कोलकाता में आईओएल (इंट्राओकुलर लेंस) की लागत
कोलकाता में आईओएल (इंट्राओकुलर लेंस) के बेस्ट डॉक्टर
कोलकाता में इंट्राऑक्युलर लेंस लगाने के लिए सर्जरी की लागत कितनी है?
आंख के लेंस को हटाकर रोगी की आंखों में एक कृत्रिम लेंस रिप्लेसमेंट की प्रक्रियाइंट्रोक्युलर लेंस इम्प्लांट कहा जाता है। यह मोतियाबिंद को ठीक करने की सर्जरी के दौरान लगाया जाता है। इंट्राऑक्युलर लेंस इंप्लांट की न्यूनतम लागत ₹25000 तक होती है वहीं अधिकतम लागत ₹140000 तक हो सकती है। इस प्रक्रिया की औसत लागत करीब ₹60000 तक हो सकती है।
दरअसल हमारी हर आंख में प्राकृतिक रुप से एक लेंस होता है। यह प्रोटीन और पानी से बना और एक खि़ड़की की तरह होता है। यह लेस हमारी पुतली के पीछे मौजूद होता है। लेंस प्रकाश को रेटिना पर केंद्रित करता है, जहां से विजुअल सिग्नल दिमाग को भेजे जाते हैं।
इस समान्य प्रक्रिया में बढ़ती उम्र बड़ी बाधक होती है। जैसे:जैसे किसी की आयु बढ़ती हैै प्रोटीन में बदलाव आता जाता है। इससे लेंस की संरचना में भी परिवर्तन होता है और लेंस धुंधले हो जाते हैं। आम भाषा में इस स्थिति को मोतियाबिंद कहा जाता है। इससे रोगी ठीक से देख नहीं पाता है उसके रंग पहचानने की शक्ति भी कई बार कम हो जाती है। इस स्थिति को ठीक करने के लिए सर्जरी की जररुत होती है। इस सर्जरी में विजन को ठीक करने के लिए इंट्राऑक्युलर लेंस लगाए जाते हैं।
कोलकाता में विभिन्न प्रकार के अंतर्गर्भाशयी लेंस की लागत
ट्रीटमेंट के प्रकार | औसत कीमत | न्यूनतम कीमत | अधिकतम कीमत |
---|---|---|---|
मोनोफोकल आईओएल | ₹10,000 | ₹5,000 | ₹20,000 |
टोरिक आईओएल | ₹45,000 | ₹25,000 | ₹50,000 |
मल्टीफोकल आईओएल | ₹45,000 | ₹15,000 | ₹90,000 |
अकोमोडेटिव आईओएल | ₹100,000 | ₹70,000 | ₹150,000 |
फेकिक आईओएल | ₹100,000 | ₹90,000 | ₹250,000 |
अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न
कोलकाता में इंट्राऑक्युलर लेंस लगाने के लिए सर्जरी से पहले होने वाली जांच की लागत कितनी है?
इंट्राऑक्युलर लेंस लगाने से पहले आई सर्जन रोगी की कुछ जांच कराते हैं। ये जांचें कौन सी हैं और कोलकाता में उनकी लागत क्या है ये निम्नलिखित है :
प्यूपिल डाइलेशन : इस टेस्ट में आपकी आंखों में दवा डालकर पुतलियों को बड़ा किया जाता है जिससे विस्तृत रूप से जांच की जा सके। इसकी लागत ₹500 से ₹1000 तक आ सकती है।
विज़ुअल एक्विटी टेस्ट : यह सामान्य जांच होती है। इस टेस्ट से रोगी के विजन में दोष का पता लगाया जाता है। इस जांच का खर्च ₹500 से ₹1000 के बीच होता है।
स्लिट लैम्प एग्ज़ाम : यह जांच में डॉक्टर एक आधुनिक मशीन के मदद से आंखों परीक्षण करते हैं। इसमें आपको मशीन के सामने बैठना होता है। यह जांच सामान्य तौर पर नेत्र सर्जन की फीस का ही हिस्सा होती है।
बायोमेट्री टेस्ट : इस परीक्षण की मदद से रोगी की आंखों की लंबाई मापकर यदि कोई असमान्यता हो तो उसका पता लगाया जा सकता है। इस जांच के लिए आपको ₹700 से ₹1000 तक खर्च करने पड़ सकते हैं।
ए स्कैन : इस टेस्ट से आंखों की किसी तरह की दिक्कत का पता लगाया जाता है। इस परीक्षण में रोगी के ₹800 से ₹1200 तक खर्च हो सकते हैं।
रेटिनल एग्ज़ामिनेशन : इस परीक्षण का खर्च ₹500 से ₹1000 तक हो सकता है।
एप्लेनेशन टोनोमेट्री :इस जांच की की लागत ₹800 से ₹1200 तक होती है।
कॉंन्ट्रास्ट सेंसिटिविटी :इस परीक्षण में ₹500 से ₹1000 तक की लागत आती है।Q: मरीज के हिसाब से इंट्राऑक्युलर लेंस सर्जरी की लागत में अंतर क्यों होता है?
हर रोगी के उपचार की लागत अलग हो सकती है, क्योंकिहर रोगी की समस्या और ज़रूरत में अंतर होता है। यही वजह है कि इनमें कुछ मुख्य कारक हैं:
रोगी की स्थिति : यदि किसी की आंखों की समस्या बहुत जटिल है या फिर उसे तुरंत सर्जरी की जरुरत है तो ऐसी स्थिति में रोगी की सर्जरी कठीन और महंगी हो सकती है।
लेंस का चुनाव :इंट्राऑक्युलर लेंस के कई विकल्प होते हैं। रोगी को मोनोफोकल लेंस लगवाना है या फिर मल्टीफोकल, उसे एकोमोडेटिंग लेंस की ज़रूरत है या टोरिक लेंस। इन सभी की कीमत अलग होती है इसलिए इलाज की लागत पर सीधे तौर पर प्रभाव डाल सकते हैं।
रोगी को अन्य स्वास्थ्य समस्याएं : यदि रोगी को कोमार्बिड यानी ऐसी बीमारी है जिसमें आपरेशन से पहले ध्यान देने की जरुरत है तो पहले उसकी सेहत को सामान्य किया जाता है। जैसे डाइबिटीज़ या हार्ट के रोगियों की सर्जरी से पहले काफी सावधानी बरतनी पड़ती है। ऐसे में रोगी की सर्जरी का खर्च बढ़ जाएगा।
कोलकाता में इंट्राऑक्युलर लेंस सर्जरी की लागत पर कौन सी चीजें प्रभाव डालती हैं?
कोलकातामें इंट्राऑक्युलर लेंस लगवाने में इलाज की लागत पर कई चीज़ें असर डाल सकती हैं जैसे:
अस्पताल का चयन : रोगी किस तरह के अस्पताल में सर्जरी कराने के बारे में फैसला लेता है यह भी लागत को प्रभावित करता है। जैसे अस्पताल सरकारी है, प्राइवेट है या फिर मल्टी स्पेशलिटी। ऐेस में सर्जरी की लागत पर इसका सीधा असर पड़ता है।
सर्जन का चुनाव : रोगी किस डाक्टर से अपना इलाज कराना चाहता है इस पर बी लागत असर करती है। डाक्टर जितने अनुभवी और दक्ष होंगे उनकी फीस उतनी ही महंगी होगी।
फॉलोअप अपाइंटमेंट : सर्जरी के बाद रोगी को कई बार फॉलो अप करने की जरुरत होती है। ऐसे में इन फॉलोअप अपाइंटमेंट के कारण इलाज का खर्च बढ़ सकता है।
हमारे यहां सर्जरी करवाने के विकल्प चुनने पर सारे फॉलो:अप अप्वाइंटमेंट और लगभग सारे डायगनोस्टिक टेस्ट बिना चार्ज के ही किए जाते हैं। रोगी को सर्जरी के दिन घर से पिकअप और ड्रॉपिंग की फैसिलिटी भी दी जाती है। यही नहीं रोगी को बीमा क्लेम करने में हमारी तरफ से पूरी सहायता प्रदान की जाती है।
कोलकाता में इंट्राऑक्युलर लेंस सर्जरी के विभिन्न घटकों की लागत कितनी है?
इंट्राऑक्युलर लेंस आपरेशम में लेंस ही सबसे प्रमुख घटक हैं। किस प्रकार के लेंस का उपयोग किया जा रहा है, इससे आपरेशन की लागत पर असर पड़ता है। लेंस के प्रकार निम्नलिखित है :
टॉरिक : आँख की सिलेंड्रिकल रिफ्रैक्टिव पावर को ठीक करने के लिए टॉरिक लेंस का उपयोग किया जाता है।ये लेंस आम लेंस की तुलना में ज्यादा महंगे होते हैं। टोरिक लेंस आम तौर पर मोनोफोकल ही होते हैं। हालांकि ये मल्टीफोकल वैरिएंट में भी मिलते हैं जो जिनकी लागत ज्यादा है। इनकी लागत अधिक होती है। टोरिक लेंस की लागत ₹30,000 से ₹70,000 तक हो सकती है।
मल्टीफोकल : मल्टीफोकल लेंस, जैसा कि नाम से स्पष्ट है इस तरह के लेंस में एक से ज्यादा फोकल प्वाइंट होते हैं। इस प्रकार के लेंस नज़दीक और दूर दोनी ही तरह के दृष्टि दोषों को दूर कर सकते हैं। इसका खर्च ₹35 हजार से लेकर ₹90 हजार तक हो सकता है।
ट्राइफोकल लेंस : यह तीन तरह के फोकल प्वाइंट से युक्त होते हैं। वास्तव में यह लेंस मल्टीफोकल लेंस का ही आधुनिक वर्जन है। यह दूर और नज़दीक के साथ ही इंटरमीडिएट विजन को भी सुधारते हैं। इनकी लागत ₹35 हजार से लेकर ₹90 हजार हो सकती है।
क्या कोलकाता में इंट्राऑक्युलर लेंस सर्जरी के लिए बीमा कवर मिलता है?
बीमा कम्पनियां केवल मोतियाबिंद की सर्जरी में उपयोग किए जाने वाले इंट्रोक्युलर लेंस (मोनोफोकल) की लागत को वहन करती हैं। रोगी यदि प्रीमियम आईओएल का इस्तेमाल कर रहा है तो बीमा पॉलिसी इस खर्च को कवर नहीं करेगी। हमारे यहां से अगर आप ये सर्जरी करने का फैसला करते हैं तो आपको भुगतान के कई विकल्प जैसे क्रेडिट कार्ड, डेबिट कार्ड आदि मिल सकते है। इसके अलावा आपको नो कॉस्ट ईएमआई की सुविधा भी मिल सकती है।
सारांश
मोतियाबिंद के रोगियों को आपरेशन के बादइंट्राऑक्युलर लेंस लगाए जाते हैं। इस प्रक्रिया की लागत ₹15 हजार से लेकर ₹90 हजार तक होती है। किस तरह के इंट्राऑक्युलर लेंस का इस्तेमाल हो रहा है उससे इलाज की लागत प्रभावित होती है। कुछ मामलों में बीमा कवर मिल सकता है। प्रीमियम लेंस का बीमा कवर नहीं मिलता है।