बढ़ सकता है।
  • पुरानी डायबिटीज: हाई ब्लड प्रेशर के कारण यीस्ट संक्रमण हो सकता है।
  • इंटिमेट हाईजीन प्रोडक्ट: तेज सुगंध वाले इंटिमेट हाईजीन प्रॉडक्ट का इस्तेमाल करने वेजाइना का pH लेवल बिगड़ सकता है। इससे यीस्ट इंफेक्शन की संभावना बढ़ जाती है।
  • कमजोर इम्युनिटी: कमजोर इम्युनिटी के कारण भी यीस्ट इंफेक्शन हो सकता है।
  • सारांश: सामान्य शब्दों में, कैंडिडा में असंतुलन और शरीर में मौजूद नेचुरल बैक्टीरिया, यीस्ट संक्रमण का कारण बनता है। शरीर के ऐसे तत्वों के असंतुलन से यीस्ट इन्फेक्शन होता है।

क्या शेविंग करने से यीस्ट इंफेक्शन हो सकता है?

हां, महिलाओं को अक्सर अपने प्यूबिक हेयर को शेव करने के बाद यीस्ट इंफेक्शन हो सकता है। इसके दो कारण हैं। सबसे पहले, प्यूबिक हेयर योनि को सांस लेने और सूखने की अनुमति देते हैं। यह एक सुरक्षात्मक अवरोध बनाते हैं जो फ्रिक्शन या किसी भी बैक्टीरिया के विकास को रोकते हैं। यही वजह है की इन्हें हटाने से योनि में संक्रमण का खतरा बढ़ जा जाता है। वहीं, यीस्ट इंफेक्शन का दूसरा कारण शेविंग के बाद योनि क्षेत्र में होने वाले मुंहासे, इंफेक्शस इनग्रोन और त्वचा एलर्जी के अन्य रूपों का उभरना है। यह योनि स्वास्थ्य को भी प्रभावित कर सकते हैं।

सारांश: महिलाएं अक्सर अपने प्यूबिक हेयर को शेव करने के बाद यीस्ट संक्रमण का अनुभव करती हैं। प्यूबिक हेयर को शेव करने से योनि की सुरक्षात्मक परत कम हो जाती है जिससे मुंहासे, इंफेक्शस, इनग्रोन, और त्वचा एलर्जी हो सकती है। यह संक्रमण को जन्म देती है।

महिलाओं को कितनी बार यीस्ट इंफेक्शन होता है?

महिलाओं में यीस्ट इंफेक्शन काफी आम है। करीब 75% महिलाओं को अपने जीवनकाल में कम से कम एक बार यीस्ट इंफेक्शन का अनुभव होता है। यह बहुत आम है क्योंकि इस संक्रमण के लिए जिम्मेदार मुख्य बैक्टीरिया शरीर में ही मौजूद होता है।

सारांश: महिलाओं में यीस्ट इंफेक्शन बेहद आम है। करीब 75% महिलाओं को यीस्ट इंफेक्शन का सामना करना पड़ता है।

क्या स्पर्म, यीस्ट इन्फेक्शन का कारण बन सकते हैं?

हां, कुछ मामलों में स्पर्म भी यीस्ट इंफेक्शन का कारण बन सकते हैं। यह तब भी हो सकता है जब आपका पार्टनर 100% स्वस्थ हो। इसके अलावा असुरक्षित सेक्स भी यीस्ट इंफेक्शन के मुख्य कारणों में से एक है। दरअसल वीर्य (सीमेन) की रासायनिक संरचना प्रत्येक व्यक्ति में भिन्न होती है। यदि शुक्राणु (स्पर्म) में अम्लता (एसिडिटी) अधिक है, तो यह योनिशोथ (वेजाइनाइटिस) का कारण बन सकता है।

सारांश: हां, वीर्य की रासायनिक संरचना प्रत्येक व्यक्ति में अलग-अलग होती है। यदि शुक्राणु (स्पर्म) में अम्लता (एसिडिटी) अधिक होती है तो यह योनिशोथ (वैजाइनिटिस) का कारण बन सकता है।

क्या तनाव से यीस्ट इन्फेक्शन हो सकता है?

नहीं, तनाव प्रत्यक्ष रूप से यीस्ट इंफेक्शन का कारण नहीं होता है। हालांकि, तनाव आपकी प्रतिरोधक क्षमता को कम कर सकता है, जिससे कई बीमारियां हो सकती हैं। इनमें यीस्ट इंफेक्शन भी शामिल हो सकता है। दरअसल लंबे समय तक तनाव में रहने से हमारा इम्यून सिस्टम कमजोर हो जाता है। इससे हमारा शरीर कमजोर हो जाता है। तनाव के दौरान व्यक्ति स्वयं की देखभाल करने से चूक जाता है, जिससे योनि में यीस्ट संक्रमण विकसित होने की संभावना बढ़ जाती है।

सारांश: तनाव, प्रत्यक्ष रूप से वैजाइनल इंफेक्शन का कारण नहीं बनता है। हालांकि, तनाव आपकी प्रतिरक्षा को कम कर सकता है जिससे कई बीमारियां हो सकती हैं, इनमें यीस्ट इंफेक्शन भी शामिल है।

योनि संक्रमण के लक्षण क्या हैं? Symptoms of Vaginal Infection in Hindi

योनि संक्रमण के निम्न लक्षण हैं:

  • वजाइना में खुजली, सूजन, जलन और लाली
  • वजाइना के बाहरी हिस्से में दर्द
  • पेशाब करते समय जलन महसूस होना
  • पेशाब करते समय दर्द होना
  • गाढ़ा, सफेद या भूरे रंग का वैजाइनल डिस्चार्ज होना
  • यीस्ट इंफेक्शन डिस्चार्ज में दुर्गंध आना
  • सेक्स के दौरान तेज दर्द होना

योनि संक्रमण (वैजाइनल इंफेक्शन) का निदान कैसे किया जाता है? vaginal infection diagnosed in Hindi

योनि संक्रमण (वैजाइनल इन्फेक्शन) का निदान आमतौर पर निम्नलिखित तरीकों से किया जाता है:

  • वैजाइनल इन्फेक्शन के लक्षणों का अनुभव करने वाली महिलाओं को तुरंत स्त्री रोग विशेषज्ञ (गायनेकोलॉजिस्ट) को दिखाना चाहिए। स्त्री रोग विशेषज्ञ महिला के पूर्व में हुए यौन संचारित रोगों की जांच करेगी। इसके बाद योनि की दीवारों और गर्भाशय ग्रीवा की अच्छी तरह से जांच करने के लिए पेल्विक टेस्टिंग की जाती है।
  • वैजाइनल सैंपल टेस्ट उन महिलाओं के लिए निर्धारित किया जाता है जिनको बार-बार योनि संक्रमण (वैजाइनल इंफेक्शन) होता है।
  • योनि संक्रमण (वैजाइनल इंफेक्शन) के उपचार में संक्रमण को दूर करने के लिए योनि क्रीम का भी इस्तेमाल किया जाता है। योनि क्रीम में तेल होता है ऐसे में यह कंडोम के लेटेक्स या अन्य जन्म नियंत्रणों को प्रभावित कर सकती है।
  • साधारण यीस्ट संक्रमण का उपचार ऑइंटमेंट, एंटी-फंगल क्रीम या सपोसिटरी के तीन दिन लगातार इस्तेमाल से दूर किया जा सकता है।
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योनि संक्रमण (वैजाइनल इंफेक्शन) का इलाज कैसे किया जाता है? Vaginal treatment in Hindi

योनि में संक्रमण (वैजाइनल इंफेक्शन) का इलाज निम्न में से कुछ तरीकों से किया जा सकता है:

  • डॉक्टर की देखरेख में एंटी-फंगल क्रीम या सपोसिटरी के जरिए इस इंफेक्शन को दूर किया जा सकता है।
  • एस्ट्रोजन से संबंधित कुछ क्रीमों का उपयोग करके वैजाइनल इंफेक्शन को ठीक किया जा सकता है।
  • मेट्रोनिडाजोल या किसी एंटीफंगल दवाओं की मदद से इस संक्रमण को दूर किया जा सकता है।
  • कुछ मामलों में क्रीम या जेल के रूप में उपलब्ध क्लिंडामाइसिन को भी प्राथमिकता दी जा सकती है।
  • डॉक्टर द्वारा सुझाई गई एंटीफंगल दवा जैसे माइकोनाज़ोल, फ्लुकोनाज़ोल इस संक्रमण में फायदेमंद होती है।

योनि में संक्रमण के उपचार के लिए कौन पात्र है? When to see a doctor for vaginal infection in Hindi

योनि संक्रमण (वैजाइनल इंफेक्शन) आमतौर पर ज्यादातर मामलों में स्वयं की देखभाल और घरेलू उपचार की मदद से ठीक हो जाता है। कुछ मामलों में, इसे मेडिकल ट्रीटमेंट की आवश्यकता हो सकती है। ऐसी महिलाएं जिन्हें वैजाइनल इंफेक्शन के कारण मूत्र पथ संक्रमण जैसे पेशाब करने में दर्द और अन्य मूत्र संबंधी समस्याएं, योनि विकार से संबंधित अन्य लक्षण और योनि डिस्चार्ज होने पर दर्द या अत्यधिक डिस्चार्ज जैसी स्थितियों में उन्हें मेडिकल ट्रीटमेंट की आवश्यकता होती है।

योनि में संक्रमण के उपचार के लिए कौन पात्र नहीं है?

ऐसी महिलाएं जिनके प्रभावित क्षेत्र में खुजली, जलन और योनि से गाढ़ा सफेद स्राव जैसे सामान्य लक्षण दिखते हैं उन्हें मेडिकल इलाज की आवश्यकता नहीं होती है। ऐसे मामलों में यह कुछ दिनों या महीनों के अंतराल में अपने आप ठीक हो जाते हैं। इन्हें घरेलू उपचार और ओवर-द-काउंटर दवाओं के उपयोग के द्वारा नियंत्रित या प्रबंधित किया जा सकता है।

योनि संक्रमण के लिए सबसे अच्छा इलाज क्या है?

योनि संक्रमण (वैजाइनल इंफेक्शन) के उपचार में स्व-देखभाल और एंटी-फंगल दवाएं शामिल हैं। स्व-देखभाल में पर्याप्त स्वच्छता, संतुलित आहार और सुरक्षित सेक्स शामिल है।

एंटी-फंगल क्रीम जैसे क्लोट्रिमेज़ोल या मिकोनाज़ोल व मौखिक दवाएं जैसे फ्लुकोनाज़ोल (डिफ्लुकन) या इब्रेक्साफनगेर्प (ब्रेक्साफ़ेम) के जरिए योनि संक्रमण को ठीक कर सकते हैं।

गर्भावस्था के मामले में, क्रीम का उपयोग करना सुरक्षित है। मौखिक दवाओं का सेवन करने से पहले अपने चिकित्सक से परामर्श जरूर करना चाहिए।

सारांश: योनि संक्रमण (वैजाइनल इंफेक्शन) को स्व-देखभाल और एंटिफंगल दवाओं के इस्तेमाल से ठीक किया जा सकता है। कुछ घरेलू उपाय और क्रीम के जरिए भी इसे ठीक किया जा सकता है।

क्या एक यीस्ट इंफेक्शन ठीक हो सकता है?

हां, अगर ध्यान रखा जाए तो यीस्ट इंफेक्शन को ठीक किया जा सकता है। यीस्ट इंफेक्शन गर्मी और नमी के साथ पैदा होता है। ऐसे में महिलाएं सूती कपड़े के अंडरगारमेंट्स का उपयोग कर खुद को इंफेक्शन से बचा सकती हैं।

इसके अलावा योनि को स्वच्छ रखकर आहार में लैक्टिक एसिड को कम करके और किसी संक्रमित व्यक्ति के साथ असुरक्षित सेक्स न करके भी संक्रमण से बचा जा सकता है। ऐसी चीजों पर निवारक कार्रवाई भी संक्रमण को ठीक करने में आपकी मदद कर सकती है।

सारांश: यीस्ट इंफेक्शन गर्मी और नमी के कारण पैदा होता है। जब आप मोटे कपड़े पहनते हैं या ऐसे कपड़े इस्तेमाल करते हैं जिनसे हवा भी पास नहीं हो पाती, तो गर्मी और नमी के कारण योनि में यीस्ट इंफेक्शन हो सकता है। लेकिन अगर इस पर ध्यान दिया जाए तो यीस्ट इंफेक्शन को ठीक किया जा सकता है।

वेजाइनाइटिस की रोकथाम क्या उपाय हैं?

योनि को साफ रखना इस संक्रमण से बचने का बेहद आसान उपाय है। इस संक्रमण से बचने के लिए योनि को साफ रखना बेहद जरूरी है। यह न केवल एक स्वस्थ जीवन शैली में मदद करता है बल्कि महत्वपूर्ण अंगों को भी स्वस्थ रखता है। जिससे यह प्रजनन और सेक्स के प्रति अधिक कुशल हो जाता है। नीचे दिए जा रहे तरीकों के जरिए योनिशोथ (वेजाइनाइटिस) जैसे संक्रमणों से बचा जा सकता है:

  • गर्म टब या सार्वजनिक स्थलों पर स्नान करने से बचें।
  • अंतरंग उत्पादों जैसे सैनिटरी नैपकिन, टैम्पॉन, मेंस्ट्रुअल कप, अंतरंग वॉश, क्रीम और अन्य प्रकार के उत्पादों पर ध्यान दें। यदि बनावट, रासायनिक संरचना या गंध वजाइना की त्वचा को परेशान करती है, तो इसे अनदेखा न करें। इससे यीस्ट संक्रमण हो सकता है।
  • योनि को सही से साफ करें। पोंछने की सही विधि का उपयोग करना महत्वपूर्ण है। गुदा (एनल) को ढकते हुए अपने अंतरंग क्षेत्र को आगे से पीछे तक पोंछें। इसे विपरीत दिशा में न पोंछें क्योंकि इससे गुदा (एनल) अवशेष और बैक्टीरिया सीधे योनि में प्रवेश कर सकते हैं। यह इंफेक्शन का कारण बन सकता है
  • सुरक्षित सेक्स का अभ्यास करें। सुरक्षित सेक्स न केवल एक संक्रमित व्यक्ति के लिए यीस्ट संक्रमण का कारण बन सकता है। एक स्वस्थ मेल पार्टनर का स्पर्म भी योनि के पीएच स्तर में असंतुलन पैदा कर सकता है। इससे संक्रमण की संभावना बढ़ जाती है। ऐसे में सेक्स के दौरान कंडोम का इस्तेमाल जरूर करें।
  • सूती अंडरवियर पहनें। यह किसी भी अन्य कपड़े की तुलना में गीलेपन को तेजी से सोखता है। यह योनि को राहत देता है। जिससे शरीर के तापमान को बनाए रखने में मदद मिलती है।
  • बहुत टाइट या ढीले कपड़े भी परेशानी का कारण बन सकते हैं। ऐसे में सही अंडरवियर चुनें।
सारांश: अंतरंग स्वच्छता बहुत आसान है। इस संक्रमण से बचने के लिए योनि को साफ बनाए रखना सबसे महत्वपूर्ण है।

क्या मुझे योनि में संक्रमण के लिए तत्काल देखभाल के लिए जाना चाहिए?

योनि संक्रमण के ज्यादातर मामलों में मेडिकल हेल्प की आवश्यकता नहीं पड़ती है। इन्हें स्व-देखभाल, तकनीकों और घरेलू उपचार के साथ स्वयं हल किया जा सकता है। लेकिन कुछ मामलों में, इसे मेडिकल ट्रीटमेंट की आवश्यकता हो सकती है। यदि आपको पेशाब में दर्द और पेशाब से जुड़ी दूसरी समस्याएं जैसे यूरिनरी ट्रैक्ट इंफेक्शन, योनि से संबंधित लक्षण व स्थितियां जैसे दर्दनाक डिस्चार्ज और अत्यधिक डिस्चार्ज की शिकायत है तो, तुरंत मेडिकल मदद लेनी चाहिए।

मैं अपने यीस्ट इंफेक्शन को कैसे साफ़ करूं?

यीस्ट इंफेक्शन को साफ करना बेहद आसान है। कोई भी महिला बिना चिकित्सकीय मदद के इस प्रक्रिया को अपना सकती है। यहां वे चरण दिए जा रहे हैं जो यीस्ट इंफेक्शन होने पर योनि की सफाई करने में मदद करेंगे:

  • योनि को साफ करने के लिए नॉर्मल या थोड़ा ठंडे पानी का इस्तेमाल करें। गर्म पानी का प्रयोग करने से बचें। इससे त्वचा में जलन हो सकती है। योनि को दिन में एक से अधिक बार न धोएं।
  • योनि को साफ करने के लिए ऐसे माइल्ड इंटिमेट वॉश का इस्तेमाल करें, जिसमें कोई हार्ड केमिकल या परफ्यूम न हो। साफ करते वक्त ज्यादा जोर न लगाएं। धीरे-धीरे पूरी जगह को साफ करें।
  • पानी के साथ योनि को साफ करें और धीरे से सुखाएं। अपनी योनि त्वचा पर किसी भी कठोर कपड़े को न रगड़ें।
  • डॉक्टर द्वारा सुझाई गई क्रीम या ऑइंटमेंट का इस्तेमाल करें। ढीले कपड़े पहनें जिससे योनि को हवा मिलती रहे।
सारांश: यीस्ट इंफेक्शन से बचने के लिए योनि की सफाई सबसे ज्यादा जरूरी है। इसलिए कोई भी चिकित्सा सहायता से पहले घर में योनि की सफाई से जुड़े सुझाव को अपनाने की कोशिश करें। यह इंफेक्शन से बचने में मदद कर सकते हैं।

योनि में संक्रमण के जटिलताएं कौन सी है?

  • डायबिटीज, गर्भावस्था या एचआईवी जैसे कारणों से गंभीर रूप से योनि संक्रमण हो सकता है। ये रोग योनि में संक्रमण के बार-बार होने का कारण बनते हैं। इन्हें अधिक प्रभावशाली इलाज की आवश्यकता होती है।

  • योनि संक्रमण से बचने के लिए डॉक्टर सेक्स के दौरान कंडोम का इस्तेमाल करने की सलाह दे सकते हैं।

  • कुछ सरल सावधानियों का पालन करके योनि संक्रमण को रोका जा सकता है। टाइट अंडरवियर, फेमिनिन डिओडोरेंट या पैड पहनने से बचें, अच्छी तरह से संतुलित आहार लें, गीले अंडरवियर न पहनें, रेशम और कपास जैसे प्राकृतिक रेशे से बने अंडरवियर पहनें, बार-बार गर्म टब के इस्तेमाल से बचें और गर्म डूश से बचें।
  • रोकथाम और सावधानी बरतने से योनि संक्रमण से बचा जा सकता है।

योनि संक्रमण से ठीक होने में कितना समय लगता है?

योनि संक्रमण कं गंभीर मामले लगभग तीन दिनों में ठीक हो जाते हैं। ऐसे ज्यादातर मामलों में, उपचार की आवश्यकता नहीं होती है। हालांकि, मध्यम स्तर के मामलों या कुछ गंभीर मामलों में ठीक होने में लगभग दो से तीन सप्ताह का समय लग सकता है।

वैजाइनल इंफेक्शन में क्या खाना चाहिए?

योनि संक्रमण पर आहार परिवर्तन का सकारात्मक प्रभाव पड़ता है। कुछ खाद्य पदार्थ और खाने की आदतों को बदलकर योनि संक्रमण को दू रकिया जा सकता है। नीचे इनसे संबंधित कुछ टिप्स दिए जा रहे हैं:

  • नारियल के तेल का उपयोग कर योनि संक्रमण के प्रभाव को कम किया जा सकता है। यह लॉरिक एसिड से भरपूर होता है जो योनि संक्रमण की रोकथाम के लिए बहुत आवश्यक है।
  • नियमित आहार में प्रोबायोटिक्स, दही व फर्मेन्टेड खाद्य पदार्थ शामिल करें।
  • कम चीनी युक्त आहार लें। ज्यादा चीनी से भरपूर आहार योनि संक्रमण पर प्रतिकूल असर कर सकते हैं।
  • कुछ जड़ी-बूटियां और मसाले जैसे लहसुन और करक्यूमिन के जरिए योनि संक्रमण को दूर किया जा सकता है। इनमें प्रभावी एंटिफंगल गुण होते हैं।

वैजाइनल इंफेक्शन में क्या नहीं खाना चाहिए?

कुछ खाद्य पदार्थ जो योनि संक्रमण की स्थितियों के लिए ट्रिगर कारक के रूप में कार्य करते हैं और जिन्हें टाला जाना चाहिए उनमें निम्नलिखित शामिल हैं:

  • मैदा का सेवन न करें।
  • ग्लूटेन युक्त खाद्य पदार्थों का सेवन न करें।
  • किसी भी डेयरी उत्पाद सहित दूध व दुग्ध उत्पाद का सेवन करने से बचें।
  • शराब का अत्यधिक सेवन न करें।
  • अत्यधिक कैफीन का सेवन न करें।
  • अधिक फर्मेन्टेड खाद्य पदार्थ का सेवन न करें।

योनि संक्रमण उपचार के दुष्प्रभाव क्या हैं?

योनि संक्रमण के उपचार में एंटिफंगल क्रीम, टैबलेट या दवाओं का उपयोग शामिल है। ऐसे एंटी-फंगल उपचार के दुष्प्रभावों में निम्नलिखित शामिल हैं:

  • हेपेटोटॉक्सिसिटी: यह लीवर पर प्रतिकूल प्रभाव डालता है।
  • विक्षिप्त (डीरेंजड) किडनी फंक्शन टेस्ट: किडनी पर भी इसका नकारात्मक प्रभाव पड़ता है।
  • इलेक्ट्रोलाइट असंतुलन: यह आमतौर पर शरीर में इलेक्ट्रोलाइट्स असंतुलन का कारण बनता है।
  • दस्त
  • मतली और उल्टी हो सकती है।

क्या योनि संक्रमण के उपचार के परिणाम स्थायी हैं?

एंटी-फंगल दवाओं के इस्तेमाल से, योनि संक्रमण (फंगल संक्रमण) का सम्पूर्ण इलाज संभव है। अधिकांश मामलों में परिणाम स्थायी होते हैं। हालांकि, कुछ मामलों में संक्रमण की पुनरावृत्ति की संभावना हो सकती है।

योनि में संक्रमण के उपचार के बाद दिशानिर्देश क्या हैं?

योनि में संक्रमण के मामले में एक महिला को जिन कुछ महत्वपूर्ण पोस्ट-ट्रीटमेंट दिशानिर्देशों का पालन करना चाहिए उनमें निम्नलिखित शामिल हैं:

  • योनि क्षेत्र में स्वच्छता बनाए रखें ताकि उन्हें संक्रमण से मुक्त रखा जा सके।
  • आरामदायक अंडरगारमेंट्स पहनें और अत्यधिक पसीने को रोकने वाले खराब फिटिंग वाले कपड़ों को पहनने से बचें।

भारत में योनि संक्रमण के उपचार की कीमत क्या है?

योनि में संक्रमण एक प्रकार के फंगस के कारण होता है। इसे एंटी-फंगल दवाओं के जरिए ठीक किया जा सकता है। इसके उपचार की लागत सामान्य और सस्ती है। यह लगभग 300 रुपये से 1000 रुपए तक है। हालांकि इस संक्रमण की गंभीर स्थिति में अन्य मेडिकल सुविधआओं की मदद ली जा सकती है।

योनि में संक्रमण के उपचार के विकल्प क्या हैं?

योनि संक्रमण के लिए मुख्य उपचार विधियों में डॉक्टर द्वारा निर्धारित एंटिफंगल दवाओं का उपयोग शामिल है। हालांकि, उपचार के लिए कुछ वैकल्पिक तरीके हैं जिनमें बोरिक एसिड युक्त सपोसिटरी का उपयोग शामिल है। इसका उपयोग सोते समय किया जाना चाहिए।

सारांश: योनिशोथ (वैजाइनिटिस) को आम तौर पर असुविधाजनक सूजन के रूप में परिभाषित किया जाता है। इससे पीड़ित महिलाओं को योनि से अधिक डिस्चार्ज, खुजली और दर्द का सामना करना पड़ता है। योनिशोथ (वैजाइनिटिस) के कारणों में हार्मोनल असंतुलन, बैक्टीरियल संक्रमण और संक्रमित साथी से सेक्स के दौरान पैरासाइट्स का संचरण शामिल है। योनि संक्रमण के उपचार में स्व-देखभाल और एंटी-फंगल दवाओंं का इस्तेमाल किया जा सकता है। इसके अलावा इसे घरेलू उपायों, मौखिक गोलियां और क्रीम के जरिए भी ठीक किया जा सकता है।

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लेखकDr. Sunita Singh MBBS,MS Obstetrics & GynaecologyGynaecology
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