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Last Updated: Apr 26, 2020
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Treatment Of Fungal Infection - फंगल इन्फेक्शन का इलाज

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Dr. Sanjeev Kumar SinghAyurvedic Doctor • 15 Years Exp.BAMS
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फंगल इन्फेक्शन को ही हिंदी में कवक संक्रमण कहा जाता है. ये एक सामान्य समस्या है. मनुष्यों में फंगल इन्फेक्शन तब होता है, जब कोई फंगस शरीर के किसी हिस्से पर हावी हो जाता है और हमारी प्रतिरक्षा प्रणाली उससे लड़ नहीं पाती. इससे हमारा शरीर प्रभावित होना शुरू हो जाता है. कवक हवा, मिट्टी, पानी और पौधों में हो सकते हैं. कुछ ऐसे कवक भी होते है, जो स्वाभाविक रूप से मानव शरीर में रहते हैं. यह रोगाणुओं की तरह ही होते हैं. इनमें से कुछ उपयोगी कवक होते हैं, तो कुछ हानिकारक भी होते हैं. यह हानिकारक कवक जब हमारे शरीर पर हमला करते हैं, तो उन्हें मारना मुश्किल हो सकता है, क्योंकि वे हर तरह के पर्यावरण में जीवित रह सकते हैं. इतना ही नहीं स्वस्थ होने की कोशिश कर रहे व्यक्ति को यह पुनः संक्रमित कर सकते हैं. आइए फंगस इन्फेक्शन के ईलाज के बारे में जानें.


फंगल इन्फेक्शन का उपचार

फंगल इन्फेक्शन का इलाज कैसे होता है? त्वचा के फंगल इन्फेक्शन का उपचार आम तौर पर आसान होता है. इस समस्या में आपको तब तक अस्पताल में भर्ती होने की जरूरत नहीं होती, जब तक कि आपकी रोग प्रतिरोधक प्रणाली कमजोर न हो जाए या कैंडिडा संक्रमण आपके खून में न फैल जाएं. इसके उपचार का मुख्य आधार एंटी-फंगल दवाएं है जो कई रूपों में उपलब्ध होती हैं: एंटी-फंगल क्रीम मरहम या लेप आपकी त्वचा पर लगाए जाने वाले लोशन खाने वाली दवाएं नसों में दी जाने वाली दवाएं.
विभिन्न प्रकार की दवाओं का उपयोग संक्रमण के प्रकार और संक्रमण से प्रभावित शरीर के अंग के आधार पर किया जाता है. योनि के लिए जैल या क्रीम को अक्सर योनि में होने वाले यीस्ट संक्रमण के लिए उपयोग किया जाता है. ओरल थ्रश के लिए अक्सर गले की खराश को दूर करने वाली गोलियां, अन्य टैबलेट व माउथ वॉश (मुंह को साफ करने वाला तरह पदार्थ) को एंटीफंगल के साथ इलाज के लिए इस्तेमाल किया जाता है. एथलीट्स फुट का प्रायः स्प्रे, पाउडर और मलहम (लेप) से इलाज किया जाता है. गंभीर संक्रमण का इलाज ओरल दवाओं या नसों में दी जाने वाली दवाओं से किया जाता है.

  • फंगल इन्फेक्शन से बचाव
  • ठंड व नमीं भरी जगह पर पैरों को साफ रखें.
  • मोजों को हर रोज बदलें.
  • इस बात पर भी ध्यान दें कि आपके जूते ज्यादा तंग (टाइट) ना हो और यह आपके पैरों पर सही तरह से फिट हों.
  • बाथरूम, जिम, कारपेट और सार्वजनिक स्नान वाली जगहों पर नंगे पैर जाने से बचें.
  • इन जगहों पर चप्पल जरूर पहनें. अपना चेहरा नियमित रूप से धोएं.
  • इसके साथ ही त्वचा को शुष्क और साफ रखें व अपने निजी चीजों को किसी के साथ साझा न करें.
  • दूसरों की चीजों को इस्तेमाल करना या अपनी चीज़ें साझा करना भी फंगल इन्फेक्शन होने का कारण हो सकता है.
  • यदि आपका वजन अधिक हो या आप मोटापे से ग्रस्त हों, तो आप अपनी त्वचा को अच्छी तरह से सुखाएं.
  • साफ व सूती अंडरवियर और ढीली पैंट ही पहनें.
  • अपने रान (जांघ और जन्नांग को जोड़ने वाला हिस्सा) को साफ और सूखाकर रखें.
  • नाखूनों के ऊपरी हिस्सों को काट कर छोटा रखें और नाखूनों को बढ़ने न दें.
  • खराब नाखूनों और सामान्य नाखूनों को काटने के लिए एक ही तरह के नेल कटर का प्रयोग न करें.
  • परिवार के किसी सदस्य या घनिष्ठ मित्र को फंगल इन्फेक्शन हो तो इसका इलाज तुरंत करवाएं, इस समस्या में अनदेखी न करें.
  • हर दिन जूते पहनने वाले लोगों को पैरों में इस फंगस को बढ़ने से रोकने के लिए किसी जीवाणुरोधी पाउडर का इस्तेमाल करना चाहिए.
  • जिस जगह पर आप नियमित रूप से नंगे पैर चलते हों, उस फर्श को अच्छी तरह से साफ करें.
  • पुराने जूते और चप्पल पहनने से बचें.
  • इसके अलावा आप दूसरों के साथ जूते साझा न करें.
  • अगर किसी को रान या किसी अन्य हिस्से में फंगस हो जाएं, तो उसको नियमित रूप से फंगसरोधी शैम्पू का उपयोग करना चाहिए.

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