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Last Updated: May 09, 2023
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इस्तेमाल किए हुए तेल का दोबारा उपयोग कभी ना करें

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Dr. Rubina PerweenDietitian/Nutritionist • 16 Years Exp.M.Sc- nutrition & dietetics, B.Sc. - Dietitics / Nutrition, PhD in nutrition
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भारतीय संस्कृति में त्योहार और पकवान ही जान डालते हैं। इनके बिना हर उत्सव का रंग फीका लगता है। भारत के हर कोने में एक से बढ़कर एक व्यंजन बनाए औऱ खिलाए जाते हैं। इनमें अधिकतर तले हुए पकवान भी होते हैं। पर क्या आपने इस बात पर कभी ध्यान दिया है कि जो व्यंजन आप खा रहे हैं उन्हें इस्तेमाल किए गए तेल में बनाया गया हो सकता है। भारतीय रसोई में पहले इस्तेमाल किए गए तेल में खाना तलना बहुत आम है, चाहे वह अंदर घर में हो या होटल में । ये आदत आपके लिए खतरनाक साबित हो सकती है।

एफएसएसएआई  (भारतीय खाद्य सुरक्षा और मानक प्राधिकरण) के अनुसार, खाना पकाने के तेल को दोबारा गर्म करने से विषाक्त पदार्थ निकलते हैं और साथ ही शरीर में मौजूद मुक्त कणों में वृद्धि होती है, जिससे शरीर में सूजन और कई तरह की जानलेवा बीमारियां होती हैं। एफएसएसएआई के दिशानिर्देशों के अनुसार, तेल को फिर से गर्म करने से बचना चाहिए, और ट्रांस-वसा के गठन से बचने के लिए तेल को अधिकतम तीन बार पुन: उपयोग करने की अनुमति है।

जानिए तेल को दोबारा गर्म करने से क्या जोखिम हो सकते हैं

1. रक्तचाप बढ़ना

एक बार प्रयोग किए गए तेल को बार बार इस्तेमाल करने से आपको हाई ब्लड प्रेशर की समस्या हो सकती है। जानकार मानते हैं कि फ्राइंग तेल की रासायनिक संरचना समय के साथ बदलती है और मुक्त फैटी एसिड रिलीज़ करती है। तले हुए तेल के बार-बार उपयोग से आपके शरीर में विषाक्तता, लिपिड का जमना, ऑक्सीडेटिव तनाव, उच्च रक्तचाप, एथेरोस्क्लेरोसिस और अन्य स्वास्थ्य समस्याएं हो सकती हैं।

2. एसिडिटी और अपच

बचे हुए तेल के दोबारा सेवन से आपको एसिडिटी, पेट में जलन, गले की समस्या और अन्य स्वास्थ्य समस्याओं का खतरा हो सकता है। इसलिए यदि आपके पास सामान्य से अधिक एसिडिटी की समस्या होती है तो सड़क के किनारे मिलने वाले जंक और गहरे तले हुए खाद्य पदार्थ खाने से बचें । इससे आपकी समस्या बढ़ सकती है।

3. कोलेस्ट्रॉल का स्तर बढ़ाए

बार बार गर्म करके पकाया जाने वाला भोजन स्वास्थ्य के हानिकारक है।यह शरीर में एलडीएल या खराब कोलेस्ट्रॉल के स्तर को बढ़ा सकता है। जब तेल का पुन: उपयोग किया जाता है, तो ट्रांस फैटी एसिड की मात्रा बढ़ जाती है। तेल में कुछ वसा उच्च तापमान पर गर्म होने पर ट्रांस वसा में बदल जाती हैं और ट्रांस वसा आपकी सेहत के लिए खतरनाक होती है।एलडीएल कोलेस्ट्रॉल का उच्च स्तर हृदय रोग, स्ट्रोक और सीने में दर्द के जोखिम को बढ़ा सकता है। कोलेस्ट्रॉल से जुड़ी समस्याओं से बचने के लिए कुकिंग ऑयल के दोबारा इस्तेमाल से बचें।इनसे हृदय रोग के जोखिम बढ़ जाते हैं।

4. कैंसर के खतरे को बढ़ाए

खाना पकाने के तेल को गर्म करने से पॉलीसाइक्लिक एरोमैटिक हाइड्रोकार्बन (पीएएच) और एल्डिहाइड जैसे कार्सिनोजेनिक पदार्थों की उपस्थिति बढ़ जाती है, जो शरीर में कैंसर और सूजन के बढ़ते जोखिम से जुड़े हैं।

5. यह तेल को अधिक कार्सिनोजेनिक बनाता है

कोई भी चीज जो कार्सिनोजेनिक होती है, उसमें कैंसर होने की संभावना होती है। जब आप तेल को दोबारा गर्म करते हैं तो एल्डिहाइड जैसे जहरीले तत्व उत्पन्न होते हैं। खाना पकाने के तेल का पुन: उपयोग करके खाना पकाने से शरीर में मुक्त कण भी बढ़ सकते हैं, जिससे सूजन हो सकती है ।इसके इस्तेमाल से मोटापा, हृदय रोग और मधुमेह सहित कई अन्य बीमारियां भी हो सकती हैं। शरीर में सूजन आपकी प्रतिरक्षा को कम कर सकती है और आपको संक्रमण से ग्रस्त कर सकती है।

6. त्वचा की उम्र बढ़ने की प्रक्रिया को तेज करता है

हमारा शरीर में संभावित रूप से हानिकारक मुक्त कणों को बेअसर करने के लिए एंटी-ऑक्सीडेंट का उपयोग करता है, लेकिन जब मुक्त कणों का उत्पादन और उन्हें बेअसर करने की शरीर की क्षमता के बीच असंतुलन होता है, तो मुक्त कण कोशिका झिल्ली, प्रोटीन और डीएनए को एक प्रक्रिया में नुकसान पहुंचाना शुरू कर देते हैं जिसे ऑक्सीडेटिव तनाव कहा जाता है। तेल को बार बार गर्म करके खाने से शरीर में मुक्त कणों की संख्या अधिक बढ़ जाती है और ये आपकी त्वचा की कोशिकाओं को नुक्सान पहुंचाकर  झुर्रियां पैदा कर सकता है।

त्वचा के स्वास्थ्य के लिए कोलेजन, इलास्टिन और हाइलूरोनिक एसिड जैसे पदार्थ जिम्मेदार हैं जो युवा त्वचा को इसकी दृढ़ संरचना देते हैं। मुक्त कणों के कारण इन पदार्थों का उत्पादन स्वाभाविक रूप से कम हो जाता है।इससे आक्सिडेटिव तनाव होता है। ऑक्सीडेटिव तनाव त्वचा की समय से पहले उम्र का कारण बन सकता है: यह उम्र बढ़ने के स्पष्ट लक्षण जैसे कि महीन रेखाएँ और झुर्रियाँ विकसित करना शुरू कर सकता है ।

दोबारा गर्म किए गए तेल के उपयोग को कैसे कम करें?

1. घर का बना खाना खाएं

घर के बने खाना का कोई जोड़ नहीं है।यह खाना सबसे ताज़ा और स्वास्थ्यप्रद होता है जिसे आप खा सकते हैं। घर पर खाना पकाने से आप यह तय कर सकते हैं कि आपके भोजन में कौन सी सामग्री उपयोग की जानी चाहिए, खाना पकाने के तेल से लेकर कार्ब्स, प्रोटीन, वसा और फाइबर तक। घर का बना खाना आपको सही संतुलित आहार प्रदान कर सकता है जो आपको अच्छे स्वास्थ्य और वजन घटाने के लिए चाहिए। सुनिश्चित करें कि आप पहले से इस्तेमाल किए गए तेल को खाना पकाने के लिए उपयोग नहीं करते हैं।

2. खाना कम मात्रा में पकाएं

कोशिश करें कि खाना हमेशा उतना ही पकाएं जो इस बार में खत्म हो जाए।यह अतिरिक्त खाना पकाने के तेल को कम करने का एक प्रभावी तरीका है। भोजन की बर्बादी से बचने के लिए आवश्यक भोजन की मात्रा का अंदाज़ा लगा लें। जितना हो सके ताजा खाना पकाएं। कम मात्रा में खाना पकाने से आपको अपने खाने के पोर्शन पर नियंत्रण रखने में आसानी होगी। यदि आप अपना वजन कम करना चाहते हैं तो यह एक महत्वपूर्ण अभ्यास है।

3. यात्रा या बाहर जाते समय घर का बना खाना साथ रखें

हम जब घर से बाहर जाते हैं तो लगातार बाहर का खाना खोते हैं। ज़ाहिर है आप कही छुट्टियां मनाने गए हैं तो बाहर खाने से बच नहीं सकते। लेकिन  आप कोशिश करेंगे तो निश्चित रूप से बाहर खाने की संख्या को कम कर सकते हैं। इस मामले में खुद भोजन तैयार करना आपकी मदद कर सकता है। जिस दिन आपको पता हो कि आपको यात्रा करनी है तो यात्रा के लिए भोजन घर पर ही बनाएं। चाहें तो साथ ले जाने के लिए कुछ सूखे नाश्ते भी तैयार कर सकते हैं जो छोटी भूख लगने पर खाए जा सकें। अपने कार्यस्थल पर भी  अपना भोजन अपने साथ रखें। यह आपको अपने वजन घटाने में मदद करेगा साथ ही आप ऐसा खाना खाने से भी बच जाएंगे  जिसके बार बार गर्म किए गए तेल में पकाए जाने की सबसे अधिक आशंका है। आप ऐसे खाने का भी चुनाव कर सकते हैं जिसमें तेल का कम इस्तेमाल होता है जैसे सलाद, डोसा और इडली ।

4. यदि आपको अल्जाइमर, मधुमेह, उच्च रक्तचाप, हृदय रोग या कोई भी अनुवांशिक बीमारी है  

तो यह आपको खाना पकाने के तेल को दोबारा गर्म करने से बचने का और भी कारण देता है। यह आपके लक्षणों को बढ़ाने औऱ शरीर में अधिक सूजन में योगदान कर सकता है जो रोग पहले से ही इंफ्लेमेशन पैदा करता है।

तेल दोबारा इस्तेमाल करने से पहले इन बातों का ध्यान रखें

  • हम में से कई लोग तेल को इस्तेमाल करने के बाद उसे स्टोर करने से पहले छानते नहीं हैं।ऐसे में खाने के कुछ कण तेल में रह जाते हैं। इन कणों के कारण तेल में क्लोस्ट्रीडियम बोटुलिनम बैक्टीरिया का विकास हो सकता है। इस बैक्टीरिया के कारण तेल में विषाक्त पदार्थ पैदा हो सकते हैं जो बोटुलिज़्म नामक एक गंभीर बीमारी को जन्म दे सकते हैं। इसलिए तेल को सावधानी से छान लें। तेल को कन्टेनर में डालने से पहले ठंडा होने दें।
  • यदि तेल का रंग बदल गया है तो उसका दोबारा उपयोग न करें। कई बार हम तलने के लिए इस्तेमाल किए गए तेल को फेंकना नहीं चाहते पर अघर तेल अधिक देर तक गर्म होने से काला पड़ गया है,दुर्गंध युक्त हो गया है  या गाढ़ा हो गया है तो उसके इस्तेमाल की सलाह नहीं दी जाती । सरसों के तेल, राइस ब्रायन ऑयल, तिल के तेल, और सूरजमुखी के तेल का पुन: उपयोग किया जा सकता है। पर इसे भी दो बार से अधिक इस्तेमाल ना करें।
  • जैतून के तेल को दाबारा उपयोग करने की सलाह नहीं दी जाती है।इसी प्रकार रिफाइंड तेल और पशु वसा का दोबारा उपयोग करने से बचना चाहिए।
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