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Last Updated: May 15, 2019
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एंग्जायटी डिसऑर्डर इन हिंदी - Anxiety Disorder In Hindi!

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Dr. Sanjeev Kumar SinghAyurvedic Doctor • 15 Years Exp.BAMS
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एक कहावत है – चिता आदमी को मरने के बाद जलाती है लेकिन चिंता एंग्जायटी (Anxiety) आदमी को ज़िंदा जलाती है. इस कहावत से ही आप चिंता की समस्या के गंभीरता को समझ सकते हैं. दरअसल ये अपने आप में एक बिमारी होने के साथ ही कई बीमारियों की जड़ भी है. इस बिमारी में हमें मुख्य रूप से दुःख, बुरा महसूस करना, दैनिक गतिविधियों में रुचि या खुशी ना रखना आदि लक्षण दिखाई पड़ते हैं. जाहिर है इससे हम भी इन सभी बातों से भी लगभग परिचित ही होते हैं. यदि ये लक्षण थोड़े समय तक दिखाई दें तो ज्यादा परेशान होने की बात नहीं है लेकिन जब यही सारे लक्षण हमारे जीवन में अधिक समय तक रहते हैं तब ये हमें बहुत अधिक प्रभावित करते हैं. ये स्थिति बेहद चिंता से भरी होती है. आइए इस लेख के माध्यम से हम एंग्जायटी (Anxiety) डिसऑर्डर के बारे में और विस्तार से जानने का प्रयास करें ताकि लोग इसके बारे में जागरूक हों और समय रहते इसे दूर करने के लिए कोई कदम उठा सकें.

एंग्जायटी (Anxiety) की गंभीरता-
विश्व स्वास्थ्य संगठन के चिंता की परिभाषा के अनुसार दुनिया भर में एंग्जायटी सबसे सामान्य बीमारी है. आपको जानकर हैरानी होगी कि दुनिया भर में लगभग 350 मिलियन लोग चिंता से प्रभावित हैं. चिंता एक मानसिक स्वास्थ्य विकार है जो कि कुछ दिनों की समस्या न होकर, ये एक लम्बी बीमारी है. चिंता जैसा ही लगने वाली एक और समस्या है मूड का उतार-चढ़ाव. लेकिन आपको बता दें कि ये चिंता से अलग है. मूड का उतार-चढ़ाव तो हम अपने सामान्य और स्वस्थ जीवन में भी अनुभव करते ही रहते हैं. लेकिन हमारे दैनिक जीवन में आने वाली चुनौतियों के प्रति हमारी अस्थायी भावुक प्रतिक्रियाएं चिंता को जन्म नहीं दे पाती हैं. जैसे कि जब हमारे किसी करीबी की मौत होती है और हम दुखी होते हैं तो वो भावना चिंता की श्रेणी में नहीं आती है. लेकिन यही दुःख जब लम्बे समय तक बरकरार रह जाती है चिंता की समस्या हो सकती है.

चिंता संबंधी विकार (Anxiety disorders)-
मानसिक बीमारियों का एक समूह है, इनके कारण जो दिक्कतें पैदा होती हैं वह आपको अपना जीवन सामान्य रूप से व्यतीत करने से रोक सकता हैं. जो लोग एंग्जायटी से ग्रस्त होते हैं उन्हें, निरंतर चिंता और भय रहता है, वे अक्षम हो सकते हैं लेकिन सही उपचार के साथ, बहुत से लोग उन भावनाओं को प्रबंधित कर सकते हैं और अपना जीवन सामान्य रूप से जी सकते हैं. चिंता विकार एक अपने आप हो जाने वाली, अज्ञात या अनियंत्रित बीमारी नहीं है, जो पारिवारिक कारणों या किसी के संपर्क में आने से हो जाए. यह एक निश्चित प्रकार के व्यवहार के कारण होता है.

एंग्जायटी (Anxiety) विकार के कुछ सामान्य प्रकार-

  1. सामान्यकृत चिंता विकार (GAD): - में रोग ग्रस्त व्यक्ति किसी स्पष्ट कारण के बिना अत्यधिक चिंता करता है. जीएडी का निदान तब किया जाता है जब कुछ चीजों के बारे में अत्यधिक चिंताएं छह महीने या उससे अधिक समय तक रहती हैं.
     
  2. सामाजिक चिंता विकार: - सामाजिक परिस्थितियों का सामना करने में लगने वाला भय और दूसरों के द्वारा अपमानित होने का गंभीर सामाजिक भय है. इसमें रोगी अकेला और शर्मिंदा महसूस हो सकता है.
     
  3. पोस्ट-ट्रोमैटिक तनाव विकार (PTSD): - यह तब विकसित होता है जब आप कुछ दर्दनाक अनुभव करते हैं. इसके लक्षण तुरंत नज़र आ सकते हैं या कुछ समय बाद नज़र आने शुरू हो सकते हैं इसके कारणों में युद्ध, प्राकृतिक आपदाएं या शारीरिक हमले शामिल हैं
     
  4. जुनूनी-बाध्यकारी विकार (OCD): - भी एंग्जायटी का एक प्रकार है. OCD से ग्रस्त लोग बार-बार कोई विशेष प्रकार का कार्य करने की इच्छा से अभिभूत होते हैं जैसे की बार बार हाथ धोना, सफाई करना, गणना करना आदि.
     
  5. फोबिया: - भी एंग्जायटी का ही प्रकार है उदहारण के तौर पर तंग बंद स्थान से डर और ऊंचाइयों से डर शामिल हैं. इस स्थिति में भयग्रस्त वस्तु या स्थिति से बचने की तीव्र इच्छा होती है.
     
  6. पैनिक विकार: - के कारण, पैनिक अटैक होता है जो गहन चिंता और डर का कारण बनता है. इसके शारीरिक लक्षणों में अनियमित दिल की धड़कनें, घबराहट, छाती में दर्द और सांस लेने में तकलीफ शामिल हैँ. ये किसी भी समय हो सकता है. किसी भी प्रकार की एंग्जायटी से ग्रस्त लोगों को पैनिक अटैक हो सकते हैं.


एंग्जायटी का चिकित्सकीय परीक्षण कैसे होता है?
यदि आपको एंग्जायटी विकार के लक्षण हैं, तो आपके डॉक्टर आपकी जांच करेंगे और आपके मेडिकल इतिहास की मांग करेंगे. वह आपके मानसिक विकार से सम्बंधित कुछ परिक्षण कर सकते हैं. हालांकि, एंग्जायटी विकार का निदान करने के लिए कोई विशेष परिक्षण नहीं है. यदि आपके डॉक्टर को कोई मेडिकल कारण नहीं मिल रहा है, तो वह आपको एक मनोचिकित्सक, मनोवैज्ञानिक या किसी अन्य मानसिक स्वास्थ्य विशेषज्ञ के पास जाने की सलाह दे सकते हैँ. ये डॉक्टर आपसे सवाल पूछेंगे और उपकरण एवं परीक्षण का इस्तेमाल करके पता लगाने का प्रयास करेंगे कि आपको एंग्जायटी विकार है या नहीं. आपका डॉक्टर आपका निदान करते समय आपके लक्षणों की अवधि और तीव्रता पर विचार करेंगे. वह यह भी देखेंगे कि क्या इसके लक्षणों के कारण आपको अपनी सामान्य गतिविधियों को पूरा करने में समस्या हो रही हैं या नहीं.

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