मुंबई में एनल फिसर सर्जरी की लागत
मुंबई में एनल फिसर सर्जरी के बेस्ट डॉक्टर
मुंबई में एनल फिशर की सर्जरी की लागत कितनी होती है?
मल त्याग के दौरान अत्यधिक दबाव डालने की वजह सेजब मरीज की गुदा की त्वचा में दरार आ जाती है तो उसे एनल फिशर कहते हैं। इसके कारण मरीज मल त्याग करते हुए रक्तस्राव हो सकता है। मल त्याग के बाद मल के बाहर या टॉयलेट पेपर (या बेबी वाइप्स) पर रक्त हो सकता है।
अगर शुरुआत में ही इस बीमारी पर नियंत्रण कर लिया जाए तो सर्जरी की नौबत नही आती है। अधिकांश लोग इसका इलाज घर पर ही कर सकते हैं। हालांकि आवर्ती गुदा फिशर या जो आसानी से ठीक नहीं होते हैं, चिंता का कारण हो सकते हैं।
सर्जरी के बाद यह समस्या धीरे-धीरे समाप्त हो जाती है। हाँ सर्जरी के बाद कुछ समय तक मल त्याग करते समय रक्तस्राव हो सकता है। सर्जरी के बाद हल्का रक्तस्राव होना आम बात है। कुछ मरीजों को मल त्याग के बाद छोटे थक्कों और चमकदार लाल रक्त भी आ सकते हैं। जो धीरे धीरे ठीक हो जाते हैं।
इस सर्जरी की औसत न्यूनतम लागत₹35000,अधिकतम लागत ₹50000 और औसत लागत ₹42500 हो सकती है। आप यह सर्जरी हमारे माध्यम से भी करा सकते हैं। हमारे यहां योग्य सर्जन के संरक्षण के अलावा कई अन्य सुविधाएं निशुल्क प्रदान की जाती है। ज्यादा जानकारी के लिए हमसे संपर्क करें।
मुंबई में विभिन्न प्रकार के गुदा विदर सर्जरी की लागत
ट्रीटमेंट के प्रकार | औसत कीमत | न्यूनतम कीमत | अधिकतम कीमत |
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ओपन एनल फिशर सर्जरी | ₹37,500 | ₹30,000 | ₹45,000 |
लेजर एनल फिशर सर्जरी | ₹40,000 | ₹35,000 | ₹45,000 |
लेटरल इंटरनल स्फिंक्टेरोटोमी (एलआईएस) | ₹52,500 | ₹25,000 | ₹80,000 |
स्फिंक्टेरोटॉमी लेटरल | ₹60,000 | ₹55,000 | ₹65,000 |
फिशरोटॉमी | ₹60,000 | ₹55,000 | ₹65,000 |
अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न
मुंबई में एनल फिशर की सर्जरी से पहले होने वाली जांच की लागत
एनल फिशर की सर्जरी से पहले सर्जन निम्न परीक्षण करवा सकता है।
- एनोस्कोपी: गुदा और मलाशय की की गहनता से जांच के लिए एनोस्कोपी परीक्षण किया जाता है। इस दौरान एक छोटी ट्यूब जिसे एनोस्कोप कहते हैं मलाशय के अंदर डाला जाता। है। इस जांच की लागत ₹4000 से ₹10000 तक हो सकती है।
- फ्लेक्सिबल सिग्मोइडोस्कोपी: फ्लेक्सिबल सिग्मोइडोस्कोपी परीक्षण द्वारा मलाशय और कोलन की परतों का निरीक्षण किया जाता है। इस परीक्षण में ₹10000 से ₹15000 तक की लागत आती है।
- कोलोनोस्कोपी: इस परीक्षण के जरिए एक लचीली ट्यूब मलाशय के अंदर डालकर कोलन की दरारों की जांच की जाती है। इस परीक्षण के परिणाम सर्जरी की सफलता को प्रभावित कर सकते हैं। इसमें ₹3000 से ₹18000 तक का खर्च आता है।
मरीज के हिसाब से एनल फिशर सर्जरी की लागत में अंतर क्यों होता है?
निम्न कारणों से एनल फिशर सर्जरी की लागत में अंतर हो सकता है
- पहला मरीज की उम्र: यह सर्जरी किसी वृद्ध मरीज का किया जाए तो उसके घाव में संक्रमण का खतरा रहता है। इसलिए उसके लिए आधुनिक तकनीक का इस्तेमाल किया जाता जिससे उसके घाव जल्द जल्द भर जाएं। साथ ही उनकी देखभाल में ज्यादा लागत आती है। ये कारण उसकी सर्जरी की लागत को प्रभावित कर सकते हैं।
- स्वास्थ्य की अन्य स्थिति: मरीज को पहले अगर स्वास्थ्य संबंधी समस्याएं हुईं तो सर्जरी की प्रक्रिया में जटिलता आती है, जिससे लागत बढ़ जाती है।
- सर्जन का चुनाव: सर्जरी प्रक्रिया करने वाला सर्जन अगर अनुभवी और योग्य है तो वो सामान्य सर्जन की तुलना में ज्यादा शुल्क लेगा। मरीज द्वारा चुने गए सर्जन की फीस भी लागत प्रभावित करने का कारण बनती है।
मुंबई में एनल फिशर सर्जरी की लागत पर कौन सी चीजें प्रभाव डालती हैं
एनल फिशर अगर अपनी शुरूआती स्टेज पर हो तो इसकी रोकथाम की जा सकती हाई लेकिन अगर यह समस्या बढ़ जाती है तो सर्जरी कराना ही पड़ती है। इस सर्जरी प्रक्रिया की लागत को प्रभावित करने में कई कारण मुख्य भूमिका निभा सकते हैं। कुछ कारण निम्न हैं।
- अस्पताल या क्लिनिक का स्थान: मरीज की सर्जरी शहर के किसी बड़े और निजी अस्पताल में की जाए तो उसकी लागत कसबे के सामान्य सरकारी अस्पताल में की जाने वाली सर्जरी लागत से ज्यादा आएगी।
- सर्जरी की तकनीक : मरीज की बीमारी की गंभीरता और उसकी आवश्यकता को देखते हुए सर्जन मरीज के लिए सर्जरी की विधियां तय करता है। एनल फिशर के उपचार की कई विधियां हैं, जिनकी लागत भिन्न-भिन्न होती हैं। यह लागत मरीज की सर्जरी की लागत को प्रभावित करती है।
- अनुवर्ती परामर्श: सर्जरी के बाद सर्जन के साथ मरीज को लगातार परामर्श की जरुरत पड़ती है। क्योंकि सर्जरी के बाद भी मरीज को कई समस्याएं होती रहती हैं जिनके लिए समय पर उपचार करना आवश्यक होता है। अलग-अलग मरीज के लिए परामर्शों की संख्या अलग हो सकती है।
- एनेस्थीसिया: सर्जरी में प्रयोग होने वाली एनेस्थीसिया की मात्रा और अवधि सभी मरीजों के लिए अलग-अलग हो सकती है। इसलिए सभी मरीजों की सर्जरी की अंतिम लागत में बदलाव आ सकता है।
- अन्य खर्च: सर्जरी के बाद दवाएं, अस्पताल से मिलने सुविधाओं के लिए दिए जाने वाला शुल्क, अस्पताल आने-जाने में किया गया खर्च, मरीज की देखभाल में किया गया खर्च, लैब टेस्ट ये सभी खर्च सर्जरी की लागत में जोड़ दिया जाना चाहिए। ये सारे खर्च हर मरीज के लिए अलग-अलग हो सकते हैं।
मुंबई में एनल फिशर सर्जरी के विभिन्न घटकों की लागत कितनी है?
एनल फिशर की समस्या दवाओं के जरिए कम की जा सकती है लेकिन जड़ से ख़त्म नहीं किया जा सकता। इसलिए सर्जरी की आवश्यकता पड़ती है। सर्जरी के लिए सर्जन कई विधियां प्रयोग की जाती हैं जो लागत सहित निम्न्लिखित हैं।
- ओपन सर्जरी: इस सर्जरी प्रक्रिया के दौरान सर्जन मरीज को एनेस्थीसिया दिया जाता है। उसके बाद गुदा द्वार पर चीरा लगाकर स्फिंक्टर को हटाया जाता है। सर्जरी के बाद घाव खुला छोड़ दिया जाता है। घाव धीरे-धीरे अपने आप भर जाता है। इस सर्जरी की लागत ₹35,000 से लेकर ₹45,000 तक हो सकती है।
- लेजर सर्जरी: एनल फिशर के लिए उपयोग की जाने वाली यह सबसे आधुनिक तकनीक है। फिशर वाली जगह पर CO2 लेजर की मदद से इंफ्रारेड रेडिएशन को छोड़ा जाता है जिसके परिणामस्वरूप प्रभावित क्षेत्र का ब्लो फ्लो बढ़ जाता है और मरीज की बीमारी ठीक हो जाती है। इस प्रक्रिया की लागत ₹35,000 से ₹45,000 तक होती है।
- लेटरल इंटरनल स्फिंक्टरोटॉमी: सबसे पहले मरीज को एनेस्थीसिया दिया जाता है। फिर फिर सर्जन गुदा द्वार पर चीरा लगाकर हाइपरट्रोफीड इंटरनल स्फिंक्टर को काट दिया जाता है। इस प्रक्रिया की वजह से तनाव रिलीज हो जाता है और फिशर ठीक हो जाता है। इस प्रक्रिया की लागत ₹40000 से ₹50,000 तक हो सकती है।
- फिशरेक्टोमी: इस सर्जरी प्रक्रिया में ₹45000 से ₹50,000 तक का खर्च आ सकता है। प्रक्रिया की शुरुआत में मरीज को एनेस्थीसिया दिया जाता है। उसके बाद गुदा द्वार पर चीरा लगाकर एनल फिशर के आसपास की सतह की त्वचा की छंटनी की जाती है।
क्या मुंबई में एनल फिशर सर्जरी के लिए बीमा कवर मिलता है?
एनल फिशर सर्जरी की लागत को बीमा कंपनियां कवर करती हैं। सर्जरी की लागत का कितना भाग बीमा द्वारा कवर किया जायेगा ये मरीज की बीमा पॉलिसी की शर्तों पर आधारित होती हैं। अगर आप मुंबई में इस सर्जरी को कराना चाहते हैं तो पहले अपने बीमा एजेंट से मिलकर अपनी बीमा की शर्तों को समझ लें।
सारांश
एनल फिशर की समस्या कब्ज या कड़े मल त्याग की वजह से होती है। इन वजहों से गुदा द्वार पर दरार आ जाती है। जिसमे से खून निकलने लगता है। अगर समय रहते इसका इलाज कर दिया जाए तो इसपर नियंत्रण किया जा सकता है। लेकिन जड़ से ख़त्म करने के लिए इसकी सर्जरी करनी पड़ती है। इस सर्जरी की लागत ₹35000 से लेकर ₹50000 तक हो सकती है।