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Last Updated: Apr 01, 2019
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कान के पर्दे में छेद, लक्षण और कारण - Kaan Ke Parde Main Chhed, Lakshan Aur Kaaran!

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Dr. Sanjeev Kumar SinghAyurvedic Doctor • 15 Years Exp.BAMS
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मनुष्यों के कान में पर्दे को टिम्पेनिक झिल्ली कहा जाता है. यह इंसान के मध्य और बाहरी कान को अलग करता है. जबकि इस झिल्ली के फट जाने को कान में छेद होना कहा जाता है. कान में छेद होने का नुकसान यह होता है कि इससे ग्रसित व्यक्ति कुछ भी ठंग से नही सुन पाता है और उसके सुनने की क्षमता प्रभावित हो जाती है. वहीं अगर स्थिति गंभीर है तो इससे पीडित व्यक्ति की सुनने की क्षमता हमेशा के लिए जा सकती है. आज इस लेख के जरिए हम आपको बताएंगे कान के पर्दे में छेद, लक्षण और कारण, जो इस प्रकार है -

कान के पर्दे में छेद के लक्षण

1.सुनाई न देना

बहुत से लोगों को कान में छेद होने के कारण सुनाई देने में समस्या का सामना करना पड़ता है. जिसकी वजह से चक्कर आना, सीटी बजना और साथ ही सिरदर्द जैसी समस्या का सामना करना पड़ता है.

2.मतली और उल्टी

कान के पर्दे में छेद होने वाले लोगों को मतली और उल्टी जैसी समस्याओं का सामना करना पड़ता है. ऐसे रोगियों को जी मिचलाना और उल्टी होने की समस्या से ग्रसित देखा जाता है.

3.कान से पस बहना

ऐसे लोगों को कान से पस निकलना आदि जैसी समस्याओं से ग्रसित देखा जाता है. जिस कारण इन्फेक्शन हो जाता है. ऐसे में जरूरी है कि रोगी अपने कानों को सूखा रखें, जिससे इंफेक्शन का खतरा कम रहें.

4.खून निकलना

इंफेक्शन के कारण लोगों के कान खून बहना, दर्द होना, कान बजना आदि समस्या का सामना करना पड़ता है.

5.बहरापन

ऐसे लोगों की सुनने की क्षमता कम होने के कारण बहरापन हो जाता है. जिसके कारण वह जल्दी से कुछ नही सुन पाते है.

कान के पर्दे में छेद के कारण

1.चोट

कान के पर्दे में छेद के कई कारण हो सकते है, जिसमें से चोट एक है. चोट किसी भी कारण हो सकती है जैसे खेल के दौरान चोट लगना, कोई दुर्घटना हो जाने के कारण कान के पर्दे में छेद हो जाना या खेलने के दौरान कान में चोट लगना हो सकता है.

2.कान की सीमा से तेज़ सुनना

मनुष्य के कान में ध्वनि सुनने की एक क्षमता होती है. उस क्षमता से तेज़ ध्वनि सुनने से कान को काफी नुकसान पँहुचता है.  

3.खेलने के दौरान

बहुत बार देखा जाता है कि खेल कूद के दौरान सिर में चोट लग जाती है. जिसके कारण कान को क्षति हो सकती है. इसके अलावा स्कूबा डाइविंग जैसे खेलों के कारण भी यह हो सकता है. जिसके दौरान पानी में गहराई तक जाने पर कान पर ज्यादा दबाव पड़ता है और कान की समस्या पैदा हो सकती है. ऐसे में आप जब भी नहाने जाए या स्कूबा डाइविंग करें तो कान में रूई डालें. इससे कान के संक्रमण होने का खतरा कम रहता है.

4.कान में मैल का होना

अपने स्वास्थ को बनाए रखने के लिए जरूरी है कि नियमित रूप से अपने कान का मैल साफ करें. जिससे किसी बी प्रकार का दबाव आपके कान के पर्दे पर न पड़े.

इन सभी के अलावा कान में पर्दे के छेद का पता लगाने के लिए टेस्ट करवाए जा सकते है. इसके लिए ईएनटी विशेषज्ञ को दिखाया जा सकता है. जो आपके कुछ टेस्ट करें और पता लगाए कि आपके कान से रिसाव क्यों हो रहा है. इसके लिए वे आपको दवा आदि भी निर्धारित कर सकते है. अगर स्थिति गंभीर हो तो हो सकता है कि सर्जरी आदि की भी जरूरत हो. इसके अलावा कान के पर्दे में छेद के लक्षण और कारण के घरेलू उपचार की बात करें, तो आप गर्म सिकाई कर सकते है या पेन किलर आदि भी ले सकते है. इसके अलावा बिना डॉक्टर की सलाह के किसी भी दवा का उपयोग न करें.

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