नोएडा में पाइल्स सर्जरी की लागत
नोएडा में पाइल्स सर्जरी के बेस्ट डॉक्टर
नोएडा में बवासीर के इलाज की लागत कितनी है?
बवासीर एक खतरनाक बीमारी है और लखनऊ में कई लोग ऐसे हैं, जो इस बीमारी से ग्रसित है। बवासीर के इलाज के लिए सर्जरी बेहद लाभदायक उपाय है। अगर आप भी लखनऊ में बवासीर का इलाज कराना चाहते हैं, तो इसकी लागत जानना आपके लिए बेहद जरूरी है। यह लेख बवासीर के इलाज की लागत जानने में काफी मदद कर सकता है।
दरअसल, लखनऊ के विभिन्न अस्पतालों में बवासीर के इलाज की लागत औसतन 45,000 रुपये से लेकर 60,000 रुपये तक है। यह लागत कई वजहों से कम और ज्यादा भी हो सकती है। वैसे आप चयनित अस्पताल में कार्यरत मेडिकल कॉर्डिनेटर से मिलकर बवासीर के इलाज की सटीक लागत की जानकारी प्राप्त कर सकते हैं।
आप हमारे माध्यम से भी सर्जरी करा सकते हैं। हम आपको निम्नलिखित सुविधाएं उपलब्ध करा सकते हैं-
- हम आपको अनुभवी और विशेषज्ञ सर्जन तक पहुंचने में मदद करेंगे।
- तकनीकी सुविधाओं से लेस एम्बुलेंस सेवा उपलब्ध है, वह भी बिलकुल मुफ्त।
- सर्जरी की कुल लागत को इएमआई पर अदा करने की सुविधा उपलब्ध है।
- सर्जरी के बाद निशुल्क परामर्श सुविधा उपलब्ध है।
नोएडा में विभिन्न प्रकार की पाइल्स सर्जरी की लागत
ट्रीटमेंट के प्रकार | औसत कीमत | न्यूनतम कीमत | अधिकतम कीमत |
---|---|---|---|
स्क्लेरोथेरपी | ₹35,000 | ₹25,000 | ₹80,000 |
पाइल्स लेजर सर्जरी | ₹55,000 | ₹45,000 | ₹65,000 |
रबर बैंड लिगेशन | ₹33,000 | ₹25,000 | ₹75,000 |
हेमोरॉयड स्टेप्लिंग | ₹55,000 | ₹40,000 | ₹65,000 |
हेमोराइडल आर्टरी लिगेशन | ₹100,000 | ₹71,600 | ₹115,000 |
अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न
नोएडा में बवासीर के इलाज से पहले होने वाली जांच की लागत
बवासीर के इलाज से पहले डॉक्टर के लिए यह जानना बेहद जरुरी होता है कि बवासीर की स्थिति क्या है। इसी स्थिति के अनुसार डॉक्टर बीमारी की गंभीरता की गंभीरता की जानकारी मिलती है और उसी के अनुसार वह इलाज करता है। इसके साथ ही जांच से शरीर में मौजूद अन्य बीमारी का भी पता चल जाता है। लखनऊ के विभिन्न डायग्नोस्टिक सेंटर्स में बवासीर के इलाज से पहले की जाने वाली जांचों की लागत अलग-अलग हो सकती है।
बवासीर की गंभीरता जांचने के लिए डॉक्टर डिजिटल परीक्षण करते हैं। इस तरह दौरान डॉक्टर अपनी ऊंगली में लुब्रिकेंट लगाकर मलाशय की जांच करते हैं और आसामन्य वृद्धि का पता लगाते हैं। वहीं कुछ डॉक्टर प्रोक्टोस्कोप, एनोस्कोप या सिग्मोइडोस्कोप का इस्तेमाल करके निचले मलाशय की जांच करते हैं। चूंकि इस तरह की जांच में किसी बड़े उपकरण का प्रयोग नहीं किया जाता है। इसलिए इसकी लागत भी बहुत कम होती है।
मरीज के हिसाब से बवासीर के इलाज की लागत में अंतर क्यों होता है।
मरीज के हिसाब से बवासीर के इलाज की लागत में अंतर के लिए कई कारक जिम्मेदार हैं। ये कारक निम्नलिखित हैं-
- उम्र: उम्र के अनुसार भी बवासीर के इलाज की लागत ज्यादा या कम हो सकती है। दरअसल, ज्यादा उम्र के लोगों में बीमारी से लड़ने की क्षमता कम होती है इसलिए रिकवर करने में समय लगता है।
- बीमारी की गंभीरता: मरीज की बीमारी जितनी गंभीर अवस्था में होगी, उसके इलाज की लागत उतनी ही ज्यादा हो सकती है। इसकी वजह यह है कि बीमारी की गंभीरता के अनुसार ही डॉक्टर इलाज के तकनीक का चयन करता है और हर तकनीक की लागत अलग-अलग होती है।
- अन्य बीमारी: मरीज को बवासीर के अलावा कोई ऎसी बीमारी होने की भी आशंका होती है, जिसकी वजह से बवासीर के इलाज के दौरान मरीज जोखिम में फंस सकता है या बवासीर की समस्या दोबोरा हो सकती है। ऐसी स्थिति में डॉक्टर बवासीर के साथ ही उस अन्य बीमारी का भी इलाज करता है, जिससे लागत में बढ़ोत्तरी आ जाती है।
नोएडा में बवासीर के इलाज की लागत पर कौन सी चीजें प्रभाव डालती हैं?
नोएडा में बवासीर के इलाज की लागत में प्रभाव डालने वाले कारक निम्नलिखित हैं-
- अस्पताल: अस्पताल के अनुसार बवासीर के इलाज की लागत बढ़ या घट सकती है। दरअसल, सभी असपताल अपने द्वारा दी जा रही सुविधाओं के अनुसार शुल्क लागू करते हैं। ऐसे में ज्यादा अच्छी सुविधाएं देने वाले अस्पतालों का शुल्क ज्यादा हो सकता है, जबकि कम सुविधाएं मुहैया कराने वाले अस्पतालों का शुल्क कम हो सकता है।
- सर्जन: सर्जन के चयन के अनुसार भी बवासीर के इलाज की लागत पर प्रभाव देखने को मिल सकता है। दरअसल, जिस सर्जन का अनुभव ज्यादा होता है, अधिकतर कम अनुभव वाले सर्जन की अपेक्षा उसकी फीस ज्यादा होती है।
- जांच: वैसे तो बवासीर के इलाज से पहले की जाने वाली जांचों की लागत बेहद कम होती है, लेकिन कई मामलों में मरीज को अन्य जांचें भी करानी पड़ सकती हैं, जिसकी वजह से इलाज के लागत में अंतर देखने को मिल सकता है।
- अस्पताल में बिताया समय: एक मरीज को बवासीर के इलाज से पहले और बाद में जितनी दिनों तक अस्पताल में भर्ती रहना पड़ता है, उसी के अनुसार उसे इलाज की लागत का भुगतान करना पड़ता है। क्योंकि भर्ती रहने के कुल दिनों की संख्या के अनुसार ही उसका बिस्तर शुल्क और अन्य शुल्क निर्धारित होता है।
- सर्जरी की तकनीक: बवासीर के इलाज के लिए डॉक्टर जिस सर्जरी की तकनीक का प्रयोग करता है, उस हिसाब से इलाज की लागत प्रभावित होती है। क्योंकि बवासीर के इलाज के इस्तेमाल में लाई जाने वाली विभिन्न तकनीकों की लागत भिन्न-भिन्न है।
नोएडा में बवासीर सर्जरी के विभिन्न घटकों की लागत कितनी है?
वैसे आमतौर पर जीवनशैली में बदलाव, क्रीम, मलहम या गैर-सर्जिकल तकनीकों का उपयोग करके बवासीर का इलाज किया जा सकता है, लेकिन लगभग दस में से एक व्यक्ति को सर्जरी की आवश्यकता होती है। बवासीर के इलाज के लिए उपयोग की जाने वाली मुख्य सर्जिकल प्रक्रियाएं हेमोराहाइडेक्टोमी, स्टेपलिंग और हेमोराहाइडल आर्टरी लिगेशन हैं।
आइये इन इन तकनीकों और इनकी लागत के बारे में से जानते हैं-
- हेमोराइडेक्टमी: हेमोराइडेक्टोमी आंतरिक या बाहरी बवासीर के शल्य चिकित्सा हटाने को संदर्भित करता है, आमतौर पर जब रोगी सामान्य एनेस्थेटिक के अधीन होता है। गंभीर बवासीर के इलाज के लिए यह सबसे प्रभावी तरीका है। यह दो तरीकों से की जाती हैं-
- क्लोज्ड हेमराहाइडेक्टोमी: क्लोज्ड हेमराहाइडेक्टोमी आंतरिक बवासीर के लिए सबसे अधिक इस्तेमाल की जाने वाली सर्जरी है। बवासीर को एक तेज उपकरण या लेजर का उपयोग करके काट दिया जाता है और घावों को सीवन द्वारा बंद कर दिया जाता है। प्रक्रिया के बाद, रोगियों को सिटज़ बाथ लेने, कब्ज़ होने से बचने और हल्के दर्द निवारक दवाओं का उपयोग करने की सलाह दी जाती है।
- ओपन हेमोराइडेक्टोमी: ओपन हेमोराइडेक्टोमी में बवासीर का छांटना भी शामिल है, जबकि रोगी सामान्य एनेस्थेटिक के तहत होता है, लेकिन बवासीर को हटाने के लिए किए गए घाव को खुला छोड़ दिया जाता है। यह पसंदीदा तरीका हो सकता है जब बवासीर जो व्यापक या अजीब रूप से स्थित हैं, प्रक्रिया के बाद चीरा को बंद करना या संक्रमण के जोखिम को बढ़ा देगा। बवासीर के इस रूप से जुड़ी जटिलताएं बंद प्रक्रिया से जुड़ी जटिलताओं के समान हैं। इस तकनीक की लागत 50000 से 60000 रुपये तक हो सकती है।
- स्टैपल: इस तकनीक को स्टेपल्ड हेमोराहाइडोपेक्सी भी कहा जाता है, यह विधि हेमोराहाइडेक्टोमी का एक विकल्प है और कभी-कभी बवासीर के उपचार के लिए भी इसका उपयोग किया जाता है। अन्य तकनीकों की तुलना में गंभीर जटिलताओं के थोड़े बढ़े हुए जोखिम के कारण स्टेपलिंग का उपयोग पहले की तुलना में कम व्यापक रूप से किया जाता है।
- इस प्रक्रिया में बड़ी आंत के अंतिम भाग को स्टेपल कर दिया जाता है, जिससे बवासीर में रक्त की आपूर्ति कम हो जाती है और वे धीरे-धीरे सिकुड़ जाते हैं। यह बवासीर के आगे बढ़ने की संभावना को भी कम करता है।हेमोराहाइडेक्टोमी की तुलना में रोगी की रिकवरी का समय तेज होता है और मरीज आमतौर पर प्रक्रिया के एक सप्ताह के भीतर काम पर लौट सकते हैं। यह कम पोस्ट-ऑपरेटिव दर्द से भी जुड़ा हुआ है। इस तकनीक की लागत 45000 से 55000 रुपये तक हो सकती है।
- रक्तस्रावी धमनी बंधाव: यह प्रक्रिया हेमोराहाइडेक्टोमी और स्टेपलिंग का एक सुरक्षित और प्रभावी विकल्प है। इसका उद्देश्य बवासीर में रक्त की आपूर्ति को सीमित करना है।
- एक अल्ट्रासाउंड जांच को गुदा के अंदर रखा जाता है और बवासीर की आपूर्ति करने वाली वाहिकाओं का पता लगाने के लिए उपयोग किया जाता है, जो रक्त प्रवाह को अवरुद्ध करने के लिए एक टांके के साथ बंद कर दिया जाता है।
- इसकी रक्त आपूर्ति बंद होने से बवासीर सिकुड़ने लगती है। सिलाई का उपयोग गुदा से लटकने वाले बवासीर के इलाज के लिए भी किया जा सकता है। अन्य प्रक्रियाओं की तुलना में रक्तस्रावी धमनी बंधाव कम पोस्ट-ऑपरेटिव दर्द का कारण बनता है।
- तकनीक तेजी से रोगी के ठीक होने के समय से भी जुड़ी है। मल त्याग के दौरान दर्द और रक्तस्राव का कम जोखिम होता है, हालांकि यह आमतौर पर कुछ हफ्तों के भीतर ठीक हो जाता है। इस तकनीक की लागत 50000 से 60000 रुपये तक हो सकती है।
क्या नोएडा में बवासीर के इलाज के लिए बीमा कवर मिलता है?
हाँ, स्वास्थय बीमा आपके बवासीर के इलाज के खर्च को कवर कर सकता है। हालाँकि, यह इस बात पर निर्भर करता है कि आपके पास किस प्रकार का बीमा है और आपने इसे कहाँ से चुना है। आप अपने बीमा प्रदाता को कॉल करके यह पता कर सकते हैं कि आपका बीमा अस्पतालों में बवासीर की सर्जरी को कवर कर सकता है या नहीं।
सारांश
नोएडा के कई अस्पतालों में बवासीर का इलाज करवा सकते हैं, जिसकी लागत औसतन 60,000 रुपये तक हो सकती है। अगर आप भी नोएडा के किसी अस्पताल में बवासीर का इलाज कराना चाहते हैं, तो वहां संपर्क कर सटीक लागत की जानकारी हासिल कर सकते हैं, क्योंकि उपरोक्त कारकों की वजह से लागत में अंतर देखने को मिल सकता है।