कोलकाता में वैरिकोज वेन्स ट्रीटमेंट की लागत
कोलकाता में वैरिकाज़ नसों के उपचार की लागत कितनी है?
वैरिकाज़ नसों की समस्या तब होती है जब रोगी के शरीर में मौजूद कुछ नसें सामान्य आकार से बड़ी हो जाती हैं। इस बीमारी को वैरिकाज़ या वैरिकासाइटिज़ के नाम से भी जाना जाता है। गम्भीर मामलों में इसे सर्जरी से ही ठीक किया जा सकता है। कोलकाता में इस रोग के इलाज के लिए सर्जरी की न्यूनतम लागत लगभग ₹63000 होती है। वहीं इसकी अधिकतम लागत करीब ₹84000 तक हो सकती है। अगर औसत लागत की बात करें तो इस सर्जरी में ₹72000 तक खर्च हो सकते हैं।
वैरिकाज़ नसों की दिक्कत होने पर रोगी के शरीर के कुछ हिस्सों में नसें फैल जाती हैं। इन नसों में रक्त भर जाता है। देखने में वैरिकाज़ नसें काफी सूजी हुई और उभरी हुई नज़र आती हैं। इतना ही नहीं इन नसों का रंग भी परिवर्तित होकर नीला, बैंगनी या फिर लाल हो जाता है। वैरिकाज़ नसें अधिकतर पैरों में देखने को मिलती हैं। इनके कारण रोगी को अत्यधिक दर्द, सूजन औऱ खुजली भी होती है। वैरिकाज़ नसों की समस्या अधिकतर महिलाओं में देखने को मिलती है। ये नसें दिखने में बुरी और भद्दी लग सकती हैं। यही कारण है कि लोग इनसे छुटकारा पाने के लिए कॉस्मेटिक सर्जरी का विकल्प भी चुनते हैं।
कोलकाता में विभिन्न प्रकार के वैरिकाज़ नसों का उपचार की लागत
ट्रीटमेंट के प्रकार | औसत कीमत | न्यूनतम कीमत | अधिकतम कीमत |
---|---|---|---|
रेडियोफ्रीक्वेंसी एब्लेशन (RFA) | ₹80,000 | ₹60,000 | ₹120,000 |
एंडोवेनस लेजर ट्रीटमेंट (EVLT) | ₹65,000 | ₹50,000 | ₹100,000 |
हाई लिगेशन और स्ट्रिपिंग | ₹100,000 | ₹50,000 | ₹150,000 |
अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न
कोलकातामें वैरिकाज़ नसों के ऑपरेशन से पहले होने वाली जांच की लागत कितनी है?
वैरिकाज़ नसों के इलाज में चिकित्सक रोगी के शारीरिक परीक्षण तो करते ही हैं साथ ही कई लैब परीक्षण कराने का परामर्श भी देते हैं। इन परीक्षणों में निम्नलिखित शामिल होते हैं।
- वेनस डॉपलर अल्ट्रासाउंड - इसकी लागत ₹1600 से ₹5500 तक हो सकती हैं।
- कम्पलीट ब्लड काउंट - इसमें ₹300 से ₹500 तक की लागत आती है।
- कोगुलेशन टेस्ट - इस परीक्षण में ₹2000 से ₹3000 तक का खर्च आ सकता है।
- यूरिन एनालिसिस - इसमें ₹100 से ₹300 तक की लागत आती है।
मरीज के हिसाब से वैरिकाज़ नसों की सर्जरी की लागत में अंतर क्यों होता है?
वैरिकाज़ नसों से प्रभावित किसी भी रोगी के लिए उपचार के खर्च में अंतर होता है। इसके कई कारण होते हैं। इनमें कुछ प्रमुख कारणों में शामिल हैं -
- रोगी की स्थिति - कुछ मामलों में रोगी के लक्षण बहुत गंभीर होते हैं और उन्हें तुरंत उपचार की ज़रूरत होती है। ऐसी स्थिति में तत्काल सर्जरी करनी पड़ सकती है। इससे रोगी को एक कठिन सर्जरी से गुजरना होता है और इलाज की लागत बढ़ जाती है।
- अन्य चिकित्सीय स्थितियां - किसी भी वैरिकाज़ नसों के रोगी को अगर कोई अन्य बीमारी भी है तो यह इलाज को लम्बा और जटिल बना सकता है। डॉक्टर पहले यह सुनिश्चित करते हैं कि रोगी का चिकित्सकीय इतिहास सर्जरी में कई बाधा ना डाले। इन परिस्थितियों में इलाज महंगा हो सकता है।
- डायग्नोस्टिक टेस्ट - वैरिकाज़ नसों से संबंधित परीक्षणों के अलावा कुछरोगियों में कुछ अतिरिक्त टेस्ट भी करने पड़ते हैं। ये अतिरिक्त जांचें मरीज़ के लिए इलाज की लागत को बढ़ा सकती हैं।
- सर्जरी की तकनीक - रोगी के लक्षणों औऱ बीमारी के ग्रेड के अनुसार ही कोई भी चिकित्सक रोगी के लिए सर्जरी की तकनीक का चयन करते हैं। जिन लोगों के लिए एक एडवांस तकनीक वाली सर्जरी चुनी जाती है उनके लिए इलाज का खर्च बढ़ जाता है।
- हमारे यहां से वैरिकाज़ नसों की सर्जरी कराने पर रोगी की सभी जांचें और सर्जन की फीस पैकेज का ही हिस्सा होते हैं। ऐसे में रोगी को एक बार पेमेंट करने के बाद किसी भी चीज़ के लिए अतिरिक्त व्यय करने की आवश्यकता नहीं होती है।
कोलकाता में वैरिकाज़ नसों की सर्जरी की लागत पर कौन सी चीजें प्रभाव डालती हैं?
कोलकाता में वैरिकाज़ नसों की सर्जरी में कई चीज़ें इलाज की लागत पर असर डालती हैं। इनमें कुछ महत्वपूर्ण कारणों में शामिल हैं -
- अस्पताल का चयन - वैरिकाज़ नसों का ऑपरेशन सरकारी अस्पताल में किया जा रहा है या किसी प्राइवेट अस्पताल में, इससे इलाज की लागत कम या अधिक हो सकती है। प्राइवेट अस्पताल में प्रक्रिया करवाने पर वहां का भर्ती शुल्क और प्रक्रिया की फीस भी अधिक हो सकती है। हालांकि रोगी को अधिक सुविधाएं भी मिलती हैं।
- डॉक्टर का चुनाव - हर रोगी अपनी सर्जरी किसी सफल औऱ अनुभवी सर्जन से ही कराना चाहता है। हालांकि ऐसे सर्जन की फीस सामान्य चिकित्सकों से अधिक होती है। ऐसे में इलाज की लागत बढ़ना स्वाभाविक है।
- फॉलोअप चिकित्सा - सर्जरी के बाद भी रोगी को रिकवरी की जांच कराने चिकित्सक को पास नियमित रूप से जाना होता है। ये फॉलोअप जांचें रोगी के लिए इलाज की लागत में वृद्धि कर सकती हैं।
कोलकाता में वैरिकाज़ नसों के ऑपरेशन के विभिन्न घटकों की लागत कितनी है?
कोलकाता में वैरिकाज़ नसों की सर्जरी के लिए कई स्पेश्लिस्ट मौजूद हैं। ये सर्जन रोगी के ऑपरेशन के लिए विभिन्न तकनीकों का इस्तेमाल कर सकते हैं जैसे -
- स्क्लेरोथेरेपी - स्क्लेरोथेरेपी में सर्जन वैरिकाज़ नसों को एक सॉल्यूशन या फिर फोम को इंजेक्ट करके बंद कर देते हैं। फिर कुछ अवधि के उपरांत वैरिकाज़ नसों का नज़र आना धीरे धीरे पूरी तरह बंद हो जाता है।
- जिन रोगियों की लक्षण बहुत बिगड़ चुके होते हैं उनमें एक ही नस में कई बार इस विशेष घोल को इंजेक्ट किया जा सकता है। इस प्रक्रिया में रोगी को किसी तरह की एनेस्थीसिया देने की आवश्यकता नहीं होती है। इस प्रक्रिया में लगभग ₹4000 से ₹10,000 प्रति सेशन का खर्च आ सकता है।
- लेजर उपचार- यह एक एडवांस तकनीक है जिसमें रोगी की प्रभावित नसों में तेज़ प्रकाश की किरणें भेजी जाती हैं। इस तकनीक का उपयोग करने से वैरिकाज़ नसों में मौजूद सूजन और उनका रंग ठीक हो जाता है। इस प्रक्रिया को असर करने में कुछ समय लग सकता है। फिर धीरे धीरे प्रभावित नसें भी सामान्य हो जाती हैं। इस प्रोसीजर को करने के लिए किसी तरह का कट लगाने की ज़रूरत नहीं पड़ती है। इसकी लागत लगभग ₹50,000 तक हो सकती है।
- कैथेटर आधारित प्रक्रियाएं - जैसा कि नाम से पता चलता है कि इस प्रक्रिया में कैथेटर का इस्तेमाल किया जाता है। इसमें सर्जन रोगी की बढ़ी हुई और सूजी नसों में कैथेटर डालते हैं जो एक पतले ट्यूब जैसा होता है। इसके पश्चात वे रेडियोफ्रीक्वेंसी या फिर लेजर ऊर्जा का उपयोग कर उस कैथेटर की नोक को गर्म कर देते हैं। जैसे ही कैथेटर को हटाया जाता है, उसमें मौजूद तेज़ गर्मी नस को नष्ट कर देती है। इस प्रक्रिया में ₹80,000 तक की लागत आती है।
- हाई लिगेशन वेन स्ट्रिपिंग- इस प्रक्रिया में सर्जन वैरिकाज़ नसों को रोगी के अंगों में मौजूद डीप वेन में मिलने से पहले ही बांध देते हैं। इसके बाद सर्जन कुछ छोटे कट लगाकर वैरिकाज़ नस को बाहर निकाल लेते हैं। ऐसे में जब प्रभावित नस को बाहर निकाल लिया जाता है तो भी रोगी के पैर में रक्त की आपूर्ति बनी रहती है। वो इसलिए क्योंकि रोगी के पैर में मौजूद डीप वेन्स रक्त की आपूर्ति को बनाए रखती हैं। इस सर्जरी की लागत ₹45000 से ₹70,000 तक हो सकती है।
- एंबुलेटरी फ़्लेबेक्टोमी – इस सर्जरी में सर्जन रोगी के पैरों में मौजूद छोटी वैरिकाज़ नसों को निकालने के लिए त्वचा में छोटे छोटे कट लगाते हैं। इन्ही कट के माध्यम से इन नसों को बाहर निकाला जाता है। प्रक्रिया करने के लिए रोगी के पैर के केवल उन्ही हिस्सों को सुन्न करते हैं जहां पर प्रक्रिया की जानी है। इस प्रकार की सर्जरी में अधिक निशान नहीं आते हैं। इस प्रक्रिया की लागत लगभग ₹80,000 तक हो सकती है।
क्या कोलकाता में वैरिकाज़ नसों की सर्जरी के लिए बीमा कवर मिलता है?
जी हां, कोलकाता में वैरिकाज़ नसों के इलाज के लिए पूरा बीमा कवर प्रदान किया जाता है। रोगी अपने बीमा एजेंट से सम्पर्क कर इस बारे में अधिक जानकारी प्राप्त कर सकते हैं।
हमारे यहां से सर्जरी करवाने पर आपको बीमा क्लेम करने में पूरी सहायता दी जाती है। साथ ही बीमा ना होने की स्थिति में भगुतान नो कॉस्ट ईएमआई से करने का विकल्प भी दिया जाता है।
सारांश
वैरिकाज़ नसें किसी व्यक्ति के शरीर में मौजूद ऐसी नसें होती हैं जोअकसर मुड़ी हुई ,सूजी औऱ नीली या लाल रंग की दिखाई देती हैं। वैरिकाज़ नसें अकसर त्वचा की सबसे ऊपरी सतह के बिलकुल समीप होती है। आमतौर पर वैरिकाज़ नसें पैरों में होती हैं। इनके कारण मांसपेशियों में अत्यधिक दर्द, सूजन और तीव्र खुजली हो सकती है। इस समस्या को सर्जरी की मदद से ठीक किया जा सकता है। इस समस्या के इलाज के लिए बीमा कवर मिलता है।
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मरीजों की प्रतिक्रिया
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