ब्रेन कैंसर के लक्षण - Symptoms Of Brain Cancer!
शरीर के अलग-अलग अंगों में होने वाले कैंसर को उसके नाम से ही जानते हैं. इसलिए ब्रेन कैंसर का मतलब कैंसर के उस रूप से है जो मस्तिष्क (ब्रेन) से शुरू होता है. ब्रेन कैंसर मस्तिष्क की एक प्रकार की बीमारी है, जिसमें मस्तिष्क के ऊतकों में कैंसर कोशिकाएं पैदा होने लगती हैं. कैंसर की कोशिकाएं मस्तिष्क में ऊतकों के समूह या एक ट्यूमर के रूप में ऊभरती हैं, जो मस्तिष्क के कार्यों में बाधा उत्पन्न करती हैं. जैसे मांसपेशियों के नियंत्रण में परेशानी, सनसनी, यादाश्त और अन्य मस्तिष्क कार्यों को प्रभावित करना. कैंसर जो मस्तिष्क में शुरू होता है उसको प्राइमरी ब्रेन ट्यूमर कहा जाता है. यह ट्यूमर मस्तिष्क की संरचना से जुड़े किसी भी भाग में विकसित हो सकता है. जो कैंसर शरीर के किसी अन्य भाग से मस्तिष्क में फैलता है, उसे सेकंडरी ब्रेन ट्यूमर या ब्रेन मेटास्टेस कहा जाता है. ब्रेन कैंसर ट्यूमर मस्तिष्क पर अधिक दबाव डालता है, जिससे या तो वह ऊतक नष्ट होने लग जाते हैं या शरीर के अन्य भागों में समस्याएं उत्पन्न होने लगती हैं. ब्रेन कैंसर के लक्षणों के दिखाई पड़ने पर आपको तुरंत किसी विशेषज्ञ से दिखाना चाहिए. आइए ब्रेन कैंसर के लक्षणों को इस लेख के माध्यम से समझने का प्रयास करें.
ब्रेन कैंसर के लक्षण
किसी भी बिमारी को लक्षणों के आधार पर ही हम उसे पहचानते हैं. ठीक इसी तरह ब्रेन कैंसर होने पर भी हमें हमारे शरीर कुछ लक्षण दिखाई पड़ने लगते हैं. ये लक्षण ही ब्रेन कैंसर के होने का संकेत देते हैं. मेटास्टेटिक ब्रेन ट्यूमर के संकेत और लक्षण काफी सूक्ष्म हो सकते हैं, जिनका पता लगाने में परेशानी हो सकती है. ये ट्यूमर अक्सर किसी दूसरी स्थिति की जांच के दौरान दिखाई देते हैं. इसके लक्षण विकसित होने का कारण यह होता है कि ब्रेन का ट्यूमर या तो मस्तिष्क पर दबाव डाल रहा होता है या फिर उसके किसी हिस्से को ठीक से काम करने से रोक रहा होता है. इस दौरान मरीज क्या अनुभव कर रहा हैं? आम तौर पर यह इस बात पर निर्भर करता है कि ट्यूमर कहां पर है और आकार में कितना बड़ा है. इसके निम्नलिखित लक्षण संभावित हैं.
कभी-कभी मतली और उल्टी के साथ सिर दर्द
यह समस्या ट्यमर के कारण होती है जो आस-पास के ऊतकों को दबाकर खोपड़ी में दबाव बनाता है. आम तौर पर स्थिति सुबह के समय बद्तर होती है और दिन निकलने के साथ-साथ कम होती जाती है. पूरे शरीर में या आंशिक रूप से दौरे पड़ना, मांसपेशियों में ऐंठन, असामान्य गंध या स्वाद, बोलने में समस्या या सुन्नता और झुनझुनी अनुभव करना.
बोलने, समझने और देखते में समस्या
ब्रेन में ट्यूमर मस्तिष्क के उस भाग को प्रभावित कर सकता है, जो इन क्षमताओं को नियंत्रित करते हैं. शारीरिक कमजोरी और सुन्नता, यह तब होती है जब ट्यूमर मस्तिष्क के उन हिस्सों को प्रभावित करता है जो मांसपेशियों को नियंत्रित करते है. यदि ट्यूमर मस्तिष्क से मांसपेशियों तक जाने वाले सामान्य संकेतों के रास्ते में विकसित हो जाता है तो यह ब्रेन की कार्यगति में परेशानी पैदा करता है.
ब्रेन कैंसर में इसके अतिरिक्त कुछ अन्य लक्षण भी दिखाई पड़ सकते हैं: दौरे पड़ना, संवेदी (स्पर्श) और ब्रेन की कार्यगति (मूवमेंट कंट्रोल) में कमी, बहरापन, उनींदापन या उंघना, थकान, समन्वय में कमी, चेहरे पर कमजोरी का भाव, दोहरा दिखाई देना, डिप्रेशन (अवसाद), व्यवहारिक और सोचने समझने की क्षमता में परिवर्तन. उपरोक्त लक्षण ट्यूमर के प्रकार, आकार और उसकी जगह से जुड़े हो सकते हैं. इसके साथ ही साथ ये ब्रेन कैंसर को नियंत्रित करने के लिए उपचार में भी मदद करते हैं. सर्जरी, विकिरण (रेडिएशन), कीमोथेरेपी, और अन्य सभी प्रकार के उपचारों में नए लक्षण उत्पन्न करने की क्षमता होती है, क्योंकि ये ट्यूमर के प्रभाव को कम करने के लिए काम करते हैं.