मुंबई में कोलोनोस्कोपी की लागत
मुंबई में कोलोनोस्कोपी के बेस्ट डॉक्टर
मुंबई में कोलोनोस्कोपी की लागत कितनी है?
एक कोलोनोस्कोपी एक प्रकार का परीक्षण है जिसका उपयोग बड़ी आंत (कोलन) और मलाशय में सूजन, प्रभावित ऊतकों, पॉलीप्स या कैंसर जैसे लक्षणों की पुष्टि करने के लिए किया जाता है।
कोलोनोस्कोपी एक लंबी, लचीली ट्यूब (कोलोनोस्कोप) होती है जिसे मलाशय के अंदर डाला जाता है। इसमें एक छोटा वीडियो कैमरा भी लगा होता है जिससे सर्जन पूरे कोलन के अंदर आसानी से देख सकता है। इसके द्वारा पॉलीप्स या अन्य प्रकार के असामान्य ऊतक को हटाया भी जा सकता है।
ऊतक के नमूने (बायोप्सी) कोलोनोस्कोपी के दौरान भी लिए जा सकते हैं। कोलोनोस्कोपी की न्यूनतम लागत 2600 रुपये हो सकती है। जबकि इसकी अधिकतम लागत 12,000 रुपये हो सकती है। अगर इस जांच की औसत लागत की बात करें तो यह 7,000 रुपये हो सकती है।
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मुंबई में विभिन्न प्रकार के colonoscopy की लागत
ट्रीटमेंट के प्रकार | औसत कीमत | न्यूनतम कीमत | अधिकतम कीमत |
---|---|---|---|
स्क्रीनिंग कॉलोनोस्कोपी | ₹7,000 | ₹2,600 | ₹12,000 |
डायग्नोस्टिक कॉलोनोस्कोपी | ₹8,000 | ₹2,700 | ₹12,000 |
अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न
मुंबई में कोलोनोस्कोपी से पहले होने वाली जांच की लागत
कोलोनोस्कोपी प्रक्रिया से पहले सर्जन मरीज से परामर्श करता है। इस दौरान वह प्रक्रिया के लाभ और जोखिम के बारे में भी बात करता है। वह प्रक्रिया की विस्तार पूर्वक समझाता है। मुंबई या देश के किसी भी शहर में कोलोनोस्कोपी प्रक्रिया से पहले किसी भी प्रकार के नैदानिक परीक्षण की आवश्यकता नहीं होती है। हाँ यदि मरीज को कोई अन्य गंभीर समस्याएं हैं तो सर्जन उसके लिए परीक्षण की सिफारिश कर सकता है।
मरीज के हिसाब से कोलोनोस्कोपी की लागत में अंतर क्यों होता है?
कोलोनोस्कोपी प्रक्रिया से पहले सर्जन मरीज से परामर्श करता है। इस दौरान वह प्रक्रिया के लाभ और जोखिम के बारे में भी बात करता है। वह प्रक्रिया की विस्तार पूर्वक समझाता है। मुंबई या देश के किसी भी शहर में कोलोनोस्कोपी प्रक्रिया से पहले किसी भी प्रकार के नैदानिक परीक्षण की आवश्यकता नहीं होती है। हाँ यदि मरीज को कोई अन्य गंभीर समस्याएं हैं तो सर्जन उसके लिए परीक्षण की सिफारिश कर सकता है।
मुंबई में कोलोनोस्कोपी की लागत पर कौन सी चीजें प्रभाव डालती हैं.
मुंबई में कोलोनोस्कोपी की लागत पर प्रभाव डालने वाले कई कारक होते हैं। यह कारक निम्नलिखित हो सकते हैं:-
- कोलोनोस्कोपी की जटिलता: कोलोनोस्कोपी प्रक्रिया के साथ भी कुछ जटिलताएं हो सकती हैं। जिसके लिए अतिरिक्त उपचार की आवश्यकता हो सकती है। इन उपचारों की लागत प्रक्रिया की कुल लागत को प्रभावित कर सकते हैं।
- कोलोनोस्कोपी का प्रकार : कॉलोनोस्कोपी के प्रकार भी प्रक्रिया की लागत निर्धारित करते हैं। यह दो प्रकार से की जा सकती है। एक वह जिससे सिर्फ परीक्षण किया जाता है और दूसरा जिससे उपचार किया जा सकता है। इन दोनों की लागत अलग अलग हो सकती है।
- अतिरिक्त प्रक्रियाएं या सेवाएं: कोलोनोस्कोपी दौरान कभी कभी अतिरिक्त प्रक्रिया या सेवाओं की आवश्यकता पड़ सकती है।उदाहरण के लिए यदि निरीक्षणके दौरान पॉलीप्स का पता चलता है, तो उन्हें हटाया जा सकता है या बायोप्सी के लिए नमूने लिए जा सकते हैं। कभी-कभी, आपके कोलन में स्टेंट लगाने के लिए भी कोलोनोस्कोपी की जा सकती है। यह प्रक्रिया की लागत को बढ़ाती है।
- अस्पताल का चुनाव: कोलोनोस्कोपी प्रक्रिया के लिए मरीज ने जिस अस्पताल का चुनाव किया है, वह भी प्रक्रिया की लागत प्रभावित करती है। जैसे-यदि मरीज ने यदि किसी बड़े या निजी अस्पताल का चुनाव किया है तो वह सरकारी अस्पताल की तुलना में महंगा होता है।
- एनेथिसिया शुल्क: मरीज को प्रक्रिया की दौरान एनेस्थीसिया दिया जाता है। एनेस्थीसिया का शुल्क प्रत्येक मरीज के लिए अलग-अलग हो सकती है। यह शुल्क प्रक्रिया की लागत को बढ़ा सकता है।
- पूर्व-प्रक्रिया परामर्श और मूल्यांकन: प्रक्रिया से पहले सर्जन के साथ मरीज को परामर्श लेने पड़ते हैं। साथ प्रक्रिया के बाद भी मूल्यांकन के लिए मरीज को सर्जन के साथ संपर्क में रहना पड़ता है। कुछ मरीजों को कोलोनोस्कोपी से पहले या बाद में अतिरिक्त परामर्श की आवश्यकता पड़ सकती है। इनके शुल्क भी प्रक्रिया लागत को बढ़ा सकते हैं।
मुंबई में कोलोनोस्कोपी के विभिन्न घटकों की लागत कितनी है?
- डायग्नोस्टिक कोलोनोस्कोपी: क्रोनिक कोलाइटिस, जैसे अल्सरेटिव कोलाइटिस या क्रोहन रोग,आंतों की इस्किमिया और इस्केमिक कोलाइटिस,अल्सर और वेध,कोलोरेक्टल पॉलीप्स और कोलोरेक्टल कैंसर जैसे रोगों के लक्षण होने पर डायग्नोस्टिक कोलोनोस्कोपी का उपयोग किया जाता है। इन लक्षणों की बारीकी से जांच के लिए इसकी आवश्यकता होती है।
- लक्षणों का पता लगाने या उनके संदेह की पुष्टि करने के लिए सर्जन को एक सटीक परीक्षण की आवश्यकता होती है। इमेजिंग परीक्षणों की तुलना में एक कोलोनोस्कोपी शरीर के अंदर की स्थिति को बेहतर ढंग से प्रस्तुत कर सकता है। निदान के लिए कभी कभी ऊतक का नमूना (बायोप्सी) लेने की आवश्यकता हो सकती है।इसकी लागत 12,000 रुपये तक हो सकती है।
- स्क्रीनिंग कोलोनोस्कोपी: इस प्रक्रिया का उपयोग अधिकांश कोलन कैंसर या प्रीकैंसरस ग्रोथ की पुष्टि करने के लिए किया जाता है। 45 वर्ष की आयु तक नियमित स्क्रीनिंग की सिफारिश की जाती। कोलोरेक्टल कैंसर अक्सर तब तक कोई लक्षण पैदा नहीं करता है जब तक कि वह गंभीर नहीं हो जाते हैं। स्क्रीनिंग कॉलोनोस्कोपी का मुख्य उद्देश्य कोलन कैंसर के शुरुआती लक्षणों का पता लगाना और उसे बढ़ने से रोकना है। स्क्रीनिंग के दौरान कैंसर पैदा करने वाले पॉलीप्स की पहचान कर उन्हें हटाया जाता है।इस प्रक्रिया की लागत 7,000 रुपये तक हो सकती है।