Lodhra (Symplocos Racemosa) Benefits and Side Effects in Hindi - लोध्र के फायदे और नुकसान
उत्तर ओर पूर्वी भारत के पहाड़ियों पर पाए जाने वाले लोध्र के फायदे बहुत महत्वपूर्ण हैं. इसका वानस्पतिक नाम सिंप्लोकास सेसिमोसा है. अंडे की तरह गोल पत्ते वाले लोध्र के फूल सफ़ेद रंग के ओर खुशबू से भरे होते हैं. इसका फल गोलाकार में चिकनाई लिए हुए बैंगनी या काले रंग का होता है. इसकी भूरे रंग की छाल औषधीय गुणों से भरपूर होती है. मुख्य रूप से दस्त, आंखो से संबंधी समस्याओं ओर ब्लीडिंग डिसऑर्डर में प्रयुक्त लोध्र के और भी कई फायदे और कुछ सीमित नुकसान भी हैं.
1. दांतों को स्वस्थ रखने में
दांतों को स्वस्थ रखने के लिए लोध्र के छाल का काढ़ा बनाकर उससे गरारा करें. ऐसा करने से मसूढ़ों से खून आना और उसमें ढीलापन ख़त्म होगा. इसके अलावा आप लोध्र के पत्तों का काढ़ा बनाकर कुल्ला करने से भी दांतों की तमाम परेशानियों से छुटकारा मिलता है.
2. तवचा की देखभाल के लिए
त्वचा के देखभाल में भी लोध्र महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है. त्वचा की समस्याओं के लिए लोध्र, करंजा, इन्द्राव, जति और धातकी का पेस्ट कुष्ठ रोग में काफी लाभ पहुंचाता है. लोध्र का इस्तेमाल हर्बल फेसवाश के रूप में भी किया जा सकता है.
3. ब्लीडिंग डिसऑर्डर में
ब्लीडिंग डिसऑर्डर के उपचार में लोध्र को काफी उपयोगी माना गया है. इसमें फायदे के लिए 50 से 60 मिली की खुराक ठंडा जलसेक या काढ़े के रूप में देना चाहिए. लोध्र पाउडर का बाहरी रूप में इस्तेमाल करने पर ये रक्त प्रवाह को रोकने के रूप में काम करता है.
4. पीसीओएस के उपचार में
लोध्र के तमाम फायदों में एक ये भी है कि इसका प्रयोग योनी संक्रमण के उपचार में भी किया जाता है. लोध्र और तुम्बी के पत्तों का पेस्ट बनाकर योनी पर लगाने से योनी संक्रमण में राहत मिलती है. पीरियड्स के दौरान ज्यादा ब्लीडिंग होने पर लोध्र की छाल और मिश्री की एक समान मात्रा का पाउडर बनाकर दिन में 3 बार एक चम्मच कुछ दिनों तक लें. पीरियड्स के लिए 10 ग्राम खांड और लोध्र को एक साथ पीसकर 2-2 ग्राम सुबह शाम पानी के साथ लेने से पीसीओएस में बहुत लाभ मिलता है.
5. घावों को भरने में
घावों को भरने में इसका इस्तेमाल कर सकते हैं. धातकी और लोध्र का मिश्रण लगाएं. आप चाहें तो लोध्र, त्रिफला, निग्रोधा कली, घृत और खादिरा को मिलाकर पेस्ट बनाएं. इस पेस्ट को लगाने से घाव ठीक होता है जल्दी भरने लगता है.
6. आँखों के उपचार में
आँखें हमारे शरीर का नाजुक अंग हैं. इनके देखभाल के लिए भी लोध्र का इस्तेमाल किया जाता है. आँखों के सूजन या लाली में लोध्र का लेप आँखों के पलकों पर करें. आँखों में दर्द और पानी निकलने में भी इसका इस्तेमाल कर सकते हैं. नेत्रश्लेष्मलाशोथ के इलाज में भी इसके छाल का पेस्ट पलकों पर लगाते हैं.
7. मुंहासों का सफाया करने में
मुंहासे कई लोगों के चेहरे का स्वरूप खराब कर देते हैं. इन मुंहासों को ख़त्म करने के लिए लोध्र की छाल, बच और धनिया पाउडर को एक समान मात्रा में मिलाकर पानी के साथ पीसकर पेस्ट बनाएं. इस पेस्ट को सुबह शाम चहरे पर लगाएं. ऐसा करने से आपके चेहरे में निखार तो आएगा ही किल-मुंहासे भी ख़त्म होंगे.
लोध्र के नुकसान
- जब भी लोध्र का काढ़ा बनाएं तो इसका इस्तेमाल तुरंत नहीं करें. कुछ देर तक रखने के बाद ही इसका उपयोग करें.
- चूँकि ये स्त्री रोगों की एक प्रमुख औषधि है इसलिए पुरुष इसका ज्यादा सेवन करेंगे तो उनका हार्मोन कम होगा.
- लोध्र हार्मोन पर काम करने वाली औषधि है इसलिए इसका इस्तेमाल हमेशा किसी विशेषज्ञ की सलाह से और निर्धारित मात्रा में करें.
- लोध्र टेस्टोंस्टेरोन का स्तर घटाती है इसलिए इसे खाली पेट नहीं लेना चाहिए.