मरोड़ उठने के कारण, उपचार और लक्षण - Marod Uthne Ke Karan, Upchar Aur Lakshan!
मरोड़ उठने का तात्पर्य पेट के किसी भी हिस्से में हो रहे दर्द या ऐंठन या अन्य प्रकार के पेट की सनसनी से है. मरोड़ उठने के कारण आपको मध्यम, तीव्र या बार-बार आने-जाने वाला दर्द हो सकता है. मरोड़ उठने के ज्यादातर लक्षण चिंताजनक नहीं होते हैं व इसका आसानी से पता चल जाता है व इलाज हो जाता है. पर कभी-कभी पेट दर्द या मरोड़ उठना किसी गंभीर बीमारी का संकेत भी हो सकते हैं. मरोड़ उठने के कई कारण हो सकते हैं. यह अपच, कब्ज या पेट में वायरस के कारण हो सकते हैं. महिलाओं को मासिक धर्म के दौरान भी पेट में दर्द या मरोड़ हो सकते हैं. मरोड़ उठने का इलाज इस समस्या के कारण के आधार पर किया जाता है. आइए इस लेख के माध्यम से हम पेट में उठाने वाले मरोड़ के कारण, लक्षण और उपाय के बारे में जानें.
मरोड़ उठने के कारण-
- पेट के फ्लू के कारण भी पेट में दर्द या मरोड़ हो सकता है. पेट के फ्लू का ज्यादातर मामला बैक्टीरिया या वायरस के कारण होते हैं, जिसमें इनके लक्षण समान्यतः कुछ दिनों में ठीक हो जाते हैं.
- गैस का दबाव के बढ़ने से पेट में दर्द या मरोड़ हो सकता है. इस गैस के कारण पेट फूलना या डकार जैसी भी समस्याएँ हो सकती हैं.
- आईबीएस यानि इरिटेबल बाउल सिंड्रोम से पीड़ित लोगों को मुख्य रूप से पेट में दर्द के लक्षण होते हैं, जो सामान्यतः मल त्याग के बाद ठीक हो जाता है.
- कभी-कभी पेट के एसिड पीछे की तरफ चले जाते हैं और गले तक पहुँच जाते हैं. जिस कारण से पेट में जलन और दर्द होता है.
- किसी भी कारण से यदि उल्टी हो तो इससे पेट में दर्द या मरोड़ की समस्या हो सकती है.
- कब्ज के दौरान आंतों में मल जमा हो जाते हैं व शरीर से बाहर नहीं निकलते हैं तब इस कारण से कॉलन में दबाव बढ़ जाता है. इस दबाव के वजह से कब्ज पीड़ित व्यक्ति के पेट में दर्द होने लगता है.
- जिन्हें GERD यानि गैस्ट्रोइसोफेजियल रिफ्लक्स डीजीज रहता है उन्हें पेट में दर्द के साथ ही छाती में जान और मतली भी हो सकती है.
- पेट या पेप्टिक अल्सर का सबसे सामान्य कारण बैक्टीरियल संक्रमण होता है. नॉन स्टेरॉयड एंटी इन्फ्लेमेटरी दवाओं (NSAIDS) का अधिक प्रयोग से भी पेप्टिक अल्सर हो सकता है.
- क्रोहन रोग पाचन तंत्र के परतों में सूजन व जलन पैदा करता है, जिससे पेट में दर्द होता है.
- सीलिएक रोग में पेट में दर्द हो सकता है. सीलिएक रोग में ग्लूटेन से एलर्जी होने लगती है. ग्लूटेन से एलर्जी होने पर छोटी आंत में सूजन व जलन होने लगती है, जिससे दर्द भी होता है.
- यदि पेट की मांसपेशियों में चोट या खिंचाव आ जाता है तो इस कारण से मरोड़ उठना की शिकायत हो सकती है. पेट की एकसरसाइज के कारण भी पेट की मांसपेशियों में खिंचाव हो सकता है.
- मासिक धर्म के दौरान पेट में दर्द या मरोड़ की शिकायत हो सकती है. मासिक धर्म के दौरान पेट में जलन व सूजन या कब्ज जैसे समस्याएँ भी हो सकती है.
मूत्र मार्ग या मूत्राशय में बैक्टीरिया द्वारा संक्रमण के फैल जाने से भी मरोड़ उठना की समस्या होती है. मरोड़ उठने का इलाज-
वैसे तो मरोड़ उठने का इलाज इस बात पर निर्भर करता है कि यह समस्या किस कारण से है. जिस कारण से भी मरोड़ उठा हो उस आधार पर ही इसका सही इलाज किया जा सकता है. पर फिर भी कुछ घरेलू नुस्खे हैं जिससे मरोड़ उठने की समस्या में आराम देते हैं. अब हम निम्नलिखित बिन्दुओं के माध्यम से मरोड़ उठने के ऐसे ही कुछ सामान्य घरेलू उपचारों पर एक नजर डालेंगे:
- आजवाइन: - मरोड़ उठना होने पर तीन ग्राम आजवाइन को तवा पर भून कर इसमें सेंधा नमक या काला नमक मिलाकर पानी के साथ सेवन करना चाहिए. भुना हुआ आजवाइन को इस तरह दिन में दो बार सेवन करने से मरोड़ उठना ठीक हो जाता है.
- मूली: - मरोड़ उठना होने पर मूली को अच्छी तरह धोकर व छीलकर छोटे-छोटे टुकड़े में काट लेना चाहिए. फिर इन टुकड़ों पर काला नमक या सेंधा नमक और काली मिर्च छिड़क कर खा लेना चाहिए. इससे मरोड़ उठने व दर्द में आराम मिलता है.
- मेथी: - एक कटोरी में दही लेकर उसमें मेथी के कुछ दाने को पीसकर अच्छी तरह मिला लेना चाहिए. स्वाद के लिए इसमें थोड़ा सा काला नमक भी मिला सकते हैं. मेथी मिला इस दही के सेवन मरोड़ उठने में लाभ पहुंचाता है.
- ईसबगोल: - कई बार मरोड़ उठने का कारण अपच हो सकता है. ऐसी स्थिति में दो चम्मच ईसबगोल एक कटोरी दही में मिलाकर खाना चाहिए. इससे आंतों की सफाई भी होती है व मरोड़ उठना भी ठीक हो जाता है.
मरोड़ उठने के विभिन्न लक्षण-
1. जब पेट में ऐंठन या मरोड़ आती है तो दर्द इसका मुख्या लक्षण होता है हो कि काफी अलग-अलग तरह से हो सकता है.
2. तीव्र, मध्यम, चुभन, ऐंठन जैसा, मरोड़ जैसा या अन्य प्रकार का हो सकता है.
3. दर्द स्पष्ट हो सकता है, बार-बार आना-जाना या लगातार बना रह सकता है.
4. उल्टी का कारण बन सकता है दर्द के दौरान आप स्थिर रहना पसंद कर सकते हैं या सही पॉजिशन और राहत ढूंढने के लिए इधर-उधर हिल-डुल सकते हैं.
5. किसी छोटी सी समस्या से भिन्न होना जिसके लिए सर्जरी की आवश्यकता पड़ सकती है.