हमारे स्वतंत्रता सेनानियों ने देश की आजादी के लिए पूरी समर्पण और जुनून के साथ लड़ाई लड़ी थी. आज उन स्वतंत्रता सेनानियों के बलिदानो का नतीजा है कि हमारा देश तरक्की के नए आयाम छू रहा है. सेनानी या कहे सैनिक, जो खुद को शारीरिक और मानसिक रूप से फिट रखते है, ताकि वे किसी भी आपात स्थिति से निपटने के तैयार और चुस्त रहें. युद्ध जैसे स्थिति के दौरान उनकी शारीरिक फिटनेस और सहनशक्ति की बहुत महत्वपूर्ण भूमिका होती है.
आज की तेजी से विकसित दुनिया में, लोग जीवन के हर कदम पर तनाव और अवसाद से ग्रस्त हैं. किसी भी कसरत के बिना 'अच्छे स्वास्थ्य और स्वस्थ जीवन' की अवधारणा संभव नहीं है. स्वास्थ्य चेतना की भावना केवल बीमारी के बाद उत्पन्न होती है. इसे बदलना चाहिए और धारणा 'रोकथाम इलाज से बेहतर है' अपनाया जाना चाहिए. इसलिए अपने आप को स्वस्थ रखने के लिए एक स्वतंत्रता सेनानी के कसरत शासन का पालन करना बहुत ही बेहतर विकल्प है.
सबसे पहले, इस धारणा को छोड़ना चाहिए की फिट रहने के लिए जिम जाने की जरूरत होती है. पुराने समय में लोग बिना जिम या मशीनों के भी फिट होते थे. वे कठोर अभ्यास व्यवस्था का पालन करते हुए खुद को स्वस्थ और मजबूत रखते थे. इसलिए फिट होने के लिए किसी को नियमित रूप से अभ्यास के विभिन्न प्रारूपों का गंभीरता से पालन करना चाहिए. रनिंग, तैराकी, जॉगिंग, पुश-अप, स्क्वाट कुछ अभ्यास हैं, जिन्हें फिट रहने के लिए लिया जाता है.
इन एरोबिक अभ्यास को नियमित रूप में करने से शरीर में लगभग हर मांसपेशियों को टोनिंग में मदद मिलती है. जॉगिंग हार्ट के लिए फायदेमंद होता है, क्योंकि इससे दिल की बीमारियों का खतरा कम हो जाता है. वे दिल और मांसपेशियों में ऑक्सीजन प्रदान करते हैं. अभ्यास की यह सूची सभी पीढ़ियों और लिंग के लोगों के लिए अच्छी है. फिट होने के लिए आप पुश-अप, पुल-अप, सीट-अप और स्क्वाट जैसे वर्कआउट्स कर सकते हैं.
आखिरकार, हमें अपने स्वतंत्रता सेनानियों के समान उत्साह के साथ ही कसरत करनी चाहिए, ताकि हमारा शरीर उनके समान ही फिट रह सके. हमें धार्मिक रूप से हमारे अभ्यास कार्यक्रम का पालन करना चाहिए और हमारे शरीर को फिट रखने के लिए समर्पित होना चाहिए.
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