Lybrate Logo
Get the App
For Doctors
Login/Sign-up
Last Updated: Feb 16, 2023
BookMark
Report

प्राकृतिक दर्द निवारक

Profile Image
Dr. Reshma Reddy GayamGeneral Physician • 17 Years Exp.MBBS
Topic Image

सप्ताह में एक बार,महीने में एक बार या फिर हर रोज़ पर दर्द से हम सभी भली भांति परिचित हैं। कभी अधिक थकान की वजह से शरीर में दर्द या कमर का दर्द आम है। वहीं ज्यादा तनाव के कारण सिर का दर्द कई लोगों के जीवन का हिस्सा बन जाता है।

हर प्रकार के दर्द को दूर करने के लिए हम दर्द निवारक दवाओं यानी पेन किलर्स की प्रयोग करते हैं। हालांकि ये बात सभी जानते हैं कि पेन किलर्स के काफी साइड इफेक्ट्स भी होते हैं। पेन किलर्स का नियमित इस्तेमाल आपके शरीर के बाकी अंगों जैसे किडनी लिवर इत्यादि के लिए नुक्सानदेह हो सकता है। ऐसे में इन साइड इफेक्ट्स से बचने के लिए आप प्राकृतिक दर्द निवारकों की तरफ रुख कर सकते हैं।

हमारे घर में या आसापास ऐसी कई जड़ी-बूटियां और मसाले मौजूद हैं जो दर्द और सूजन को दूर करने के लिए उपयोग में लाए जाते रहे हैं। ये प्राकृतिक दर्द निवारक वैकल्पिक चिकित्सा के रूप में जाने जाने वाले उपचार की श्रेणी में आते हैं, जिसमें एक्यूपंक्चर, योग, रेकी और अन्य अभ्यास भी शामिल हैं।

यदि आप किसी प्रकार के दर्द से लम्बे समय से परेशान हैं तो वैकल्पिक चिकित्सा को आज़मा कर देखने में कोई बुराई नहीं क्योंकि हो सकता है इनसे आपको लाभ हो और दवाओं की ज़रूरत ही ना पड़े।तो आइए जानते हैं कि क्या है इस प्राकृतिक वैकल्पिक चिकित्सा के तरीके।

लोबान

लोबान आयुर्वेदिक चिकित्सा में प्रयोग किया जाता है। लोबान के पेड़ों से निकलने वाली राल को आमतौर पर टिंचर या गोलियों के रूप में प्रयोग में लाया जाता है। लोबान कई प्रकार की स्वास्थ्य संबंधी परेशानियों को दूर करने के लिए प्रयोग किया जाता है। इसका अपयोग अस्थमा, वात रोग,आंतों की सूजन, शरीर की सामान्य सूजन, मस्तिष्क की सूजन, रेडियोथेरेपी के कारण त्वचा को हुए नुक्सान में किया जाता है।

शोध ये भी बताते हैं कि लोबान को पुराने ऑस्टियोआर्थराइटिस में एक प्रभावी, सुरक्षित उपचार के तार पर प्रयोग किय़ा जाता है जो दर्द और जकड़न को कम करता है। हालांकि यह कुछ लोगों में एलर्जी की प्रतिक्रिया पैदा कर सकता है।

हल्दी

हल्दी एक ऐसा मसाला है जो हर घर की रसोई में मौजूद होता है। व्यंजनों को रंग और स्वाद देने के लिए इसका खूब इस्तेमाल किया जाता है।हल्दी में करक्यूमिन नामक तत्व होता है जो एक एंटीऑक्सिडेंट जो शरीर को मुक्त कणों से बचाने में मदद करता है जो कोशिकाओं को नुकसान पहुंचा सकते हैं। इसमें सूजन को कम करने की क्षमता भी होती है।

अक्सर इसके अवशोषण को बढ़ाने के लिए काली मिर्च में पाए जाने वाले तत्व पिपेरिन के साथ मिलाकर उपयोग किया जाता है। हल्दी कई स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं के उपचार के लिए उपयोगी हो सकती है जैसे खट्टी डकार, अल्सर,खराब पेट ,सोरायसिस.घाव के उपचार और चोट पर लगाकर दर्द खींचने के लिए।

लौंग

लौंग का इस्तेमाल खुशबू दार मसालों में किया जाता है।व्यंजनों में इसके उपयोग से ना सिर्फ एक अच्छी खुशबू आती है बल्कि स्वाद भी बढ़ता है। पिसी हुई लौंग का उपयोग पाई और कई अन्य खाद्य पदार्थों में भी किया जाता है। लौंग में मौजूद यूजेनॉल के कारण लौंग को प्राकृतिक दर्द निवारक के रूप में भी व्यापक रूप से उपयोग किया जाता है।

यह एक ऐसा प्राकृतिक दर्द निवारक जिसका उपयोग मालिश में भी किया जाता है।लौंग का इस्तेमाल जिन रोगों के लिए किया जाता है उनमें शामिल हैं जी मिचलाना,  जुकाम,  सिरदर्द,  गठिया की सूजन, दांत दर्द, खट्टी डकार, दस्त इत्यादि। कई बार लौंग का उपयोग फंगल संक्रमण के इलाज के लिए भी किया जाता है।

एक्यूपंक्चर

दर्द से निजात पाने के लिए एक्यूपंचर भी एक प्राचीन चिकित्सा पद्धति है। यह शरीर के प्राकृतिक ऊर्जा मार्गों को संतुलित करके दर्द को दूर करने का प्रयास करती है। एक्यूपंक्चर की प्रक्रिया में चिकित्सक आपकी त्वचा के कुछ चिन्हित क्षेत्रों में छोटी, पतली सुइयां डालते हैं। एक्यूपंक्चर दर्द से इस प्रकार राहत दे सकता है, जिससे शरीर सेरोटोनिन रसायन छोड़ता है जो दर्द को कम करता है।

यह तनाव के स्तर को कम करने और शरीर में उपचार को बढ़ावा देने के लिए भी काम में लाया जाता है।एक्यूपंचर का उपयोग  घुटने के दर्दमाइग्रेन,  मायोफेशियल दर्द,  तीव्र और पुरानी पीठ के निचले हिस्से में दर्द , फाइब्रोमायल्गिया , गर्दन में दर्द इत्यादि में किया जाता है।हालांकि अगर आपके  पेसमेकर लगा है, या आप  गर्भवती हैं  या फिर आप  ब्लड थिनर का उपयोग कर रहे हैं तो एक्यूपंचर का विकल्प आपके लिए नहीं है।

ठंडी और गर्म सिंकाई

दर्द से राहत पाने के लिए सबसे आसान तरीका ठंडी और गर्म सिंकाई करना है। इसे अकसर मांसपेशियों, या लिगामेंट में खिंचाव का अनुभव होने पर किया जाता है। इससे दर्द औऱ सूजन में राहत मिल सकती है। पहले बर्फ लगाई जाती है और एक बार जब सूजन कम हो जाती है, तो गर्म सिंकाई मोच और खिंचाव की कठोरता को कम करने में मदद कर सकती है।

हीटिंग पैड और कोल्ड पैक सिरदर्द को कम करने में भी मदद कर सकता है।वहीं आइस पैक पीठ के निचले हिस्से के दर्द से राहत दिलाने में मदद कर सकता है। यदि गठिया से पीड़ित हैं तो प्रभावित जोड़ पर गर्म औऱ बर्फ की सिंकाई मदद करेगी। आइस पैक लगाने से सूजन, खून बहने को रोकने के लिए, जलन,  सिरदर्द, पीठ के निचले भाग में दर्द, तनावग्रस्त मांसपेशियांके इलाज जैसी समस्याओं का इलाज करने में मदद मिल सकती है।

वहीं गर्म सिंकाई करने से जोड़ो की अकड़न,मांसपेशियों की ऐंठन, वात रोग , सिरदर्द इत्यादि में राहत देती है।

अदरक

अदरक के अनेक गुणों में सबसे प्रमुख है उसका एंटीइंफ्लेमेटरी होना। इसी कारण अदरक गठिया के दर्द, ऐंठन और मांसपेशियों में दर्द को कम करने में सहायता करती है। अदरक के पैक को दर्द वाली जगह पर लगाने से तुरंत आराम मिलता है। अदरक मांसपेशियों में ऐंठन और पीरियड्स से जुड़े दर्द से तुरंत राहत देती है।

पुदीना

पुदीने की पत्तियों के शक्तिशाली एनाल्जेसिक, एंटी इंफ्लेमेटरी गुण दर्द को कम करते हैं और मांसपेशियों की ऐंठन को भी शांत करते हैं। दर्द से राहत पाने के लिए पुदीने की चाय पिएं या कुछ पत्ते चबा सकते हैं। यदि आप लंबी दूरी तक चले हैं या जिम में तनावग्रस्त हैं, तो पुदीना में आराम लें। यह मांसपेशियों में दर्द के लिए एक अद्भुत उपाय है।

In case you have a concern or query you can always consult a specialist & get answers to your questions!