एंडोमेट्रिओसिस क्या है? - Endometriosis Kya Hai?
एंडोमेट्रिओसिस एक बेहद दर्दनाक विकार है, इस बीमारी से दुनिया भर में करोडो महिलाओं जूझ रही हैं. और सबसे हैरानी की बात यह है की दर्दनाक समस्या होने के बाद भी लोगों को ज्यादा जानकारी नहीं है. एक आकड़े के मुताबिक, हर 10 महिला में 1 महिला एंडोमेट्रिओसिस समस्या से पीड़ित है. ज्यादातर एंडोमेट्रिओसिस से पीड़ित महिलाएं 12 वर्ष से 40 वर्ष की महिलाएं पीड़ित होती है.
एंडोमेट्रिओसिस एक बहुत ही गंभीर समस्या है जिसमें महिलाओं के गर्भाशय के अंदर की ऊतक गर्भ के बाहर फैलने लगता है. यह आमतौर पर श्रोणि, फैलोपियन ट्यूब और हमारे अंडाशय को अस्तर में ऊतक शामिल करता है। एंडोमेट्रोसिस के दौरान, एंडोमेट्रियल ऊतक टूट जाते हैं और ब्लीडिंग होने लगती हैं। यह ऊतक अंडाशय, फैलोपियन ट्यूब या गर्भाशय के बाहरी हिस्सों में और अन्य आंतरिक भागों में फ़ैलता है. एंडोमेट्रिओसिस समस्या के कारण मासिक धर्म के दौरान दर्द होता है. यह आपकी प्रजनन को भी प्रभावित करती है.
एंडोमेट्रिओसिस के चरण
पहला चरण: - एंडोमेट्रिओसिस के पहले चरण में सतही प्रत्यारोपण होते हैं. ये प्रत्यारोपण गर्भाशय के आसपास के ऊतकों में जलन और सूजन का कारण बनते हैं जिससे चिपकाव होते हैं. यह चिपकाव ऊतकों और अंगों को बांधते हैं जिससे दर्द होता है और उनके कार्य करने की क्षमता में कमी आती है.
दूसरा चरण: - ज्यादातर महिलाओं में हल्के एंडोमेट्रिओसिस का उपचार किया जाता है. इस चरण के लक्षण भी पहलें चरन के सामान ही होते हैं लेकिन वह और भी ज़्यादा गंभीर होते हैं. इसमें गंभीर रेशेदार चिपकावों के ऊपर काले धब्बे दिखाई देते हैं जिससे ओव्यूलेशन के दौरान दर्द या श्रोणि में दर्द होता है. दूसरे चरण के दौरान गर्भाशय और मलाशय के बीच के हिस्से में घाव हो जाते हैं.
तीसरा चरण: - इसके तीसरे चरण में एंडोमेट्रीओमास को देखा जाता हैं. इस स्थिति में रसोली के फटने पर बहुत ज्यादा पेट दर्द और श्रोणि में सूजन हो जाती है. इसके कारण चिपकाव और भी ज़्यादा होते हैं. एंडोमेट्रिओसिस के आकार और संख्या में वृद्धि के आधार पर चिपकाव भी बढ़ जाते हैं.
चौथा चरण: - एंडोमेट्रिओसिस के आखिरी स्टेज में अल्सर और गंभीर चिपकावों की मात्रा में वृद्धि हो जाती है. इस स्टेज में एंडोमेट्रीओमास का अकार अंगूर के आकार जितना बड़ा हो जाता है. यदि एंडोमेट्रीओमास 2 सेमी से ज़्यादा के आकार की होती है तो उसे सर्जरी द्वारा हटाया जाता है. इस चरण में महिलाओं को पाचन समस्याएं, मल त्यागके दौरान दर्द, मतली/उल्टी, कब्ज़ और पेट दर्द होते हैं. इसके अलावा, चौथे चरण में बाँझपन की समस्या भी उत्पन्न हो सकता है.
एंडोमेट्रिओसिस के लक्षण
* मासिक धर्म के दौरान दर्द
* बिना मासिक धर्म के श्रोणि के हिस्से में दर्द होना
* यौन सम्बन्ध बनाते समय दर्द होना
* बाँझपन
* थकान
एंडोमेट्रिओसिस के कोई भी निश्चित कारण नहीं हैं, लकिन कुछ संभावित कारण है जो निम्नलिखित है:
* रेट्रोग्रेड मासिक धर्म- इस स्थिति में, मासिक धर्म रक्त जिसमें एंडोमेट्रियल कोशिकाएं होती हैं. आमतौर पर शरीर से बाहर निकलने के बजाय फैलोपियन ट्यूबों के माध्यम से श्रोणि गुहा में वापस आती हैं. ये एंडोमेट्रियल कोशिकाएं श्रोणि अंगों और श्रोणि दीवारों से चिपके रहते हैं जहां वे मासिक धर्म चक्र के दौरान मोटा होना शुरू कर देते हैं.
* पेरिटोनियल कोशिकाओं को बदलना - इसे प्रेरण सिद्धांत भी कहा जाता है. पेरोटोनियल कोशिकाओं के परिवर्तन के कारण एंडोमेट्रोसिस का कारण बन सकता है.
* कोशिकाओं के भ्रूण परिवर्तन- एस्ट्रोजेन जैसे हार्मोन शुरुआती चरणों में भ्रूण कोशिकाओं को बदल सकते हैं.
* सर्जिकल निशान इम्प्लांटेशन- सी-सेक्शन या हिस्टरेक्टॉमी जैसी शल्य चिकित्सा के बाद, एंडोमेट्रियल कोशिकाएं खुद को सर्जिकल चीरा से जोड़ सकती हैं.
* एंडोमेट्रियल कोशिका परिवहन- ऊतक तरल पदार्थ (लिम्फैटिक) या रक्त वाहिकाओं एंडोमेट्रियल कोशिकाओं को अन्य शरीर के अंगों में ले जा सकते हैं.
* प्रतिरक्षा प्रणाली विकार- यदि प्रतिरक्षा प्रणाली में कोई समस्या है, तो यह शरीर को गर्भाशय के बाहर बढ़ने वाले एंडोमेट्रियल ऊतक को नष्ट करना और पहचानना असंभव हो सकता है.
एंडोमेट्रोसिस के लक्षण स्थायी रूप से समाप्त हो सकते हैं यदि आप रजोनिवृत्ति का अनुभव करते हैं और अगर आप गर्भवती हो तो अस्थायी रूप से समाप्त हो सकते हैं. एस्ट्रोजन की खुराक लेना कुछ महिलाओं में एंडोमेट्रोसिस को भी ट्रिगर कर सकता है.