Fatty Liver In Hindi - फैटी लिवर के लक्षण
लिवर जिसकी गिनती शरीर के सबसे बड़े अंगों में की जाती है. यह शरीर की बड़ी ग्रंथि है जो मानव शरीर के प्रमुख आतंरिक अंगों में से एक होती है. वहीं लीवर की बात करें तो यह हमारे शरीर में पित्त का निर्माण करता है, जो फैट के टूटने में मदद करता है. यह रक्त के डिटाक्सिफिकैशन में भी मदद करता है. एक सामान्य लिवर में कुछ फैट ज़रूर होता है. लेकिन कभी-कभी लिवर की कोशिकाओं में अनावश्यक फैट की मात्रा बढ़ जाती है. यह एक गंभीर रोग होता है, जिसे आमतौर पर फैटी लिवर के नाम से जाना जाता है. फैटी लिवर विकार मुख्य रूप से दो प्रकार के होते हैं - एल्कोहल फैटी लिवर और गैर एल्कोहल फैटी लिवर. अनुचित आहार के साथ साथ नियमित और अधिक मात्रा में शराब पीना, मोटापा आदि भी फैटी लिवर के लिए कारण हो सकते हैं. यह बीमारी आनुवांशिक (पारिवारिक) भी हो सकती है. खास तौर पर फैटी लिवर की शुरूआत के दौरान अक्सर इसके लक्षण देखने को नहीं मिलते. लेकिन जब यह अधिक बढ़ जाता है, तब धीरे-धीरे इसके लक्षण उभरने लगते हैं. इसमें कुछ लोगों के लक्षण एकदम स्पष्ट हो जाते हैं, तो वहीँ कुछ लोगों में इन लक्षणों का संकेत भर होता है.
1. थकान
फैटी लिवर की बिमारी से ग्रसित लोगों में इस रोग के कई तरह के लक्षण उभरते हैं. फैटी लिवर के इन्हीं लक्षणों में से एक थकान है. यानी इसमें लोगों को ज्यादा थकान का अनुभव होता है. बिना ज्यादा परिश्रम किए जब थकान का अनुभव होने लगे, तो तुरंत चिकित्सक से सम्पर्क करना चाहिए क्योंकि ये कई तरह के बीमारियों का संकेत हो सकती है.
2. मतली
इस बिमारी में लोगों में मतली की समस्या भी देखी गई है. लोगों का जी मतलाना फैटी लीवर के शुरुआती संकेत माना जाता है. ऐसा महसुस होने पर किसी विशेषज्ञ को दिखाना चाहिए क्योंकि ये एक गंभीर बिमारी है. इसमें देर होने पर मामला बिगड़ सकता है.
3. पेट दर्द
आमतौर पर हम देखते हैं कि हमारे पेट में कई कारणों से दर्द उत्पन्न होता है. कई बार ये दर्द अपने अप ही ठीक भी हो जाता है. लेकिन हमें देखना होगा कि इसके वास्तविक कारण क्या हैं. फैटी लिवर वाले मरीजों में भी पेट दर्द की समस्या देखी जाती है.
4. शरीरिक वजन में कमी
शरीर में वजन की कमी फैटी लिवर की बिमारी का संकेत हो सकती है. हालांकि, वजन में कमी के भी कई पर्याप्त कारण हैं, लेकिन इन्हीं कारणों में से एक फैटी लिवर भी है. यदि वजन में कमी तेजी से हो रही है तो आपको चिकित्सकीय परामर्श लेना चाहिए.
5. भूख में कमी
कई बार लोगों में भूख न लगने को हल्के में लिया जाता है. कुछ लोग तो इसे बिलकुल इग्नोर करते हैं. लेकिन आपको बता दें कि भूख में कमी हमारे लिए एक फैटी लिवर की बिमारी का शुरुआती संकेत हो सकते है.
6. कन्फ्यूजन (भ्रम)
जब फैटी लिवर की बिमारी शुरुआती संकेत से ऊपर उठने लगती है तो इसमें लोगों को भ्रम भी उत्पन्न होने लगता है. ये भ्रम आदमी को कई बार परेशानी में डाल सकता है. इसलिए ऐसी स्थिति में भी किसी डॉक्टर को दिखाना ठीक रहता है.
पेट में लगातार दर्द होना रोजाना की समस्या बन जाती है. इन लक्षणों को विशेष रूप से विकार नहीं बताया जाता है. इसलिए आपको अपने डॉक्टर से परामर्श लेने और इसका ठीक से इलाज कराने की आवश्यकता है. फैटी लिवर का आमतौर पर 40-60 की उम्र के बाद पता चलता है. यह हालत इतनी गंभीर नहीं है, लेकिन इसका समय पर पता ना लगना और इलाज ना होना लिवर को नुकसान पहुंचा सकता है जिसे सिरोसिस कहा जाता है. इससे पीलिया जैसी अन्य बीमारियां हो सकती हैं. आपका लिवर सूजन से ग्रस्त हो सकता है. लिवर की अत्यधिक सूजन और क्षति लिवर के कार्य को प्रभावित कर सकती है.