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टेरिजियम सर्जरी - Pterygium surgery in Hindi

आखिरी अपडेट: Dec 28, 2022

टेरिजियम सर्जरी क्या है?

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टेरिजियम सर्जरी आंख में गैर-कैंसर कंजंक्टिवा ग्रोथ को हटाने के लिए की जाती है। यह एक टिश्यू है जो आंख के सफेद हिस्से और पलक के भीतरी भाग में होता है। यह बढ़ने पर कॉर्निया को पूरी तरह से ढक लेता है जिससे आपकी दृष्टि कमजोर हो जाती है। वहीं कुछ मामलों में टेरिजियम, कॉर्निया को पूरी तरह से खराब कर सकता है।

यह रोग ऐसे लोगों को होता है जो रेत, धूल, हवा और सूर्य के संपर्क में ज्यादा रहते हैं। साथ ही सूर्य से आने वाली पराबैंगनी किरणों और अन्य पर्यावरणीय परिस्थितियों के कारण भी यह रोग हो सकता है।

टेरिजियम सर्जरी के प्रकार - pterygium surgery ke prakar

यह सर्जरी एक ही प्रकार से की जाती है।

टेरिजियम सर्जरी कराने के फायदे - pterygium surgery karne ke fayde

टेरिजियम सर्जरी के बाद आपकी आंखें बिलकुल ठीक हो सकती हैं। इस सर्जरी के जरिए लालिमा या बेचैनी का भी इलाज किया जा सकता है। सर्जरी करवाने के अन्य फायदे नीचे दिए जा रहे हैं।

  • बेहतर दृष्टि प्रदान करती है
  • सर्जरी के बाद रिकवरी में आसानी होती है
  • जीवन को पहले की तरह बेहतर बनाती है

टेरिजियम का ऑपरेशन क्यों कराया जाता है? - pterygium ki surgery kyun karayi jaati hai?

टेरिजियम दृष्टि दोष गंभीर स्थिति में एस्टिगमैटिज्म का कारण बनता है। यह वह स्थिति होती है जब आपका विजन पूरी तरह से धुंधला हो जाता है। लंबे समय से चली आ रही टेरिजियम की समस्या में जब सामान्य इलाज से राहत नहीं मिलती तो डॉक्टर सर्जरी की सलाह देते हैं। यह सर्जरी निम्नलिखित परिस्थितियों में की जाती है-

  • कॉर्निया में टेरिजियम होने पर
  • आंखों में लगातार दर्द होने पर
  • नजर कमजोर होने पर
  • आंखों की समस्या जैसे मायोपिया, हाइपरोपिया, एस्ट्रगामैटिज्म की स्थिति होने पर
  • अंधेरे में देखने में परेशानी होने पर
  • प्रकाश के प्रति संवेदनशीलता
  • दोहरी दृष्टि
  • पढ़ने में कठिनाई होने पर
  • एस्टिगमैटिज्म की स्थिति निर्मित होने पर

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टेरिजियम सर्जरी के लिए डॉक्टर के पास कब जाएं - pterygium ke operation ke liye doctor ke pas kab jaein

  • आंख पर गुलाबी रंग के टिश्यू के उभार दिखने पर
  • आंखों में लाली, भारीपन व सूजन होने पर
  • आंखों के सूखने, उनमें जलन और खुजली होने पर
  • आंख में रेत या कंकड़ के जैसा कुछ महसूस होने पर
  • आंखों से हमेशा आंसू बहने पर

टेरिजियम की सर्जरी से पहले की तैयारी - pterygium ki surgery se pehle ki tayari

इस सर्जरी के पहले मरीज को अपने स्तर पर कई प्रकार की तैयारी की जरूरत होती है।

  • बीपी और डायबिटीज के मरीज को सर्जरी से पहले शुगर व बीपी की जांच करानी चाहिए।
  • सर्जरी से पहले शरीर में पानी का स्तर बनाए रखने के लिए पर्याप्त मात्रा में पानी पीना चाहिए।
  • सर्जन को अपनी मेडिकल हेल्थ के बारे में सारी जानकारी देनी चाहिए।
  • सर्जरी से पहले किसी भी तरह का आई मेकअप नहीं करना चाहिए।
  • लेजर आई सर्जरी से कुछ महीने पहले से कॉन्टैक्ट लेंस पहनना बंद कर देना चाहिए।
  • सर्जरी के दिन चेहरे पर किसी भी प्रकार के मॉइस्चराइजर, लोशन या परफ्यूम का इस्तेमाल नहीं करना चाहिए।
  • सर्जरी के लिए खुद को मानसिक रूप से तैयार रखना चाहिए।
  • सर्जरी के तुरंत बाद किसी भी प्रकार की ड्राइविंग नहीं करनी चाहिए।
  • सर्जरी के बाद कम से कम तीन दिन रेस्ट करना चाहिए।
  • बेहतर रिजल्ट के लिए डॉक्टर की सलाह जरूर माननी चाहिए।

टेरिजियम का ऑपरेशन कैसे किया जाता है? - pterygium ka operation kaise kiya jata hai

प्रक्रिया से पहले

  • सर्जरी में उपयोग होने वाले कपड़े और सर्जिकल उपकरणों की सफाई की जाती है।
  • सर्जरी से पहले पेशेंट की फिटनेस और क्षमता जांचने के लिए जरूरी टेस्ट किए जाते हैं।
  • सर्जरी के दौरान पेशेंट को नॉर्मल एनेस्थीसिया दिया जाता है।
  • सर्जन, सर्जिकल साइट को साफ और स्टेरलाइज करता है।
  • किसी भी प्रकार के संक्रमण से बचने के लिए पेशेंट को IV के माध्यम से एंटीबायोटिक्स दी जाती हैं।

प्रक्रिया के दौरान

टेरिजियम सर्जिकल प्रक्रिया काफी तेज और कम जोखिम वाली होती है:

  • सर्जरी के दौरान डॉक्टर पेशेंट को बेहोश और आंखों को सुन्न कर देते हैं
  • डॉक्टर कुछ प्रभावी ऊतकों को हटा देते हैं
  • टेरिजियम हटाने के बाद इसे दोबारा होने से रोकने के लिए डॉक्टर सर्जरी वाले स्थान पर मेंब्रेन टिश्यू के ग्राफ्ट को प्लांट करने के लिए टांके या फाइब्रिन गोंद का इस्तेमाल करते हैं

प्रक्रिया के बाद

  • सर्जरी के बाद पेशेंट को पोस्टऑपरेटिव रिकवरी एरिया में लाया जाता है, जहां उसे होश आने तक रखा जाता है।
  • सर्जरी के बाद होने वाली किसी भी प्रकार की असुविधा और संक्रमण से बचने के लिए डॉक्टर जरूरी दवाएं और देखभाल के निर्देश देते हैं।
  • सर्जरी के बाद किसी भी प्रकार की इमरजेंसी से बचने के लिए पेशेंट को कुछ देर तक हॉस्पिटल में ही रखा जाता है।
  • सर्जरी के बाद पूरी तरह ठीक होने में करीब 1-2 सप्ताह का समय लगता है।

टेरिजियम सर्जरी की जटिलताएं - pterygium surgery ki jatiltayein

किसी भी प्रकार की सर्जरी के बाद हर पेशेंट को कुछ परेशानियों का सामना करना पड़ता है। इसी तरह टेरिजियम सर्जरी के बाद पेशेंट की आंखों में लाली छाना और कुछ दिनों तक हल्का धुंधला दिखाई दे सकता है। अन्य लक्षण नीचे जा रहे हैं।

  • सर्जरी के बाद उसी परेशानी का फिर से उभरना
  • एक सिस्ट या संक्रमण का विकास होना
  • दोहरी दृष्टि
  • आंखों में सूखापन और भारीपन रहना
  • स्क्लेरा या कॉर्नियल मेल्टिंग
  • ड्रॉप्स का रिएक्शन
  • आंखों में दर्द रहना
  • सर्जरी के बाद भी आंख में कुछ उभार बना रहना
  • आंख की मांसपेशियों में घाव होना

टेरिजियम सर्जरी की लागत - pterygium surgery ki laagat

भारत में टेरिजियम सर्जरी INR 1,00,000 से INR 2,80,000 रुपए तक में हो सकती है। हालांकि कुछ अतिरिक्त खर्चे सर्जरी की लागत को बढ़ा सकते हैं। इनमें अस्पताल या क्लिनिक ब्रांड नेम, डॉक्टर की फीस, एंट्री फीस, सर्जरी का प्रकार, सर्जरी के बाद की स्थिति और हॉस्पिटल के रूम चार्ज शामिल हैं। सर्जरी की कुल लागत आपके मेडिकल टेस्ट की संख्या से भी प्रभावित हो सकती है। हालांकि पेशेंट की बीमा स्कीम के जरिए सर्जरी की लागत को कम किया जा सकता है।

भारत के प्रमुख शहरों में टेरिजियम सर्जरी की लागत:

टेरिजियम सर्जरी के नुकसान - Cataract Surgery ke nuksaan

  • आंखों में ब्लीडिंग
  • आंखों में संक्रमण
  • आंखों में जलन
  • रेटिना का अलग होना
  • कृत्रिम लेंस का विस्थापन
  • आंखों में सूजन
  • आंख के अन्य रोग
  • विजन लॉस

निष्कर्ष - Conclusion

टेरिजियम के अधिकांश मालमों में सर्जरी की आवश्यकता नहीं होती है। एक प्रकार से देखा जाए तो यह आंख का गंभीर रोग नहीं है। इसे डॉक्टर को दिखाने के बाद आई ड्रॉप, स्टेरॉयड और दवाओं के जरिए ठीक किया जा सकता है। लेकिन जब यह आंख के अंदर ज्यादा जगह घेरने लगता है या संक्रमण फैलाने के साथ आपके विजन को प्रभावित करने लगता है तो ऐसी कंडीशन में इसके इलाज की आवश्यकता होती है। सही से इलाज न मिलने पर यह एक गंभीर स्थिति को जन्म देता है।

कंटेंट टेबल

कंटेट विवरण
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लेखकDrx Hina FirdousPhD (Pharmacology) Pursuing, M.Pharma (Pharmacology), B.Pharma - Certificate in Nutrition and Child CarePharmacology
Reviewed By
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Reviewed ByDr. Bhupindera Jaswant SinghMD - Consultant PhysicianGeneral Physician
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