कोलकाता में हाइड्रोसेल उपचार (सर्जिकल) की लागत
कोलकाता में हाइड्रोसेल उपचार (सर्जिकल) के बेस्ट डॉक्टर
कोलकाता में हाइड्रोसील सर्जरी की लागत कितनी है?
हाइड्रोसील अंडकोश के चारों ओर मौजूद पतली थैली में में आने वाली सूजन है। ऐसा तब होता है जब इस थैली में बहुत अधिक द्रव अंदर जमा हो जाता है। नवजात शिशुओं में यह स्थिति सबसे आम है, हालांकि यह समस्या किसी भी आयु वाले पुरुष में हो सकती है।
कोलकाता में हाइड्रोसील के ऑपरेशन न्यूनतम ₹25000 से लेकर अधिकतम ₹ 85000 तक की लागत आ सकती है। वहीं इसकी औसत लागत ₹49000 तक हो सकती है।
बच्चों में जन्म से पहले ही हाइड्रोसील होना शुरू हो सकता है। गर्भ में शिशु के अंडकोष उनके पेट के अंदर बढ़ते हैं और फिर एक छोटी सुरंग के माध्यम से उनके स्क्रोटम में स्थानांतरित हो जाते हैं। प्रत्येक अंडकोष के साथ द्रव की एक थैली भी होती है। आमतौर पर यह सुरंग और थैली जन्म से पहले ही बंद हो जाती है, और बच्चे का शरीर तरल पदार्थ को अंदर सोख लेता है। पर जब यह प्रक्रिया ठीक से नहीं हो पाती तो उन्हें हाइड्रोसील हो सकता है।
वयस्कों में हाइड्रोसील के उपचार के लिए सर्जरी की जरुरत हो सकती है। वयस्कों में यह समस्या चोट लगने या अन्य कारणों से हो सकती है।
हाइड्रोसील दो प्रकार के होते हैं:
- नॉनकम्युनिकेटिंग हाइड्रोसील : इसमें थैली सामान्य तौर पर बंद हो जाती है, पर शरीर थैली के अंदर के तरल पदार्थ को अवशोषित नहीं करता है।
- कम्युनिकेटिंग हाइड्रोसील : इसमेंथैली सील नहीं हो पाती है और पेट में खुलती है।
कोलकाता में विभिन्न प्रकार के हाइड्रोसील सर्जरी की लागत
ट्रीटमेंट के प्रकार | औसत कीमत | न्यूनतम कीमत | अधिकतम कीमत |
---|---|---|---|
स्क्लेरोथेरपी | ₹35,000 | ₹25,000 | ₹80,000 |
लैप्रोस्कोपिक हाइड्रोसेलेक्टोमी | ₹55,000 | ₹40,000 | ₹70,000 |
ओपन हाइड्रोसेलेक्टॉमी | ₹32,000 | ₹25,000 | ₹50,000 |
अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न
कोलकाता में हाइड्रोसील सर्जरी से पहले होने वाली जांच की लागत क्या होती है?
कोलकाता में हाइड्रोसील की सर्जरी में कुछ लैब टेस्ट कराए जाते हैं। इनमें शामिल हैं :
- रक्त परीक्षण : इसकी लागत ₹100 से ₹500 तक हो सकती है।
- यूरिन एनालिसिस : इस जांच की लागत ₹100 से ₹300 तक हो सकती है।
- अल्ट्रासाउंड इमेजिंग : इसमें करीब ₹1000 से ₹5000 तक का खर्च आता है।
मरीज के हिसाब से हाइड्रोसील सर्जरी की लागत में अंतर क्यों होता है?
हाइड्रोसील की सर्जरी का लागत हर रोगी के लिए भिन्न हो सकती है। इसके कई कारण हो सकते हैं जिनमें कुछ प्रमुख कारणों में शामिल हैं :
- मरीज की उम्र : हाइड्रोसील सर्जरी की लागत रोगी की आयु पर भी निर्भर करती है। बच्चों में होने वाला हाइड्रोसील अधिकांश मामलों में बिना सर्जरी के ही ठीक हो जाता है। वहीं वयस्कों में इसके उपचार के लिए सर्जरी करानी आवश्यक होती है। इससे लागत में अंतर आता है।
- मरीज की सेहत :अगर रोगी को हाइड्रोसील के अलावा कोई दूसरी बीमारी भी है जो सर्जरी में रुकावट बन सकती है तो उसका भी उपचार किया जाता है। इस अतिरिक्त उपचार के कारण उपचार की लागत बढ़ जाती है।
- अन्य कारक : मरीज के इलाज के चुने गए डाक्टर या अस्पताल इलाज की लागत पर असर डालते हैं। यदि रोगी किसी बड़े और अनुभवी सर्जन से उलाज कराता है या प्राइवेट और सुपरस्पेशलिटी हॉस्पिटल में प्रक्रिया करवाता है तो भी लागत बढ़ जाती है।
- इलाज की विधि : मरीज के इलाज के लिए सर्जन किस विधि का चुनाव करते हैं इससे भी लागत पर असर पड़ता है।
कोलकाता में हाइड्रोसील सर्जरी की लागत पर कौन सी चीजें प्रभाव डालती हैं?
कोलकाता मेंहाइड्रोसील के इलाज का खर्च बढ़ाने में कई कारक होते हैं। हाइड्रोसील सर्जरी यानी हाइड्रोसेलेक्टोमी के खर्च को बढ़ाने वाले कारक निम्नलिखित हैं :
- हाइड्रोसील का प्रकार : रोगी को किस प्रकार का हाइड्रोसील है इससे भी इलाज की लागत प्रभावित होती है। रोगी को कम्यूनिकेटिंग हाइड्रोसील है या फिर नॉन कम्यूनिकेटिंग, इससे इलाज की लागत बढ़ या घट सकती है।
- हाइड्रोसील की गंभीरता :यदि रोगी को गम्भीर लक्षण हैं और समस्या बहुत बढ़ चुकी है चो सर्जरी की लागत भी बढ़ जाती है।
- डायगनोस्टिक परीक्षण का खर्च :रोगी की सर्जरी के लिए किए जाने वाले नैदानिक परीक्षण इलाज की लागत पर असर डालते हैं।
- एनेस्थेसिस्ट की फीस :रोगी की सर्जरी के लिए एख एनेस्थीसिया विशेषज्ञ की भी ज़रूरत होती है। उसकी फीस भी इलाज की लागत को प्रभावित करती है।
- अस्पताल आने:जाने में लगने वाला किराया :रोगी को अस्पताल आने जाने के लिए भी किराया खर्च करना होता है। इससे लागत पर असर पड़ता ही।
- हमारे यहां से प्रक्रिया कराने पर रोगी को कई खर्चों से मुक्ति मिती है। जैसे लैब टेस्ट, फ़ॉलोअप परामर्श, सर्जरी के दिन रोगी के लिए पिक एंड ड्राप की मुफ्त सुविधा।
कोलकाता में हाइड्रोसील सर्जरी के विभिन्न घटकों की लागत कितनी है?
कोलकाता मेंहाइड्रोसील के इलाज के लिए प्रमुख रूप से दो तरह की सर्जरी कि जाती हैं। इनमें शामिल हैं :
- ओपन हाइड्रोसेलेक्टॉमी :यह एक आउट पेशेंट प्रक्रिया है जिसमें जनरल एनेस्थीसिया दी जाती है। सर्जरी के लिए रोगी के गले में ब्रीदिंग ट्यूब डाली जाती है। रोगी को इंट्रावीनस लाइन के माध्यम से दवाएं दी जाती हैं। इसमें सर्जन अंडकोश में एक छोटा सा कट लगा कर हाइड्रोसील का कारण बन रहे तरल पदार्थ को को सक्शन के माध्यम से निकाल लेते हैं।
- यह प्रक्रिया लैप्रोस्कोप के माध्यम से भी की जाती है। चिकित्सक कट के माध्यम से एक छोटा कैमरा अंदर भेजते हैं। फिर दूसरे छेद से उपकरण अंदर भेज कर सर्जरी की जाती है। इस सर्जरी में "कीहोल" कट के लगाकर छोटे उपकरण का उपयोग किया जाता है। इस प्रक्रिया की लागत ₹20,000 से लेकर ₹60,000 तक हो सकती है।
- लेज़र हाइड्रोसेलेक्टोमी :यह एक मिनिमली इनवेसिव प्रक्रिया है। इसमें एक एंटीसेप्टिक साल्यूशन के साथ रोगी के अंडकोश को साफ किया जाता है। इसके बाद अंडकोष के अंदर जमा तरल पदार्थ को निकालने के लिए लेजर बीम का इस्तेमाल किया जाता है। लेज़र से एख छोटा चीरा लगाकर सर्जरी की जाती है। सर्जन अंडकोष की थैली को हटाकर या उल्टा करके दोबारा सील कर देते हैं। इससे रोगी को भविष्य में हाइड्रोसील होने के जोखिम को खत्म किया जा सकता है। इस प्रक्रिया की लागत ₹30,000 से लेकर ₹85,000 तक हो सकती है।
क्या कोलकाता में हाइड्रोसील सर्जरी के लिए बीमा कवर मिलता है?
जी हां, कोलकाता में हाइड्रोसील के उपचार के लिए बीमा कम्पनी कवरेज प्रदान करती हैं।
यदि रोगी हमारे यहां से सर्जरी कराता है तो हमारी टीम आपके बीमा को क्लेम करने में मदद करती है। इसके अलावा रोगी को भुगतान के कई अन्य विकल्प भी दिए जाते हैं जैसे नो कॉस्ट ईएमआई की सुविधा।