कोलकाता में गर्भपात का इलाज की लागत
कोलकाता में गर्भपात का इलाज के बेस्ट डॉक्टर
कोलकाता में गर्भपात के उपचार की लागत कितनी है?
जब किसी गर्भवती महिला की गर्भावस्था शुरुआती20वें सप्ताह के अंदर ही समाप्त हो जाती है तो उसे गर्भपात कहा जाता है। ऐसी स्थिति में गर्भवती महिला को चिकित्सक से सम्पर्क कर जांच करानी आवश्यक होती है। ऐसा इसलिए होता है जिससे यह सुनिश्चित किया जा सके कि गर्भाशय से भ्रूण पूरी तरह निकल गया है या नहीं। गर्भपात को पूरा करने के लिए एक सर्जिकल प्रक्रिया की आवश्यकता पड़ सकती है। कोलकाता में इस प्रक्रिया को कराने के लिए न्यूनतम ₹10,000 का खर्च आता है। वहीं इसकी अधिकतम लागत ₹40000 तक हो सकती है। इस प्रक्रिया की औसत लागत की बात करें तो यह ₹25000 तक होती है।
गर्भपात कई वजहों से हो सकता है। कुछ महिलाओं के गर्भ में भ्रूण का सही विकास ना होने पर शरीर खुद ही गर्भपात कर देता है। वहीं कई बार किसी तरह की दुर्घटना के कारण गर्भ को नुक्सान पहुंचता है और गर्भपात हो जाता है। गर्भपात होने पर पीड़ित महिला की योनि से खून बहने के अलावा पेट में तेज़ दर्द और ऐंठन होती है।
कोलकाता में विभिन्न प्रकार के गर्भपात उपचार की लागत
ट्रीटमेंट के प्रकार | औसत कीमत | न्यूनतम कीमत | अधिकतम कीमत |
---|---|---|---|
लेप्रोस्कोपी | ₹55,000 | ₹30,000 | ₹100,000 |
गर्भाशयदर्शन | ₹15,000 | ₹10,000 | ₹20,000 |
गर्भवती महिलाओं के लिए गर्भपात मैनेजमेंट | ₹15,000 | ₹10,000 | ₹20,000 |
गर्भपात के लिए दवाएं | ₹2,000 | ₹500 | ₹5,000 |
अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न
कोलकाता में गर्भपात के उपचार से पहले होने वाली जांच की लागत कितनी है?
कोलकातामें सर्जिकली गर्भपात करने से पहले चिकित्सक गर्भवती महिला के कुछ लैब टेस्ट कराते हैं। इनमें कुछ सामान्य जांचे शामिल होती हैं जो इस प्रकार हैं:
- पेल्विक अल्ट्रासाउंड : इसकी लागत ₹1000 से ₹5000 तक हो सकती है।
- ब्लड टेस्ट : इसमें ₹200 से ₹500 तक का खर्च आता है।
- यूरिन टेस्ट : इसकी लागत ₹100 : ₹350 तक हो सकती है।
मरीज के हिसाब से गर्भपात के उपचार की लागत में अंतर क्यों होता है?
गर्भपात के हर रोगी के लिए इलाज की लागत भिन्न हो सकती है। ऐसा इसलिए होता है क्योंकि हर रोगी की स्थिति दूसरे के मुकाबले अलग होती है। कुछ प्रमुख कारणों की बात करें तो इनमें शामिल हो सकते हैं :
- गर्भावस्था की अवधि :गर्भावस्था की अवधि गर्भपात इलाज की लागत का मुख्य कारण होती है। यदि भ्रूण की आयु 10 हफ्ते या उससे कम होगी तो डॉक्टर रोगी को सिर्फ दवाएं देकर भ्रूण को गर्भाशय से निकालने का प्रयास करते हैं। वहीं गर्भावस्था का समय 10 हफ्तों से ज्यादा होने पर डॉक्टर एक सर्जिकल प्रक्रिया की मदद से भ्रूण को गर्भाशय से बाहर निकालते हैं। ऐसे में उपचार की लागत बढ़ जाती है।
- गर्भवती की स्थिति :कई बार गर्भपात होने पर गर्भवती महिला को कुछ जटिलताएं हो जाती हैं। उदाहरण के लिए अधिक रक्तस्राव होना या शरीर में संक्रमण फैलने का खतरा होना। यह स्थिति प्रक्रिया को जोखिम भरा बना सकती है। इससे इलाज की लागत प्रभावित हो सकती है।
- अन्य स्वास्थ्य समस्याएं : गर्भपात के रोगियों को स्वास्थ्य संबंधी अन्य समस्या होने पर डॉक्टर उपचार के तरीके में बदलाव कर सकते हैं। या फिररोगी को अतिरिक्त टेस्ट और दवाएं दे सकते हैं। जैसे अगर रोगी एनीमिया, हाई बीपी या डाइबिटीज़ से पीड़ित है तो उसका उपचार ज्यादा सावधानीपूर्वक किया जाता है। यह इलाज के खर्च को बढ़ा सकता है।
कोलकाता में गर्भपात के उपचार की लागत पर कौन सी चीजें प्रभाव डालती हैं?
कोलकातामें गर्भपात की प्रक्रिया का खर्च निम्नलिखित कारणों से बढ़ या घट सकता है।
- चिकित्सक का परामर्श शुल्क :गर्भपात होने की स्थिति में महिला कहां है और उसके आसपास कौन से चिकित्सक उपल्ब्ध हैं इससे तय होता है कि इलाज की लागत पर कितना असर पड़ेगा। यदि प्रक्रिया करने वाले डॉक्टर की फीस अधिक है तो लागत पर भी असर पड़ता है।
- अस्पताल का विकल्प :गर्भपात हो जाने पर महिला किस अस्पताल में उपचार करवा रही है इससे भी खर्च पर प्रभाव पड़ता है। यदि उपचार किसी निजी अस्पताल में कराया जा रहा है तो वहां भर्ती होने का शुल्क और प्रक्रिया की लागत अधिक हो सकती है।
- प्रक्रिया से पूर्व नैदानिक परीक्षणों की लागत : प्रक्रिया से पहले रोगी की लैब में होने वाली जांचें भी इलाज की लागत पर प्रभाव डालते हैं। अतिरिक्त जांचों की आवश्यकता होने पर खर्च भी अधिक होता है।
- फॉलोअप चेकअप : किसी भी महिली का गर्भपात होने के बाद उसे कम से कम एक बार चिकित्सक के पास चेकअप के लिए जाना पड़ सकता है। इस चेकअप में सुनिश्चित किया जाता है कि गर्भपात पूरी तरह से हो गया है या नहीं। ऐसे में डॉक्टर का परामर्श शुल्क और दवाओं का खर्च लागत को बढ़ा देता है।
- रोगी अगर हमारे यहां से यह प्रक्रिया करवाता है तो उसकी सारी जांचें और फॉलोअप पैकेज में ही शामिल होते हैं। साथ ही कोई भी परेशानी होने पर रोगी 24 घंटे डॉक्टर से परामर्श लेने के लिए हमें सम्पर्क कर सकता है।
कोलकाता में गर्भपात के उपचार के विभिन्न घटकों की लागत कितनी है?
जब किसी महिला का गर्भपातप्राकृतिक रूप से होता है तो चिकित्सक कुछ दवाओं की मदद से प्रक्रिया को तेज़ कर सकते हैं। वहीं कुछ रोगियों का काम सिर्फ दवाओं से नहीं चलता और उन्हें सर्जिकल प्रोसीजर कराने की ज़रूरत पड़ सकती है।
क्या कोलकाता में गर्भपात के उपचार के लिए बीमा कवर मिलता है?
गर्भपात के मामलों में बीमा कम्पनियां किसी तरह का बीमा कवर प्रदान नहीं करती हैं। हालांकि कुछ लोगमैटरनिटी हेल्थ इंश्योरेंस प्लान लेते हैं। ऐसे लोगों के लिए गर्भपात होने पर उपचार की खर्च बीमा कम्पनी उठाती है।
हमारे यहां से यह प्रक्रिया कराने पर रोगी को भुगतान के लिए नो कॉस्ट ईएमआई की सुविधा मिलती है।
सारांश
यदि किसी गर्भवती महिला के गर्भ कोप्राकृतिक या अप्राकृतिक रूप से नुक्सान पहुंचता है तो उसे गर्भपात कहा जाता है। यह भ्रूण के 20 सप्ताह के होने तक कभी भी हो सकता है। इसका कारण गर्भ की कमज़ोरी या फिर भ्रूण का सही विकास ना होना हो सकता है। रोगी की गर्भावस्था कितने हफ्तों की है इसके अनुसार चिकित्सक दवाओं या सर्जरी के माध्यम से गर्भपात की प्रक्रिया पूरी करते हैं। आमतौर पर इसमें बीमा कवर नहीं मिलता है।