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Last Updated: Oct 23, 2019
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Depression Treatment In Hindi - डिप्रेशन दूर करने के उपाय

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Dr. Sanjeev Kumar SinghAyurvedic Doctor • 15 Years Exp.BAMS
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मानसिक अवसाद उन बीमारियों में से है जो कई और बिमारियों को जन्म देती हैं. इसे आप डिप्रेशन, तनावया चिंता में डूबा रहना भी कह सकते हैं. दुर्भाग्य से इस बीमारी के शुरुवात में या तो हमें पता नहीं चल पाता है या फिर हम इस तरफ ध्यान नहीं दे पाते हैं. यदि हम मानसिक अवसाद के लक्षण की बात करें तो इसमें अनिद्रा, उदासी, वजन का अत्यधिक कम या ज्यादा होना, आत्महत्या या खुद को नुकसान पहुँचाने की कोशिश करना एकाग्रता में कमी इसका प्रमुख है. आइए इस बिमारी के उपचार के बारे में विस्तारपूर्वक समझें.

अवसाद की स्थिति और नींद का महत्व

1. नींद की कमी बिमारी का घर
यदि आप सोने में कोताही करते हैं या पर्याप्त नींद नहीं लेते हैं तो आप कई बीमारियों को आमंत्रित कर रहे हैं. कहते हैं न कि चैन से सोना है तो जाग जाइए. जब आपकी नींद पूरी नहीं होती है तो आपको कई बीमारियाँ जैसे कि याद्दाश्त कमजोर होना, उच्च रक्त चाप, आँखों में सुजन, कमजोरी, थकान, मोटापा, तनाव आदि अपना शिकार बना सकती हैं. इसलिए बेहतर यही है कि आप भरपूर नींद लेने को गंभीरता से लें और पर्याप्त नींद लें.
2. बच्चों में नींद की कमी का असर और अवसाद
किशोरों या बच्चों की मानसिकता पर पर्याप्त नींद न लेने का दुष्प्रभाव उनके आत्मविश्वास पर पड़ता है. अक्सर ऐसा देखा गया है कि आठ घंटे से कम नींद लेने वाले किशोर नशे या स्मोकिंग की चपेट में होते हैं. कई बच्चे इसके दुष्प्रभाव से डिप्रेशन में भी चले जाते हैं. ऐसा होने पर कई बार बच्चे उग्र भी हो जाते हैं. एक शोध में यह पाया गया कि प्रतिदिन 7 से 8 घंटे की नींद लेने वाले 4.5 घंटे से कम सोने वालों की तुलना में लम्बी उम्र जीते हैं. तो बच्चों को भी पर्याप्त सुलाएं.
3. नींद और वजन का संबंध
शोधकर्ताओं के अनुसार कम सोने वाले लोगों का वजन पर्याप्त नींद लेने वालों से ज्यादा होता है. ये भी पाया गया है कि पांच घंटे की नींद लेने वाले लोगों में भूख बढ़ाने वाला हार्मोन 15 फीसदी अधिक बनता है. लेकिन आठ घंटे की नींद लेने वाले लोगों में यह हार्मोन जरूरत के अनुसार ही बनता है. जाहिर है इससे आप मोटापे के शिकार होते हैं और अवसाद की तरफ बढ़ चलते हैं.
4. अवसाद, नींद और सेहत
ये तो आपने भी महसूस किया ही होगा कि जब आप गहरी नींद से सोकर उठते हैं तो आपको एक ताजगी का एहसास होता है. और पर्याप्त नींद न लेने पर दिमाग भन्नाया रहता है. दरअसल पर्याप्त नींद लेने पर हमारे शारीर में रोगों से लड़ने वाली कोशिकाएं भी ठीक तरीके से काम करती हैं. जिससे कि आप कई अनावश्यक बीमारियों से तो बचते ही हैं साथ में आपकी कार्यक्षमता में भी बढ़ोतरी होती है.

खान-पान भी अवसाद से बचाता है
ये भी देखा गाया है कि अपने खाने में कुछ चीजों को शामिल करके भी मानसिक अवसाद या डिप्रेशन से बचा जा सकता है. इसमें क्या क्या हो सकता है इसे देख लेते हैं-
1. काजू
अवसाद को ठीक करने में तंत्रिकातंत्र की भूमिका भी महत्वपूर्ण है. इसमें विटामिन बी प्रचुर मात्रा में पाया जाता है और ये विटामिन ही तंत्रिका तंत्र को ठीक रखता है. इसके साथ ही काजू आपके शरीर में ऊर्जा का स्तर बढ़ाकर आपको सक्रिय रखने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है. काजू ये ये सभी गुण आपको डिप्रेशन से दूर रखेंगे.
2. अंडे
प्रोटीन के भण्डार अंडा में डीएचए भी पाया जाता है. आपको बता दें कि डीएचए पचास फीसदी अवसाद को ठीक कर सकता है. अंडा न सिर्फ अवसाद को ठीक करेगा बल्कि आपको निरोग रखने में भी मदद करता है.
3. सेब
सेब के फायदे तो सबने ही सुन रखे होंगे. तमाम पौष्टिक गुणों से भरपूर सेब आपके मानसिक स्वास्थ्य का भी ख्याल रखता है. इसमें पाया जाने वाले विटामिन बी, फास्फोरस और पोटैशियम मिलकर ग्लूटामिक एसिड का निर्माण करते हैं. ये एसिड मानसिक स्वस्थ्य ठीक रखता है.
4. डेजर्ट
अवसाद को दूर करने में चीनी की भी भूमिका देखी गई है. दरअसल इसके प्रयोग से शरीर के शुगर लेवल को एक नई ऊर्जा दी जाती है. आप चाहें तो इसके लिए चीनी से बने किसी भी खाद्य पदार्थ केक, डेजर्ट या जूस का इस्तेमाल कर सकते हैं.
5. टोस्ट या जैम
मानसिक असाद से पीड़ित लोगों के लिए कार्बोहाइड्रेट का सेवन लाभकारी होता है. कई लोग तो इसके लिए ब्रेड पर जैम लगाकर भी खाते हैं.
6. आयरन युक्त भोजन
हमारे शरीर में आयरन की भूमिका बहुत महत्वपूर्ण होती है. लेकिन कई लोगों में आयरन की कमी होती है खासकरके लड़कियों में. तो ऐसे में इसका सबसे अच्छा तरीका है कि आपको आयरनयुक्त भोजन करना चाहिए. इससे आपमें आयरन लेवल तो ठीक रहता ही है, साथ में आपका मूड भी ठीक रहता है. इस तरह आप अवसाद से बाख जाते हैं. आयरन के लिए सबसे अच्छा स्त्रोत पालक है.
7. इलायची
आप खुद को तरोताजा रखने के लिए इलायची का भी इस्तेमाल कर सकते हैं. इसके लिए आपको बस इतना करना है कि इलायची के पिसे हुए बीज को पानी के साथ उबाल कर या चाय के साथ लें. इससे आपका मूड फ्रेश हो जाएगा.

ये पाँच तत्व भी आपको डिप्रेशन से बचाते हैं
आप डिप्रेशन से बचने के लिए उपरोक्त तरीकों के अलावा और भी कई चीजें कर सकते हैं. हम आपको कुछ बेहद महत्वपूर्ण तत्व बता रहे हैं जो आपको डिप्रेशन को दूर करने में मदद करेंगे.
1. आयोडीन
हमारे शरीर में आयोडीन के महत्व से तो आप परिचित होंगे ही. लेकिन क्या आप जानते हैं कि इसकी कमी से हमारा दिमाग ठीक से काम नहीं कर पाता है. हमारे दिमागी विकास के लिए जरुरी आयोडीन का सबसे आसान स्त्रोत आयोडीन युक्त नमक है. आयोडीन के लिए आप आलू, दही, लहसुन आदि का भी इस्तेमाल किया जा सकता है.
2. ओमेगा थ्री
विशेषज्ञों के अनुसार ओमेगा थ्री के नियमित सेवन से हमारे दिमाग में न्यूरॉन से सेल्स की वृद्धि होती है. इसलिए इसे डिप्रेशन से बचने का सबसे अच्छा स्त्रोत माना जाता है. यदि ओमेगा थ्री के स्त्रोतों की बात करें तो मछली, सुखा मेवा, सरसों के बीज, सोयाबीन, गोभी, फल और हरी बीन्स आदि प्रमुख हैं.
3. जिंक
हमारे शरीर की कोशिकाओं में पाया जाने वाले जिंक की कमी से डिप्रेशन के अलावा और भी कई बीमारियाँ हो सकती हैं. इसलिए जिंक का नियमित सेवन भी जरुरी है. इसे हम मूंगफली, लहसुन, राजमां, दालें, सोयाबीन, बादाम, अंडे, बीज, मटर आदि से प्राप्त कर सकते हैं.
4. मैग्नीशियम
याद्दाश्त को बनाए रखने में मैग्नीशियम की महत्वपूर्ण भूमिका होती है. इसलिए इसकी कमी से याद्दाश्त कमजोर होने के साथ ही डिप्रेशन भी बढ़ सकता है. मैग्नीशियम हमें काजू, बादाम, पीनट बटर, अंजीर आदि खाकर मिल सकता है.
5. दूध और इसके उत्पाद
कहा जाता है कि दूध एक सम्पूर्ण पौष्टिक आहार है. तो ऐसे में शरीर में होने वाले पोषक तत्वों की कमी को हम दूध और इसके विभिन्न उत्पादों से पूर्ति कर सकते हैं. जाहिर है कुपोषित शरीर के अवसाद ग्रस्त होने की संभावना अधिक होती है.

अवसाद को दूर करता है म्यूजिक थेरेपी
जैसा कि आम तौर पर कहा जाता है कि संगीत हमें दुसरी दुनिया में ले जाता है. इस बात को शोधकर्ताओं ने भी माना है कि संगीत मूड को शांत और सक्रीय करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है. म्यूजिक थेरेपी से अवसाद दूर करने का आधार यही है. चूँकि अवसाद मानसिक भटकाव की तरफ ले जाता है और संगीत हमें एकाग्रचित होने में मदद करता है इसलिए संगीत के माध्यम से हम अवसाद का सफल उपचार कर सकते हैं. इससे हमें नींद भी गहरी आती है और हमारा शरीर पूरी तरह से रिचार्ज हो जता है.
 

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