Symptoms of Dengue in Hindi - डेंगू के लक्षण
मौसम बदलते ही तरह-तरह के वायरल संक्रमण फैलने लगते हैं, जिनमें डेंगू फीवर बेहद खतरनाक बीमारी है. वैसे तो डेंगू का सामान्य लक्षण बुखार है, लेकिन ये सामान्य बुखार से अलग होता है. डेंगू बुखार की तीव्रता काफी अधिक होती है और कमजोरी के साथ चक्कर भी आते हैं. संक्रमण बढ़ने के साथ शरीर कमजोर होता जाता है और भी लक्षण दिखाई देने लगते हैं जैसे- उल्टी आना, जोड़ों में दर्द, त्वचा पर रैश आदि, डेंगू फीवर या सामान्य डेंगू के लक्षण हैं, जिनके नज़र आने पर तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें.
अगर डेंगू के लक्षणों को ऊपरी तौर पर देखा जाए तो तेज बुखार, लगातार मितली और उल्टी आना, उल्टी में खून आना, पेशाब के साथ खून आना, पेट में दर्द, सांस लेने में तकलीफ, नाक और मसूड़ों से खून, थकान लगना आदि हैं. यहां विस्तार से देखें कि कौन सी स्थिति खतरनाक है.
1. 20 का मंत्र:
डॉक्टरों के मुताबिक, नब्ज में 20 की बढ़ोतरी, ब्लड प्रेशर मे 20 की कमी, हाई और लो बीपी में 20 से कम का अंतर और बांह पर 20 से ज्यादा निशान हों तो सतर्क हो जाएं.
2. तेज बुखार:
डेंगू फीवर की तीव्रता काफी तेज़ होती है और यह संक्रमण होने के कारण होता है. बुखार में थर्मामीटर का पारा 102 से 105°F तक पहुंच जाता है. एक हफ्ते तक बुखार तेज रहता है, इसके बाद थोड़ा आराम मिल सकता है, लेकिन इसे राहत न समझें. फिर से बुखार वापस आ सकता है, वो भी पहले से ज्यादा तेज. यह आम डेंगू के लक्षणों में से एक है.
3. जुकाम या वायरल जैसे लक्षण:
डेंगू में बुखार के साथ सामान्य फ्लू जैसे लक्षण भी नजर आते हैं. इसमें सिर दर्द, आंखों में दर्द, आंखों के पीछे दर्द, बदन में दर्द और जोड़ों में दर्द के लक्षण दिखाई देते हैं.
4. प्लाजमा लीकेज:
प्लाजमा लीकेज डेंगू में खतरनाक अवस्था है. अल्ट्रासाउंड करवाकर प्लाजमा लीकेज का पता लगाया जा सकता है. ये संक्रमण के 3 से 7 दिन के अंदर होता है. अगर शरीर का तापमान कम होने लगे तो भी सतर्क हो जाएं, इसके अलावा पेट दर्द, लगातार उल्टी, सुस्ती वगैरह, गंभीर डेंगू के लक्षण हैं.
5. सुस्ती:
डेंगू बुखार के लक्षण दिखें तो सबसे पहले प्लेटलेट्स काउंट चेक करवाएं साथ ही बीपी पर भी नजर रखें. कमजोरी और सुस्ती से इन डेंगू के लक्षणों का अंदाजा लगाया जा सकता है.
6. उल्टी:
बुखार के साथ बार-बार उल्टी आना भी खतरनाक लक्षण है. लिवर एंजाइम की गड़बड़ी से ऐसा होता है. इस स्थितिस में डिहाइड्रेशन हो जाता है. कुछ खाने और पीने के बाद तुरंत उल्टी हो जाए, तो भी सतर्क हो जाएं.
7. असामान्य रक्तस्त्राव:
डेंगू के वायरस का असर खून के कंपोजिशन पर काफी होता है. ऐसे में अगर डेंगू फीवर के साथ नाक या मसूड़ों से खून आए तो सतर्क हो जाएं. इसमें बुखार के साथ आंखें भी लाल दिखाई दे सकती हैं, साथ ही गले में खराश और सूजन भी खतरनाक है. प्लेटलेट्स के कम होने से खून का घनापन पढ़ जाता है, ये भी खतरे की निशानी है.
8. त्वचा पर चकत्ते:
डेंगू बुखार आने के तीसरे या चौथे दिन के बाद अगर त्वचा पर लाल रंग के चकत्ते दिखाई दें तो ये सामान्य बुखार न होकर डेंगू हो सकता है. ये चकत्ते सबसे पहले चेहरे पर दिखाई देते हैं. इसमें चेहरा लाल भी दिखाई दे सकता है. इन चकत्तों में सामान्यता खुजली नहीं होती. धीरे-धीरे ये चकत्ते बाकी शरीर के साथ हाथ और पैरों तक पहुंच जाते हैं. इस स्थिति को गंभीरता से लें. कभी-कभी बुखार जाने के बाद खुजली वाले चकत्ते भी उभर आते हैं. ये चकत्ते पैर और हांथ के तलवे पर होते हैं, जिनमें असहनीय खुजली होती है.
सावधानियां
डेंगू फीवर फैलने के मौसम में विशेष सावधानी रखें. आसपास कहीं पानी जमा न होने दें. कूलर में पानी बदलते रहें और सफाई का विशेष ध्यान रखें. डेंगू होने पर तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें. इसके अलावा ज्यादा से तरल पदार्थ लें, आराम करें और पौष्टिक खाना खाएं.
डेंगू में नीम, तुलसी, गिलोय, पिप्पली, पपीते की ताजी पत्तियों का रस, गेंहू की बालिकयों का रस, आंवला और एलोविरा का रस पीने से फायदा मिलता है. रस से शरीर की प्रतिरोधक क्षमता बढ़ती है और प्लेटलेट्स के निर्माण में तेजी आती है.